C.M.Quiz - 20 का परिणाम
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संगीता जी बनीं नव वर्ष की प्रथम विजेता
नमस्कार !
क्रियेटिव मंच की तरफ से नवीन वर्ष में आप सभी लोगों को हार्दिक शुभ कामनाएं ! आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !
C.M.Quiz -20 के अंतर्गत हमने पांच श्रेष्ठ साहित्यकारों की तस्वीरें दिखाई थीं और प्रतियोगियों से उन्हें पहचानने के लिए कहा था ! कई प्रतियोगियों ने चेहरे पहचान लिए, तो कई ने अच्छी कोशिश की ! पूरी तरह सही जवाब सिर्फ पांच लोगों ने दिए ! हमारे लिए नए वर्ष में बेहद प्रसन्नता की बात ये भी रही कि नितांत नए प्रतियोगियों ने आज विजेता लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया ! प्रतियोगिता में प्रथम विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया है - आदरणीय संगीता पुरी जी ने !
प्रथम विजेता बनने पर सुश्री संगीता पुरी जी को बहुत-बहुत बधाई ! |
C.M.Quiz - 20 का सही जवाब :
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1. अमृता प्रीतम
| 2. मैथिलीशरण गुप्त
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3. महादेवी वर्मा
| 4. सुनित्रा नंदन पन्त
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अतिथि संबोधन
नववर्ष के आगमन पर आप सभी को
बधाईयाँ और शुभकामनाएँ सब से पहले क्रियेटिव मंच का आभार प्रकट करती हूँ कि उन्होने मुझे साल 2009 की अंतिम पहेली बनाने का अवसर दिया। यह पहेली हमें उन महान साहित्यकारों को एक बार फिर से याद दिलाने के लिए थी,जिनके योगदान से हिन्दी साहित्य धनी हुआ है। इनके अतिरिक्त भी अन्य कई साहित्यकार हैं जिनके नाम के बिना हिन्दी साहित्य का ज़िक्र अधूरा है चूँकि संख्या सीमित रखनी थी इसलिए मैं ने अपनी पसन्द से नाम चुने थे।
आईए इन प्रेरक विभूतियों के परिचय, योगदान और उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हैं और नये साल के इस पहले प्रयास पर इनका आशीर्वाद लेते हैं।
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अमृता प्रीतम [Amrita Pritam]
जन्म: 31 अगस्त 1919
निधन: 31 अक्तूबर 2005
जन्म स्थान : गुजरांवाला पंजाब
कुछ प्रमुख कृतियाँ : कागज के कैनवास, इक थी अनीता पिंजर, अदालत, आत्मकथा : रसीदी टिकट, पांच बरस लंबी सड़क, बंद दरवाज़ा, तीसरी औरत, तेहरवाँ सूरज, उन्चास दिन, औरतः इक दृष्टिकोण, इक उदास किताब, सफ़रनामा, मुहब्बतनामा
विविध : 1957 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1958 में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कृत, 1988 में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार; (अन्तर्राष्ट्रीय) और 1981 में भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग १०० पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा रसीदी टिकट भी शामिल है। अमृता प्रीतम उन साहित्य कारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण भी प्राप्त हुआ। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से पहले ही अलंकृत किया जा चुका था। |
मैथिलीशरण गुप्त [Maithili Sharan Gupt]जन्म : 3 अगस्त सन 1846 ई,चिरगांव, झांसी.
