रविवार, 11 अप्रैल 2010

C.M.Quiz- 33 [यह कौन सी जनजाति है ?]

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


Life is a Game, …
God likes the winner and loves the looser..
But hates the viewer…So……Be the Player
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आप सभी को नमस्कार !

क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है!
रविवार (Sunday) को सवेरे 10 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
Welcome

इस बार 'सी एम क्विज़- 33' में हमने एक विशेष जनजाति समुदाय के तीन चित्र दिए हैं !
आपको ध्यान से देखकर बताना है कि इस जनजाति को किस नाम से जाना जाता है
और यह भारत के किस प्रांत में निवास करते हैं ?
पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में
अधिकतम सही जवाब देने वाले को विजेता माना जाएगा !

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यह कौन सी जनजाति है ?
यह जनजाति देश के किस हिस्से में निवास करती है ?
12
3
तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 33 के विजेता !
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पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि 12 अप्रैल, दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा !
---- क्रियेटिव मंच
सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल यानि 12 अप्रैल को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !



विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता ( हैट्रिक होना जरूरी नहीं है ) बनता है तो उसे "चैम्पियन " का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे !
प्रत्येक
राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

79

बुधवार, 7 अप्रैल 2010

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 7 का परिणाम

प्रतियोगिता संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


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प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों
नमस्कार !!
आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है

हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 7' का परिणाम लेकर हाजिर हैं! हमेशा की तरह इस बार भी सभी प्रतिभागियों ने अत्यंत सार्थक व सुन्दर सृजन किया ! इस बार श्रेष्टता क्रम तय करने जैसा कठिन कार्य का दायित्व हमने आदरणीय अमिताभ जी को सौंप दिया था ! यहाँ हम पाठकों के समक्ष स्पष्ट कर दें कि गुणीजनों को जब भी चयन का दायित्व सौंपा जाता है तो उन्हें सिर्फ़ प्रविष्टियाँ दी जाती हैं, उन्हें नहीं पता होता कि कौन सी प्रविष्टि किस सृजनकार की है !

एक बार फिर से भाई राजेन्द्र स्वर्णकार जी ने अपनी कलम से मन्त्र-मुग्ध किया और श्रेष्टता क्रम में प्रथम स्थान पर रहे ! दुसरे क्रम पर सुश्री सोनल रस्तोगी जी और तीसरे क्रम में हम सबकी जानी-पहचानी अल्पना जी की रचना रहीं ! सभी की प्रविष्टियाँ सराही गयीं !


परिणाम के अंत में आज की
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 8 का चित्र दिया गया है ! सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 15 अप्रैल- शाम 5 बजे तक

सभी सृजनकारों एवं समस्त पाठकों को
बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं.


अब आईये देखते हैं -
इस
आयोजन के सम्बन्ध में माननीय अमिताभ जी के विचार :
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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 7 में 'श्रेष्ठ सृजन' का चयन
आदरणीय अमिताभ जी
द्वारा
नमस्कार मित्रों !
amitabh ji
किसी भी पवित्र भावों भरे लेखन में उत्कृष्टता खोजना कठिन होता है क्योंकि पवित्र भाव अपने आप में ही सर्वश्रेष्ठ होते हैं। उसकी कोई श्रेणी नहीं होती। लेखक के शब्द, उसके विचार, उसकी सोच हृदय के स्पंदन के साथ व्यक्त होते हैं, शब्दों की इसी रचना को लेखक की आत्मा कहा गया है। या इसे आत्मज कह लें। यानी यह तो उसकी संतान हुई और संतान माता-पिता के लिये अलग सी अनुभूति हैं।

मुझे तो ऐसी रचनाओं में डूबे रहने का ही मन करता है, कि उसे क्रम देने का। बहुत पढा-लिखा, बडे-बडे साहित्यकारों की रचनायें, आलोचनात्मक् पुस्तके, शोध ग्रंथ आदि-इत्यादि किंतु बावजूद इसके आज के लेखकों को पढना हमेशा से ही रुचिकर लगा है। कितना काम हो रहा है आजकल ये ब्लॉग जगत ने साबित कर दिखाया है, फिर क्रिएटिव मंच जैसे आयोजन जो निरंतर लेखकों की हौसलाअफज़ाई में रत हैं, यह सोने पे सुहागा है। मेरी दिल से बधाई भी और शुभकामनायें भी, कि नित नये कार्य करते हुए साहित्य की सेवा में लीन रहे।

