| एक अब नया दीया जलाया जाएगा फिर किसी से दिल लगाया जाएगा चाँद गर साथी न मेरा बन सका साथ सूरज का निभाया जाएगा रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा कर भला कितना भी दुनिया में मगर मरने पे ही बुत बनाया जाएगा आईना सूरत बदलने जब लगे ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा फिर क़रीने से सजा ने एलबम उनको पहलू में बिठाया जाएगा |
| दो तेरे बगैर लगता है, अच्छा मुझे जहाँ नहीं सरसर लगे सबामुझे, गर पास तू ए जाँ नहीं (सरसर - रेगिस्तान की गर्म हवा) (सबा - ठंडी हवा) मैं जल रही थी, मिट रही थी, इंतिहां थी प्यार की अंजान वो रहा मगर, क्यूंकी उठा धुआँ नहीं कल रात पास बैठे जो, हम राज़दार हो गये टूटा है ऐतमाद बस, ये तो कोई ज़ियाँ नहीं (ज़ियाँ – नुकसान) क्यूँ दिल मेरा ये, दिलजलों की नासेहा सुने नहीं माँगा करे दो प्यार के पल, उम्रे जाविदाँ नहीं (नासेहा – नसीहत ) (उम्रे जाविदाँ - लंबी ज़िंदगी ) अंदाज़-ए-सुखन और था “श्रद्धा” ज़ुदाई में तेरी लिख के ग़ज़ल में राज़ सब, कुछ भी किया बयाँ नहीं |
| तीन मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा कौन है पानी में कितने, सब पता हो जाएगा दूरियाँ दिल की कभी जो, बढ़ भी जाएँ तो हुज़ूर तुम बढ़ाना इक कदम, तय फासला हो जाएगा लाए थे दुनियाँ में क्या तुम, लेके तुम क्या जाओगे रिश्ते नाते ज़र ज़मीं सब कुछ जुदा हो जाएगा गर दुआ माँगोगे दिल से, और उस पे हो यक़ी जब बुरा होना भी होगा, तो भला हो जाएगा आरज़ू थी फूल इक, दामन में मेरे जाए खिल सोचती हूँ न हुआ तो, क्या ख़ला हो जाएगा ज़िंदगी का रास्ता होगा, बड़ा काँटों भरा साथ तुम होगे तो “श्रद्धा” हौसला हो जाएगा |
The End
=============