रविवार, 30 अगस्त 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 2

जोक्स संकलन :- प्रकाश गोविन्द

Laughter is the Best Medicine
laughingLaughter is Good Medicineimages 4

संता पहली बार चंडीगढ़ गया था।
वह वहां का मशहूर रॉक गार्डेन देखना चाहता था। दुर्भाग्यवश, वह रॉक गार्डेन नहीं ढूंढ पाया।
उसने एक पुलिस अधिकारी से पूछा, “माफ करें सर, मुझे रॉक गार्डेन जाना है। क्या आप मुझे वहां जाने का रास्ता बता सकते हैं?”
पुलिस वाले ने कहा, “इस बस स्टॉप पर 46 नंबर की बस का इंतजार करो, वह तुम्हें सीधा रॉक गार्डेन पहुंचा देगी।”
संता ने पुलिस अधिकारी को धन्यवाद कहा।
छह-सात घंटे बाद शाम को पुलिस अधिकारी अपनी गाड़ी पर घूमता हुआ फिर उसी इलाके में आया। उसने देखा कि संता अब भी उसी बस स्टॉप पर बैठा बस का इंतजार कर रहा है।
वह अपनी गाड़ी से उतरा और संता से पूछा, “रॉक गार्डेन पहुंचने के लिए मैंने तुम्हें 46 नंबर की बस के लिए इंतजार करने को कहा था। पर पूरा दिन बीतने जा रहा है … तुम यहीं क्यों हो ?”
संता ने जवाब दिया, “चिंता की बात नहीं है सर, अब थोड़ी ही देर बाकी है । 43 वीं बस गुजर चुकी है।”


शेर सिंह ने अपने कारीगर से पूछा, ‘क्या राय साहब के घर के दरवाजे की घंटी ठीक कर आए?‘
कारीगर बोला, "कैसे करता? मैं काफी देर तक घंटी बजाता रहा, पर किसी ने दरवाजा ही नहीं खोला."


नेता का बेटा : पापा मुझे भी राजनीति में उतरना है, कुछ टिप्स दीजिए।
नेता : बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं, चलो पहला नियम समझाता हूँ...
नेताजी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए।
नेताजी : छत से नीचे कूद जाओ,
बेटा : पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ-पैर टूट जायेंगे।
नेताजी : बेझिजक कूद जा, में हूँ न, पकड़ लूँगा।
लड़के ने हिम्मत की और कूद गया पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धडाम से औंधे मुंह गिरा।
बेटा: (कराहते हुए) : आपने तो कहा था मुझे पकडेंगे फिर हट क्यों गए।
नेताजी : ये है पहला सबक - राजनीति में अपने बाप पर भी भरोसा मत करो...


हमारे एक मित्र कानून का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने एक नया फ्रिज ख़रीदा. अब समस्या थी कि पुराने फ्रिज का क्या करें. उन्होंने एक एजेंसी से बात की कि पुराने फ्रिज को बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए डिस्पोज करने में कितने रुपए लगेंगे।

एजेंसी ने एक मोटा खर्चा बता दिया. मित्र ने कुछ सोच कर फ्रिज
घर के बाहर बगीचे में रख दिया और उस पर एक बोर्ड लगा दिया - आप चाहें तो इसे मुफ्त अपने घर ले जा सकते हैं। हफ्ता गुजर गया पर किसी ने फ्रिज को हाथ भी नहीं लगाया. मित्र ने फ़िर सोचा और बोर्ड बदल दिया. अब उस पर लिखा था - फ्रिज बिकाऊ है, मात्र 500 रुपए।

दूसरे दिन ही फ्रिज चोरी हो गया।


बंता सिंह घूमने के लिए कनाडा गया !

वहां समुंदर के किनारे आराम से बैठा हुआ था.
एक युवती आई और बोली - "आर यू रिलेक्सिंग ?"
बंता ने जवाब दिया - "नो आई एम् बंता सिंह."

पांच ही मिनट बाद एक युवक टहलते हुए आया और पूछा -

"आर यू रिलेक्सिंग ?"
बंता का जवाब : "नो मिस्टर .. आई एम बंता सिंह." कुछ देर बाद फिर एक आदमी टहलता हुआ आया और मुस्कुराकर बोला - "आर यू रिलेक्सिंग ? बंता ने झल्लाकर जवाब दिया - "नो,..नो..नो...आई एम बंता सिंह."

