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सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया। कल 'C.M.Picture Quiz-42' में हमने प्रतियोगियों के समक्ष दो बच्चों की तस्वीरें पेश की थीं, और उन बच्चों को पहचानने को कहा था। एक-दो प्रतियोगियों ने आपत्ति जाहिर की की कोई हिंट देना चाहिए था। मित्रों जब हमने पहले ही कह दिया था कि क्विज़ सामयिक होगी तो बताईये तो भला आज क्रिकेट वर्ल्ड कप से बड़ी सामयिक बात क्या है ?
क्विज का सही जवाब था "1- वीरेंद्र सहवाग' और 2- गौतम गंभीर"

भारत में क्रिकेट धर्म का स्वरुप ले चुका है और मामला क्रिकेट वर्ल्ड कप का हो तो भला कौन इसके बुखार से बच सकता है। अभी से धडकनें तेज हो चुकी हैं, रेडिओ और टीवी का बाजार जोरों पर है। लोगों में अभी से सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। हम भी कैसे बचते ? बस दो धुरंधर खिलाड़ियों की तस्वीरें आपके सामने रख दीं। तस्वीरें भी उनकी, जिनके ऊपर पूरे देश वासियों की निगाहें रहेंगी। घरेलू परिस्थतियों और दर्शकों के अपार सहयोग को देखते हुए भारत इस बार विश्व चैंपियन बन सकता है। कोई शक नहीं है कि विश्व कप में भारत की सफलता काफी हद तक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की फार्म पर निर्भर करेगी।

इस बार का क्विज परिणाम अप्रत्याशित रहा। हमें ऐसी आशा जरा भी नहीं थी क्योंकि सही जवाब बहुत ही कम प्रतियोगियों ने दिए। सर्वप्रथम सही जवाब देकर आशीष मिश्रा जी ने प्रथम स्थान हासिल किया। उसके उपरान्त क्रमशः दर्शन बवेजा जी और शिवेंद्र सिन्हा जी ने द्वितीय एवं तृतीय स्थान अर्जित किया।

सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं


अब आईये -
क्विज परिणाम में प्रतियोगियों के विजेता क्रम जानने के साथ ही दोनों
विलक्षण खिलाड़ियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
वीरेंद्र सहवाग [viirendra Sehvag]
माँ की यादों में वीरू का बचपन
सहवाग को घर में प्यार से वीरू कहा जाता था। बचपन से ही वीरू बड़ा शरारती था। दूध का तो खास तौर पर बहुत शौक़ीन था। आये दिन वो दुसरे के हिस्से का भी दूध पी जाया करता था। दूध उसे आज भी बहुत अच्छा लगता है।

एक बार, जब वीरू बहुत छोटा था तब टीवी पर कपिल देव की माँ का इंटरव्यू आ रहा था। सब बच्चे फिल्म देखना चाहते थे लेकिन वीरू अड़ गया कि मुझे यही देखना है।
फिर वह माँ का हाथ पकड़ कर लाया और बोला, 'एक दिन तू भी ऐसे ही इंटरव्यू देगी'. उसकी इस बात पर घर के सभी बच्चें हँस दिए थे।

इसी तरह एक दिन जब सहवाग की माँ स्कूल की टीचर से मिलकर लौटी तो माँ ने वीरू से कहा, तेरी बहनों की टीचर से मिलकर मैं चौड़ी होकर घर आती थी पर तू ने तो मेरा दूध फीका कर दिया।
तब वीरू ने बड़े आत्मविश्वास से कहा था...तू चिंता मत कर एक दिन मैं तेरे दूध का मान रखूँगा।
sehvag भारत का एक बल्लेबाज जिससे दुनिया का हर गेंदबाज खौफ खाता है, वो है वीरेंद्र सहवाग। यह मानना है इमरान खान से लेकर रिचर्ड हेडली और बॉब विलिस के दिल में खौफ पैदा करने वाले विवियन रिचर्ड्स का। अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ युसूफ पठान ने यादगार तूफानी पारो खेलने के बाद पत्रकारों से कहा कि- 'वीरेंद्र सहवाग के बेखौफ अंदाज ने उन्हें इस कदर खेलने के लिए प्रेरित किया।' आज सहवाग के बल्ले का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। तभी तो अपने समय के आक्रामक बल्लेबाज श्रीकांत के बेटे की बात करें या फिर क्रिकेट के भगवान सचिन के बेटे की, दोनों ही सहवाग के जबरदस्त प्रशंसक हैं। वीरेंद्र सहवाग की आक्रामक बल्लेबाज़ी को समूचा क्रिकेट जगत सलाम करता है।