चूंकि मुझे मूल्यांकन कार्य का दायित्व सौंपा गया है इसलिए अपने इस दायित्व को तो निभाना ही है, अन्यथा जितनी भी रचनायें आपने मुझे प्रेषित की हैं वे अपने आप में सुन्दर और श्रेष्ठ हैं। चित्र को माध्यम बना कर तुरत लिखना सचमुच कठिन होता है, और वो भी इतना बेहतर, तो यह मन को अत्यधिक सुख से भर देता है।

मैं थोडा सा गम्भीर चिंतन कर्ता हूं इसलिये चित्र और उस पर खींची गई रचना के मेल, शब्दों का प्रवाह, उसका रस, औचित्य आदि ध्यान में रखते हुए ही अपनी पसन्द से अवगत करा रहा हूँ

ऐसे प्रयास निरंतर होते रहने चाहिये।
एक बार पुनः आप सभी को मेरी हर्दिक शुभकामनायें।


आपका अपना
अमिताभ

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 7 का परिणाम
पिछले अंक का चित्र
First Prize: Devon Cummings cummingsdevon@earthlink.net 495 12th st., #3R Brooklyn, NY 11215 USA 646-207-4951  Title: Madonna and Child Caption: Mother and child in Muktinath, Nepal.
rajendra swarnkar ji


नन्हे-नन्हे हाथ-पांव हैं, नन्ही- सी औक़ात रे
पीछे आंधी-तूफ़ां, आगे भी है झंझावात रे !
कांधों पर जिम्मेवारी, सर पर काली रात रे
लाएगी हिम्मत ही सुनहरी- नूतन आज प्रभात रे !
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अभी आशा बाकी है लाडली
कुहासा छटेगा धूप निकलेगी
बाहें फैला कर भर लेना तुम
सारी सीलन उड़ जायेगी

अभी कंधो में दम है
तेरे चलने तक उठा सकती हूँ
घबराना नहीं मेरी गुडिया
अँधेरे को मिटा सकती हूँ

तेरी छुअन के सहारे
मैं इतनी देर जी सकी हूँ
तेरी मुस्कान के दम से
सारे विष पी सकी हूँ

sonal rastogi
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alpana ji


श्रम जीवन आधार बनाया ,
जीने का विश्वास लिए,
वात्सल्य भाव से आप्लावित ,
मंद मंद हास लिए ,
स्वप्न सभी पूरे होंगे,
मन में हूँ ,यह आस लिए
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मैं सिर्फ एक स्त्री नहीं
एक कर्तव्यनिष्ठ माँ हूँ
नन्ही बेटी तू मेरी ख़ुशी है
मैं सदा तेरा अपना हूँ
सब धर्म निभाये है मैंने
मातृत्व धर्म भी निभाउंगी
तुझे खुश रखूंगी हमेशा
तुझे दुनिया घुमाउंगी

sulabh satrangi
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ramkrishna gautam

माँ : ममता का घर
क्या ग़म है जो मेरे पास खिलौने नहीं
तेरी प्यार भरी भाषा ही काफी है

क्या ग़म है जो मेरे दोस्त न हों
तेरे हाथों की थपकी ही काफी है

क्या ग़म जो मेरे सर पर छत न हो स्कूल का
तेरे आँचल का छाया ही काफी है
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जहाँ धरती से आकाश मिले
उस दूरी तक हम हो लें,
चलो कल्पना के पंखों से
आसमान को छू लें.
6. सुश्री मृदुला प्रधान
mridula pradhan
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anand sagar

तेरे आने के अनुभूति से
खिल उठती हूँ
अपने अंश को
एक नए रूप में देख
पता नहीं क्या-क्या सोच
पुलकित हो उठती हूँ
तेरी हर मुस्कान
भर देती है उमंग मुझमें
बुनने लगी हूँ अभी से
तेरी जिन्दगी का ताना-बाना
मुझे मातृत्व का अहसास है।

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क्यों ये रीत भगवान ने बनाई है
कहते हैं लोग कि तू परायी है

बेटियां इसे मानकर परिभाषा जीवन की
बना देती है अभिलाषा एक अटूट बंधन की

हमारा रिश्ता भी इतना अजीब होता है
क्यों हम बेटियों का यही नसीब होता है

aditi chauhan
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9. श्री राज रंजन
raj ranjan

