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सोमवार, 13 सितंबर 2010

हांगुल हिरन (Hangul Deer)

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया कल C.M.Quiz-40 में हमने कल एक लुप्त-प्राय वन्य प्राणी दिखाया था और प्रतियोगियों से उसका सही परिचय पूछा था ! क्विज का सही जवाब था - हांगुल हिरन (राज्य पशु - कश्मीर) ! जिसका हमने स्पष्ट हिंट भी दिया था !

इस बार सिर्फ चार प्रतियोगी ही सटीक जवाब दे सके ! दो-तीन बार भटकने के बाद सुश्री अदिति चौहान जी ने सर्वप्रथम सही जवाब देकर प्रथम स्थान हासिल किया ! इस बार आशीष जी ने सही जवाब तक पहुँचाने के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत की ! उनके प्रयास की हम सराहना करते हैं ! हमारी प्रिय शुभम जैन जी ने इस बार देर से ही सही लेकिन हमेशा की तरह सही जवाब दिया ! मोहसन जी और अन्य प्रतियोगी संभवतः हमारे हिंट को नहीं देख पाए ! दर्शन जी के हाथ से हैट्रिक करने का बढ़िया अवसर निकल गया ! क्रिएटिव मंच को उनकी कमी भी महसूस हुयी !

मेधावी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

अब आईये -
क्विज परिणाम में प्रतियोगियों के विजेता क्रम जानने के साथ ही क्विज में पूछे गए 'हांगुल हिरन' और उससे जुड़े अन्य तथ्यों की संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं : :
हंगुल हिरन
Hangul Deer [Kashmiri Stag]
भारत प्रशासित कश्मीर में हंगुल हिरणों की संख्या बड़ी तेज़ी से गिर रही है. ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़ पूरे कश्मीर में ये अब महज़ 160 ही बाक़ी बचे हैं. oowoo हंगुल, हिरणों की एक खास प्रजाति होती है जो सिर्फ़ कश्मीर में ही पाई जाती है. इसे कश्मीरी हिरण भी कहा जाता है. वन्य जीव विभाग से प्राप्त आँकड़ों के मुताबिक वर्ष 1980 में राज्य में आतंकवाद की शुरुआत के वक्त हंगुल मृगों की संख्या करीब 900 थी, जबकि वर्ष 2008 में कराई गई ताजा गणना में इन हिरणों की तादाद 160 से 180 के बीच पाई गई।

हंगुल हिरण ज़्यादातर कश्मीर घाटी और किश्तवाड़ के इलाक़े में पाए जाते हैं। हंगुल एक दुर्लभ प्रजाति है।


एक समय था जब श्रीनगर के पास स्थित दाचिगम सेंचुरी में यह पर्यटकों के लिए खास आकर्षण हुआ करता था। भूर रंग वाले इस हिरण की काया देखते ही बनती है।

वन्य जीव संरक्षण संस्थान के अनुसार 1940 से ही लगातार इन हिरणों की संख्या घट रही है। 1940 में घाटी में हंगुल हिरणों की संख्या तकरीबन 3000 थी। हालांकि, वैज्ञानिक आधार पर इन हंगुल हिरणों की गिनती का काम 2004 से ही शुरू किया गया है।

hangul dears

वन विभाग के मुताबिक इन हंगुल हिरणों की गिरती संख्या की मुख्य वजह घाटी में तेंदुओं की संख्या का बढ़ जाना है। वैसे, जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था का मानना है कि हंगुल हिरणों के घटने की एक मुख्य वजह जंगलों में लगातार चरमपंथियों और सेना के बीच होने वाली झड़पें हैं। सुरक्षा बलों ने हंगुल हिरणों का शिकार नहीं किया है लेकिन उनकी मौजूदगी की वजह से हंगुलों की संख्या गिरी है। दरअसल, हंगुल हिरण एक बेहद ही शर्मीला जानवर होता है। अपने आसपास ये इंसानों को देखकर डर जाते हैं।

कश्मीर के गौरव 'हंगुल' को बचाने की कवायद
Kashmir_Stag साल 2004 से इसकी संख्या में तेजी से गिरावट रही है। इस वजह से अब अथॉरिटी के गाइडेंस में कैप्टिव ब्रीडिंग जरूरी हो गई है। राज्य के वन्य जीव अधिकारियों ने इस संबंध में एक विस्तृत मसौदा अथॉरिटी को सौंपा है। इस प्रोजेक्ट के तौर-तरीकों पर विचार हो चुका है और ब्रीडिंग को नियंत्रित माहौल में अंजाम दिया जाएगा। हिरणों की ब्रीडिंग दक्षिणी कश्मीर में तराल के शिकारगाह कंजर्वेशन रिजर्व में कराई जाएगी। कैप्टिव ब्रीडिंग इस प्रजाति को बचाने के लिए किए गए उपायों में से एक है।