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सहवाग को 2008 में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए ‘विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड’ से सम्मानित किया गया. सहवाग ने इस पुरस्कार को 2009 में भी अपने नाम किया। इसके अलावा वीरू को 2002 में अर्जुन पुरस्कार का सम्मान मिल चुका है।

भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश किया तो विश्लेषकों ने उन्हें सचिन तेंडुलकर की शैली में खेलने वाला बल्लेबाज कहा। जल्द ही सहवाग ने खुद की पहचान बना ली और एक समय वह भी आया, जब उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहा जाने लगा। आज सहवाग भारत के बेहद सफल सलामी बल्लेबाज हैं। सहवाग टेस्ट क्रिकेट में दो बार 300 से ज्यादा रनों की पारी खेल चुके हैं। यह कारनामा करने वाले वे भारत के एक मात्र बल्लेबाज हैं। उनके नाम सबसे तेज तिहरा शतक लगाने का विश्व रिकॉर्ड भी है। नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेट के अपनी स्टाइल अनोखे खिलाड़ी हैं। सहवाग का बल्ला जब गरजता है तो अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों और टीमों के हौसले पस्त हो जाते हैं।

Virender-Sehwagवीरेंद्र सहवाग के अन्तराष्ट्रीय स्तर पर चमकने के बाद पूरे देश के ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले परिवारों में यह विश्वास जगा कि उनके बच्चे भी सहवाग की तरह क्रिकेट में नाम कमा सकते हैं। सहवाग के क्रिकेट कैरियर को संवारने में उनके स्कूली कोच अमरनाथ शर्मा की अहम भूमिका रही।

वीरेंद्र सहवाग सही मायनों में मैच विनर हैं। विकेट पर पहुंचते ही उनका एकमात्र मकसद गेंदों की धुनाई लगाना होता है। इस कारण यह माना जाता है कि वह यदि 18-20 ओवर विकेट पर टिक गए तो मैच का किसी हद तक रुख तय हो जाता है। रनों की रफ्तार धीमी करना शायद सहवाग की डिक्शनरी में नहीं है और यही कारण है कि वह अर्धशतक के करीब हों या शतक के करीब, रन बनाने की रफ्तार एक ही रहती है।

सहवाग की सबसे बड़ी ताकत हमेशा आक्रामक अंदाज में images.jpegबल्लेबाजी करना है और वह किसी भी गेंदबाज को 2-3 ओवरों में ठुकाई लगाकर आक्रमण से हटवाने का माद्दा रखते हैं। जिन गेंदों को आमतौर पर बल्लेबाज डिफेंसिव अंदाज में खेलते हैं, उन्हें भी वह सीमारेखा के बाहर पहुंचाने का दम रखते हैं। वह यदि रंगत में खेल रहे हों तो किसी भी टीम की उनको लेकर बनाई गई रणनीति टांय-टांय फिस्स हो जाती है। अक्सर विकेट पर मौजूदगी से साथी ओपनर का भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मनोबल बढ़ता है। वह छोटी पारी खेलें या लंबी पर अपने ऊपर कभी भी गेंदबाज को हावी होने की छूट नहीं देते हैं और इस कारण अक्सर गेंदबाज उनके सामने असहाय नजर आते हैं। कितने ही रिकॉर्ड उनकी झोली में हैं। बल्ले के साथ-साथ गेंदबाजी से भी वीरू ने दूसरी देशों के बल्लेबाजों को परेशान किया है।

