सोमवार, 7 मार्च 2011

गायक ग़ुलाम अली और अदनान सामी

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


प्रिय साथियों
नमस्कार !!!
हम आप सभी का क्रिएटिव मंच पर अभिनन्दन करते हैं।

'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 11' आयोजन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागिओं और विजेताओं को बधाई। कल हमने दो बेहद लोकप्रिय गानों की शुरूआती धुन सुनवाते हुए गाना पहचानने और गायकों का नाम बताने को कहा था। किसी धुन को सुनकर इस तरह के जवाब देना अक्सर कठिन होता है फिर भी कुछ प्रतियोगी सही जवाब देने में सफल रहे।

इस बार बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजेन्द्र स्वर्णकार जी ने सबसे पहले सटीक जवाब देकर प्रथम स्थान पर कब्ज़ा जमाया। तत्पश्चात शुभम जैन जी ने सही जवाब देकर द्वितीय स्थान हासिल किया। पहली बार शामिल हुए आशुतोष जी ने अपने संगीत के प्रति रुझान को दर्शाते हुए पूर्णतयः सही जवाब देकर तृतीय स्थान प्राप्त किया।

पुराने माहिर प्रतियोगियों में डा० अजमल खान जी इस बार दिखाई नहीं दिए। शेखर जी इस बार फिर चूक गए... लगता है राहू उनके पीछे पड़ गया है। दर्शन जी ने इस बार बहुत ही देर बार दर्शन दिए। आशीष जी और अदिति जी ने मेहनत बहुत की। आशीष जी तो सफल हो गए किन्तु अदिति जी एक सही जवाब ही दे पायीं। सागर नाहर जी ने हमें चौंका दिया। पता नहीं क्यूँ वो इतने हिट गानों को कैसे नहीं पहचान पाए।

आप सभी अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखिये। आप की प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी। अब अगले रविवार को "सी.एम.ऑडियो क्विज़-12" में आपसे पुनः यहीं मुलाकात होगी।

समस्त विजेताओं व प्रतिभागियों को
एक बार पुनः बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

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अब आईये -
''सी.एम.ऑडियो क्विज-11' के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में पूछे गए दोनों प्रसिद्ध गायकों के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
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1- ग़ुलाम अली [Ghulam Ali]
gulam ali live concert
कहते है संगीत सरहदें नहीं मानता, सीमाए नही जानता। अच्छा संगीत भाषाओं के बन्धनों को भी नही मानता। सही भी है ये बात, वरना हम अंग्रेजी, अरबी,स्पैनिश और ना जाने किस-किस भाषा के संगीत को पसन्द ना करते होते। लेकिन जनाब, हमारी सीमा पार पाकिस्तान मे तो संगीत प्रतिभाओं का खजाना है। कौन संगीत प्रेमी होगा जो ग़ज़ल गायक ग़ुलाम अली को न जानता हो। ग़ुलाम अली के चाहने वाले हिन्दुस्तान की हर गली मे मिल जाएंगे।

Ghulam_ali ग़ुलाम अली साहब, जो कि बड़े ग़ुलाम अली साहब के शागिर्द हैं और जिनके नाम पर इनका नामकरण हुआ है, गज़लों में रागों का बड़ा हीं बढिया प्रयोग करते हैं। बेशक हीं ये घराना-गायकी से संबंध रखते हैं, लेकिन घरानाओं की गायकी को गज़लों में पिरोना, इन्हें बखूबी आता है। ग़ुलाम अली साहब की आवाज़ में वो पुरकशिश ताजगी है, जो किसी को भी दीवाना बना दे। ग़ुलाम अली खां साहब का अलग गायकी का अंदाज, गज़लों का सिलेक्शन और सुर ताल की लय, देखते ही बनती है।

20100412-102137-290573पाकिस्तान के सियालकोट के रहने वाले ग़ुलाम अली बीते 55 सालों से ग़ज़ल गायकी कर रहे हैं। हिन्दी फिल्मों मे भी उन्होने काफी गाया है। उन्होंने बी.आर. चोपड़ा की फिल्म ‘निकाह’ के लोकप्रिय गीत ‘चुपके चुपके रात दिन’ से भारतीय सिनेमा में शुरुआत की थी। उनकी अन्य लोकप्रिय ग़ज़लों में ‘हमको किसके गम ने मारा’, ‘कल चौदहवीं की रात थी’, ‘हंगामा है क्यों बरपा’, 'दिल में एक लहर सी उठी है', ‘ये दिल ये पागल दिल मेरा’, ‘चमकते चांद को’ आदि शामिल हैं।

