बुधवार, 18 नवंबर 2009

C.M.Quiz -14 [दोनों बच्चों को पहचानिए]


क्विज
संचालन - मानवी
आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
WELCOME

इस बार हमारा प्रयास है कि कोई भी विजेता न बनने पाए ! हर बार आप लोग जीत जाते हैं, कभी तो क्विज पूछने वाले को भी जीतना चाहिए न ? इसलिए एक कठिन क्विज है आपके सामने ! नीचे 'एडिट' किये हुए दोनों चित्र को ध्यान से देखिये.

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दोनों चित्रों को देखिये और बच्चों को पहचानिए
1
101
2
102


तो बस जल्दी से सवालों के जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 14 के विजेता !
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जवाब अलग-अलग देने पर आखिरी सही जवाब के समय को ही दर्ज किया जाएगा ! पूर्णतयः सही जवाब मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा !जवाब देने की समय सीमा कल शाम चार बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल रात्रि सात बजे घोषित किया जाएगा !
----- मानवी
विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की टीम ने निर्णय लिया है कि विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई भी प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे चैम्पियन का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ! इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे 'सुपर चैम्पियन' का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा ! किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

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प्रतियोगियों से अनुरोध है कि कृपया क्विज के समय परिवर्तन से सम्बंधित अपनी राय / सुझाव अवश्य दें !
-- क्रियेटिव मंच
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The End
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सोमवार, 16 नवंबर 2009

धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक आधार (2)

-- इंजीनियर श्री सी० पी० सक्सेना

earth-magfield


दक्षिण - दिशा की ओर पैर करके सोना वर्जित क्यूँ ?


सभी पढ़े-लिखे व्यक्ति यह जानते हैं कि दो चुम्बकों को पास ले जाने पर उत्तरी ध्रुव दक्षिणी ध्रुव को तथा दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव को अपनी ओर खींचते हैं तथा सामान ध्रुवों को परस्पर पास ले जाने पर वे एक दुसरे को दूर धकेलते हैं !

चुम्बक की एक यह भी विशेषता है कि यदि दो असमान चुम्बक यानी एक बड़े तथा दुसरे छोटे चुम्बक को पास में इस प्रकार बाँध कर रख दिया जाए कि दोनों का उत्तरी ध्रुव, उत्तरी ध्रुव की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव की ओर रहे तो लगभग 300 दिनों बाद दोनों चुम्बकों को खोलकर उनकी जांच करने पर ज्ञात होता है कि छोटे चुम्बक की चुम्बक शक्ति समाप्त हो गयी है !


सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी, जिस पर हम लोग निवास करते हैं, काफी शक्तिशाली चुम्बक है जिसके दोनों छोर उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव कहलाते हैं ! मनुष्य के शरीर में भी चुम्बक शक्ति ही कार्य करती है, जिसका उत्तरी ध्रुव मस्तिष्क की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव पैर के तलवे की ओर रहता है ! यदि मनुष्य दक्षिणी की ओर पैर करके सोयेगा तो मनुष्य का उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव की ओर हो जाएगा ! हमारे शरीर का चुम्बक पृथ्वी के चुम्बक की तुलना में बहुत छोटा एवं कम शक्तिशाली है ! इसकी चुम्बकीय शक्ति दिन व दिन क्षीण होती जायेगी ! तरह-तरह की बीमारियाँ घेरने लगेंगी तथा स्मरण शक्ति भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगेगी !


कुछ विद्वानों का तो यह भी मानना है कि लगातार 300 दिन दक्षिण की ओर पैर करके सोया जाए तो मनुष्य में पागलपन के लक्षण उभरने लगते हैं ! शरीर में जब तक चुम्बक शक्ति भली-भांति कार्य करती है तब तक मनुष्य का जीवन, जीवन है इसके समाप्त होने पर मनुष्य मृत्यु को प्राप्त हो जाता है ! यही कारण है कि मनुष्य को मरने के बाद दक्षिण दिशा की ओर पैर करके लिटा दिया जाता है ताकि यदि उसके शरीर में चुम्कीय शक्ति कार्य कर रही हो जिसके कारण मनुष्य के शरीर में किसी प्रकार की तकलीफ महसूस हो रही हो तो वह भी समाप्त हो जाए और मनुष्य शांतिपूर्वक प्राण त्याग कर मृत्यु को प्राप्त कर सके !



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The End
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रविवार, 15 नवंबर 2009

धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक आधार (1)

-- इंजीनियर श्री सी० पी० सक्सेना

sindoor

मांग में सिन्दूर भरना आवश्यक क्यों ?