मृत्यु :12दिसम्बर 1964 ई
12 वर्ष की आयु में ब्रजभाषा में कविता रचना आरम्भ किया। प्रथम काव्य संग्रह "रंग में भंग' तथा वाद में "जयद्रथ वध' प्रकाशित हुई। 1914 में राष्टीय भावनाओं से ओत-प्रोत "भारत भारती' का प्रकाशन किया। उनकी लोकप्रियता सर्वत्र फैल गई। साकेत तथा अन्य ग्रन्थ पंचवटी आदि 1931 में पूर्ण किये। 'यशोधरा' 1932 में लिखी। गांधी जी ने उन्हें "राष्टकवि' की संज्ञा प्रदान की। 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह के अंतर्गत जेल गये। 1952-1964 तक राज्य सभा के सदस्य मनो नीत हुये। 1953 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 1962 में "अभि नन्दन ग्रन्थ' भेंट किया तथा हिन्दू विश्व विद्यालय के द्वारा डी.लिट. से सम्मानित किये गये। साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में पद्म भूषण से 1954 में सम्मानित किया गया।
प्रमुख कृतियाँ :
साकेत, जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, यशोधरा, द्वापर, अंजलि और अर्ध्य, अर्जन और विसर्जन, काबा और कर्बला , जय भारत, झंकार, पृथ्वीपुत्र, मेघनाद वध, मैथिलीशरण गुप्त के नाटक, रंग में भंग, वन वैभव, विरहिणी व्रजांगना, शक्ति,सैरन्ध्री, स्वदेश संगीत !
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महादेवी वर्मा [Mahadevi Verma]
जन्म -26 मार्च, 1907 को फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
निधन -22 सितम्बर, 1987, प्रयाग मे
कृतियाँ – काव्य- नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, यामा, दीपशिखा, सप्तपर्णा, अतीत के चलचित्र, समृति की रेखाएं, पथ के साथी, मेरा परिवार ।
निबंध-आलोचनाः श्रृंखला की कड़ियाँ, विवेचनात्मक गद्य,
विविध संकलनः स्मारिका, स्मृति चित्र, संभाषण, संचयन, दृष्टिबोध । इसके अतिरिक्त उन्होंने बंगाल के अकाल के समय 'बंग दर्शन' तथा चीन के आक्रमण के समय 'हिमालय' का संपादन भी किया. स्त्री की उदारता, करुणा, सात्विकता, आधुनिक बौद्धिकता, गंभीरता और सरलता उनके व्यक्तित्व में समाविष्ट थी. महादेवी जी में काव्य प्रतिभा सात वर्ष की उम्र में ही मुखर हो उठी थी. महादेवी वर्मा का काव्य अनुभूतियों का काव्य है । उसमें देश, समाज या युग का चित्रांकन नहीं है, बल्कि उसमें कवयित्री की निजी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति हुई है. महादेवी वर्मा का काव्य भव्य और उदात्त है । भावों का साकार चित्रण करने में ये सिद्धहस्त हैं.छायावादी कवियों में महादेवी जी की कविता का अपना अलग रंग-ढंग है। कवि के रूप में उनके कोमल, करुण और व्यथित मन से साक्षात्कार होता है तो गद्यकार के रूप में उनका प्रखर, औजस्वी और दृढ़ रुप सामने आता है। महादेवी जी का गद्य संस्कृति, भाषा, नारी समस्या आदि पर उनकी बेबाक और निर्भीक अभिव्यक्ति है ! |
सुमित्रानंदन [Sumitranandan Pant] जन्म: 20 मई 1900 ,ग्राम कौसनी, अल्मोडा़.
निधन: 28 दिसम्बर 1977 ,
प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अल्मोड़ा में ! महात्मा गांधी के आह्मवान पर उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और घर पर ही हिन्दी, संस्कृत, बँगला और अंग्रेजी का अध्ययन करने लगे। सन् 1907 से 1998 के काल को स्वयं कवि ने अपने कवि-जीवन का प्रथम चरण माना है। इस काल की कविताएँ वीणा में संकलित हैं। 1922 में उच्छवास और 1928 में पल्लव का प्रकाशन हुआ. सुमित्रानंदन पंत ने अपने जीवन काल में अठ्ठाइस प्रकाशित पुस्तकों की रचना की जिनमें कविताएँ, पद्य-नाटक और निबंध सम्मिलित हैं। हिन्दी साहित्य की इस अनवरत सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण (1961), चिदम्बरा" नामक रचना के लिये ज्ञानपीठ(1968),कला और बूढ़ा चांद" के लिये 1960 का साहित्य अकादमी तथा सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार जैसे उच्च श्रेणी के सम्मानों से प्रतिष्ठित किया गया। प्रमुख कृतियाँ - चिदम्बरा, वीणा, पल्लव, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, युगवाणी, लोकायतन, कला और बूढ़ा चांद।
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गौरा पंत 'शिवानी [Gaura Pant Shivani]
जन्म -17 अक्टूबर, 1923, राजकोट (गुजरात)
