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रविवार, 13 सितंबर 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 3

vijay patani
इस बार 'ठहाका एक्सप्रेस- 3' के पायलट हैं -
Laughter is the Best Medicine
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एक युवक शॉपिंग माल में खरीदारी कर रहा था कि तभी उसने लक्ष्य किया एक बूढ़ी औरत काफी देर से लगातार उसके साथ साथ चल रही है और बीच बीच में उसे घूर भी रही है।

''होगी कोई! मुझे क्या ...?'' उसने सोचा और आगे बढ़ गया।
जब वह भुगतान करने के लिये बिल काउंटर की ओर बढ़ा तो वह महिला एकदम से उसके पास गई और बोली - ''बेटा, तुम सोच रहे होगे कि यह औरत मुझे इस तरह क्यों देख रही है ? दरअसल तुम्हें देखकर मुझे अपने बेटे की याद गई जो पिछले साल एक दुर्घटना में मारा गया।'' कहने के साथ बुढ़िया की आंखे छलछला आईं।

लड़का द्रवीभूत हो गया। बोला - ''मांजी, आप मुझे अपना बेटा ही समझिये। कहिये, मैं आपकी कुछ मदद करूं ?''
बुढ़िया ने बिल काउंटर से अपना सामान उठाते हुये कहा - ''नहीं, नहीं बेटा ! मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस तुमने अपने मुंह से मां कह दिया यही बहुत है।'' यह कहकर बुढ़िया चलने लगी।
लड़का भावुक होकर उसकी ओर देखता रहा।
दरवाजे के पास जाकर बुढ़िया ने लड़के की तरफ हाथ हिलाया और बोली - ''अच्छा बेटा, जाती हूं।''
''ठीक है मांजी जाइए। अपना खयाल रखना।'' लड़के ने जोर से कहा। बुढ़िया चली गई।
अब लड़का बिल काउंटर की तरफ मुड़ा।
''कितना हुआ'', उसने पूछा।
''तीन हजार सात सौ रुपये'', क्लर्क ने बताया।
''क्या ? .... पर मेरे सामान की कीमत पांच सौ रुपये से ज्यादा नहीं है !'' लड़का जोर से बोला।
''बिलकुल ! आप सही कह रहे हैं। पर आपकी माँजी बत्तीस सौ रुपये का सामान ले गई हैं।'' क्लर्क ने स्पष्ट किया।


मेजर - ''इतना ज्यादा क्यों पीते हो ? तुम्हें खबर है कि अगर तुम्हारा रिकार्ड अच्छा रहा होता तो अब तक तुम सूबेदार हो गये होते।''

जवान - ''माफ कीजिये सर, मगर बात यह है कि जब दो घूंट मेरे अन्दर पहुंच जाते हैं तो मैं अपने आपको कर्नल समझने लगता हूं।''


एक हवाईजहाज में चार लोग सवार थे - पायलट, एक किशोर, एक बुजुर्ग और एक दार्शनिक। उड़ान के दौरान अचानक विमान के इंजन में खराबी गई पायलट ने घोषणा की कि अब इस विमान का बचना संभव नहीं है और विमान में सिर्फ तीन ही पैराशूट हैं। किसी एक को तो अवश्य ही मरना होगा।

इतना कहकर पायलट फुर्ती से अपने केबिन से निकला और बोला - चूंकि मुझे इस खराबी से संबंधित जानकारी हेडक्वार्टर को देनी होगी अत: मेरा बचना जरूरी है। इतना कहकर उसने एक पैराशूट उठाया और कूद गया

अब दो पैराशूट बचे। दार्शनिक महोदय अपने स्थान से उठे और बोले - मैंने ऑक्सफोर्ड और केम्ब्रिज में पढ़ाई की है। ढेर सारी किताबें लिखीं हैं। मेरे जैसे विद्वान दुनिया में कम ही हैं अभी दुनिया को मेरी विद्वता की बहुत जरूरत है अत: मेरा बचना बहुत जरूरी है इतना कहकर उन्होंने भी एक पैराशूट उठाया और कूद गए।

