रविवार, 23 अगस्त 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 1

जोक्स संकलन :- प्रकाश गोविन्द


Laughter is the Best Medicine
एक आदमी ने अपने घर फोन किया तो उधर से एक अनजान महिला की आवाज आई।
'कौन ?' - आदमी ने पूछा।
'मैं घर की नौकरानी बोल रही हूं ...' - महिला ने उत्तर दिया।
'लेकिन हमारे घर में तो कोई नौकरानी नहीं है।' - आदमी ने कहा।
'मुझे घर की मालकिन ने आज सुबह ही नौकरी पर रखा है।' नौकरानी ने जवाब दिया।
'अच्छा ठीक है, सुनो। इस वक्त तुम्हारी मालकिन कहां हैं ? मुझे उनसे बात करनी है।' - आदमी ने कहा
'वह तो बेडरूम में हैं। अपने पति के साथ।' - नौकरानी ने जवाब दिया।
'क्याऽऽऽ…? पति के साथ……? पर उसका पति तो मैं हूं …….. ' - आदमी गुस्से से भन्ना गया। उसने एक मिनट कुछ सोचा फिर बोला - 'हैलो ….. सुनो क्या तुम पचास हजार रूपये कमाना चाहोगी?'
'हां… । पर मुझे करना क्या होगा?' - नौकरानी ने पूछा
'तुम मेरी अलमारी से बंदूक निकालो और उस कुतिया और उसके साथ जो आदमी है उसे गोली से उड़ा दो।'
नौकरानी ने फोन नीचे रख दिया। आदमी ने पहले कदमों की और फिर दो गोलियां चलने की आवाज फोन पर सुनी।
नौकरानी ने वापस फोन उठाया और पूछा - 'अब इन लाशों का क्या करूं ?'
'उन्हें स्वीमिंग पूल में डाल दो।' - आदमी ने कहा
'...पर आपके घर में तो स्वीमिंग पूल नहीं है !' - नौकरानी ने जवाब दिया।
लगभग तीन-चार मिनट तक दोनों तरफ खामोशी छाई रही फिर आदमी की आवाज आई - ”क्या ये नम्बर 7457965 ही है ?

एक आदमी की डेथ के बाद उसका दोस्त उसकी बीबी से बोला : क्या मैं आपके पति की जगह ले सकता हूँ ?

औरत ने जवाब दिया : मुझे कोई ऐतराज नहीं है ... आप कब्रिस्तान वालों से पूछ लीजिये !

दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल। दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। मातापिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या करें।

एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये। पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये। मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये।

अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा ।
साधु ने बच्चे से पूछा - ”बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ? बताओ, भगवान कहां है ?”
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर देखता रहा। साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया । पर बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला। अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई। उसने थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा - ”मैं क्या पूछ रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता । जवाब दो, भगवान कहां है ?” बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।

अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे छुपते हुये देखा तो पूछा - ”क्या हुआ ? छुप क्यों रहे हो ?”
”भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।” बच्चे ने घबराये हुये स्वर में कहा। ”पर हुआ क्या ?” बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने की कोशिश करते हुये पूछा।
”अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं। भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है !”

बंता : बॉस, मैंने शादी कर ली है, अब तो मेरी सेलेरी बढ़ा दीजिए...
बॉस : फैक्टरी परिसर से बाहर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं !


आप भी अगर कोई जोक्स, हास्य कविता या दिलचस्प संस्मरण भेजना चाहते हैं तो हमें मेल कर सकते हैं ,, आपका स्वागत है ! रचना को आपके नाम व परिचय के साथ प्रकाशित किया जाएगा !

क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com

11 टिप्‍पणियां:

  1. भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है !”
    ha..ha,...ha..ho..ho..ho..ho

    maja aa gaya
    nice joak.. excilent

    जवाब देंहटाएं
  2. भाई शुभम जैन
    बहुत ही सुन्दर हास्यास्पद!!!!!आभार!

    गणेशचतुर्ती पर हार्दिक मगलकामनाऍ।
    यह पढने के लिये किल्क करे।
    हिन्दी ब्लोग जगत के चहूमुखी विकास की कामना सिद्धिविनायक से

    मुम्बई-टाईगर
    SELECTION & COLLECTION

    जवाब देंहटाएं
  3. हा हा हा हा......बहुत बढिया!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह वाह मज़ा आ गया. बढिया ब्लाग क्रियेट किया है आपने.

    जवाब देंहटाएं
  5. he..he....he....he.....he....ha....ha....ha....ha....ho....ho....ho....ho.....hammmmmmm....hammmmmm

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही मजेदार!
    पहले चुटकुले में मैंने आख़िरी लाइन का यह वर्ज़न पढ़ा है :-
    '...पर आपके घर में तो स्वीमिंग पूल नहीं है !' - नौकरानी ने जवाब दिया।
    लगभग एक मिनट तक दोनों तरफ खामोशी छाई रही फिर आदमी की आवाज आई - ”सौरी, राँग नंबर".

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही मजेदार
    शानदार जोक्स .... मज़ा आ गया
    बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही दिलचस्प, जानदार और शानदार जोक्स! बड़ा मज़ा आया!

    जवाब देंहटाएं

'आप की आमद हमारी खुशनसीबी
आप की टिप्पणी हमारा हौसला'

संवाद से दीवारें हटती हैं, ये ख़ामोशी तोडिये !

CTRL+g दबाकर अंग्रेजी या हिंदी के मध्य चुनाव किया जा सकता है
+Get This Tool