सोमवार, 22 मार्च 2010

क्रांतिकारी दुर्गा भाभी, कस्तूरबा गाँधी और मदर टेरेसा

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


राज भाटिया जी बने C.M.Quiz-30 के प्रथम विजेता
आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! कल C.M.Quiz -30 के अंतर्गत तीन वन्दनीय महिलाओं के चित्र दिखाकर प्रतियोगियों से उन्हें पहचानने को कहा था ! जब मैंने यह क्विज बनायीं तो मुझे लगा कि क्विज बहुत ही आसान हो गयी ! लेकिन सारे अनुमान धरे के धरे रह गए ! सिर्फ चार दिग्गजों ने ही सही जवाब देकर हमें कृतार्थ किया !

इस बार सबको चकित करते हुए आदरणीय राज भाटिया जी ने सर्व प्रथम जवाब देते हुए प्रथम स्थान हासिल किया ! रामकृष्ण जी जरा देर से आते हैं लेकिन जवाब देने का अंदाज हमेशा खुबसूरत होता है ! वत्स जी ने बीच में एक गैप लेते हुए सही जवाब देने का सिलसिला बनाए रखा ! अल्पना जी और रेखा जी के लिए खतरे की घंटी ! क्यूंकि अब पहले राउंड की सिर्फ पांच क्विज ही बाकी हैं ! बस थोड़ी मेहनत और ..... एक-एक जीत का ही सवाल है ... आल इज वेल :)
सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

अब आईये क्विज के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में दी गयी तीनों अद्वितीय श्रेष्ठ नारियों का संक्षिप्त परिचय देखते हैं :
C.M.Quiz - 30 का सही जवाब --
चित्र एक - क्रांतिकारी दुर्गा भाभी
चित्र दो - कस्तूरबा गाँधी
चित्र तीन - मदर टेरेसा
क्रांतिकारी माँ दुर्गा देवी (दुर्गा भाभी)
[Durga Bhabhi]

1 आजादी की क्रांतिकारी धारा में उनको दुर्गा भाभी के नाम से जाना जाता है। वे थीं हिन्द़ुस्तान सोशलिस्ट रिपिब्लक पार्टी का घोषणापत्र लिखने वाले भगवतीचरण वोहरा की पत्नी। दुर्गा भाभी का पूरा जीवन संघर्ष का जीता जागता प्रमाण है। इनका जन्म इलाहाबाद में 7 अक्टूबर 1907 को हुआ था। जन्म के दस माह बाद ही उनकी माताजी का निधन हो गया। दुर्गा देवी कुछ समय बाद लाहौर चलीं गईं। यहां वह भारतीय नौजवान सभा की सक्रिय सदस्य हो गईं।

भारतीय नौजवान सभा का पहला काम 1926 में सामने आया। सभा ने करतार सिंह के शहीदी दिवस पर एक बड़ा चित्र बनाया था। इसे दुर्गा भाभी और सुशाला देवी ने अपने खून से बनाया था। दुर्गावती की शादी भगवती चरण वोहरा से होने के बाद वे पार्टी के अंदर दुर्गा भाभी हो गईं। पंजाब में उनके सहयोगी भगत सिंह, सुखदेव आदि थे। साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए जो पार्टी की बैठक हुई थी उसकी अध्यक्षता दुर्गा भाभी ने ही की थी। इसी बैठक में पुलिस अधीक्षक जेए स्काट को मारने का फैसला लिया गया। दुर्गा भाभी खुद यह काम करना चाहती थीं लेकिन पार्टी ने यह काम भगत सिंह और सुखदेव को सौंपा।

इस दौरान भगवती चरण के खिलाफ मेरठ षड्यंत्र में वारंट जारी हो चुका था। दुर्गा भाभी लाहौर में अपने तीन वर्ष के बच्चे के साथ रहती थीं लेकिन पार्टी में सक्रिय थीं। भगत सिंह और सुखदेव ने 17 दिसंबर 1928 को सान्डर्स को मौत के घाट उतारने के बाद, पार्टी ने इन दोनों को सुरक्षित लाहौर से निकालने की जिम्मेदारी दुर्गा भाभी को दे दी। दुर्गा भाभी की ही सलाह मान कर सरदार भगत सिंह ने एक अंग्रेज की वेशभूषा में, दुर्गाभाभी और उनके बच्चों के साथ कलकत्ता मेल में वो ऐतिहासिक यात्रा की थी।