नारी भी कई रूप बदलती है
बहिन,बेटी,पत्नी तो कभी माँ बनती है
लेती है नित नया आकार
लेकिन देती है सबको आधार
करती हैं हर रूप में त्याग अपना
ताकि जन्म ले सके, फिर एक नया सपना

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srajan 8
आईये अब चलते हैं "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 8" की तरफ ! नीचे ध्यान से देखिये चित्र को ! क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए !
---- क्रियेटिव मंच
Calcutta_rickshaw

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 8
प्रतियोगियों के लिए-
1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है
2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है
3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए अधिकतम 100 शब्दों के अन्दर रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा
4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा.
5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा !
6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा
7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये
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प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 15अप्रैल शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 8" का परिणाम 21 अप्रैल रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा
The End

सोमवार, 5 अप्रैल 2010

जय प्रकाश नारायण, सरोजनी नायडू, अभिनेत्री नर्गिस

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


अल्पना जी का मास्टर स्ट्रोक
barधैर्य और लगन ने दिखाया कमाल - अल्पना जी बनीं जीनियस
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जीनियस एवार्ड तक पहुँचने का सफर
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आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने क्रिएटिव मंच के C.M.Quiz -32 हिस्सा लिया !

आज का यह दिन क्रिएटिव मंच के लिए बेहद ख़ास है ! आखिर वो बहु-प्रतीक्षित दिन ही गया जिसका हम सबको इन्तजार था ! मुकाबला अत्यंत रोमांचक हो चला था ! पहले राउंड की सिर्फ तीन क्विज शेष थीं ! ऐसे में अल्पना जी ने मास्टर स्ट्रोक लगाकर जीनियस खिताब पर कब्ज़ा जमा लिया.


हमने जब शुरुआत में C.M.Quiz की रूपरेखा तैयार की गयी थी, तब अधिकाँश साथियों ने कहा था कि जीनियस एवार्ड तक पहुंचना नामुमकिन सा है ! एक राउंड की 35 क्विज में 10 बार प्रथम विजेता बनना दुष्कर है ! राह में अनगिनत अडचनें हैं...एक से एक दिग्गज प्रतिद्वंदी...कभी सर्वर डाउन, कभी पावर कट, कभी इंटरनेट से दूर, कभी नेट स्पीड की समस्या, कभी मूड या तबियत सही नहीं, कभी व्यस्तता इतनी कि क्विज में शामिल होना ही संभव नहीं ! इन सब अडचनों से निपटकर अगर कोई जीनियस एवार्ड तक पहुँचता है तो उसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा करनी होगी !

अल्पना वर्मा जी आज इसी प्रशंसा और बधाई की पूर्ण हक़दार हैं ! यह उपलब्धि तब और भी ख़ास हो जाती है जब आंकड़ों पर नजर डालते हैं ! अल्पना जी दस बार प्रथम विजेता बनने के अलावा सात बार द्वितीय विजेता भी रहीं !

सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को
हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

C.M.Quiz -32 का सही जवाब

कल हमने क्विज के अंतर्गत कई हिंट देते हुए तीन विलक्षण व्यक्तित्व पहचानने को कहा था ! सही जवाब था :

A - जय प्रकाश नारायण जी
B - सरोजनी नायडू जी
C - अभिनेत्री नर्गिस जी

आईये तीनों शीर्ष व्यक्तित्व के सम्बन्ध में जानकारी लेते हैं :
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लोकनायक जयप्रकाश नारायण
[Lok-Nayak Jai Prakash Narayan]

जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979) भारतीय स्वतंत्रता

सेनानी और राजनेता थे। 1970 में उन्होंने देश में सपूर्ण क्रांति का शंखनाद किया।

jpnarayan.psd जयप्रकाश नारायण का जन्म बिहार के छपरा जिले में हुआ था। पटना मे अपने विद्यार्थी जीवन में जयप्रकाश नारायण ने स्वतंत्रता संग्राम मे भी भाग लिया और जेल भी गए। 1922 मे वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए, जहाँ उन्होंने 1922- 1929 के बीच कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-बरकली, विसकांसन विश्वविद्यालय में समाज-शास्त्र का अध्यन किया। पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए उन्होंने खेतों में ट्रेक्टर चलाने से लेकर रेस्ताराओं में भी काम किया। वे 1929 में भारत वापस गए।