निधन -21 मार्च, 2003 को दिल्ली में
साहित्य और संगीत के प्रति एक गहरा रुझान ‘शिवानी’ को माता और पिता से ही मिला।शिवानी जी के पितामह संस्कृत के प्रकांड विद्वान पं. हरिराम पाण्डे थे । उनके लेखन तथा व्यक्तित्व में उदारवादिता और परम्परानिष्ठता का अद्भुत मेल है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर उन्हें ‘गोरा’ पुकारते थे। बंगला साहित्य और संस्कृति का शिवानी पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी 'आमादेर शांति निकेतन' और 'स्मृति कलश' इस पृष्ठभूमि पर लिखी गई श्रेष्ठ पुस्तकें हैं। 'कृष्णकली' उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। 'करिये छिमा' पर विनोद तिवारी ने फिल्म बनाई थी। 'सुरंगमा', 'रतिविलाप', 'मेरा बेटा' और 'तीसरा बेटा' पर टीवी धारावाहिक बन चुके हैं। 1982 में शिवानी जी को भारत सरकार ने पद्मश्री से अलंकृत किया गया।
प्रमुख कृतियाँ -
उपन्यास - कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, चल खुसरों घर आपने, श्मशान, भैरवी, स्वयंसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप, आकाश, शिवानी की श्रेष्ठ कहानियाँ, शिवानी की कहानियाँ, मृण्माला की हँसी,संस्मरण - अमादेर शांति निकेतन, समृति कलश, वातायन, यात्रा - चरैवैति, यात्रिक। आत्मकथ्य - सुनहुँ तात यह अमर कहानी !
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C.M.Quiz-20 प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
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जिन्होंने बेहतरीन प्रयास किया :
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श्री जमीर जी
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शुभम जैन जी
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शिल्पी जैन जी
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएंआप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !
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अल्पना वर्मा जी
| शिवेंद्र सिन्हा जी
| आनंद सागर जी
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श्री शमीम जी
| निर्मला कपिला जी
| अदिति चौहान जी
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सुश्री पूर्णिमा जी
| रामकृष्ण गौतम जी
| मानव सिन्हा जी
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सुश्री शुभम जैन जी
| श्री मोहसिन जी
| श्री ज़मीर जी
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श्री निर्भय जैन जी
| श्री हिमांशु जी
| संगीता पूरी जी
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राज भाटिया जी
| हास्य फुहार जी
| रेखा प्रहलाद जी
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मनोज कुमार जी
| सुलभ सतरंगी जी
| सुश्री शिल्पी जैन जी
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आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !
सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
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The End
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sabhi vijeetayo meri taraf se hardik badhayee.....
जवाब देंहटाएंhappy new yearrrrrrrrrrrrrrrrrrr............
जवाब देंहटाएं/""/_/""/
जवाब देंहटाएं/_/""/_/appy
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/_ /ear 2010
सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को को बधाई.
शानदार प्रस्तुति के लिए क्रियेटिव मंच के सभी सदस्यों को बधाई.
नया वर्ष नयी उम्मीदों
नयी तैयारियों के नाम
नूतन उत्साह और
नवीन चेतना के नाम
- सुलभ जायसवाल 'सतरंगी'
सर्वप्रथम तमाम लोगों को नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं...
जवाब देंहटाएंसमस्त क्विज़ संचालकों को, मानवी जी को ढेर सारी शुभकामनाएं...
सभी विजेताओं को बधाई और शुभकामनाएं...
"नया साल ख़ुशियोँ का पैग़ाम लाए
ख़ुशी वह जो आए तो आकर न जाए
ख़ुशी यह हर एक व्यक्ति को रास आए
मोहब्बत के नग़मे सभी को सुनाए"
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम
sabhi vijato aur partiyogiyo ko badhai...