भगत सिंह के एसेम्बली बम कांड के बाद उन्होंने संघर्ष जारी रखा। दुर्गा भाभी के पति श्री भगवती चरण वोहरा का बम परीक्षण में 1930 में देहान्त हो गया। इससे पूर्व की घटना में श्री भगतसिंह आदि को अंग्रेजों ने फाँसी की सजा सुना दी। पूरा का पूरा संगठन हिल गया परन्तु दुर्गा भाभी ने इनकी शहादत को बेकार नहीं जाने दिया और देश के लिए वे और भी शक्तिशाली होकर उभरीं।


क्रान्तिकारियों के द्वारा किसी भी समस्या का हल नहीं होने पर दुर्गा भाभी का निर्णय सर्वोपरि समझा जाता था। उनके विचार किसी क्रान्तिकारी गतिविधि को सफल बनाने में सक्षम थे। महिला होने के नाते अंग्रेजों को इन पर बिल्कुल संदेह नहीं था। इसलिए सूचना देने, पेम्फलेट बाँटने, गोला-बारूद भेजने आदि कार्य तथा समस्त क्रान्तिकारियों के मध्य संपर्क का काम आसानी से किया करती थीं।

पहली बार 1931 में दुर्गा भाभी गिरफ्तार हो गईं। उनकी क्रान्तिकारी गतिविधियों पर संदेह के आधार पर 1932 में तीन साल तक लाहौर न छोडने के आदेश देकर नजरबन्द कर दिया गया। जीवन के अन्तिम समय में उन्होंने अपने निवास को शहीद स्मारक शोध केन्द्र बना दिया। समाजसेविका, शिक्षाविद् के रूप में अपना जीवनयापन करते हुए 14 अक्टूबर 1999 को उनका स्वर्गवास हो गया।

ऐसी माँ दुर्गादेवी को, दुर्गा भाभी को शत-शत नमन।

कस्तूरबा गांधी
[Kasturba Gandhi]
kasturba-gandhi

कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी की पत्नी जो भारत में बा के नाम से विख्यात है। पोरबंदर नगर में 11 अप्रैल, 1869 में जन्म, उनके पिता गोकुलदास मकनजी साधारण स्थिति के व्यापारी थे। कस्तूरबा उनकी तीसरी संतान थीं। सात साल की अवस्था में 6 साल के मोहनदास के साथ उनकी सगाई कर दी गई। तेरह साल की आयु में उन दोनों का विवाह हो गया।

इंग्लैंड
प्रवास से लौटने के बाद शीघ्र ही बापू को अफ्रीका चला जाना पड़ा। जब 1896 में वे भारत आए तब बा को अपने साथ ले गए। तब से बा बापू के पद का अनुगमन करती रहीं। भारत आने के बाद बापू ने जितने भी काम उठाए, उन सबमें उन्होंने एक अनुभवी सैनिक की भाँति हाथ बँटाया।

चंपारन के सत्याग्रह के समय बा भी गाँवों में घूमती और दवा वितरण करती रहीं। इसी प्रकार खेड़ा सत्याग्रह के समय बा स्त्रियों में घूम घूमकर उन्हें उत्साहित करती रही। उन्होंने गांधी जी के गिरफ्तारी के विरोध में विदेशी कपड़ों के त्याग के लिए लोगों का आह्वान किया। बापू का संदेश सुनाने नौजवानों की तरह गुजरात के गाँवों में घूमती फिरीं।