1929 में वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने। 1932 मे गांधी, नेहरु और अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओ के जेल जाने के बाद, उन्होने भारत मे अलग-अलग हिस्सों मे संग्राम का नेतृत्व किया। अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितंबर 1932 मे गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक के जेल में भेज दिया गया।

1939 मे उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होने गांधी और सुभाषचंद्र बोस के बीच सुलह का प्रयास किया। 1942 भारत छोडो आंदोलन के दौरान वे आर्थर जेल से फरार हो गए।

उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हथियारों के उपयोग को सही समझा। उन्होंने नेपाल जा कर आज़ाद दस्ते का गठन किया। 1954 में गया, बिहार मे उन्होंने विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन के लिए जीवन समर्पित करने की घोषणा की।

1960 के दशक के अंतिम भाग में वे राजनिति में पुनः सक्रिय रहे। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया। 1977 में जेपी के प्रयासों से एकजुट विरोध पक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया।

जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना मे 8 अक्टूबर 1979 को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ। मरणोपरांत देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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सरोजनी नायडू
[Sarojani Naidu]

सरोजिनी नायडू (13 फरवरी 1879 - 2 मार्च 1949) का जन्म भारत के हैदराबाद नगर में हुआ था । इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक नामी विद्वान तथा माँ कवयित्री थीं और बांग्ला में लिखती थीं । बचपन से ही कुशाग्र-बुद्धि होने के कारण उन्होंने 13 वर्ष की आयु में 'लेडी आफ दी लेक' नामक कविता रची। sarojini-naidu वे 1895 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गईं और पढ़ाई के साथ-साथ कविताएँ भी लिखती रहीं। 'गोल्डन थ्रैशोल्ड' उनका पहला कविता संग्रह था। उनके दूसरे तथा तीसरे कविता संग्रह 'बर्ड आफ टाइम' तथा 'ब्रोकन विंग' ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया।



1914 में इंग्लैंड में वे पहली बार गाँधीजी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित होकर देश के लिए समर्पित हो गयीं। एक कुशल सेनापति की भाँति उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय हर क्षेत्र में दिया। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया और जेल भी गयीं। संकटों से न घबराते हुए वे एक धीर वीरांगना की भाँति गाँव-गाँव घूमकर ये देश-प्रेम का अलख जगाती रहीं और देशवासियों को उनके कर्तव्य की याद दिलाती रहीं। उनके वक्तव्य जनता के हृदय को झकझोर देते थे और देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए प्रेरित कर देते थे। वे बहुभाषाविद थी और क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेजी, हिंदी, बंगला या गुजराती में देती थीं। लंदन की सभा में अंग्रेजी में बोलकर इन्होंने वहाँ उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया था।



अपनी लोकप्रियता और प्रतिभा के कारण 1925 में कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की वे अध्यक्षा बनीं और 1932 में भारत की प्रतिनिधि बनकर दक्षिण अफ्रीका भी गईं। भारत की स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद वे उत्तरप्रदेश की पहली राज्यपाल बनीं। श्रीमती एनी बेसेन्ट की प्रिय मित्र और गाँधीजी की इस प्रिय शिष्या ने अपना सारा जीवन देश के लिए अर्पण कर दिया। 2 मार्च 1949 को उनका देहांत हुआ।

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नर्गिस
[Nargis]

फिल्म 'मदर इंडिया' में राधा की भूमिका के जरिए भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली नर्गिस हिंदी सिनेमा की महानतम अभिनेत्रियों में से एक थी जिन्होंने लगभग दो दशक लंबे फिल्मी सफर में दर्जनों यादगार भूमिकाएँ कीं।



nargis राजकपूर के साथ उनकी जोड़ी विशेष रूप से सराही गयी। इस जोड़ी की हिट फिल्मों में 'आग', 'बरसात', 'आह', 'आवारा', 'श्री 420', 'चोरी चोरी', 'जागते रहो' शामिल हैं। उनकी फिल्में भारत के अलावा पूर्व सोवियत संघ के देशों और पूर्वी यूरोप में अब भी काफी पसंद की जाती हैं।