सुषमणा नाड़ी ह्रदय से सीधी मस्तक के सामने से होती हुयी ब्रह्म-रंध्र में पहुंचती है ! ब्रह्म-रंध्र और अधिप नामक मर्म के ठीक ऊपर भाग पर सिन्दूर लगाया जाता है ! मांग को सिर के बीचों-बीच निकालने का चलन इसीलिए बनाया गया है ! सिन्दूर में पारा धातु पर्याप्त मात्रा में रहता है ! मर्म स्थान में रोम छिद्रों द्वारा पारे का कुछ अंश सुषमणा नाड़ी की सतह तक पहुंचता रहता है ! जनेन्द्रियों को क्षति पहुंचाने वाले कीटाणु जब मर्म स्थान से सुषमणा नाड़ी में रक्त के साथ प्रवाहित होते हैं तब पारा उन्हें नष्ट कर देता है ! फलस्वरूप बुद्धिमान एवं स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है !

बच्चों की देखभाल, अन्य घरेलू कार्य तथा बालों को सुखाने में समय लगने के कारण स्त्रियों को नित्य सिर धो पाना संभव नहीं हो पाता है, जिसके कारण सिर में जूं एवं लीखें पड़ जाती हैं ! मांग में सिन्दूर रहने पर जूं इत्यादि का खतरा नहीं रहता चूंकि पारा जूं की अचूक औषधि है ! सिन्दूर से सौंदर्य बढ़ जाता है ! परन्तु उपरोक्त गुणों के अतिरिक्त सिन्दूर में एक गुण यह भी है कि यह महिलाओं में उत्तेजना पैदा करता है ! इसीलिये कुँवारी कन्याओं एवं विधवाओं को सिन्दूर लगाना वर्जित है !


विशेषज्ञों के अनुसार विशिष्टियों (मानक) के अनुसार सिन्दूर बनाने का कोई भी कारखाना भारत में नहीं है जो कि खेद का विषय है ! आजकल बाजार में सामान्यतः जो सिन्दूर बिकता है वह सेलखड़ी, खडिया पीस कर या आरारोट में विभिन्न रंग मिलाकर उसमें कुछ मातृ में लेडआक्साईड मिलाकर बनाया जा रहा है ! लेडआक्साईड त्वचा के लिए अत्यंत हानिकारक है ! कैंसर जैसे रोग होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है ! शासन एवं समाजसेवी संस्थाओं को इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है !



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The End
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गुरुवार, 12 नवंबर 2009

नूरजहाँ , सुरैया और नलिनी जयवंत

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


नमस्कार !

क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !

कल C.M. Quiz – 13 मे जो प्रश्न पूछा गया था,
उसका सही जवाब है : 1- नूरजहाँ 2- सुरैया 3- नलिनी जयवंत

Noor jehan
नूरजहाँ जी :

मलिका-ए-तरन्नुम नूरज़हाँ लताजी के आने के पहले सबसे बड़ी गायिका थीं । नूरज़हां की पहली हिंदी फिल्म 1942 में बनी खानदान थी जिसमें प्राण ने नायक की भूमिका निभाई थी । नूरजहाँ की सुपरहिट फ़िल्मों में ‘गांव की गोरी’ ‘ज़ीनत’ और फ़िल्म ‘अनमोल घड़ी’ के नाम लिए जा सकते हैं ।

एक अभिनेत्री और गायिका के तौर पर इन तीन फ़िल्मों में नूरजहाँ अपने शिख्रर तक पहुंच चुकी थीं. खास तौर से ‘ज़ीनत’ फ़िल्म में बचपन से बुढ़ापे तक के पात्र की भूमिका से उन्होंने उस समय के प्रसिद्ध कलाकारों को हैरत में डाल दिया था । नूरजहाँ की आख़री दो फ़िल्में ‘मिर्ज़ा साहिबां’ और ‘जुगनू’ थी ।

देश के विभाजन होने पर नूरज़हां पाकिस्तान चली गईं जहाँ कि उनकी आवाज वर्षों तक गूंजती रही और उन्हें मलिका-ए-तरन्नुम का खिताब मिला । फ़िल्मी इतिहास में ऐसा उदाहरण मिलना मुश्किल है कि किसी अभिनेत्री को इतनी कम उम्र में ही इतनी ऊँचाई मिली हो और वह कलाकार मरते दम तक उसी जगह पर बरक़रार रही हो ।
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सुरैया जी :suraiya ji

हिन्दी फ़िल्म जगत की बेहद सुरीली गायिका और बेहतरीन अदाकारा सुरैयाजी का पूरा नाम "सुरैया जमाल शेख" था । सुरैयाजी का जन्म 15 जून 1929 में हुआ था । हिंदी फिल्मों में अपार लोकप्रियता हासिल करने वाली सुरैया उस पीढ़ी की आखिरी कड़ी में से एक थीं जिन्हें अभिनय के साथ ही पार्श्व गायन में भी निपुणता हासिल थी ।