डाचीगाम नेशनल पार्क और इससे सटे इलाकों में हंगुल की जनसंख्या पर राज्य वन्य जीव विभाग, वन्य जीव संस्थान देहरादून अन्य संस्थाओं के सहयोग के साथ लगातार नजर रखे हुए हैं।

[चिंतनीय विषय]
पौधों वन्यजीवों की 687 प्रजातियां लुप्तप्राय
देश में पौधों और वन्यजीवों की कुल 687 प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर हैं। इस वजह से भारत उन 10 देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां सबसे अधिक लुप्तप्राय प्रजातियां हैं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्तनपायी की 96, पक्षियों की 67, रेंगने वाले जीवों की 25, मछलियों की 64, रीढ़रहित जीवों की 213 और पौधों की 217 प्रजातियां लुप्तप्राय हैं। पिछले साल तक देश के 259 जीव इस सूची में थे।

बाघों को बचाने में सरकार इतनी व्यस्त है कि उसने देश के 48 अन्य लुप्तप्राय वन्यजीवों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकार ने जितनी राशि (270 करोड़ रुपए) देश की संपूर्ण वन्यजीवों पर खर्च की है, उससे कहीं ज्यादा 280 करोड़ रुपए बाघों की देखरेख पर लगाए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, हिमालयी राज्यों में पाए जाने वाले गोल्डन कैट, हंगुल, मरखोर, भूरा भालू, ऊदबिलाव, हिमालयी कस्तूरी मृग, हिमालयी चूहा और छोटा पांडा जैसे कई वन्य जीवों के बारे में जानकारी हासिल करना बहुत मुश्किल है।

[समस्त चित्र जानकारी अंतरजाल से साभार]
hangul
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प्रतियोगिता का परिणाम :
1st Winner
अदिति चौहान जीaditi ji
2nd Winner
आशीष मिश्रा जी ashish ji



C.M.Quiz- 40
के विजेता
3rd Winner
शुभम जैन जीshubham jain ji
4th Winner
शिल्पी जैन जीshilpi ji
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applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
applause applause applause
applause applause applause applause applause applause applause applause applause
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है

मोहसिन जी, सुश्री शुभम जैन जी, आशीष मिश्रा जी
आनंद सागर जी, शिवेंद्र सिन्हा जी, सुश्री इशिता जी
शेखर जी, ज़मीर जी, सुश्री अदिति चौहान जी
मनोज कुमार जी, अभिनव साथी जी, शिल्पी जैन जी
शमीम जी, सुश्री सुहानी जी, डॉ. नूतन 'अमृता' जी
राज भाटिय़ा जी, रजनीश परिहार जी, सुश्री सविता जी
सुलभ 'सतरंगी' जी, अरविन्द मिश्र जी
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
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19 सितम्बर 2010, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ
यहीं मिलेंगे !


सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End

सोमवार, 6 सितंबर 2010

'तैरती मस्जिद' (Floating Mosque) - जेद्दाह, सऊदी अरब

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


शिक्षक दिवस के दिन एक शिक्षक ही बने प्रथम विजेता
आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया कल C.M.Quiz-39 में हमने प्रतियोगियों के समक्ष एक अत्यंत सुन्दर मस्जिद की तस्वीर दिखाई थी और प्रतियोगियों से पहचानने को कहा था। इस बार की क्विज भी देश के बाहर की थी।
क्विज का सही जवाब था "तैरती मस्जिद - जेद्दाह, सऊदी अरब "

रमजान के पवित्र माह को ध्यान में रखकर यह विशेष क्विज दी गयी थी। इस बार प्रतियोगियों को हल्का सा हिंट देना आवश्यक था। लेकिन यह अंदेशा तनिक भी नहीं था कि प्रतियोगी इतनी शीघ्रता से सही जवाब प्रेषित कर देंगे। इस बार सात प्रतियोगी इस प्रसिद्ध व अप्रतिम सुन्दर मस्जिद को पहचानने में सफल रहे।

अत्यंत सुखद संयोग है कि इस बार शिक्षक दिवस के दिन एक शिक्षक को ही प्रथम विजेता बनने का गौरव प्राप्त हुआ। आदरणीय दर्शन बावेजा जी ने लगातार दूसरी बार प्रथम स्थान हासिल किया। द्वितीय स्थान पर शुभम जैन जी ने कब्ज़ा जमाया और कुछ ही सेकेण्ड से पीछे रहकर इंदु अरोड़ा जी ने तृतीय स्थान हासिल किया। इसके उपरान्त मोहसिन जी, आशीष जी और अदिति जी का भी सही जवाब हमको प्राप्त हुआ। शिवेंद्र सिन्हा जी ने बहुत रात में सही जवाब देकर विजेता सूची में अपना नाम दर्ज करवाया।

