रविवार, 29 नवंबर 2009

अनीता वर्मा की बेहतरीन कवितायें

प्रस्तुति :- प्रकाश गोविन्द

सुश्री अनीता वर्मा

Anita Verma


परिचय

अनीता जी रांची में रहती हैं । बेहद संवेदनशील और सचेत यह लेखिका हमेशा अपनी अथक जिजीविषा से बहुत प्रभावित और आकर्षित करती रही हैं। पिछले कई सालों से दुर्भाग्यवश उनका स्वास्थ्य बहुत ज़्यादा खराब रहा है और पता नहीं कितने आपरेशन उनके हुए हैं। उसके बावजूद समय निकाल कर वे लिखती रहती हैं और चुनिन्दा पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं देखने को मिलती रहती हैं।

अनीता की कविताएँ बाउंडरीलेस हैं और ये समाज की व्याधियों की शिनाख्त करती हैं।
-- लीलाधर जगूड़ी
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अनीता वर्मा जी की कविताएँ सारतात्विक हैं तथा इनमें अपूर्व दार्शनिक संयम है।
--मंगलेश डबराल
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अनीता वर्मा का काव्य संग्रह जन्म-जन्मांतर की अवधारणा का निषेध करता है।
-- अष्टभुजा शुक्ल
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अनीता वर्मा की कविताओं की गंध, रूप, रस और छुअन औरों से अलग है तथा इनका शिल्प ऐसा है जैसे सांगीतिक बंदिशों में उपनिबद्ध हो।
--ओम निश्चल

अनीता वर्मा का नाम आज सर्वाधिक चर्चित है। अनीता वर्मा की कवि दृष्टि किसी छद्म को रचने की जगह सत्य के विभिन्न रंगो को दिखा रही है। इस बार क्रिएटिव मंच पर अनीता वर्मा जी की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं :
प्रभु मेरी दिव्यता में
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प्रभु मेरी दिव्यता में
सुबह-सबेरे ठंड में कांपते
रिक्शेवाले की फटी कमीज़ ख़लल डालती है

मुझे दुख होता है यह लिखते हुए
क्योंकि यह कहीं से नहीं हो सकती कविता
उसकी कमीज़ मेरी नींद में सिहरती है
बन जाती है टेबल साफ़ करने का कपड़ा
या घर का पोछा
मैं तब उस महंगी शॉल के बारे में सोचती हूं
जो मैं उसे नहीं दे पाई

प्रभु मुझे मुक्त करो
एक प्रसन्न संसार के लिए
उस ग्लानि से कि मैं महंगी शॉल ओढ़ सकूं
और मेरी नींद रिक्शे पर पड़ी रहे.

पुरानी हंसी

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मुझे अच्छी लगती है पुरानी कलम
पुरानी कापी पर उल्टी तरफ़ से लिखना
शायद मेरा दिमाग पुराना है
या मैं हूं आदिम
मैं खोजती हूं पुरानापन
तुरत आयी एक पुरानी हंसी
मुझे हल्का कर देती है
मुझे अच्छे लगते हैं
नए बने हुए पुराने संबंध
पुरानी हंसी और दुख और चप्पलों के फ़ीते
नयी परिभाषाओं की भीड़ में
संभाले जाने चाहिए पुराने संबंध
नदी और जंगल के
रेत और आकाश के
प्यार और प्रकाश के ।

मेरे दोस्त
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मेरे दोस्त जब पहनने के लिए
मिले रेशमी वस्त्र
खाने के लिए मिले लजीज गोश्त
नहाने के लिए मिले खुशबुदार साबुन
सोने के लिए मिले आरामदेह बिस्तर
तो तय है कि साथ मिलेगा एक
खूबसूरत पट्टा जंजीर के साथ

बुजुर्गों से
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हम चलते रहे अपनी चाल
आपको पीछे
कर चुप्पी को अनसुनी कर
हम गिरते रहे अपने हाल
दरवेश किस्से सुनाते रहे
नौजवान पैंचे लड़ाते रहे
इसी बीच बाजार में
बिकने लगे नाती पोते।
गिरना

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रहस्यों को समझने से ज़्यादा ज़रूरी है
चीज़ों के होने को समझना
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मज़बूती से खड़े हैं पहाड़
समुद्र में आता है ज्वार
पृथ्वी घूमती है लट्टू की तरह
मनुष्य गिरता जाता है गर्त्त में
इनके कुछ कारण और जवाब हैं हमारे पास
हमें रहना और होना होता है इनके बीच

