रविवार, 6 दिसंबर 2009

विविध रोगों में आहार-विहार

प्रस्तुति -- इंजीनियर श्री सी० पी० सक्सेना


उपनिषद के अनुसारः
'अन्नं हि भूतानां ज्येष्ठम्-तस्मात् सर्वौषधमुच्यते।'

अर्थात् भोजन ही प्राणियों की सर्वश्रेष्ठ औषधि है, क्योंकि आहार से ही शरीर में सप्तधातु, त्रिदोष तथा मलों की उत्पत्ति होती है। वायु, पित्त और कफ – इन तीनों दोषों को समान रखते हुए आरोग्य प्रदान करता है और किसी कारण से रोग उत्पन्न हो भी जायें तो आहार-विहार के नियमों को पालने से रोगों को समूल नष्ट किया जा सकता है।

आहार में अनाज, दलहन, घी, तेल, शाक, दूध, जल, ईख तथा फल का समावेश होता है। अति मिर्च-मसाले वाले, अति नमक तथा तेलयुक्त, पचने में भारी पदार्थ, दूध पर विविध प्रक्रिया करके बनाये गये अति शीत अथवा अति उष्ण पदार्थ सदा हानिदायक हैं। दिन में सोना, कड़क धूप में अथवा ठंडी हवा में घूमना, अति जागरण, अति श्रम करना अथवा नित्य बैठे रहना, वायु-मल-मूत्रादि वेगों को रोकना, ऊँची आवाज में बात करना, अति मैथुन, क्रोध, शोक आरोग्य नाशक माने गये हैं। कोई भी रोग हो, प्रथम उपवास या लघु अन्न लेना चाहिए क्योंकि प्रायः सभी रोगों का मूल मंदाग्नि है।
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रोग के अनुसार आहार-विहार
बुखारः
बुखार में सर्वप्रथम उपवास रखें। बुखार उतरने पर 24 घंटे बाद द्रव आहार लें। इसके लिए मूँग में 14 गुना पानी मिलायें। मुलायम होने तक पकायें, फिर छानकर इसका पानी पिलायें। यह पचने में हलका, अग्निवर्धक, मल-मूत्र और दोषों का अनुलोमन करने वाला और बल बढ़ाने वाला है। प्यास लगने पर उबले हुए पानी में सोंठ मिलाकर लें । बुखार के समय पचने में भारी, विदाह उत्पन्न करने वाले पदार्थों का सेवन, स्नान, व्यायाम, घूमना-फिरना अहितकर है। नये बुखार में दूध और फल अत्यंत हानिदायक हैं ।
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कमजोरी व थकान :

गेहूँ, पुराने साठी के चावल, जौ, मूँग, घी, दूध, अनार, काले अंगूर विशेष लाभदायक हैं । शाकों में पालक, तोरई, मूली, परवल, लौकी और फलों में अंगूर, आम, मौसमी, सेब आदि लाभ- दायक हैं। गुड़, भूने हुए चने, काली द्राक्ष, चुकन्दर, गाजर, हरे पत्तेवाली सब्जियाँ लाभदायी हैं। पित्त बढ़ाने वाला आहार, दिन में सोना, अति श्रम, शोक-क्रोध अहितकर हैं।
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अम्लपित्तः

उपवास रखें या हलका, मधुर व रसयुक्त आहार लें। पुराने जौ, गेहूँ, चावल, मूँग, परवल, पेठा, लौकी, नारियल, अनार, मिश्री, शहद, गाय का दूध और घी विशेष लाभदायक हैं। तिल, उड़द, कुलथी, नमक, लहसुन, दही, नया अनाज, मूँगफली, गुड़, मिर्च तथा गरम मसाले का सेवन न करें।
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अजीर्णः

प्रथम उपवास रखें। बारंबार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में गुनगुना पानी पीना हितकर है। जठराग्नि प्रदीप्त होने पर अर्थात् अच्छी भूख लगने पर मूँग का पानी, नींबू का शरबत, छाछ आदि द्रवाहार लेने चाहिए। बाद में मूँग अथवा खिचड़ी लें। पचने में भारी, स्निग्ध तथा अति मात्रा में आहार और भोजन के बाद दिन में सोना हानिकारक है।
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चर्मरोगः

पुराने चावल तथा गेहूँ, मूँग, परवल, लौकी तुरई विशेष लाभदायक हैं। अत्यंत तीखे, खट्टे, खारे पदार्थ, दही, गुड़, मिष्ठान्न, खमीरीकृत पदार्थ, इमली, टमाटर, मूँगफली, फल, मछली आदि का सेवन न करें। साबुन, सुगंधित तेल, इत्र आदि का उपयोग न करें। चंदन चूर्ण अथवा चने के आटे या मुलतानी मिट्टी का प्रयोग करें। ढीले, सादे, सूती वस्त्र पहनें।
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सफेद दागः

चर्मरोग के अनुसार आहार लें और दूध, खट्टी चीजें, नींबू, संतरा, अमरूद, मौसमी आदि फलों का सेवन न करें।