अब तक बंता का मूड अपसेट हो चूका था. उसने अपनी जगह ही बदल दी. बंता ने देखा कि पास ही एक सरदार चहलकदमी कर रहा है. लपक कर सरदार के पास पहुंचा और बोला - "आर यू रिलेक्सिंग ?"

सरदार थोडा पढ़ा-लिखा था, जवाब में हसकर कहा - "यस .. आई एम रिलेक्सिंग."

बस बंता ने आव देखा न ताव, सरदार को एक जोरदार थप्पड़ मारते हुए चीखा - "ईडियट ... सब लोग तुझे वहां ढूंढ रहे हैं और तू यहाँ मौज मार रहा है."


आप भी अगर कोई जोक्स, हास्य कविता या दिलचस्प संस्मरण भेजना चाहते हैं तो हमें मेल कर सकते हैं ,, आपका स्वागत है ! रचना को आपके नाम व परिचय के साथ प्रकाशित किया जाएगा !

क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com

शुक्रवार, 28 अगस्त 2009

दो उत्कृष्ट कवितायें

प्रस्तुति :- प्रकाश गोविन्द



एक दिन औरत का दिन होगा
--- जया जादवानी
एक दिन औरत का दिन होगा
एक दिन वह खिलाएगी
दूध से सनी रोटियां
दुनिया के सारे बच्चों को
एक दिन होंगी उसकी छातियां


प्रेम की नदी से भरपूर
वह चलना सिखायेगी
दुनिया की सारी सभ्यताओं को
वह हंसेगी कि
उसकी हंसी में होगी सिर्फ हंसी
और कुछ नहीं होगा
गीत फूटेंगे होंठों से
लोरियां बनकर
वह स्थगित कर देगी
सारे युद्धसारे धर्म
वह एतबार का पाठ पढ़ाएगी

एक दिन औरत का दिन होगा
जब हम जान नहीं पाएंगे उसका सुख
क्योंकि हम कभी जान नहीं पाए
दुःख उसका




उठूं
--- आशुतोष दूबे
उठूं
खींच दूं ट्रेन की ज़ंजीर
चिल्लाऊं ज़ोर से
रोको – रोको
ज़रा देख लेने दो नज़र भर
ये बहती हुई नदी कल – कल
तनिक ठहर जाओ पुल पर


उठूं
डपट दूं भरी मीटिंग में
कड़क कर आला हाकिम को
कि अब चुप हो जायें आप श्रीमान
बस‚ बहुत सुन ली आपकी आत्ममुग्ध बकवास

उठूं
अर्ज करुं शिखरवार्ता करते राष्ट्रनायकों से
अब ये तमाशा बन्द भी करो
और लो‚ दस्तख़त करो इस सयुंक्त घोषणापत्र पर
कि अपने अपने वतन के लोगों को
हम बरगलाना बन्द करेंगे
फौरन से पेश्तर

उठूं
निवेदन करुं हिन्दी के कवियों – आलोचकों से
दिमाग़ पर इतना बोझा क्यों लेते हैं आप
ज़रा अपनी मनहूसियत कम कर लें
कोशिश तो करिये!

उठूं
कहूं कविता से ढूंढ कर लाने के लिये एक शब्द
जिसमें आम के अचार की गन्ध हो
जिसके उच्चार भर से
खुल जायें
बरसों बन्द पड़े द्वार
घोर वन में या नदी में
जिसका हाथ थामे
हम हो जायें पार !

गुरुवार, 27 अगस्त 2009

फिल्म- 'जाने भी दो यारों', 'अर्थ' और 'सौदागर'

क्विज संचालन :- प्रकाश गोविन्द



नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !

आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !
कल C.M. Quiz – 2 में जो सवाल पूछा गया था, उसका सही जवाब है :
फिल्म-जाने भी दो यारों
निर्देशक- कुंदन शाह

फिल्म– अर्थ
निर्देशक- महेश भट्ट

फिल्म- सौदागर
निर्देशक- सुधेंदु रॉय



क्विज पूछते समय इतना तो अनुमान था ही कि प्रतियोगियों का फिल्मी ज्ञान अच्छा होगा ! मगर इतना ज्यादा अच्छा होगा यह उम्मीद नहीं थी ! अजय कुमार झा जी अवश्य बदकिस्मत रहे, उन्होंने फिल्मों के नाम तो सही बताये, लेकिन निर्देशक का नाम बताना भूल गए वरना आज द्वितीय स्थान पर होते ! सीमा जी ने अलग-अलग जवाब दिए, लेकिन तीनों ही एकदम सही थे ! अल्पना वर्मा जी को आने में शायद देर हो गयी लेकिन जवाब एकदम 'परफेक्ट' दिया !

[ सभी विजयी प्रतियोगियों को हार्दिक बधाई ]

क्विज रिजल्ट :
अब आईये देखते हैं प्रतियोगिता का परिणाम

द्वितीय स्थान : - सीमा गुप्ता जी
तृतीय स्थान : - नीरज गोस्वामी जी
चौथा स्थान : - अल्पना वर्मा जी
पांचवा स्थान : - शुभम जैन जी
छठा स्थान : - सुजीत जी
सातवाँ स्थान : - सागर नाहर जी

सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई !
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर इस आयोजन को सफल बनाया,
जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है ! आप सभी लोगों का धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन और ज्ञानवर्धन का
माध्यम है ! आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया !

अगले बुधवार को एक नयी क्विज़ के साथ हम यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद

क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com



बुधवार, 26 अगस्त 2009

C.M.Quiz -2 [ये किन तीन फिल्मों के दृश्य हैं]

क्विज संचालन :- प्रकाश गोविन्द



आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

बुधवार को सवेरे 9.00 बजे पूछी जाने वाली क्विज में
एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम


इस बार की क्विज़ के अर्न्तगत नीचे तीन क्लासिकल हिंदी फिल्मों के
द्रश्य दिखाए गए हैं !
आपको तीनों चित्रों को ध्यान से देखकर बताना है :

फिल्मों और उनके निर्देशकों (डायरेक्टर) के नाम !
11
22 33

तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये
आज के 'C.M. Quiz- 2' चैम्पियन

सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है ! सभी प्रतियोगियों के जवाब देने की समय सीमा रात 9.00 तक है ! क्विज का परिणाम कल सवेरे 9.00 बजे घोषित किया जाएगा !
---- क्रियेटिव मंच


विशेष सूचना :
किसी भी प्रतियोगी के तीन बार प्रथम विजेता बनने पर 'क्रियेटिव मंच' की तरफ से एक आकर्षक प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !
---- क्रियेटिव मंच

रविवार, 23 अगस्त 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 1

जोक्स संकलन :- प्रकाश गोविन्द


Laughter is the Best Medicine
एक आदमी ने अपने घर फोन किया तो उधर से एक अनजान महिला की आवाज आई।
'कौन ?' - आदमी ने पूछा।
'मैं घर की नौकरानी बोल रही हूं ...' - महिला ने उत्तर दिया।
'लेकिन हमारे घर में तो कोई नौकरानी नहीं है।' - आदमी ने कहा।
'मुझे घर की मालकिन ने आज सुबह ही नौकरी पर रखा है।' नौकरानी ने जवाब दिया।
'अच्छा ठीक है, सुनो। इस वक्त तुम्हारी मालकिन कहां हैं ? मुझे उनसे बात करनी है।' - आदमी ने कहा
'वह तो बेडरूम में हैं। अपने पति के साथ।' - नौकरानी ने जवाब दिया।
'क्याऽऽऽ…? पति के साथ……? पर उसका पति तो मैं हूं …….. ' - आदमी गुस्से से भन्ना गया। उसने एक मिनट कुछ सोचा फिर बोला - 'हैलो ….. सुनो क्या तुम पचास हजार रूपये कमाना चाहोगी?'
'हां… । पर मुझे करना क्या होगा?' - नौकरानी ने पूछा
'तुम मेरी अलमारी से बंदूक निकालो और उस कुतिया और उसके साथ जो आदमी है उसे गोली से उड़ा दो।'
नौकरानी ने फोन नीचे रख दिया। आदमी ने पहले कदमों की और फिर दो गोलियां चलने की आवाज फोन पर सुनी।
नौकरानी ने वापस फोन उठाया और पूछा - 'अब इन लाशों का क्या करूं ?'
'उन्हें स्वीमिंग पूल में डाल दो।' - आदमी ने कहा
'...पर आपके घर में तो स्वीमिंग पूल नहीं है !' - नौकरानी ने जवाब दिया।
लगभग तीन-चार मिनट तक दोनों तरफ खामोशी छाई रही फिर आदमी की आवाज आई - ”क्या ये नम्बर 7457965 ही है ?