पृथ्वी की घूमती चक्की में कोई रुकावट नहीं है
समुद्र उछाल ही लेता है अपना पानी
पहाड़ गंजे होने के बावजूद खड़े हैं अपने
आदिम पत्थरों के साथ
लेकिन मनुष्य
वह लेटा है पेट के बल पैसे बटोरता हुआ
भागता खोया हुआ बाज़ारों में
एक साथ खुश और डरा हुआ
जैसे कोई बीमार अपनी ही तीमारदारी करता हुआ
वह पहचानता है दुश्मन को
उसके हज़ार हाथों के साथ
अपने घरों में बैठ उससे दोस्ती करता है
मिलाता है हाथ
आओ रहो हमारे घर
अभी हम और गिरने को तैयार हैं ।


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The End
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गुरुवार, 26 नवंबर 2009

फ़िल्म - माचिस, फिजा, मम्मो, मैंने गांधी को नहीं मारा, मिस्टर एंड मिसेज अय्यर

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द

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[ सुश्री शुभम जैन जी बनीं चैम्पियन ]
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नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !



कल C.M. Quiz – 15 के अंतर्गत पांच बेहतरीन क्लासिक फिल्मों के पोस्टर दिखाए गए थे
और पूछा गया था - फिल्मों के नाम और उनके निर्देशक कौन हैं ?
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सही जवाब है :

1. फ़िल्म- माचिस, निर्देशक - गुलजार
[तबु , ओम पूरी,चन्द्रचूर सिंह, जिम्मी शेरगिल, कुलभूषण खरबंदा]
गुलजार की पंजाब के आतंकवाद पर आधारित फिल्म ‘माचिस’ हमें कई कोणो से सोचने पर मजबूर करती है। यकीनन, पंजाब में आतंकवाद की समस्या अब समाप्त हो गई है। लेकिन, यह जिन मानवीय मूल्यों पर हासिल हुई, क्या वह सस्ती थी ? यह फिल्म बार-बार हमें पंजाब के गांव की सैर कराती है। तब्बू को 1997 में माचिस के लिए भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया था ! गीत लेखन के लिए गुलजार को फ़िल्म माचिस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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2. फ़िल्म - फिजा, निर्देशक - खालिद मोहम्मद
[जया बच्चन, करिश्मा कपूर, हृतिक रोशन, मनोज बाजपेयी, सुष्मिता]
आतंकवाद पर आधारित इस फिल्म में ऋतिक रोशन ने शहरी मुस्लिम युवक के मानसिक द्वन्द को बखूबी अभिनीत किया ! उसकी शारीरिक भाषा, बोलने का ढ़ंग, मुखाकृति और संपूर्ण व्यक्तित्व प्रशंसा के योग्य रहा है ! इस फिल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर समारोह में एक और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नामांकन प्राप्त हुआ था !
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3. फ़िल्म - मैंने गांधी को नहीं मारा, निर्देशक - जाहनू बरुआ
[अनुपम खेर, उर्मिला मातोंडकर, रजत कपूर, प्रेम चोपड़ा, वहीदा रहमान]
यह फ़िल्म भले ही बॉक्स आफिस पे कमाल न दिखा पायी हो लेकिन फ़िल्म आलोचकों और गंभीर सिनेमा के दर्शकों ने खूब सराहना की ! इस फ़िल्म के लिए अनुपम खेर को नेशनल फ़िल्म एवार्ड समारोह में स्पेशल जूरी एवार्ड से सम्मानित किया गया ! इसी फ़िल्म के लिए उर्मिला मातोंडकर को बालीवुड मूवी एवार्ड की तरफ से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का एवार्ड दिया गया !
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4. फ़िल्म - मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, निर्देशक - अपर्णा सेन
[राहुल बोस, कोंकणा सेन शर्मा, भीष्म साहनी, सुरेखा सीकरी, निहारिका]
कोंकणा सेन की अविस्मरणीय फ़िल्म है - मिस्टर एंड मिसेज अय्यर ! इस फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मिस्टर एंड मिसेज अय्यर जिसका निर्देशन उनकी मां ने ही किया था. अपर्णा द्वारा ही लिखी गई इस फिल्म का मुख्य चरित्र एक तमिल गृहिणी थी जिसके पूर्वाग्रहों और मानवता में सांप्रदायिक दंगों के दौरान टकराव होता है।
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5. फ़िल्म - मम्मो, निर्देशक - श्याम बेनेगल
[फरीदा जलाल, सुरेखा सीकरी, रजित कपूर, अमित फाल्के, हिमानी]
मम्मो फिल्‍म विभाजन के बहुत बरस बाद भी सरहद के दोनों तरफ मौजूद लोगों की आपस में मिलने की कसक को बयान करती है । सरहद रिश्‍तों के बीच आकर खड़ी हो गयी है । लेकिन मम्‍मो इस सरहद को नहीं मानती । मम्‍मो इस सरहद से अपने ही तरीक़े से बग़ावत करती है । फ़िल्म सोचने पर विवश करती है कि इंसानियत को किस तरह राजनीति की भेंट चढ़ा दिया गया ! "मम्मो" को नेशनल फ़िल्म एवार्ड में 'बेस्ट फीचर फ़िल्म' का पुरस्कार और सुरेख सीकरी को 'बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस' का पुरस्कार दिया गया था. ! इसके अलावा फरीदा जलाल को उनके शानदार अभिनय के लिए 'फ़िल्म फेयर क्रिटिक एवार्ड' से नवाजा गया !