सुरैया जी ने 1937 से 1941 के बीच फ़िल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया और १९४२ की मशहूर फ़िल्म "ताज महल" में मुमताज महल के बचपन का किरदार निभाया । उनकी अंतिम फ़िल्म "रूस्तम सोहराब" थी जो १९६४ में आयी थी ।

उनकी फ़िल्मों की लम्बी फ़ेहरिस्त में बडी बहन, अफ़सर, प्यार की जीत, परवाना, दास्तान, दिल्लगी, शमाँ, शोखियाँ और मिर्जा गालिब प्रमुख हैं । बतौर नायिका उनकी पहली फिल्म 'तदबीर' थी। 'मिर्जा गालिब' में सुरैया की भूमिका की जवाहर लाल नेहरू ने भी सराहना की थी।

बाद के दिनों में सुरैया ने अपने को फिल्मी माहौल से अलग कर लिया था । उनका 31 जनवरी 2004 को मुंबई में निधन हो गया ।

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नलिनी जयवंत जी :nalini jaywant ji

रंगमंच ने भारतीय फिल्मों को पृथवीराज, दुर्गा खोटे, संजीव कुमार, नसीरुद्दीन, अनुपम खेर, ओम पुरी जैसे कई शीर्षस्थ कलाकार दिए हैं । ऐसा ही एक नायाब तोहफा रंगमंच के जरिये फिल्मों को नलिनी जयवंत के रूप में मिला था ।

नलिनी का जन्म 1926 मे मुंबई मे हुआ था । नलिनी के पिता और अभिनेत्री शोभना समर्थ (नूतन और तनुजा की माँ) की माँ रतन बाई आपस मे भाई बहन थे, इस नाते नलिनी, शोभना समर्थ की ममेरी बहन थीं।

50 के दशक की 'फैशन क्वीन' के नाम से विख्यात नलिनी जयवंत अपनी बड़ी बड़ी आँखों की वजह से और अपनी विशेष हेयर स्टाईल के कारण भी चर्चा में हमेशा रहीं। संवेदनशील अभिनय के कारण राधिका, समाधि, नौबहार, दुर्गेश नंदिनी, शिकस्त, मुनीम जी, काला पानी, नास्तिक, संग्राम एवं राही इत्यादि इनकी यादगार फिल्में थीं ।
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प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :

इस बार की आसान क्विज भी प्रतियोगियों के लिए कठिन साबित हुयी। आज की क्विज की एकमात्र विजेता सुश्री रेखा राव जी होने जा ही रही थीं कि तभी अल्पना जी ने समय सीमा समाप्त होने के तीन मिनट पहले सही जवाब दे ही दिया !

दोनों ही विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई !
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द्वितीय स्थान : - सुश्री अल्पना वर्मा जी
ब्लॉग संचालन : 1. व्योम के पार 2. भारत दर्शन 3. गुनगुनाती धुप
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जिन्होंने सराहनीय प्रयास किया :
श्री उड़न तस्तरी जी
सुश्री पूर्णिमा जी
सुश्री सदा जी
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए, अगली बार अवश्य सफल होंगे !
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !

Ishita ji, anand sagar ji, Murari Pareek ji, Babli ji,
Purnima ji, shivendra sinha ji, Shaheen ji, MANOJ KUMAR ji,
Udan Tashtari ji, राज भाटिय़ा जी, शुभम जैन जी, अल्पना वर्मा जी,
मियां हलकान जी, shilpi jain ji, POTPOURRI ji, Nirmla Kapila ji,
ADITI CHAUHAN ji, sada ji,
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,


यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया

अगले बुधवार को 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ हम यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
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The End
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बुधवार, 11 नवंबर 2009

C.M.Quiz -13 [ये तीनों अभिनेत्रियाँ कौन हैं ?]

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
WELCOME

लीजिये एक फिल्म क्विज है आपके सामने !
नीचे तस्वीर को ध्यान से देखिये.
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पहचानिये तो जरा गुजरे जमाने के इन सुन्दर चेहरों को !
इन अभिनेत्रियों के नाम और इनके द्वारा अभिनीत
किसी भी एक फिल्म का नाम बताईये ???


तो बस जल्दी से सवालों के जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 13 के विजेता !
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जवाब अलग-अलग देने पर आखिरी सही जवाब के समय को ही दर्ज किया जाएगा ! पूर्णतयः सही जवाब मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा !जवाब देने की समय सीमा कल शाम चार बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल रात्रि सात बजे घोषित किया जाएगा !

विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की टीम ने निर्णय लिया है कि विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई भी प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे चैम्पियन का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ! इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे 'सुपर चैम्पियन' का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा ! किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

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The End
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