1930
में दांडी कूच और धरासणा के धावे के दिनों में बापू के जेल जाने पर बा एक प्रकार से बापू के अभाव की पूर्ति करती रहीं। वे पुलिस के अत्याचारों से पीड़ित जनता की सहायता करती, धैर्य बँधाती फिरीं। 1932 और 1933 का अधिकांश समय उनका जेल में ही बीता। तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो उनका व्यक्तित्व गांधीजी को चुनौती देता प्रतीत होता है। स्वयं गांधीजी इस बात को स्वीकार करते हुए कहते हैं: ‘‘जो लोग मेरे और बा के निकट संपर्क में आए हैं, उनमें अधिक संख्या तो ऐसे लोगों की है, जो मेरी अपेक्षा बा पर अनेक गुनी अधिक श्रद्धा रखते हैं।’’ यह कहना अतिशयोक्ति होगा कि गांधीजी को महात्मा बनाने में बा का बहुत बड़ा हाथ था।

बा ने एक साधारण महिला होते हुए भी असाधारण तरीके से काम किया। बा में अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। बा को भीषण ब्रोंकाइटिस था। इस पर भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गिरफ्तारी ने उनकी बीमारी को बढ़ा दिया और उनकी सेहत गिरने लगी। निमोनिया की चपेट में आने के कारण उनकी हालत और खराब हो गयी। 22 फरवरी 1944 को उन्हें भयंकर दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा उन्होंने बापू की गोद में अपने प्राण त्यागे।

mother_teresa मदर टेरेसा
[Mother Teresa]
27 अगस्त 1910 को यूगोस्लाविया के स्कोपये नामक कस्बे में आल्वेनियन किसान दम्पति के घर मानवता को समर्पित इस मंजुल मूर्ति ने जन्म् लिया था। बचपन में वे 'एगनेस' के नाम से पुकारी जाती रही थीं। 18 वर्ष की आयु में उन्होंने दीन-दुखियों की सेवा का व्रत लिया और घर छोड़ दिया। तब से वे मानव-सेवा में ऐसी लीन हुई कि उन्होंने पीछै मुडकर एक क्षण को भी नहीं देखा।

अपने सेवामय जीवन का आरंभ उन्होंने डबलिन में नन के रुप में किया। बाद में वे कलकत्ता के 'लोरेटो स्कूल' में भूगोल की अध्यापिका बनकर आई और 17 वर्ष तक वे अध्यापन करती रहीं। यहीं गरीब-अमीर के बीच की गहरी खाई, पीड़ितों दीन-दुखियों की उपेक्षा, भूखे-नंगों के प्रति समाज का हीन-भाव आदि नजदीक से देखा। अत: 8 अगस्त 1948 को उन्होंने अपनी कुल जमा-पूंजी पांच रुपये लेकर एक मोटी सफेद धोती पहनकर अपने आपको मानवता की सेवा के ध्येय से मिशन की सेवा से मुक्ति का प्रार्थना पत्र देकर बिदा ले ली !

मदर टेरेसा की 5 रुपये की पूंजी ने तुरंत सहायता के लिए अनगिनत हाथ आगे बढ़वा दिये। कलकत्ता के लोअर सरक्युलर मार्ग पर बेसहारा बीमार बच्चों के लिए 'निमर्ल शिशु भवन' नामक संस्था संचालित है! इसके माध्यम से देश भर की इसकी शाखाओं में हजारों बच्चे पल रहे हैं। उन्हें सुयोग्य नागरिक बनने की शिक्षा दीक्षा के लिए इन केन्द्रों में पर्याप्त प्रबंध है।

कलकत्त्ते के पास ही शांतिनगर में कुछ रोगियों के लिए 34 एकड़ भूमि में इलाज के लिए पुनर्वास और रोजगार के लिए साधन जुटाये है। इस तरह के 67 केन्द्रों के द्वारा 44,000 से भी अधिक कुष्ठियों की चिकित्सा तथा रोजगार की व्यवस्था की जाती है। निर्धन असहाय लोगों की सेवा में मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