मेधावी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

अब आईये -
क्विज परिणाम में प्रतियोगियों के विजेता क्रम जानने के साथ ही क्विज में दिए गए 'जेद्दाह, सऊदी अरब की तैरती मस्जिद' के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
तैरती हुयी मस्जिद - जेद्दाह, सउदी अरब
FLOATING MOSQUE : ZEDDAH, SAUDI ARABIA
जेद्दाह जिसे जेद्दा या जिद्दा भी कहते हैं। लाल सागर के तट पर स्थित सउदी अरब का एक शहर है, और पश्चिमी सउदी अरब का एक प्रमुख शहरी केंद्र है। यह सउदी अरबMOSQUE ON WATER, JEDDAH SAUDI ARABIA का दूसरा (पहला राजधानी रियाद है) और मक्काह प्रान्त का सबसे बड़ा शहर है। यह लाल सागर के तट पर स्थित सभी समुद्री बंदरगाहों मे सबसे बड़ा भी है। वर्तमान में शहर की जनसंख्या 34 लाख है। इसे सउदी अरब की दूसरी वाणिज्यिक राजधानी माना जाता है।

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जेद्दाह इस्लाम की सबसे पवित्र नगरी मक्का का मुख्य प्रवेश द्वार है, जिसकी यात्रा अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार करना हर स्वस्थ शरीर वाले मुसलमान के लिए आवश्यक माना जाता है। जेद्धहा की उत्कृष्ट वास्तुशिल्प और भव्य इमारते इसके समृद्ध प्राचीन परम्परा के साथ- साथ आधुनिकता का प्रत्यक्ष प्रमाण देती है |

3446866619_debcc3b4b2_mलाल सागर का तटीय क्षेत्र और अन्नतर बनाये गये समुद्री किनारों ने इसे पर्यटन का एक पसंदीदा केंद्र बना दिया है। शहर के बीचो बीच स्थित तैरता हुआ यह मस्जिद जेद्धाह की पवित्र स्थलों में से एक है। लाल सागर के किनारे स्थित होने के कारण यह पानी में तैरता हुआ सा प्रतीत होता है, इसी वजह से इसे Floating Mosque या तैरता हुआ मस्जिद कहते है। अपने चमकते हुए सफ़ेद रंग के कारण यह सफ़ेद मस्जिद के नाम से भी मशहूर है।

मस्जिद का भीतरी हिस्सा बहुत खूबसूरती से सजाया गया है। मस्जिद कई आधुनिक तकनीकी सुविधाओ से युक्त है। तैरता हुआ यह मस्जिद जेद्दा शहर का 4829447809_7e2b552848_mएक यादगार स्थल माना जाता है। साल भर दुनिया के कोने-कोने से सैलानी यहाँ आते है। सउदी अरब में यह मस्जिद जेद्धाह की उन तमाम पाक जगहों में से प्रमुख है जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। एक सुन्दर भव्य प्रार्थना स्थल के साथ साथ इसकी अनुपम शिल्पकृति और एक आकर्षक उपरी भाग मस्जिद को एक अदुतीय रूप प्रदान करता है।

मस्जिद के भीतर का4717960283_443c13240e_m निर्मल शांत माहौल पार्थना (नमाज़) के दौरान आत्मचिंतन में सहायक होता है। अत्यंत जटिलता से निर्मित इस चमकते हुए सफ़ेद मस्जिद के अन्दर नमाज़ अदा करना एक विशुद्ध आनंद है। ना केवल मुस्लिम बल्कि जेद्धाह आने वाले सभी धर्मो के पर्यटक इस सुन्दर सफ़ेद तैरते हुए मस्जिद देखने जरुर जाते है।
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C.M. Quiz - 39
प्रतियोगिता का परिणाम :
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applause applause applause विजताओं को बधाईयाँ applause applause applause
applause applause applause applauseapplauseapplause applause applause applause
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है

दर्शन लाल बवेजा जी, सुश्री इंदु अरोड़ा जी , शिवेंद्र सिन्हा जी,
सुश्री अदिति चौहान जी, अभिनव साथी जी, मोहसिन जी,
सुश्री शुभम जैन जी , आनंद सागर जी, आशीष मिश्रा जी,
सुश्री रोशनी साहू जी , सुश्री इशिता जी, शेखर जी, सुश्री शाहीन जी

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
th_Cartoon
12 सितम्बर 2010, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ
यहीं मिलेंगे !


सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End