ग़ुलाम अली को भारत में संगीत प्रेमियों के समक्ष गाना gulam_ali.pngबहुत पसंद है। ग़ज़ल गायकों में जगजीत सिंह को वह बेमिसाल मानते हैं। उनकी ख्वाहिश है कि एक बार वो स्वर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर के साथ भी गाएं। उन्हें पहले एक बार गाने का मौका मिला था लेकिन रिकॉर्डिंग न हो पाने की वजह से उनकी तमन्ना अधूरी रह गई। ग़ुलाम अली शास्त्रीय और लोक संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। वो कहते हैं- ‘मेरे लिए लोक गीतों का पहला स्थान है। उसके बाद शास्त्रीय संगीत और फिर ग़ज़ल आता है। मैं जब भी तनाव में होता हूं तो शास्त्रीय संगीत सुनता हूं।’

gulamali ग़ुलाम अली कहते हैं कि 'आज के गायकों को सही प्रशिक्षण की आवश्यकता है। ग़ज़ल गायकी आसान नहीं है। आपको उर्दू शब्दों का सही उच्चारण सीखने व सही ढंग से गाने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत होती है। इस सब में समय लगता है और आज-कल के गायक इस पर ध्यान नहीं देते हैं।’

भारत-पाकिस्तान संबंधों में मौजूदा तनाव के बारे में ग़ुलाम अली ने कहा कि यह ठीक नहीं है। प्रेम से जिंदगी गुजरनी चाहिए। कलाकार तो वैसे भी किसी सरहद के बंधे नहीं होते। लताजी को पाकिस्तान में उतना ही प्यार मिलता है जितना मुझे हिन्दुस्तान में।
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2- अदनान सामी [Adnaan Sami]
adnan sami before and after
कुछ समय पूर्व तक गायक अदनान सामी की छवि सबके मन में हद से ज्यादा मोटे-गोलमटोल और हमेशा हँसते-गाते इंसान के रूप में बसी हुई थी। वह अत्यधिक मोटे थे, यकायक चमत्कार सा हुआ और अदनान सामी बिल्कुल बदले हुए सामने आये। उन्होंने पूरे 104 किलो वजन कम किया है और अभी 25 किलो वजन और कम करने का लक्ष्य मन में साधा है।

अदनान सामी का जन्म लन्दन में हुआ,
बचपन ब्रिटेन में गुज़रा और बोर्डिंग स्कूल में उन्होंने अपनी पढ़ाई की। उनके पिता, अरशद सामी खान पाकिस्तान के राजनयिक थे। अदनान एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे, जिसका संगीत और मनोरंजन के क्षेत्र से कोई वास्ता नहीं हैं। उन्होंने इंग्लैंड में वकालत की, साथ ही पत्रकारिता में स्नातक भी किया। उनकी माँ ने अदनान के संगीत-शौक को कभी गंभीरता से नहीं लिया, माँ की तमन्ना थी कि मेरा बेटा वकालत की पढ़ाई करे, जब अदनान ने वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद अम्मी से कहा कि अब तक मैंने वो सब किया जो आप चाहती थीं, अब मैं वो करना चाहता हूं जो मैं चाहता हूं। इससे वह बहुत अपसेट हो गईं, उन्होंने कहा यह भी कोई काम है, अगर तुम्हें यही सब करना था तो इतनी मेहनत क्यों की हमने।

शुरुआत में अदनान सामी सिर्फ़ पियानो बजाते थेadnan sami और गाने कंपोज़ करते थे, खुद गाने की तरफ़ उनका कोई ध्यान नहीं था। उन्होंने नौ साल की उम्र में गाने कंपोज़ करना शुरू किया. बाद में उनका ध्यान इंडियन क्लासिकल म्यूजिक की तरफ़ गया। उन्होंने पंडित शिव कुमार शर्मा जी से सीखा भी है। यह संगीत के क्षेत्र में उनकी क्रमिक विकास-यात्रा थी। अदनान सामी पियानो वादक के रूप में बेहद दक्ष हैं। उनके नाम सबसे तेज़ पियानो बजाने का विश्व रिकार्ड भी है।