चेहरे पर झुर्रियाँ, लगभग पाँच फुट लंबी, गंभीर व्यक्तित्व वाली यह महिला असाधारण सी थी। पैर में साधारण सी चप्पल पहने तथा कंधे पर दवाइयों का झोला टाँगे मदर टेरेसा असाध्य बीमारियों से पीडि़त लोगों को दवाइयाँ देकर उनकी सेवा करती थीं। सेवा भावना की अनूठी मिसाल मदर टेरेसा ने 5 सितम्बर 1997 को दुनिया को अलविदा कह दिया। मदर का पार्थिव शरीर 'मदर हाउस' में दफनाया गया।

C.M. Quiz - 30
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
प्रथम स्थान
द्वितीय स्थान
तृतीय स्थान
चौथा स्थान

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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे

आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है


आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन और ज्ञानवर्धन का माध्यम है!
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
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अगले रविवार (Sunday) को हम ' प्रातः दस बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End

रविवार, 21 मार्च 2010

C.M.Quiz- 30 [तीन वन्दनीय नारियों को पहचानिए]

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


Life is a Game, …
God likes the winner and loves the looser..
But hates the viewer…So……Be the Player
logo


आप सभी को नमस्कार !

क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है!
रविवार (Sunday) को सवेरे 10 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
Welcome

इस बार 'सी एम क्विज़- 30' के आयोजन की जिम्मेदारी मेरे ऊपर डाली गयी है ! क्विज के सम्बन्ध में न तो प्रतियोगी के रूप में और न ही आयोजन के रूप में मेरा कोई अनुभव नहीं है अतः किसी तरह की कोई त्रुटि हो तो नजरअंदाज कर दीजियेगा ! इस बार क्विज के अंतर्गत हमने तीन नारियों के चित्र रखे हैं !
आपको ध्यान से देखकर उन्हें पहचानना है !
कृपया जवाब देते
समय चित्र क्रमांक का उल्लेख अवश्य करें !

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तीन वन्दनीय नारियों को पहचानिए
1जन्म 1907 - मृत्यु 1999 2
जन्म 1869 - मृत्यु 1944
3जन्म 1910 - मृत्यु 1997
तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 30 के विजेता !
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पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि 22 मार्च, दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा !
---- क्रियेटिव मंच
सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल यानि 22 मार्च को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !


विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता ( हैट्रिक होना जरूरी नहीं है ) बनता है तो उसे "चैम्पियन " का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे !
प्रत्येक
राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

79

सोमवार, 15 मार्च 2010

बारह चित्रों में छह जोड़े (Pairs)

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


मोहसिन जी बने क्रिएटिव मंच क्विज चैम्पियन
C.M.Quiz - 29 का सही जवाब --
बारह चित्रों में छह जोड़े (Pair) थे :
एक- क्रम : 1 और 3 अर्थात
प्रतिभा आडवानी : लाल कृष्ण आडवानी, संबंध : पुत्री - पिता
दो- क्रम : 2 और 4 अर्थात
डोना गांगुली : सौरव गांगुली, संबंध : पत्नी - पति
तीन- क्रम : 5 और 10 अर्थात
श्वेता नंदा (बच्चन) : ऐश्वर्या राय बच्चन, संबंध : ननद - भाभी
चार- क्रम : 6 और 8 अर्थात
सुप्रिया सुले (पवार) : शरद पवार, संबंध : पुत्री - पिता
पांच- क्रम : 7 और 11 अर्थात
तुषार कपूर : एकता कपूर, संबंध : बहन - भाई
छह- क्रम : 9 और 12 अर्थात
प्रकाश पादुकोण : दीपिका पादुकोण, संबंध : पिता - पुत्री

आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! कल C.M.Quiz -29 के अंतर्गत हमने बारह जाने-पहचाने लोगों के चित्र दिखाए थे और प्रतियोगियों से कहा था कि रिश्तों के आधार पर छह जोड़े (Pair) बनाएं !