अब सिर्फ एक पैराशूट बचा था। बुजुर्ग सज्जन ने किशोर की ओर देखा और कहा बेटा मैं अपनी जिंदगी जी चुका हूं और दो-चार साल में वैसे भी मर जाने वाला हूं तुम्हारे सामने अभी पूरी जिंदगी पड़ी है तुम यह पैराशूट उठाओ और कूद जाओ

किशोर बोला - चिन्ता मत करो, हम दोनों ही बच जाएंगे। दुनिया के सबसे बड़े विद्वान व्यक्ति पैराशूट की जगह मेरा कपड़ों का बैग उठाकर कूद गए हैं ......

एक भिखारी भीख मांगने के प्रयोजन से एक घर के दरवाजे पहुंचा और दस्तक दी। अन्दर से एक 46-47 की उम्र की महिला आई।

भिखारी बोला - माताजी, भूखे को रोटी दो।

महिला बोली - शरम नहीं आती, इतने हट्टे-कट्टे हो, कुछ कामधाम किया करो। दो-दो हाथ हैं, पैर हैं, आंखें हैं फिर भी भीख मांगते हो !

अब भिखारी ने भी सुर बदला और बोला - मैडम, आप भी इतनी खूबसूरत है, गोरी-चिट्टी हैं, गजब का फिगर है और अभी आपकी उम्र ही क्या है ? आप मुंबई जाकर हीरोइन क्यों नहीं बन जाती ? घर पर बेकार बैठी हो

महिला बोली - जरा रुको, मैं अभी तुम्हारे लिए हलवा-पूरी लाती हूं।

एक मशहूर समाचार पत्र में छपने वाले साप्ताहिक भविष्यफल की बानगी :

प्रथम सप्ताह - इस हफ्ते आपके जीवन में कोई अनोखी खुशी दस्तक देने वाली है। अचानक धनप्राप्ति के भी योग बन रहे हैं। पूरा सप्ताह मौजमस्ती में गुजरेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

द्वितीय सप्ताह - इस सप्ताह आप एक नई और अद्भुत शक्ति अपने भीतर महसूस करेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखने से शत्रुपक्ष की पराजय सुनिश्चित है। प्रेम के मामले में भाग्यशाली रहेंगे।

तृतीय सप्ताह -
रोमांस के लिए यह समय आपके लिए शुभ रहेगा। इस हफ्ते कोई सुंदरी आपके जीवन में प्रवेश करने वाली है। इस सुंदरी का सानिध्य आपके लिए सफलताओं के नए द्वार खोल सकता है।

चतुर्थ सप्ताह - इस समय आप स्वयं को ठगा-सा महसूस करेंगे। आपको अचानक आभास होगा कि कोई लगातार पिछले तीन सप्ताह से आपको बेवकूफ बना रहा है।




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The End
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रविवार, 30 अगस्त 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 2

जोक्स संकलन :- प्रकाश गोविन्द

Laughter is the Best Medicine
laughingLaughter is Good Medicineimages 4

संता पहली बार चंडीगढ़ गया था।
वह वहां का मशहूर रॉक गार्डेन देखना चाहता था। दुर्भाग्यवश, वह रॉक गार्डेन नहीं ढूंढ पाया।
उसने एक पुलिस अधिकारी से पूछा, “माफ करें सर, मुझे रॉक गार्डेन जाना है। क्या आप मुझे वहां जाने का रास्ता बता सकते हैं?”
पुलिस वाले ने कहा, “इस बस स्टॉप पर 46 नंबर की बस का इंतजार करो, वह तुम्हें सीधा रॉक गार्डेन पहुंचा देगी।”
संता ने पुलिस अधिकारी को धन्यवाद कहा।
छह-सात घंटे बाद शाम को पुलिस अधिकारी अपनी गाड़ी पर घूमता हुआ फिर उसी इलाके में आया। उसने देखा कि संता अब भी उसी बस स्टॉप पर बैठा बस का इंतजार कर रहा है।
वह अपनी गाड़ी से उतरा और संता से पूछा, “रॉक गार्डेन पहुंचने के लिए मैंने तुम्हें 46 नंबर की बस के लिए इंतजार करने को कहा था। पर पूरा दिन बीतने जा रहा है … तुम यहीं क्यों हो ?”
संता ने जवाब दिया, “चिंता की बात नहीं है सर, अब थोड़ी ही देर बाकी है । 43 वीं बस गुजर चुकी है।”


