आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! कल क्विज के दूसरे राउंड की पहली क्विज यानी C.M.Quiz -36 के अंतर्गत हमने एक स्मारक का चित्र दिखाया था और प्रतियोगियों से उसे पहचानने को कहा था ! क्विज का जवाब था - "जलियाँ वाला बाग़" अमृतसर, पंजाब !
सबसे पहले सही जवाब देकर क्रमशः मोहसिन जी, अल्पना वर्मा जी और राजेंद्र स्वर्णकार जी ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल किया !
सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
अब आईये C.M.Quiz -36 में दिखाए गए स्मारक के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं और प्रतियोगिता का परिणाम/विजेताओं के नाम देखते हैं :--
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जलियाँ वाला बाग़ स्मारक [Jallianwala Bagh, Amritsar, Punjab] |
पंजाब के अमृतसर नगर में जलियांवाला बाग़ स्थान पर अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीय प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर बड़ी संख्या में उनकी हत्या कर दी थी। यह घटना 13 अप्रैल 1919 को हुई । इस घटना के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। उस दिन वैशाखी का त्योहार था । भारत की ब्रिटिश सरकार ने रॉलेट एक्ट का शांतिपूर्वक विरोध करने पर जननेता पहले ही गिरफ्तार कर लिए थे । इस गिरफ्तारी की निंदा करने और पहले हुए गोली कांड की भर्त्सना करने के लिए जलियांवाला बाग़ में शांतिपूर्वक एक सभा आयोजित की गयी थी । तीसरे पहर दस हज़ार से भी ज़्यादा निहत्थे स्त्री, पुरुष और बच्चे जनसभा करने पर प्रतिबंध होने के बावजूद अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में विरोध सभा के लिए एकत्र हुए । 13 अप्रैल 1919 का वह रविवार का दिन था और आसपास के गांवों के अनेक किसान हिंदुओं तथा सिक्खों का उत्सव ‘बैसाखी’ बनाने अमृतसर आए थे । यह बाग़ चारों ओर से घिरा हुआ था। अंदर जाने का केवल एक ही रास्ता था। जनरल आर. ई. एच. डायर ने अपने सिपाहियों को बाग़ के एकमात्र तंग प्रवेशमार्ग पर तैनात किया था । डायर ने बिना किसी चेतावनी के 50 सैनिकों को गोलियां चलाने का आदेश दिया और चीख़ते, आतंकित भागते निहत्थे बच्चों, महिलाओं, बूढ़ों की भीड़ पर 10-15 मिनट में 1650 गोलियां दाग़ दी गई । जिनमें से कुछ लोग अपनी जान बचाने की कोशिश करने में लगे लोगों की भगदड़ में कुचल कर मर गए । जनरल डायर ने अपनी कार्यवाही को सही ठहराने के लिए तर्क दिये और कहा कि ‘नैतिक और दूरगामी प्रभाव’ के लिए यह ज़रूरी था। इसलिए उन्होंने गोली चलवाई। डायर ने स्वीकार कर कहा कि अगर और कारतूस होते, तो फ़ायरिंग ज़ारी रहती । निहत्थे नर-नारी, बालक-वृद्धों पर अंग्रेजी सेना तब तक गोली चलाती रही जब तक कि उनके पास गोलियां समाप्त नहीं हो गईं । सैकड़ों ज़िंदा व्यक्ति कुँए में कूद गये थे । गोलियां भारतीय सिपाहियों से चलवाई गयीं थीं और उनके पीछे संगीनें तानें गोरे सिपाई खड़े थे । इस हत्याकांड की सब जगह निंदा हुई । ************************************************** जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के समय उधम सिंह जलियांवाला बाग़ में थे। उन्होंने इसका बदला लेने के लिए 13 मार्च 1940 को लंदन के कैक्सटन हॉल में बम विस्फोट किया। इस घटना के समय ब्रिटिश लेफ़्टिनेण्ट गवर्नर मायकल ओ डायर को गोली से मार डाला। ऊधम सिंह को 31 जुलाई 1940 को फाँसी दे दी गयी।
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आज़ादी के बाद अमेरिकी डिज़ाइनर बेंजामिन पोक ने जलियाँवाला बाग स्मारक का डिज़ाइन तैयार किया, जिसका उदघाटन 13 अप्रैल 1961 को किया गया। भारत क्यों तेरी साँसों के, स्वर आहत से लगते हैं,अभी जियाले परवानों में, आग बहुत-सी बाकी है। |
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प्रतियोगिता का परिणाम
अन्य सही जवाब देने वाले विजेताओं के क्रम इस प्रकार हैं : |
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है
अभिनव साथी जी, शिवेंद्र सिन्हा जी, अदिति चौहान जी, इशिता जी,
मोहसिन जी, अल्पना वर्मा जी, शेखर जी, निर्मला कपिला जी,
राजेन्द्र स्वर्णकार जी, राज भाटिया जी, दिनेश सरोज जी, रवि राजभर जी,
अभिषेक जैन जी, रजनीश परिहार जी, ज़मीर जी, मनोज कुमार जी,
दर्शन लाल बावेजा जी, इंदु अरोड़ा जी, आशीष मिश्र जी, बबली जी, सविता जी
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैंजिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया22 अगस्त 2010, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ यहीं मिलेंगे !
सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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