दर्शन जी बने प्रथम विजेता | |
आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया। कल C.M.Quiz-38 में हमने प्रतियोगियों के समक्ष एक अत्यंत प्रसिद्ध जगह की तस्वीर दिखाई थी और प्रतियोगियों से पहचानने को कहा था। इस बार की क्विज इस मायने में बहुत ख़ास थी, क्योंकि हमने पहली बार देश के बाहर की किसी जगह का चयन किया था। क्विज का सही जवाब था "पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू, नेपाल"।
सोचा था कि इस बार प्रतियोगी खूब परेशान होंगे। हालांकि हमने हिंट दिया था लेकिन वो हिंट अपर्याप्त था। इसके बावजूद भी छह प्रतियोगी इस प्रसिद्ध जगह को पहचानने में सफल रहे। हमारे 'रियल क्विज फाईटर' आदरणीय दर्शन बावेजा जी ने बहुत शीघ्र अभेद्य निशाना लगाते हुए सबसे पहले जवाब दिया और प्रथम स्थान हासिल किया। इसके उपरान्त सुश्री इंदु अरोड़ा जी एवं आशीष मिश्र जी भी नहीं चूके और क्रमशः द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया।
इस बार दिनेश सरोज जी को जवाब देने में बहुत देर हो गई और देर रात गए उनका भी सही जवाब प्राप्त हुआ। चूंकि जवाब तब तक प्रकाशित नहीं हुए थे अतः उनको भी विजेता सूची में दर्ज किया गया है।
सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
अब आईये क्विज के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में दिए गए 'पशुपतिनाथ मंदिर' के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं : :
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पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू [नेपाल] Pashupatinath Temple, Kathmandu [Nepal] |
काठमांडू के पूर्वी हिस्से में बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर हिंदू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। नेपाल में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर दुनिया भर के हिंदू तीर्थयात्रियों के अलावा गैर-हिंदू पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी रहा है। यह मंदिर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में सूचीबद्ध है। पशुपतिनाथ मंदिर में गैर हिंदू आगंतुकों को बागमती नदी के दूसरे किनारे से इसे बाहर से देखने की अनुमति है। नेपाल में भगवान शिव का मंदिर विश्वभर में विख्यात है। इसका असाधारण महत्व भारत के अमरनाथ व केदारनाथ से किसी भी प्रकार कम नहीं। इस अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ के दर्शन के लिए भारत के ही नहीं, विदेशों के असंख्य यात्री और पर्यटक काठमांडू पहुंचते हैं। इस नगर के चारों ओर पर्वतमालाएं हैं जिनकी घाटियों में यह नगर अपना पर्वतीय सौंदर्य मुक्तहस्त से बिखेरने के लिए थोड़ी-सी भी कंजूसी नहीं करता। एक समय इस नगर का नाम कांतिपुर था। काठमांडू में बागमती व विष्णुमती का संगम है। मंदिर का शिखर स्वर्णवर्णी अपनी छटा बिखेरता रहता है, साथ में डमरू सहित त्रिशूल है। मंदिर एक मीटर ऊंचे चबूतरे पर विराजमान है। मंदिर के चारों ओर पशुपतिनाथ जी के सामने चार दरवाजे हैं। दक्षिणी द्वार पर तांबे की परत पर स्वर्णजल चढ़ाया हुआ है। बाकी तीन पर चांदी की परत है। मंदिर चौकोर है। दोनों छतों के चार कोनों पर उत्कृष्ट कोटि की कारीगरी से सिंह की शक्ल बनाई गई है। मुख्य मंदिर में महिष रूपधारी भगवान शिव का शिरोभाग है जिसका पिछला हिस्सा केदारनाथ में है। इसका प्रसंग स्कंद पुराण में है। मंदिर का अधिकतर भाग काष्ठ-निर्मित है। गर्भगृह में पंचमुखी शिवलिंग-विग्रह है जो अन्यत्र नहीं है। मंदिर परिसर में अनेक मंदिर हैं जिनमें पूर्व की ओर गणेश जी का मंदिर है। मंदिर के प्रांगण की दक्षिणी दिशा में एक द्वार है जिसके बाहर एक सौ चौरासी शिवलिंगों की कतारें हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर के दक्षिण में उन्मत्त भैरव के दर्शन भैरव उपासकों के लिए बहुत कल्याणकारी है। पशुपतिनाथ ङ्क्षलग-विग्रह में चार दिशाओं में चार मुख और ऊपरी भाग में पांचवां मुख है। प्रत्येक मुखाकृति के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल है। हरेक मुख अलग-अलग गुण प्रकट करता है। पहला मुख अघोर मुख है, जो दक्षिण की ओर है। पूर्व मुख को तत्पुरुष कहते हैं। उत्तर मुख अर्धनारीश्वर रूप है। पश्चिमी मुखी को सद्योजात कहा जाता है। ऊपरी भाग ईशान मुख के नाम से पुकारा जाता है। यह निराकार मुख है। यही भगवान पशुपतिनाथ का श्रेष्ठतम मुख है।
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1747 से नेपाली राजाओं ने पूजा-अर्चना के लिए भारतीय ब्राह्मणों को आमंत्रित करना शुरू किया। उनकी धारणा थी कि भारतीय ब्राह्माण हिंदू धर्मशास्त्रों और रीतियों में ज्यादा पारंगत होते हैं। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए माल्ला राजवंश के एक राजा ने एक दक्षिण भारतीय ब्राह्मण को पशुपति नाथ मंदिर का प्रधान पुजारी नियुक्त किया। यही परंपरा आगे भी जारी रही और दक्षिण भारतीय भट्ट ब्राह्मण ही इस मंदिर के प्रधान पुजारी होते चले आए। |
C.M. Quiz - 38
प्रतियोगिता का परिणाम :
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है
दर्शन लाल बवेजा जी, सुश्री इंदु अरोड़ा जी , शिवेंद्र सिन्हा जी,
सुश्री अदिति चौहान जी, अभिनव साथी जी,
सुश्री शुभम जैन जी , आनंद सागर जी, आशीष मिश्रा जी,
सुश्री रोशनी साहू जी , सुश्री इशिता जी, शेखर जी,
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैंजिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया5 सितम्बर 2010, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ
यहीं मिलेंगे !
सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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