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संधिवात, वातरोगः
जौ की रोटी, कुलथी, साठी के लाल चावल, परवल, सहिजन की फली, पपीता, अदरक, लहसुन, अरंडी का तेल, गोझरन अर्क, गर्म जल सर्वश्रेष्ठ हैं। भोजन में गौघृत, तिल का तेल हितकर हैं। आलू, चना, मटर, टमाटर, दही, खट्टे तथा पचने में भारी पदार्थ हानिकारक हैं।
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श्वास (दमा) :
अल्प मात्रा में द्रव, हलका, उष्ण आहार लें। रात्रि को भोजन न करें। स्नान करने एवं पीने के लिए उष्ण जल का उपयोग करें। गेहूँ, बाजरा, मूँग का सूप, लहसुन, अदरक का उपयोग करें। अति शीत, खट्टे, तले हुए पदार्थों का सेवन, धूल और धुआँ हानिकारक हैं।
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मिर्गीः
10 ग्राम हींग ताबीज की तरह कपड़े में सिलाई करके गले में पहनने से मिर्गी के दौरे रुक जाते हैं।

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The End
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गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

भगवान ब्रह्मा, चित्रगुप्त, कार्तिकेय, शनि, कुबेर

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द

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C.M.Quiz - 16 का परिणाम
[ अल्पना जी पहली चैम्पियन बनने के बाद अब बन गयीं -
पहली सुपर चैम्पियन ]
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नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !

कल C.M.Quiz -16 के अंतर्गत हमने हिन्दू मान्यताओं से जुड़े पांच महत्वपूर्ण देवताओं के चित्र दिखाए थे और पूछा था - इन्हें पहचानिए और बताईये कि इनके नाम क्या हैं ?
1
1
2
2
3
3
4
4l
5
5

सही जवाब :
1. ब्रह्मा जी :
ब्रह्मा हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। ये हिन्दुओं के तीन प्रमुख देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) में एक हैं। पुराणों के अनुसार विष्णु के नाभिकमल से ब्रह्मा की स्वयं उत्पत्ति हुई, इसलिए ये स्वयंभू कहलाते हैं। इन्होंने ब्रह्माण्ड की सृष्टि की थी। सावित्री इनकी पत्नी, सरस्वती पुत्री और हंस वाहन है। इनके चार मुख हैं। प्रमुख देवता होने पर भी इनकी पूजा बहुत कम होती है।
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2. चित्रगुप्त जी :
कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान हैं चित्रगुप्त। भगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं और यमराज के सहयोगी हैं। पुराणों के अनुसार चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था ! भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और करवाल है।
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3. कार्तिकेय :
भगवान कार्तिकेय को मुरुगन स्वामी, आग्नेय, ब्रम्हाचारी, षडानन आदि नामों से भी जाना जाता है। कार्तिकेय भगवान शिव और शक्ति के पुत्र हैं, तो विघ्नविनायक भगवान श्रीगणेश के भाई। भगवान विष्णु के भांजे हैं। इसलिए कार्तिकेय की पूजा से इन सभी देवताओ की कृपा प्राप्त होती है। उत्तर भारत में शिव परिवार के साथ इनकी पूजा की जाती है और दक्षिण भारत में मुरुगन नाम से पूज्य हैं।
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4. शनि देव :

शनि एक ऐसे देवता जिनके कारण अधिकतर लोग भयभीत हो जाते हैं। शनि क्रूर व सख्त अवश्य हैं परंतु अन्यायी नहीं हैं। पुराण कहते हैं कि शनि को न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का वरदान भगवान शिव से मिला है। पुराणों के अनुसार : इनके सिर पर स्वर्ण मुकुट, गले में माला तथा शरीर पर नीले रंग के वस्त्र । यह गिद्ध पर सवार रहते हैं। इनके हाथों में धनुष, बाण, त्रिशूल रहते हैं। शनि को सूर्य का पुत्र माना जाता है ।
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5. कुबेर जी
भगवान ब्रह्मा ने इन्हें समस्त सम्पत्ति का स्वामी बनाया। पुराणों के अनुसार महाराज कुबेर के पिता विश्रवा एवं पितामह प्रजापति पुलस्त्य थे। भारद्वाज ऋषि की कन्या इड़विड़ा इनकी मां थी, इनकी सौतेली माता का नाम केशिनी था। जिस तरह भगवान श्रीगणेश सिद्धि-बुद्धि के स्वामी हैं। उसी तरह निधिपति राजाधिराज कुबेर धनदान के स्वामी हैं। महालक्ष्मी के साथ तो इनकी विशेष पूजा की जाती है।

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प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
इस बार की क्विज से यह तो सिद्ध हो गया कि भगवान् को पहचानना बहुत मुश्किल है ! जब ऐसा लगने लगा कि प्रतियोगी सही जवाब नहीं दे पायेंगे तब हिंट देना ही पड़ा ! हद तो तब हो गयी जब हिंट में कह दिया गया कि यमराज भगवान् नहीं हैं इसके बावजूद भी लोग उनको ही याद करते रहे !
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C.M. Quiz-16 का सही जवाब सिर्फ चार लोगों ने दिया ! चारों ही विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई ! !
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ब्लॉग संचालन : 1. व्योम के पार 2. भारत दर्शन 3. गुनगुनाती धुप

