प्रस्तुति :- प्रकाश गोविन्द
एक अब नया दीया जलाया जाएगा फिर किसी से दिल लगाया जाएगा चाँद गर साथी न मेरा बन सका साथ सूरज का निभाया जाएगा रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा कर भला कितना भी दुनिया में मगर मरने पे ही बुत बनाया जाएगा आईना सूरत बदलने जब लगे ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा फिर क़रीने से सजा ने एलबम उनको पहलू में बिठाया जाएगा |
दो तेरे बगैर लगता है, अच्छा मुझे जहाँ नहीं सरसर लगे सबामुझे, गर पास तू ए जाँ नहीं (सरसर - रेगिस्तान की गर्म हवा) (सबा - ठंडी हवा) मैं जल रही थी, मिट रही थी, इंतिहां थी प्यार की अंजान वो रहा मगर, क्यूंकी उठा धुआँ नहीं कल रात पास बैठे जो, हम राज़दार हो गये टूटा है ऐतमाद बस, ये तो कोई ज़ियाँ नहीं (ज़ियाँ – नुकसान) क्यूँ दिल मेरा ये, दिलजलों की नासेहा सुने नहीं माँगा करे दो प्यार के पल, उम्रे जाविदाँ नहीं (नासेहा – नसीहत ) (उम्रे जाविदाँ - लंबी ज़िंदगी ) अंदाज़-ए-सुखन और था “श्रद्धा” ज़ुदाई में तेरी लिख के ग़ज़ल में राज़ सब, कुछ भी किया बयाँ नहीं |
तीन मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा कौन है पानी में कितने, सब पता हो जाएगा दूरियाँ दिल की कभी जो, बढ़ भी जाएँ तो हुज़ूर तुम बढ़ाना इक कदम, तय फासला हो जाएगा लाए थे दुनियाँ में क्या तुम, लेके तुम क्या जाओगे रिश्ते नाते ज़र ज़मीं सब कुछ जुदा हो जाएगा गर दुआ माँगोगे दिल से, और उस पे हो यक़ी जब बुरा होना भी होगा, तो भला हो जाएगा आरज़ू थी फूल इक, दामन में मेरे जाए खिल सोचती हूँ न हुआ तो, क्या ख़ला हो जाएगा ज़िंदगी का रास्ता होगा, बड़ा काँटों भरा साथ तुम होगे तो “श्रद्धा” हौसला हो जाएगा |
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The End
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The End
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श्रद्धा जी के बारे में कुछ नयी जानकारी मिली। वैसे मैं उनकी गजलों का प्रशंसक रहा हूँ। सचमुच वो बहुत अच्छा लिखतीं हैं।
जवाब देंहटाएंतीनों गजलें एक से बढ़कर एक सुन्दर और यादगार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा
आपको धन्यवाद
"मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा
जवाब देंहटाएंकौन है पानी में कितने, सब पता हो जाएगा
दूरियाँ दिल की कभी जो, बढ़ भी जाएँ तो हुज़ूर
तुम बढ़ाना इक कदम, तय फासला हो जाएगा"
बहुत सुन्दर पंक्तिया....तीनो गजले लाजवाब...शुक्रिया आपका...
और क्रिएटिव मंच को धन्यवाद इतने सुन्दर और सुव्यवस्थित कार्यक्रमों के संचालन के लिए....