रिचर्डस का तो यहां तक मानना है कि वर्ल्ड क्रिकेट में उनके बाद यदि कोई विस्फोटक बैट्समैन पैदा हुआ है, तो वो है भारत का विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग। क्रिकेट की दुनिया में यही परिचय है सहवाग का और यह माना जाता है कि सहवाग जबतक क्रीज पर मौजूद हैं तो, कोई भी असंभव सा लगने वाला स्कोर बनाया जा सकता है। इस विश्व कप में दुनिया के इस सबसे खतरनाक बल्लेबाज पर भारतीय टीम का सारा दारोमदार होगा। अगर वे क्रीज पर 20-25 ओवर भी टिक गये तो मैच का रुख किस तरफ जाएगा इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

sewhag1वन डे मैचों में 100 से अधिक का स्ट्राइक रेट रखने वाले वीरु के दमदार प्रदर्शन से ही विश्व कप में भारत का भाग्य तय होगा, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। खुद सहवाग का भी वर्ल्ड कप के बार में कहना है कि कि- 'हमारी टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी काफी शानदार है और मैं चाहता हूं कि भारतीय टीम की विश्वकप खिताब जीतने की मुहिम में मैं भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकूं।'

हमें उम्मीद है कि वीरू इस विश्व कप में अपने बल्ले का कमाल जरूर दिखाएँगे।
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गौतम गंभीर [Gautam Gambhir]
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गौतम गंभीर क्रिकेट की दुनिया में नित नयी उंचाईयों को छू रहे हैं
उनके अन्दर एक आग है जो विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ाने और विजयी होकर मैदान से बाहर निकलने पर ही शांत होती है गंभीर जब ओपनिंग करने आते हैं तो वह एक सैनिक की तरह खुद को महसूस करते हैं, जिसका लक्ष्य अपने देश के लिए जीतना होता है उनके अन्दर की यही भावना उन्हें साथी खिलाड़ियों से अलग दिखाती है

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गंभीर से जब ब्रेडमैन के रिकार्ड की बराबरी करने में बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, मैं लक्ष्य या रिकार्ड तय नहीं करता। यदि मैं लक्ष्य तय करूंगा और उन्हें हासिल नहीं कर पाया तो मुझ पर दबाव बनेगा। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता कि मैं ब्रेडमैन का रिकार्ड तोड़ रहा हूं या नहीं। मेरे दिमाग में सिर्फ एक लक्ष्य होता है कि मैं हर संभव कोशिश करके भारत को जीत दिलाऊं और इसी के लिए मैं टीम में शामिल हूं। मैं भाग्यशाली हूं जो देश के लिए खेल रहा हूं और मैं अपने देश की तरफ से अधिक से अधिक रन बनाकर अच्छी शुरुआत देना चाहता हूं।

गौतम गंभीर शहीद भगत सिंह से बहुत प्रभावित हैं उन्हें देश की रक्षा में जुटे सैनिकों से बहुत प्यार है और उनका कहना है कि 'अगर मुझे आज सेना में जाने का मौका मिले तो मैं क्रिकेट छोड़ने को भी तैयार हूँ' यही वजह है कि सामने चाहे शाहिद अफरीदी हों या शेन वाटसन या फिर कोई भी वह भिड़ने से झिझकते नहीं
Gautam-Gambhir उनके कैरियर को संवारने में उनके मामा पवन गुलाटी की बड़ी भूमिका रही है. गंभीर को जगजीत सिंह की ग़ज़लें सुनना अच्छा लगता है गौतम ने सफलता के लिए एक ही मन्त्र अपनाया है कि कड़ी से कड़ी मेहनत करते रहो. वह निरंतर अभ्यास में यकीन रखते हैं और उनकी कोशिश यही रहती है कि कभी अभ्यास से दूरी न बनाओ। टीम में बने रहना है तो रनों का अम्बार लगाते रहो।