बहुत सारे प्रतियोगियों ने जवाब दिए ! सराहना करनी होगी हमें मोहसिन जी की जिन्होंने डंके की चोट पर सिर्फ C.M.Quiz-29 में प्रथम स्थान प्राप्त किया बल्कि तीसरी जीत के साथ ही C.M.Quiz का चैम्पियन खिताब भी हासिल कर लिया ! क्या कमाल का जज्बा और विश्वास है ! मोहसिन जी ने पिछली क्विज में ही एलान कर दिया था कि- "मैं शानदार वापसी करूँगा"...और जो कहा कर दिखाया...बहुत खूब ! इस तरह मोहसिन जी क्रिएटिव मंच के किसी खिताब तक पहुँचने वाले चौथे प्रतियोगी हैं ! इससे पहले अल्पना जी, शुभम जी और रेखा प्रहलाद जी ने यह गौरव हासिल किया था, जिसमें रेखा जी सुपर चैम्पियन बनने से महज एक जीत दूर हैं और अल्पना जी जीनियस खिताब से एक जीत दूर ! आगे का मुकाबला बेहद दिलचस्प है ! देखना है कौन कहाँ तक अपनी मंजिल तय करता है !

C.M.Quiz-29 में कुल पंद्रह लोगों के पूर्णतयः सही जवाब प्राप्त हुए ! शिल्पी जी एक गलत जवाब देने के कारण प्रथम विजेता बनने से चूक गयीं ... दूसरी बार उन्होंने अपने जवाब को सही करके भेजा और द्वितीय स्थान पर रहीं ! तीसरे स्थान पर रहे शमीम जी ! एक बार फिर रेखा जी की किस्मत ने साथ नहीं दिया और 'पावर कट' के कारण सही समय पर जवाब नहीं दे पायीं ! बबली जी और रामकृष्ण गौतम जी के जवाब देने का अंदाज बहुत अच्छा लगा! वत्स जी ने कहा - 'जवाब आता था फिर भी नहीं दिया' ! वत्स जी कृपया ऐसा करिए ... जवाब जरूर दीजिये ! आखिर यह आयोजन आप लोगों के लिए ही आयोजित होता है !

सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

C.M. Quiz - 29
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
ds
प्रथम स्थान : मोहसिन जी
mohsin jiमोहसिन जी ने C.M.Quiz -23 , C.M.Quiz -24 और C.M.Quiz -29 में प्रथम विजेता बनकर क्विज चैम्पियन बनने का गौरव प्राप्त किया ! प्रमाण-पत्र शीघ्र ही भेज दिया जाएगा ! क्रिएटिव मंच टीम की ओर से बहुत-बहुत मुबारकबाद !
ds
द्वितीय स्थान : शिल्पी जैन जी shilpi jain
तृतीय स्थान : शमीम जीshamim ji
चौथा स्थान :
अल्पना वर्मा जी
alpana ji
पांचवां स्थान :
रेखा प्रह्लाद जी rekha ji
छठा स्थान :
बबली जी babli ji
7th स्थान :
इशिता जी ishita ji
8th स्थान :
कृतिका जी kritika ji
9th स्थान :
रामकृष्ण गौतम जीramkrishn ji
11th स्थान :
अंजना जी anjana ji
12th स्थान :
मनोज कुमार जी manoj kumar ji
13th स्थान :
शुभम जैन जी shubham ji
14th स्थान :
अभिनव जी abhinav sathi ji
15th स्थान :
आनंद सागर जी anand sagar ji
applause applause applause विजताओं को बधाईयाँ applause applause applause
applause applause applause applause applause applause applause applause applause
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है
अल्पना वर्मा जी, शुभम जैन जी, शिवेंद्र सिन्हा जी, इशिता जी, आनंद सागर जी,
विवेक रस्तोगी जी, संगीता पुरी जी, रेखा प्रह्लाद जी, पूर्णिमा जी, राज रंजन जी,
गगन शर्मा जी, पं.डी.के.शर्मा"वत्स" जी, मोहसिन जी, रामकृष्ण गौतम जी,
अदिति चौहान जी, शाहीन जी, शिल्पी जैन जी, कृतिका जी, अभिनव साथी जी,
शमीम जी, एम वर्मा जी, बबली जी, अंजना जी, निर्मला कपिला जी, सखी जी,
शोभना चौधरी जी, मनोजकुमार जी,
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
th_Cartoon
अगले रविवार (Sunday) को हम ' प्रातः दस बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End