क्रिएटिव मंच क्विज की पहली चैम्पियन और अब पहली सुपर चैम्पियन :
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सुश्री अल्पना वर्मा जी ने पहले C.M. Quiz - 5, C.M. Quiz - 6, और C.M. Quiz - 8, की विजेता बनकर "चैम्पियन" का खिताब हासिल किया था ! उसके बाद C.M. Quiz - 9, C.M. Quiz - 10, और इस बार C.M. Quiz - 16 की विजेता बनकर छह बार प्रथम विजेता बनने के उपरान्त क्रिएटिव मंच क्विज की "सुपर चैम्पियन" बनने का गौरव भी हासिल किया है ! सुश्री अल्पना वर्मा जी को "सुपर चैम्पियन" बनने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें !

अल्पना जी अगर चार बार और यानी दस बार प्रथम विजेता बनती हैं तो जीनियस का खिताब हासिल कर लेंगी ! हमारी पूरी कोशिश होगी कि अल्पना जी जीनियस का खिताब हासिल न करने पायें और आप सब की कोशिश भी यही होनी चाहिए !

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द्वितीय स्थान : - सुश्री सीमा गुप्ता जी

ब्लॉग संचालन : 1.LOVE NEVER LOVES, 2.कुछ लम्हे 3.सीमादानी के कलम से 4.MY PASSION

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तृतीय स्थान :- सुश्री संगीता पुरी जी

ब्लॉग संचालन : 1.फलित ज्योतिष : सच या झूठ 2.गत्यात्मक ज्योतिष

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चौथा स्थान :- पं.डी.के.शर्मा"वत्स" जी

ब्लॉग संचालन : 1.धर्म यात्रा 2.ज्योतिष की सार्थकता 3.कुछ इधर की कुछ उधर की

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जिन्होंने सराहनीय प्रयास किया और सही जवाब के नजदीक पहुंचे :
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applauseapplauseapplause विजेताओं को बधाईयाँ applause applause applause applause applause applause applause applause applause

आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे

विजेताओं को हार्दिक बधाई
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !


सुश्री ज्योति शर्मा जी, सुश्री शुभम जैन जी, श्री आनंद सागर जी,
सुश्री निर्मला कपिला जी, सुश्री रेखा प्रहलाद जी, सुश्री पूर्णिमा जी,
श्री एम० वर्मा जी, सुश्री इशिता जी, श्री उड़न तस्तरी जी
श्री सुलभ सतरंगी जी, श्री शिवेंद्र सिन्हा जी, श्री गगन शर्मा जी,
पं.डी.के.शर्मा"वत्स" जी, सुश्री लवली कुमारी जी, सुश्री अल्पना वर्मा जी,
सुश्री संगीता पुरी जी, श्री जी० के० अवधिया जी, सुश्री अदिति चौहान जी,
सुश्री बबली जी, श्री मनोज कुमार जी, सुश्री सीमा गुप्ता जी, सुश्री रोशनी जी

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया

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अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
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The End
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बुधवार, 2 दिसंबर 2009

C.M.Quiz -16 [क्या आप भगवान् को पहचानते हैं ]

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
WELCOME

आपने अब तक की पिछली विभिन्न तरह की क्विज में सबको पहचाना - पशु- पक्षियों, इमारतों, फिल्मों, कलाकारों इत्यादि-इत्यादि ! इस बार 'सी एम क्विज़- 16 में आपको पहचानना है - हिन्दू धर्म की मान्यताओं से जुड़े भगवानों को ! वो भी तैतीस करोंड़ देवी-देवताओं में से सिर्फ पांच को ! है न आसान क्विज ? तो ध्यान से नीचे पाँचों चित्रों को देखकर आपको जवाब देने हैं ! !

जवाब देते समय चित्र क्रमांक का ध्यान अवश्य रखें !

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देवी या देवताओं को पहचानिए !

1

1

2

2

3

3

4l

4

5

5

तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये
C.M. Quiz - 16 के विजेता !

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जवाब अलग-अलग देने पर आखिरी सही जवाब के समय को ही दर्ज किया जाएगा ! पूर्णतयः सही जवाब मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा !जवाब देने की समय सीमा कल शाम चार बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !
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माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल रात्रि सात बजे घोषित किया जाएगा !

विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की टीम ने निर्णय लिया है कि विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई भी प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे चैम्पियन का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ! इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे 'सुपर चैम्पियन' का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा ! किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

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प्रतियोगियों से अनुरोध है कि कृपया क्विज के समय परिवर्तन से सम्बंधित अपनी राय / सुझाव अवश्य दें !
-- क्रियेटिव मंच
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The End
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