श्रद्धा जी की गजलें उम्दा हैं जिन्हें पढ़कर अच्छा लगा - शुक्रिया
जवाब देंहटाएंश्रद्धा जी की लेखनी के हम हमेशा से प्रशंसक रहे है। आजकल बैशक कम लिखती है पर जब लिखती है तो कमाल का लिखती है। आपकी पोस्ट में दी गई गजल भी शानदार है।
जवाब देंहटाएंमित्रगणों आज गाँधी जयंती के शुभावसर पर आप सभी से मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ हम सभी भारतीय लोगो में से कितने लोग हैं जो भारत को बदलना चाहते हैं हम खुद पर जिम्मेदारी क्यूँ नहीं उठाते हैं हमने भारत के लिए क्या किया और अगर नहीं तो हमे भारतीय कहलाने का क्या हक़ है हम क्यूँ राजनितिक पार्टयों के हाथ अपने देश को सौंप कर बैठे हैं जबकि आज तक किसी पार्टी ने जनता का भला नहीं केवल अपनी सोची है हम इस देश के लिए क्या कर सकते हैं और हम्मे से कितने कुछ करना चाहते हैं ये मेरा प्रश्न है
जवाब देंहटाएंगांधीजी असली भारतीय थे हम कौन हैं शायद मौकापरस्त लोग हैं हम जो इस देश को सिर्फ गाली दे सकते हैं कृपया खुद से पूछिये क्या हम भारतीय कहलाने लायक हैं ??
बहुत सुंदर जी, अरे बेनामी भाई अपने नाम के संग आओ,
जवाब देंहटाएंश्रद्ध जैन जी की लेखनी कमाल की है सभी गज़लें एक से बढ कर एक हैं मुझे लगता है कि एक ही बार मे 1-2 से अधिक रचनायें पढ कर एक भी याद नहीं रहती इस से अच्छा है कि आप छहे 2-3 बार कर के दें मगर एक बार मे दो से अधिक्र रचनायों के साथ पाठक इन्साफ नहीं कर पाते । ये मेरा विचार है बाकी आप को जैसे अच्छा लगता हो शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंaapakee teeno rachanae bahut hee bhavpoorn hai badhai
जवाब देंहटाएंजिंदगी से रूबरू कराती बेहतरीन गजलें
जवाब देंहटाएंकई शेर ऐसे हैं की सीधे दिल में उतर जाते हैं
मैडम जी के भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनायें
'दूरियाँ दिल की कभी जो, बढ़ भी जाएँ तो हुज़ूर
जवाब देंहटाएंतुम बढ़ाना इक कदम, तय फासला हो जाएगा'
बहुत खूब!
बहुत ही अच्छी गज़लें हैं.
श्रद्धा जी के बारे में भी जाना.
क्रिएटिव मंच का शुक्रिया.
बेहतरीन गजलें ....बधाई
जवाब देंहटाएंअलग अलग रंग मे है सभी गज़ले।
जवाब देंहटाएंकर भला कितना भी दुनिया में मगर
जवाब देंहटाएंमरने पे ही बुत बनाया जाएगा
waah waah ...
रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए
जवाब देंहटाएंफूल आँखों का चढ़ाया जाएगा
मैं जल रही थी, मिट रही थी, इंतिहां थी प्यार की
अंजान वो रहा मगर, क्यूंकी उठा धुआँ नहीं
गर दुआ माँगोगे दिल से, और उस पे हो यक़ी
जब बुरा होना भी होगा, तो भला हो जाएगा
ग़ज़ल के उपरोक्त शेर दिल को छू गए.
श्रद्धा जी की गज़लें काफी पसंद हैं. काफी अच्छा लिखती हैं.
आपने उनके बारे में कुछ नयी जानकारियां दी, आपका हार्दिक आभार.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
अचची रचना..
जवाब देंहटाएंकभी मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
शुभकामनाएं
राकेश झा
http://geetsangrah.blogspot.com/
bahut achcha blog laga aapka .... rachna achchi hai ... hum aapko padne aate rahenge..aap likhte rahiye.........
जवाब देंहटाएंShradhha ji,
जवाब देंहटाएंApki ghazal ki tareef me mere shabd hamesha ho kamzor pad jate hain. Aj bhi mai shabdon se nirdhan sirf WAH keh sakta hun.
Apka anuj
--Mayank
"मुश्किलें आई अगर तो, फ़ैसला हो जाएगा
जवाब देंहटाएंकौन है पानी में कितने, सब पता हो जाएगा
दूरियाँ दिल की कभी जो, बढ़ भी जाएँ तो हुज़ूर
तुम बढ़ाना इक कदम, तय फासला हो जाएगा"
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बहुत सुन्दर जज्बात....तीनों गजलें लाजवाब.... बहुत शुक्रिया आपका...