शेर सिंह ने अपने कारीगर से पूछा, ‘क्या राय साहब के घर के दरवाजे की घंटी ठीक कर आए?‘
कारीगर बोला, "कैसे करता? मैं काफी देर तक घंटी बजाता रहा, पर किसी ने दरवाजा ही नहीं खोला."


नेता का बेटा : पापा मुझे भी राजनीति में उतरना है, कुछ टिप्स दीजिए।
नेता : बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं, चलो पहला नियम समझाता हूँ...
नेताजी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए।
नेताजी : छत से नीचे कूद जाओ,
बेटा : पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ-पैर टूट जायेंगे।
नेताजी : बेझिजक कूद जा, में हूँ न, पकड़ लूँगा।
लड़के ने हिम्मत की और कूद गया पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धडाम से औंधे मुंह गिरा।
बेटा: (कराहते हुए) : आपने तो कहा था मुझे पकडेंगे फिर हट क्यों गए।
नेताजी : ये है पहला सबक - राजनीति में अपने बाप पर भी भरोसा मत करो...


हमारे एक मित्र कानून का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने एक नया फ्रिज ख़रीदा. अब समस्या थी कि पुराने फ्रिज का क्या करें. उन्होंने एक एजेंसी से बात की कि पुराने फ्रिज को बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए डिस्पोज करने में कितने रुपए लगेंगे।

एजेंसी ने एक मोटा खर्चा बता दिया. मित्र ने कुछ सोच कर फ्रिज
घर के बाहर बगीचे में रख दिया और उस पर एक बोर्ड लगा दिया - आप चाहें तो इसे मुफ्त अपने घर ले जा सकते हैं। हफ्ता गुजर गया पर किसी ने फ्रिज को हाथ भी नहीं लगाया. मित्र ने फ़िर सोचा और बोर्ड बदल दिया. अब उस पर लिखा था - फ्रिज बिकाऊ है, मात्र 500 रुपए।

दूसरे दिन ही फ्रिज चोरी हो गया।


बंता सिंह घूमने के लिए कनाडा गया !

वहां समुंदर के किनारे आराम से बैठा हुआ था.
एक युवती आई और बोली - "आर यू रिलेक्सिंग ?"
बंता ने जवाब दिया - "नो आई एम् बंता सिंह."

पांच ही मिनट बाद एक युवक टहलते हुए आया और पूछा -

"आर यू रिलेक्सिंग ?"
बंता का जवाब : "नो मिस्टर .. आई एम बंता सिंह." कुछ देर बाद फिर एक आदमी टहलता हुआ आया और मुस्कुराकर बोला - "आर यू रिलेक्सिंग ? बंता ने झल्लाकर जवाब दिया - "नो,..नो..नो...आई एम बंता सिंह."

अब तक बंता का मूड अपसेट हो चूका था. उसने अपनी जगह ही बदल दी. बंता ने देखा कि पास ही एक सरदार चहलकदमी कर रहा है. लपक कर सरदार के पास पहुंचा और बोला - "आर यू रिलेक्सिंग ?"

सरदार थोडा पढ़ा-लिखा था, जवाब में हसकर कहा - "यस .. आई एम रिलेक्सिंग."