प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
हिन्दी सिनेमा ने बहुत लम्बी दूरी तय की है। सिनेमा हमारी संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। बहुत से फिल्मकार हैं जो समाज के प्रति अपने दायित्वों को महसूस करते हैं और सामाजिक सरोकारों से जुडी सार्थक व सोद्देश्यपूर्ण फिल्मों का निर्माण करते हैं ! ऐसी ही कुछ फिल्मों का चयन हमने क्विज के लिए किया था

C.M. Quiz - 15 का पूर्णतयः सही जवाब सिर्फ दो लोगों ने दिया !
दोनों ही विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई
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प्रथम स्थान : - सुश्री शुभम जैन जी
ब्लॉग संचालन :
दिल की कलम से
शुभम जैन जी C.M. Quiz - 7, C.M. Quiz - 12 , और C.M. Quiz - 15 की विजेता बनकर आज क्रिएटिव मंच क्विज की दूसरी चैम्पियन बन गयी हैं ! इससे पहले सुश्री अल्पना वर्मा जी चैम्पियन का खिताब हासिल कर चुकी हैं ! शुभम जी को चैम्पियन बनने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ! शीघ्र ही आपको प्रमाण-पत्र भेजा जाएगा !
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द्वितीय स्थान : - सुश्री रेखा प्रह्लाद जी
ब्लॉग संचालन : 1. उलझन ही उलझन 2. Beyond The Horizon

जिन्होंने सराहनीय प्रयास किया और सही जवाब के नजदीक पहुंचे :

applauseapplauseapplause विजेताओं को बधाईयाँ applause applause applause applause applause applause applause applause applause
आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए, अगली बार अवश्य सफल होंगे !
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !

सुश्री शुभम जैन जी, सुश्री पूर्णिमा जी, सुश्री शिल्पी जैन जी
सुश्री रेखा प्रहलाद जी, श्री शिवेंद्र सिन्हा जी, सुश्री इशिता जी
सुश्री ज्योति शर्मा जी, श्री आनंद सागर जी, सुश्री संगीता पुरी जी
श्री एम० वर्मा जी, श्री उड़न तस्तरी जी, श्री राज भाटिया जी
सुश्री निर्मला कपिला जी, श्री सुलभ सतरंगी जी, सुश्री अदिति चौहान जी सुश्री रोशनी जी
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया

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अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
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The End
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बुधवार, 25 नवंबर 2009

C.M.Quiz -15 [फिल्मों के पोस्टर पहचानिए]

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
WELCOME


इस
बार की 'सी एम क्विज़- 15 के अंतर्गत पांच बेहतरीन क्लासिकल हिंदी फिल्मों के पोस्टर दिए गए गए हैं ! आपको पाँचों पोस्टर को ध्यान से देखकर फिल्मों और उनके निर्देशकों (डायरेक्टर) के नाम बताने हैं !
जवाब देते समय चित्र क्रमांक का ध्यान अवश्य रखें !

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ये किस फ़िल्म के पोस्टर हैं और इनके निर्देशक कौन हैं ?

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तो बस जल्दी से सवालों के जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 15 के विजेता !
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जवाब अलग-अलग देने पर आखिरी सही जवाब के समय को ही दर्ज किया जाएगा ! पूर्णतयः सही जवाब मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा !जवाब देने की समय सीमा कल शाम चार बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल रात्रि सात बजे घोषित किया जाएगा !

विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की टीम ने निर्णय लिया है कि विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई भी प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे चैम्पियन का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ! इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे 'सुपर चैम्पियन' का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा ! किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

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The End
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शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

क्या होगा दिसंबर 2012 में ???