एक आदमी की डेथ के बाद उसका दोस्त उसकी बीबी से बोला : क्या मैं आपके पति की जगह ले सकता हूँ ?

औरत ने जवाब दिया : मुझे कोई ऐतराज नहीं है ... आप कब्रिस्तान वालों से पूछ लीजिये !

दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल। दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। मातापिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या करें।

एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये। पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये। मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये।

अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा ।
साधु ने बच्चे से पूछा - ”बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ? बताओ, भगवान कहां है ?”
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर देखता रहा। साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया । पर बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला। अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई। उसने थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा - ”मैं क्या पूछ रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता । जवाब दो, भगवान कहां है ?” बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।

अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे छुपते हुये देखा तो पूछा - ”क्या हुआ ? छुप क्यों रहे हो ?”
”भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।” बच्चे ने घबराये हुये स्वर में कहा। ”पर हुआ क्या ?” बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने की कोशिश करते हुये पूछा।
”अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं। भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है !”

बंता : बॉस, मैंने शादी कर ली है, अब तो मेरी सेलेरी बढ़ा दीजिए...
बॉस : फैक्टरी परिसर से बाहर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं !


आप भी अगर कोई जोक्स, हास्य कविता या दिलचस्प संस्मरण भेजना चाहते हैं तो हमें मेल कर सकते हैं ,, आपका स्वागत है ! रचना को आपके नाम व परिचय के साथ प्रकाशित किया जाएगा !

क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com

गुरुवार, 20 अगस्त 2009

राधा कृष्ण मंदिर, कानपुर (उत्तर प्रदेश)

क्विज संचालन :- प्रकाश गोविन्द

नमस्कार !!!
क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !

कल हमारी तरफ से पहली बार क्विज का शुभारम्भ किया गया था !
आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
आयोजन को सफल बनाया , जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !


कल पूछे गए C.M. Quiz - 1 का सही जवाब था :-
राधा कृष्ण मंदिर, कानपुर (उत्तर प्रदेश)

-- राधा कृष्ण मंदिर, कानपुर --

यह मंदिर जे. के. मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बेहद खूबसूरती से बना यह मंदिर जे. के. ट्रस्ट द्वारा बनवाया गया था। प्राचीन और आधुनिक शैली से निर्मित यह मंदिर कानपुर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। यह मंदिर मूल रूप से श्रीराधाकृष्ण को समर्पित है। इसके अलावा श्री लक्ष्मी नारायण, श्री अर्धनारीश्वर, नर्मदेश्वर और श्री हनुमान को भी यह मंदिर समर्पित है।

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प्रतियोगिता का परिणाम
C.M. Quiz - 1 का जवाब सिर्फ दो लोगों ने सही दिया !

भूतनाथ जी और अल्पना जी को
क्रियेटिव मंच की टीम की तरफ से हार्दिक बधाई

प्रथम स्थान :- भूतनाथ जी
द्वितीय स्थान :- अल्पना वर्मा जी



विशेष सूचना :
किसी भी प्रतियोगी के तीन बार प्रथम विजेता बनने पर
'
क्रियेटिव मंच' की तरफ से

एक आकर्षक प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !
आप सभी लोगों का धन्यवाद

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम निम्न सभी प्रतियोगियों और पाठकों का
आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में
शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया।


अगले बुधवार को एक नयी क्विज़ के साथ हम यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद

क्रियेटिव मंच