नर्गिस ने मदर इंडिया' के अलावा 'अंदाज', 'लाजवंती', 'जोगन', 'बेवफा', 'पापी', 'परदेशी', 'रात और दिन' सहित दर्जनों कामयाब फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया।



एक जून 1929 को पैदा हुईं नर्गिस का असली नाम फातिम रशीद था और वह मशहूर गायिका जद्दनबाई की पुत्री थीं। कला उन्हें विरासत में मिली थी और सिर्फ छह साल की उम्र में उन्होंने फिल्म 'तलाश--हक' से अभिनय की शुरुआत कर दी थी।



1940 और 50 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म 'मदर इंडिया' उनकी सर्वाधिक चर्चित फिल्मों में रही। इस फिल्म को आस्कर के लिए नामित किया गया था। इसी फिल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता सुनील दत्त ने आग से उनकी जान बचायी थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए।



अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्य में जुट गईं। उन्होंने पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ग्रुप की स्थापना की। यह दल सीमाओं पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए स्टेज- शो करता था।



नर्गिस को पद्मश्री सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। फिल्म 'रात और दिन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल है।



बाद में उन्हें राज्यसभा के लिए भी नामित किया गया, लेकिन राज्यसभा का अपना कार्यकाल वह पूरा नहीं कर सकीं। इसी दौरान वह गंभीर रूप से बीमार हो गईं और 3 मई 1981 को कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई। उनकी याद में में नर्गिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई। नर्गिस निधन के बाद भी लोगों के दिल में बसी हुई हैं।

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C.M. Quiz - 32
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
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प्रथम स्थान - अल्पना वर्मा जी
genius 6.psdअल्पना वर्मा जी ने चैम्पियन और सुपर चैम्पियन बनने के बाद आज जीनियस खिताब भी अपने कब्जे में कर लिया ! जीनियस एवार्ड की चुनौती भरी कठिन राह में उन्होंने C.M.Quiz-5, C.M.Quiz-6, C.M.Quiz-8, C.M.Quiz-9, C.M.Quiz-10, C.M.Quiz-16, C.M.Quiz-17, C.M.Quiz-19, C.M.Quiz-27, C.M.Quiz-30 यानी दस क्विज में प्रथम स्थान प्राप्त किया ! अल्पना जी को हमारी पूरी क्रिएटिव मंच टीम की तरफ से ढेरों बधाईयाँ और शुभ कामनाएं !
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द्वितीय स्थान :
शुभम जैन जी
तृतीय स्थान :
शिल्पी जैन जी
चौथा स्थान :
मोहसिन जी
shubham shilpi mohsin
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पांचवां स्थान :
बबली जी
छठा स्थान :
रेखा प्रहलाद जी
सातवाँ स्थान :
एम वर्मा जी
babli ji rekha ji m. verma ji
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आठवां स्थान :
विनय वैद्य जी
नवां स्थान :
एम..शर्मा 'सेहर' जी
दसवां स्थान :
मनोज कुमार जी
vinay vaidya ji m.a.sharma sehar ji manoj kumar ji

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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !

आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !
अल्पना वर्मा जी
शुभम जैन जी
अदिति चौहान जी
शिल्पी जैन जी
मोहसिन जी
आनंद सागर जी
एम. वर्मा जी
इशिता जी
रेखा प्रहलाद जी
शिवेंद्र सिन्हा जी
बबली जी
रामकृष्ण गौतम जी
विनय वैद्य जी
अभि जैन जी
एम.ए.शर्मा 'सेहर' जी
मनोज कुमार जी
राज रंजन जी
अभिनव साथी जी

चलते-चलते -
हमारे प्रिय सुलभ सतरंगी जी का भी सही जवाब हमको प्राप्त हुआ, लेकिन काफी देर से !
हमें बहुत दुःख है कि हम उनका नाम विजेता लिस्ट में दे पाने में असमर्थ हैं !
अभि जैन जी आपके सही जवाब बराबर प्राप्त हो रहे हैं !
आपकी कोई भी प्रोफाईल होने के कारण आपका नाम भी शामिल नहीं हो रहा है !
अनुरोध है कि आप कृपया शीघ्र ही अपनी प्रोफाईल बना लें !

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
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अगले रविवार (Sunday) को हम ' प्रातः दस बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End