प्रस्तुति - ज्ञान प्रकाश


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क्या 2012 में दुनिया ख़त्म हो जायेगी ?
क्या 'माया' सभ्यता की भविष्यवाणी सच होगी ?
इन सवालों ने लोगों को उलझा दिया है !



माया सभ्यता का कैलेण्डर :
2012 के दिसंबर में दुनिया के ख़त्म होने की बात सबसे पहले 'माया' सभ्यता के कैलेण्डर में कही गयी ! 2000 ईसा पूर्व इस मेसो अमेरिकन सभ्यता की सबसे बड़ी खासियत इसका खगोलीय ज्ञान थी ! इस सभ्यता ने शुक्र को आधार बनाकर भविष्यवाणी कीं ! इस सभ्यता ने चंद्रमा से धरती की दूरी और विभिन्न ग्रहों की स्थिति की इतनी सटीक जानकारी दी कि वैज्ञानिक भी हैरत में हैं ! लेकिन इस सभ्यता का कैलेण्डर दिसंबर 2012 तक ही है ! कई वैज्ञानिकों ने अर्थ निकाला कि इस सभ्यता के मुताबिक 2012 तक दुनिया ही ख़त्म हो जायेगी !

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नास्त्रेदामस की भविष्यवाणी :
चर्चित भविष्यवेत्ता नास्त्रेदामस की भविष्यवाणी समझने वाले कई लोगों का मानना है कि उसमें भी 2012 तक दुनिया के ख़त्म हो जाने की बात कही गयी है ! 2012 दिसंबर तक एक ख़ास परिस्थिति बनेगी और शैतानी ताकत चरम पर होगी !

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बाइबल का इशारा :
बाइबल पर अध्ययन करने वाले कुछ लोगों का मानना है कि ईश्वर और शैतान के बीच अंतिम और निर्णायक लड़ाई का दिन 2012 में ही तय हुआ है ! चीन की किताब 'आई चिंग' में भी यही बात कही गयी है !
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वैज्ञानिक तथ्य :
सूर्य की आंधी - -
यूरोप के कुछ वैज्ञानिकों के मुताबिक़ सूर्य से समय-समय पर बड़े स्तर ऊर्जा की आंधी सी छूटती है ! हाल में कईबार इस आंधी ने पृथ्वी पर उथल - पुथल मचाई है ! इस दौरान पावर ग्रिड फेल हो गई और मोबाइल टावर ठप्प पड़ गए ! आगे चलकर इसका और भी विकराल रूप देखने को मिल सकता है, जो संभवतः 2012 में घटित हो !

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सबसे बड़े ज्वालामुखी में विस्फोट :
अमेरिका के यलोस्टोन नेशनल पार्क के वैज्ञानिक चिंतित हैं ! यहाँ दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी सुप्तावस्था में है ! यह हर 650000 वर्ष बाद फटता है ! यह अवधि पूरी हुए एक अरसा बीत गया है ! अगर यह फटा तो पूरी दुनिया इसकी राख से ढक जायेगी ! सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंचेगीं और एक नए हिमयुग की शुरुआत हो जायेगी !

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धरती का चुम्बकीय क्षेत्र :
कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी का उत्तरी और दक्षिणी चुम्बकीय क्षेत्र प्रत्येक 75 हजार साल बाद अपने स्थान बदलता है ! इस बार 30 हजार साल ज्यादा हो गए हैं और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र तेजी से बदल रहे हैं ! जल्दी ही सौ वर्षों के लिए चुम्बकीय क्षेत्र ही ख़त्म हो जाएगा ! अल्ट्रा वायलेट किरणों का विकरण समूची सभ्यता को समाप्त कर देगा !

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क्या कहते हैं भारतीय ज्योतिषी :
ज्योतिषाचार्य डा० नरेन्द्र तिवारी के मुताबिक 2012 में दुनिया ख़त्म नहीं होने जा रही है ! 2012 में शनि उच्च को जाएगा और गुरु मंगल के घर में उसके सामने होगा ! यह स्थिति अच्छी होगी ! आचार्य प्रदीप तिवारी के अनुसार 2012 में एक बड़ी आपदा के संकेत जरूर दिख रहे हैं, लेकिन दुनिया तबाह नहीं होगी !
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नासा भी सहमत नहीं :
नासा ने कहा है कि प्लैनेट एक्स के दिसंबर 2012 में पृथ्वी से टकराने से यहाँ जीवन का अस्तित्व समाप्त होने का कोई खतरा नहीं है !


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The End
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