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यही कारण है कि गंभीर आईसीसी टेस्ट रेंकिंग में नंबर एक पर पहुंचे. 2009 में आईसीसी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने, वन डे में भारतीय टीम की कप्तानी की व क्रिकेट के तीनों फार्मेट टेस्ट, वन डे और 20-20 में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाने में सफल रहे. इसी वजह से वह आईपीएल-4 की नीलामी में सबसे ऊंचे दाम 11.04 करोड़ रुपये पाने में सफल रहे कप्तानी हो या बल्लेबाजी वह जो भी करते हैं पूरे विश्वास से करते हैं वह साथी खिलाड़ियों के लिए लड़ने वाले 'टीम मैन' हैं इस विश्व कप में उनसे भारतीय टीम के लिए अहम भूमिका भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है और यह गलत भी नहीं है
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सी. एम. पिक्चर क्विज - 42
प्रतियोगिता का परिणाम :
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देर से मिले सही जवाब
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समय सीमा समाप्त हो जाने के उपरान्त हमको सुश्री अदिति चौहान जी के दोनों जवाब सही प्राप्त हुए थे. इसके अलावा राज रंजन जी का भी एक सही जवाब हमको देर में प्राप्त हुआ था. प्रतियोगियों से अनुरोध है कि समय सीमा के भीतर ही क्विज का जवाब देने की कृपा करें. बाद में सही जवाब देने वाले प्रतियोगियों के नाम परिणाम में शामिल करना बहुत असुविधाजनक तो होता ही है साथ ही नियम के विपरीत भी है.
सादर व सस्नेह
congratulations08lo0
applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
applause applause applause
applause applause applause applauseapplauseapplauseapplause applause applause applause
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
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20 फरवरी 2011, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ
यहीं मिलेंगे !


सधन्यवाद
क्रियेटिव मंच
The End
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सोमवार, 20 सितंबर 2010

'श्री सिद्धगिरी म्यूजियम, कोल्हापुर'

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


तीसरी विजय के साथ ही दर्शन बावेजा जी बने
सी एम क्विज चैम्पियन
आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! कल C.M.Quiz -41 के अंतर्गत हमने चार चित्र दिखाए थे और पूछा था कि 'ये चित्र किस संग्रहालय से सम्बंधित हैं ?' क्विज का सही जवाब था -"श्री सिद्धगिरी म्यूजियम कोल्हापुर, महाराष्ट्र"

आदरणीय दर्शन बावेजा जी ने तत्काल ही सही जवाब देकर हमें अचंभित कर दिया ! C.M.Quiz -38 और C.M.Quiz -39 में प्रथम विजेता बनने के बाद दर्शन जी इस बार भी सर्व प्रथम सही जवाब देकर क्रिएटिव मंच क्विज के दूसरे राउंड के पहले चैम्पियन बन गए ! बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रदर्शन के लिए दर्शन बावेजा जी को हार्दिक बधाई !

द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः इंदु अरोड़ा जी और शुभम जैन जी रहीं ! कई प्रतियोगियों को क्विज समझने में दिक्कत हुयी ! उनकी असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं !

साथ ही हम आप सबको सूचित करते हैं कि समय के अभाव के कारण अभी कुछ समय तक क्विज का आयोजन स्थगित रहेगा ! 'सी.एम.क्विज के अगले आयोजन की सूचना हम समय से पूर्व आप सबको दे देंगे !

सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

अब आईये क्विज के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में दिखाए गए इस अनोखे संग्रहालय के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :

[चित्रों को बड़ा करके देखने के लिए उन पर क्लिक करें, सभी चित्र दूसरी विंडो में खुलेंगे ]