बस बंता ने आव देखा न ताव, सरदार को एक जोरदार थप्पड़ मारते हुए चीखा - "ईडियट ... सब लोग तुझे वहां ढूंढ रहे हैं और तू यहाँ मौज मार रहा है."


आप भी अगर कोई जोक्स, हास्य कविता या दिलचस्प संस्मरण भेजना चाहते हैं तो हमें मेल कर सकते हैं ,, आपका स्वागत है ! रचना को आपके नाम व परिचय के साथ प्रकाशित किया जाएगा !

क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com

रविवार, 23 अगस्त 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 1

जोक्स संकलन :- प्रकाश गोविन्द


Laughter is the Best Medicine
एक आदमी ने अपने घर फोन किया तो उधर से एक अनजान महिला की आवाज आई।
'कौन ?' - आदमी ने पूछा।
'मैं घर की नौकरानी बोल रही हूं ...' - महिला ने उत्तर दिया।
'लेकिन हमारे घर में तो कोई नौकरानी नहीं है।' - आदमी ने कहा।
'मुझे घर की मालकिन ने आज सुबह ही नौकरी पर रखा है।' नौकरानी ने जवाब दिया।
'अच्छा ठीक है, सुनो। इस वक्त तुम्हारी मालकिन कहां हैं ? मुझे उनसे बात करनी है।' - आदमी ने कहा
'वह तो बेडरूम में हैं। अपने पति के साथ।' - नौकरानी ने जवाब दिया।
'क्याऽऽऽ…? पति के साथ……? पर उसका पति तो मैं हूं …….. ' - आदमी गुस्से से भन्ना गया। उसने एक मिनट कुछ सोचा फिर बोला - 'हैलो ….. सुनो क्या तुम पचास हजार रूपये कमाना चाहोगी?'
'हां… । पर मुझे करना क्या होगा?' - नौकरानी ने पूछा
'तुम मेरी अलमारी से बंदूक निकालो और उस कुतिया और उसके साथ जो आदमी है उसे गोली से उड़ा दो।'
नौकरानी ने फोन नीचे रख दिया। आदमी ने पहले कदमों की और फिर दो गोलियां चलने की आवाज फोन पर सुनी।
नौकरानी ने वापस फोन उठाया और पूछा - 'अब इन लाशों का क्या करूं ?'
'उन्हें स्वीमिंग पूल में डाल दो।' - आदमी ने कहा
'...पर आपके घर में तो स्वीमिंग पूल नहीं है !' - नौकरानी ने जवाब दिया।
लगभग तीन-चार मिनट तक दोनों तरफ खामोशी छाई रही फिर आदमी की आवाज आई - ”क्या ये नम्बर 7457965 ही है ?

एक आदमी की डेथ के बाद उसका दोस्त उसकी बीबी से बोला : क्या मैं आपके पति की जगह ले सकता हूँ ?

औरत ने जवाब दिया : मुझे कोई ऐतराज नहीं है ... आप कब्रिस्तान वालों से पूछ लीजिये !

दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल। दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। मातापिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या करें।

एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये। पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये। मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये।

अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा ।
साधु ने बच्चे से पूछा - ”बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ? बताओ, भगवान कहां है ?”
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर देखता रहा। साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया । पर बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला। अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई। उसने थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा - ”मैं क्या पूछ रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता । जवाब दो, भगवान कहां है ?” बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।

अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे छुपते हुये देखा तो पूछा - ”क्या हुआ ? छुप क्यों रहे हो ?”
”भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।” बच्चे ने घबराये हुये स्वर में कहा। ”पर हुआ क्या ?” बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने की कोशिश करते हुये पूछा।
”अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं। भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है !”

बंता : बॉस, मैंने शादी कर ली है, अब तो मेरी सेलेरी बढ़ा दीजिए...
बॉस : फैक्टरी परिसर से बाहर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं !


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