जवाब देंहटाएंnavvarsh ki hardik shubhkamnaye
shubham jain
aap sabhi ko nav varsh ki hardik shubh kamnaye
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओ को आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए
जवाब देंहटाएंसंगीता जी, रेखा जी, निर्भय जी, और सुलभ जी को बहुत बहुत बधाई. जिन्होंने बेहतरीन प्रयास किया उनको भी शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंक्रिएटिव मंच की पूरी टीम को भव्य व आकर्षक क्विज संचालन के लिए बधाई.
नया साल सभी के लिए बेहद शुभ हो ऐसी मंगल कामना है.
Congratulations
जवाब देंहटाएं===================
HAPPY NEW YEAR 2010
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I wish to all winners,
all participants
and creative manch team
sangeeta ji aur dusre sabhi vijetaon ko khoob sari badhayi.
जवाब देंहटाएंHappy New Year
bahut sundar quiz
जवाब देंहटाएंbahut sundar jankari
bahut sundar aayojan
sabhi logon ko naye saal kee hardik shubh kamnayen. aur sangita ji aur anya pratiyogiyon ko badhayi.
अस्वस्थता की वजह से इस बार मैं क्विज का संचालन नहीं कर पायी. अल्पना जी ने इस बार बहुत ही सुन्दर और प्रेरक क्विज का चयन किया था.
जवाब देंहटाएंसंगीता जी, रेखा जी, निर्भय जैन जी, सुलभ सतरंगी जी और शमीम जी को बहुत-बहुत बधाई. समस्त प्रतियोगियों को हार्दिक शुभ कामनाएं. नया साल सभी के लिए कल्याणकारी मंगलमय हो. .
संगीता जी, रेखा जी, निर्भय जैन जी, सुलभ सतरंगी जी और शमीम जी को बहुत-बहुत बधाई. जिन्होंने बेहतरीन प्रयास किया उनको भी शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंश्री प्रकाश गोविंद जी ने इन सभी श्रेष्ठ साहित्यकारों के बारे में इतनी अच्छी जानकारी दी उनको भी धन्यवाद.आपकी परिणाम पोस्ट की प्रस्तुति बहुत सुंदर लगी.बहुत मेहनत करते हैं आप सब.
शुक्रिया.
@मानवी जी अपनी सेहत का ख्याल राखीयगा.जल्दी स्वस्थ हों..best wishes.
क्रियेटिव मंच सहित सभी को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए
इतने अच्छे क्विज के लिए प्रकाश गोविंद जी और अल्पना वर्मा जी को धन्यवाद .. मानवी जी को अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं .. नववर्ष के पहले दिन ब्लॉग जगत से अच्छी सूचनाएं मिल रहीं हैं .. ताऊ पहेली के बाद क्रियेटिव मेंच में भी जीत .. इससे वर्ष 2010 के सुखद होने के प्रति आश्वस्त हो सकती हूं !!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद एवं आभार । क्रियेटिव मंच की टीम को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसंगीता जी का परचम हर पहेली में लहरा रहा है...अनेक बधाईयाँ.
जवाब देंहटाएंye naya saal aap sabko mubaarak ho sabko.
जवाब देंहटाएंsabhi jeetne aur quiz men shaamil hone wale logon ko badhayi.
बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुर बढ़िया क्विज और संचालन
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बधाई.
क्रिएटिव मंच और सभी ब्लॉगर मित्रों को नए वर्ष की बहुत शुभ कामनाएं
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत आकर्षक और ज्ञानवर्धक संचालन
नए साल की सभी लोगों को शुभकामनायें.
गोविन्द भैया कहाँ रहते हैं ? कहीं दिखाई नहीं देते ... राज पिछले जन्म का देख रहे हैं कि नहीं :)
बहुत दिन से ठहाका एक्सप्रेस नहीं दिखी ....
जवाब देंहटाएंउसका इन्तजार है
रोचक ब्लाग
जवाब देंहटाएंCreative manch नव वर्ष की आपको शुभकामनायें. .. sangeeta ji aapko bahut bahut badhaii.
जवाब देंहटाएंWow..! Alpna ji and Creative manch thanks for wonderful information...i feel great ki aapke dwara hamen mahan hastiyon ke bare men jaankari milti hai.
जवाब देंहटाएंThanks alot...
sabhi vijetaon ko bahut bahut shubhkamnayen....