श्री सिद्धगिरी म्यूजियम, कोल्हापुर [महाराष्ट्र]
Siddhagiri Museum , Kolhapur [Maharashtra]
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एक ऐसा गाँव जहाँ किसान हल और बैल के साथ खड़े मिलेंगे। गाँव की औरतें कुंए में पानी भरने जाती हुयी दिखेंगी। बच्चे पेड़ के नीचे गुरुकुल शैली में पढ़ाई कर रहे हैं, किसान खेत में भोजन कर रहे हैं और आस-पास पशु चारा चर रहे हैं। गाँव के घरों का घर-आँगन और विभिन्न कार्य करते लोग, लेकिन सब कुछ स्थिर ...ठहरा हुआ फिर भी एकदम सजीव,,,जीवंत। जी हाँ यह सब आपको देखना हो तो महाराष्ट्र के कोल्हापुर जाना होगा।
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महाराष्ट्र में कोल्हापुर को न सिर्फ दक्षिण कीकाशी,’ बल्कि महालक्ष्मी मां के आवास के रूप में भी जाना जाता है। यहां के प्राचीन मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का विषय हैं। कोल्हापुर से केवल दस किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा-सा शांत गांव है - कनेरी, जहां पर बना है देश के प्राचीनतम मठों मेंSiddhagiri Math गिना जाने वाला सिद्धगिरी मठ। सिद्धगिरी मठ के 27वें मठाधिपति श्री काड़सिद्धेश्वर महाराज के शुभ हाथों से ‘श्री सिद्धगिरी म्यूजियम की नींव रखी गई। जुलाई 2007 में इसका उद्घाटन हुआ। आठ एकड़ के खुले क्षेत्र में फैली यह जगह गांव की दुनिया की झलक दिखलाती है। आज पूरे देश में अपने आप में इकलौता और अनूठा म्यूजियम कहलाता है ये सिद्धगिरी म्यूजियम। यहाँ ग्रामीण जिंदगी की छवियों को मूतिर्यो में समेटने की कोशिश की गई है। इस संग्रहालय की स्थापना लन्दन के मैडम तुसॉद मोम संग्रहालय से प्रेरित होकर की गई है।
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संग्रहालय की स्थापना करने वाले सिद्धगिरि गुरुकुल के प्रमुखShree S.S. Kadsiddheshwar Maharaj, Siddhagiri Math
काड़सिद्धेश्वर स्वामी का कहना है कि, "हमने इसकी प्रेरणा 'मैडम तुसॉद संग्रहालय' से ली है, पर यह संग्रहालय महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रभावित है। गांधी जी हर गांव को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अहम स्थान दिलाना चाहते थे। यह संग्रहालय भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की महत्ता को दर्शाता है।"
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संग्रहालय में कई प्राचीन संतों की मूर्तियां हैं। उदाहरण के लिए एक पेड़ के नीचे महर्षि पातंजलि को प्राचीन शैली में कक्षा लेते दिखाया गया है। कुछ ही मीटर की दूरी पर महर्षि कश्यप को एक रोगी का इलाज करते दिखाया गया है। यहां महर्षि कणाद को वैज्ञानिक शोध में लीन देखा जा सकता है, वहीं महर्षि वराहमिहिर ग्रह-नक्षत्रों की दुनिया से अपने शिष्यों को अवगत कराते नजर आते हैं।
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ईंट, पत्थरों से निर्मित इस संग्रहालय में प्रतिमाओं का निर्माण सीमेंट से किया गया है। इसके लिए करीब 80 कुशल मूर्तिकारों की सेवा ली गई। इसके प्रबंधक इसे खुला प्रदर्शन परिसर कहना पसंद करते हैं, जहां की मूर्तियां बारिश, गर्मी आदि को झेलने के बावजूद अपनी चमक बनाए हुई हैं।
[समस्त चित्र जानकारी अंतरजाल से साभार]
part-008 part-027 part-015
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C.M. Quiz - 41
प्रतियोगिता का परिणाम :
1st Winner
2nd Winner
3rd Winner
4th Winner
5th Winner
6th Winner
7th Winner
8th Winner
9th Winner
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applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
applause applause applause
applause applause applause applause applause applause applause applause applause
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है

दर्शन बावेजा जी, इंदु अरोड़ा जी, शुभम जैन जी
आशीष मिश्रा जी, अदिति चौहान जी, इशिता जी
मोहसिन जी, रामकृष्ण गौतम जी, अल्पना वर्मा जी
कृतिका जी, निर्मला कपिला जी, शिवेंद्र सिन्हा जी
आनंद सागर जी, शेखर जी, रजनीश परिहार जी

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
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साथियों फिर किसी रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ
यहीं मिलेंगे ! कार्यक्रम की पूर्व सूचना आपको दे दी जाएगी


सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End