जब पाकिस्तानी गायक अदनान सामी सिर्फ 10 वर्ष के थे तब लन्दन में उन्होंने अपनी कैसेट आशा भोसले जी को सुनाई। आशा जी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और हँसते हुए कहा कि मैं एक दिन तुम्हारे साथ गाना पसंद करूंगी, उसके बाद उन्होंने मुझे पंचम दा से मिलवाया। जब अदनान बडे हुए तब आशा जी के साथ’कभी तो नजर मिलाओ’ एलबम मे गीत गाया जो काफी प्रसिद्ध रहा। फिर ‘बरसे बादल’ नामक एलबम में भी अदनान सामी ने आशा जी के साथ गाया।

INDIA-ARTS-ENTERTAINMENT-BOLLYWOODअदनान सामी ने पांच वर्ष की नन्ही उम्र में पियानो बजाना सीख लिया था और सोलह वर्ष की उम्र में उन्हें यूथोपिया में आई प्राकृतिक त्रासदी पर एक गीत लिखने के लिए यूनीसेफ ने खास पुरस्कार से नवाजा था। अब अदनान के बेटे अजान अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते नजर आ रहे हैं। पन्द्रह वर्षीय अजान निर्देशक प्रियदर्शन की फिल्म बम बम भोले से संगीतकार के रूप में अपने करियर का आगाज करने जा रहे हैं। जल्द ही सोनी म्यूजिक कंपनी उनका पहला म्यूजिक एलबम भी रिलीज करेगी।
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क्विज में दिए गए दोनों गायकों के गानों के वीडिओ
चमकते चाँद को... 'ग़ुलाम अली'
इश्क होता नहीं ...'अदनान सामी'
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"सी.एम.ऑडियो क्विज़- 11" के विजेता प्रतियोगियों के नाम
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जिन प्रतियोगियों ने एक जवाब सही दिया
applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
applause applause applause
applause applause applause applauseapplauseapplauseapplause applause applause applause
आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन मनोरंजन के साथ साथ ज्ञानवर्धन का एक प्रयास मात्र है !

अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें ज़रूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का पुनः आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया.
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13 मार्च 2011, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिव मंच
The End
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रविवार, 6 मार्च 2011

सी.एम.ऑडियो क्विज़ [ क्रमांक- ग्यारह ] - "सुनें और बताएं"

'life is short, live it to the fullest'

सभी साथियों/पाठकों/प्रतियोगियों को सप्रेम नमस्कार
'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 11' कार्यक्रम में आप का स्वागत है।

आज इस श्रृंखला की ग्यारहवीं कड़ी में हम आपको
दो हिट गानों की
शुरूआती धुन सुनवा रहे रहे हैं।
आप नीचे दी हुयी दोनों आडियो क्लिप्स को बहुत ध्यान से सुनकर
पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब दीजिये।


आधा-अधूरा जवाब मान्य नहीं होगा।
कृपया प्रतियोगी जवाब के रूप में कहीं का भी लिंक न दें।

सही जवाब देने की समय सीमा सोमवार, 7 मार्च दोपहर 2 बजे तक है।
इन दो आडियो क्लिप्स को ध्यान से सुनकर बताईये कि :
Q.1- [A] यह कौन सा गाना है ? [B] यह गाना किसने गाया है ?
Q.2- [A] यह कौन सा गाना है ? [B] यह गाना किसने गाया है ?
आप दोनों प्रश्नों के जवाब अलग अलग टिप्पणियों में लिख सकते हैं,
जिससे गलत टिप्पणी को प्रकाशित करने में आसानी होगी।

सूचना :
आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों ! माडरेशन ऑन रखा गया है, इसलिए केवल ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे ! सही जवाबों को समय सीमा से पूर्व प्रकाशित नहीं किया जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि सोमवार दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा ! क्विज़ का परिणाम कल यानि सोमवार को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !
----- क्रिएटिव मंच

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बुधवार, 2 मार्च 2011

फूंक दी जब से दिल में बसी बस्तियां .... -- 'डा० दीप्ति भारद्वाज'

डा० दीप्ति भारद्वाजdeepti ji
परिचय
जन्म : 25 जून 1973_/_जन्म स्थान : बरेली
वर्तमान निवास : 'चित्रकूट, 43, सिन्धु नगर, बरेली -243005
शिक्षा- एम. ए. हिंदी ; applied एम. ए. हिंदी ; applied एम.एड.; पीएच. डी. [हिंदीगुरु भक्त सिंह भक्त के काव्य में संवेदना और शिल्प]
कार्यक्षेत्र - प्रकाशन अधिकारी, इन्वरटिज ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस बरेली
2007 - रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बी०एड० कालेज में अध्यापन
2006-हिंदी अधिकारी-भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद
अभिरुचि- आध्यात्मिक व राष्ट्रीय चेतना से जुड़े हर पहलू में.
प्रस्तुति : प्रकाश गोविन्द
bubble_flower

