रविवार, 2 जनवरी 2011

सी.एम.ऑडियो क्विज़ [क्रमांक- चार] - "सुनें और बताएं"

happy-new-year-celebration
"God gives You..
12 Month of Happiness,
52 Weeks of Fun,
365 Days Success,
8760 Hours Good Health,
52600 Minutes Good Luck,
3153600 Seconds of Joy..and that’s all!"

'नूतन वर्ष करें अभिलाषा, नयी उमंगें नयी हो आशा,
मिलजुल कर हम रहें सदा, बोलें बस एक प्यार की भाषा'

नव वर्ष में हर दिन हो खुशियों की भरमार,
हो निर्मल मन नेक इरादे पायें सबका प्यार
--- अल्पना वर्मा---

सभी साथियों/पाठकों/प्रतियोगियों को सप्रेम नमस्कार

सी.एम.ऑडियो क्विज़ कार्यक्रम में आप सबका स्वागत है।

इस नए वर्ष 2011 की यह पहली क्विज़ है। हम नए साल की शुरुआत आपके साथ हँसते-मुस्कुराते हुए
करना चाहते हैं, ताकि पूरे साल बस यूँ ही चेहरे पर मुस्कान कायम रहे। तो लीजिये आज इस श्रृंखला की
चौथी कड़ी में हम आपको दो श्रेष्ठ हास्य कवियों की आवाजें सुनवा रहे हैं।

आप नीचे दी हुई दोनों आडियो क्लिप्स सुनिये
और पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब दीजिये।


सही जवाब देने की समय सीमा सोमवार, 3 जनवरी दोपहर 2 बजे तक है।


इन दो आडियो क्लिप्स को ध्यान से सुनकर बताईये कि :
Q.1- यह किस प्रसिद्ध कवि की आवाज है ?

Q.2- यह किस प्रसिद्ध कवि की आवाज है ?

आप दोनों प्रश्नों के जवाब अलग अलग टिप्पणियों में लिख सकते हैं,
जिससे ग़लत टिप्पणी को प्रकाशित करने में आसानी होगी।
'life is short, live it to the fullest'

सूचना :
आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों ! माडरेशन ऑन रखा गया है, इसलिए केवल ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे ! सही जवाबों को समय सीमा से पूर्व प्रकाशित नहीं किया जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि सोमवार दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा ! क्विज़ का परिणाम कल यानि सोमवार ३ जनवरी को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !
----- क्रिएटिव मंच



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मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

अभिनेत्री मीना कुमारी और संगीतकार नौशाद

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


प्रिय साथियों
नमस्कार !!!
हम आप सभी का क्रिएटिव मंच पर अभिनन्दन करते हैं।

आप सभी ने जिस रूचि और उत्साह से सी.एम.ऑडियो क्विज़ में हिस्सा लिया और हमारा उत्साह वर्धन किया है, उसके लिए हम आप के आभारी हैं।

कल हमने 'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 3' में फिल्म जगत की दो बेहद मकबूल हस्तियों की आवाजें सुनवाई थीं और प्रतियोगियों से पहचानने को कहा था। उन दो आवाजों में से एक आवाज थी- मशहूर अदाकारा और शायरा मीना कुमारी जी की और दूसरी आवाज थी - संगीत की बुलंदियों को छूने वाले संगीतकार नौशाद जी की। अधिकतर प्रतिभागियों ने मीना कुमारी जी को तो पहचान लिया परन्तु संगीतकार नौशाद जी की आवाज़ को बहुत ही कम प्रतिभागी पहचान सके। डॉ. अजमल खान जी ने एक बार फिर तत्परता दिखाते हुए सबसे पहले सही जवाब देकर दूसरी बार प्रथम स्थान हासिल किया। द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमशः आशीष मिश्रा जी और राणा प्रताप सिंह जी रहे।

अपना स्नेह बनाये रखिये। आप की प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।

समस्त विजेताओं व प्रतिभागियों को
बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

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अब आईये -
'सी.एम.ऑडियो क्विज-3' के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में पूछे गए
फ़िल्म जगत की हरदिल अज़ीज़ दोनों हस्तियों के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
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1- अभिनेत्री मीना कुमारी [Meena Kumari]

मीना कुमारी (1 अगस्त, 1932 - 31 मार्च, 1972) भारत की एक मशहूर अभिनेत्री थीं। 1952 में प्रदर्शित हुई फिल्म बैजू बावरा से वे काफी वे काफी मशहूर हुईं। मीना कुमारी का असली नाम माहजबीं बानो था और ये बंबई में पैदा हुई थीं।
meena kumariउनके पिता अली बक्श भी फिल्मों में और पारसी रंगमंच के एक मँजे हुये कलाकार थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी जिनका ताल्लुक टैगोर परिवार से था । माहजबीं ने पहली बार किसी फिल्म के लिये छह साल की उम्र में काम किया था। उनका नाम मीना कुमारी विजय भट्ट की खासी लोकप्रिय फिल्म बैजू बावरा पड़ा।

मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थे। मीना कुमारी के आने के साथ भारतीय सिनेमा में नयी अभिनेत्रियों का एक खास दौर शुरु हुआ था जिसमें नरगिस, निम्मी, सुचित्रा सेन और नूतन शामिल थीं। 1953 तक मीना कुमारी की तीन सफल फिल्में आ चुकी थीं जिनमें : दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं

परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नया युग शुरु हुआ। परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास प्रभावित किया था चूकि इस फिल्म में भारतीय नारियों के आम जिदगी की तकलीफ़ों का चित्रण करने की कोशिश की गयी थी। लेकिन इसी फिल्म की वजह से उनकी छवि सिर्फ़ दुखांत भूमिकाएँ करने वाले की होकर सीमित हो गयी। लेकिन ऐसा होने के बावज़ूद उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू भारतीय दर्शकों पर हमेशा छाया रहा।

मीना कुमारी की शादी मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही के साथ हुई जिन्होंने मीना कुमारी की कुछ मशहूर फिल्मों का निर्देशन किया था। लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से 1964 में अलग हो गयीं। उनकी फ़िल्म पाक़ीज़ा को और उसमें उनके रोल को आज भी सराहा जाता है । शर्मीली मीना के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कवियित्री भी थीं लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी कवितायें छपवाने की कोशिश नहीं की। उनकी लिखी कुछ उर्दू की कवितायें 'नाज़' के नाम से बाद में छपी।
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1- संगीतकार नौशाद [Musician Naushad]

नौशाद अली (1919-2006) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे । पहली फिल्म में संगीत देने के 64 साल बाद तक अपने साज का जादू बिखेरते रहने के बावजूद नौशाद ने केवल 67 फिल्मों में ही संगीत दिया, लेकिन उनका कौशल इस बात की जीती जागती मिसाल है कि गुणवत्ता संख्याबल से कहीं आगे होती है।
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नौशाद का जन्म 25 दिसम्बर 1919 को लखनऊ में मुंशी वाहिद अली के घर में हुआ था। वह 17 साल की उम्र में ही अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई कूच कर गए थे। शुरुआती संघर्षपूर्ण दिनों में उन्हें उस्ताद मुश्ताक हुसैन खां, उस्ताद झण्डे खां और पंडित खेम चन्द्र प्रकाश जैसे गुणी उस्तादों की सोहबत नसीब हुयी।

उन्हें पहली बार स्वतंत्र रूप से 1940 में 'प्रेम नगर' में संगीत देने का अवसर मिला, लेकिन उनकी अपनी पहचान बनी 1944 में प्रदर्शित हुई 'रतन' से जिसमें जोहरा बाई अम्बाले वाली, अमीर बाई कर्नाटकी, करन दीवान और श्याम के गाए गीत बहुत लोकप्रिय हुए और यहीं से शुरू हुआ कामयाबी का ऐसा सफर जो कम लोगों के हिस्से ही आता है। उन्होंने छोटे पर्दे के लिए'द सोर्ड ऑफ टीपू सुल्तान' और'अकबर द ग्रेट'जैसे धारावाहिक में भी संगीत दिया। मुगले आजम को जब रंगीन किया गया तो उन्हें बेहद खुशी हुई ।

फिल्मी
सफ़र :
अंदाज, आन, मदर इंडिया, अनमोल घड़ी, बैजू बावरा, अमर, स्टेशन मास्टर, शारदा, कोहिनूर, उड़न खटोला, दीवाना, दिल्लगी, दर्द, दास्तान, शबाब, बाबुल, मुगले आजम, दुलारी, शाहजहां, लीडर, संघर्ष, मेरे महबूब, साज और आवाज, दिल दिया दर्द लिया, राम और श्याम, गंगा जमुना, आदमी, गंवार, साथी, तांगेवाला, पालकी, आईना, धर्म कांटा, पाकीजा (गुलाम मोहम्मद के साथ), सन ऑफ इंडिया, लव एंड गाड सहित अन्य कई फिल्मों में उन्होंने अपने संगीत से लोगों को झूमने पर मजबूर किया।

मारफ्तुन नगमात जैसी संगीत की अप्रतिम पुस्तक के लेखक ठाकुर नवाब अली खां और नवाब संझू साहब से प्रभावित रहे नौशाद ने मुम्बई में मिली बेपनाह कामयाबियों के बावजूद लखनऊ से अपना रिश्ता कायम रखा। मुम्बई में भी नौशाद साहब ने एक छोटा सा लखनऊ बसा रखा था जिसमें उनके हम प्याला हम निवाला थे- मशहूर पटकथा और संवाद लेखक वजाहत मिर्जा चंगेजी, अली रजा और आगा जानी कश्मीरी (बेदिल लखनवी)), मशहूर फिल्म निर्माता सुलतान अहमद और मुगले आजम में संगतराश की भूमिका निभाने वाले हसन अली 'कुमार'। यह बात कम लोगों को ही मालूम है कि नौशाद साहब शायर भी थे और उनका दीवान 'आठवां सुर' नाम से प्रकाशित हुआ। पांच मई को 2006 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
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पेश है मीना कुमारी जी की वही नज़्म
जिसकी क्लिप हमने क्विज में दी थी।

पेश है संगीतकार नौशाद जी का वही इंटरव्यू
जिसका एक अंश हमने क्विज में दिया था।

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"सी.एम.ऑडियो क्विज़- 3" के विजेता प्रतियोगियों के नाम
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जिन प्रतियोगियों ने एक जवाब सही दिया
applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
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नव वर्ष आगमन पर आप सभी को अग्रिम शुभ कामनाएं

आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो नए वर्ष की नयी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का पुनः आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
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2 जनवरी 2011, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End