फूंक दी जब से दिल में बसी बस्तियां
हर तरफ हैं मेरे मस्तियाँ - मस्तियाँ ..
lady_galadriel
अब रहे न रहे मुझको कोई डर नहीं
शौक से फूंक दे घर मेरा बिजलियाँ ..
गम न कर मान ले इसमें उसकी रज़ा
तट पे आके जो डूबें तेरी कश्तियाँ
आएँगी अब यकीनन नयी कोपलें
पेड़ से झर गयी हैं सभी पत्तियाँ
जो भी दीखता है सब कुछ है फानी यहाँ
देखते -देखते मिट गयीं हस्तियाँ ..
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जीवन नाम हुआ करता है...
जीवन नाम हुआ करता है
मर्यादित प्रतिबंधों का ..
जिनकी केवल सुधियाँ करती
मन मरुथल को भी चन्दन वनGiacomo_Balla-Mercury_Passing_Before_the_Sun-Tempera_on_Canvas_Board-1914
जग के हस्ताक्षर से वंचित
पर जिन से अनुप्राणित तन मन

जीवन नाम हुआ करता है
कुछ ऐसे संबंधों का ..
माना श्रम उद्यम रंग लाते
फिर भी रेखा खिची कहीं पर
जहाँ आकडे असफल होते
हारे सभी अनेक जतन कर

जीवन नाम हुआ करता है
विधि के लिखे निबंधों का ..
पिंजरा तो पिंजरा होता है
चाहें रत्नजटित हो जाए
मस्ती में स्वछन्द घूमता
राह राह बंजारा गए
जीवन नाम हुआ करता है
उड़ते हुए परिंदों का ...
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दीप में रोशनी है......
टूट ही तो गया है सितारों का मन
रेशमी इन इशारों को फ़िर मत बुनो

एक सपना संजोया था मैंने कभीArcadia-#-1
पंखुडी पंखुडी हो बिखरता गया
देख कर उनके बदले हुए रूप को
रंग चेहरे का मेरे उतरता गया ...
धुप के हर पसीने की अपनी कथा
छाव में बैठ कर इस तरह मत सुनो ।

दीप में रोशनी है जलन भी तो है
मोम के इस बदन में गलन भी तो है
कि जीने की लगन है बहुत प्यार में
कि मरने का अनूठा चलन भी तो है ...
इन अंधेरों में मिलता बहुत चैन है
इन उजालों को तुम इस तरह मत चुनो ।
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अनुनय
मैं उन्ही की हूँ , उन्ही की थी , सदा उनकी रहूंगी ॥

गूँथ कर माना कि माला मैं उन्हें पहना न पाई
और जो प्रिय ने सुनाया गीत वो दोहरा न पाई
enchanted_flute
पर चरण पर चढ़ गईं चुपचाप जो कलियाँ प्रणय की
बन्धु! मैं उनको किसी को बीन ले जाने न दूंगी ॥

बन घटा सुधि की सलोनी प्रिय ह्रदय पर छा गए हैं
दूर तन से हों भले पर.... पास मन के आ गए हैं
पास भी कितने की पल भर को विलग होने न पायें
पीर के सब सिन्धु... आँचल में प्रणय के बाँध लुंगी॥

मैं उन्ही की हूँ , उन्ही की थी , सदा उनकी रहूंगी॥
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जाना अकेला है...
जाना अकेला है, फिर क्यों झमेला है .
मोह की कटीली इन झाड़ियों को काट देmoonbeams
खुद को न जोड़ तू थोडा - थोडा बाँट दे
मस्ती में डूबते जीवन तो मेला है..
आदमी को नाचना है साँसों की ताल पर
काल का तमाचा लगे हर किसी के गाल पर
चेत्य के बिना ये तन माटी का ढेला है ..

कामना की डोर तो आई कभी न हाथ
डाल- डाल हम रहे और चाह पात - पात
यही खेल भैय्या रे बार - बार खेला है ..
देखते ही देखते उम्र तो निकल गयी
सोन मछरिया जैसी हाथ से फिसल गयी
खोया रुपैय्या तूने पाया न ढेला है..
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The End
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