परिचय स्वास्थ कल्यान विभाग मे चीफ फार्मासिस्ट के पद से सेवानिवृ्त् होने के बाद लेखन कार्य के लिये समर्पित हैं ! 'कला साहित्य प्रचार मंच’ की अध्य़क्ष हैं ! 2004 से विधिवत लेखन प्रारंभ ! अनेक पत्र पत्रिकायों मे प्रकाशन, विविध-भारती जालंधर से कहानी का प्रसारण ! |
तीन पुस्तकें प्रकाशित व अन्य दो पुस्तकें प्रकाशन की दिशा में अग्रसर 1. सुबह से पहले---कविता संग्रह 2. वीरबहुटी---कहानी संग्रह 3. प्रेम सेतु---कहानी संग्रह सम्मान : पँजाब सहित्य कला अकादमी जालन्धर से सम्मान, ग्वालियर सहित्य अकादमी ग्वालियर की से ‘शब्द-माधुरी’ सम्मान, ‘शब्द भारती सम्मान व विशिष्ठ सम्मान, इसके अतिरिक्त कई कवि सम्मेलनो़ मे सम्मानित ! अंतरजाल पर निरंतर सक्रिय हैं और ब्लॉग संचालन भी करती हैं ! |
मेरी तलाश मुझे तलाश थी एक प्यास थी | क्या पाया ये कैसा शँख नाद, कैसा निनाद |
अमर कवितायें कुछ कवितायें कहीं लिखी नहीं जाती |
निर्मला जी की कविताओं को पढना एक सुखद अहसास है,
जवाब देंहटाएंरचनाओं में जो सन्देश है वो हमारी सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है.
निर्मलाजी के लेखन को प्रणाम
आभार सहित
निर्मला जी के बारे में ये सब जानकर अच्छा लगा...मुझे तो निर्मला जी के लेखन में अमृता प्रीतम जी नज़र आती हैं...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
अत्यंत विचार प्रधान और भावपूर्ण कवितायें
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी की रचनाओं में परिपक्वता है
उनसे परिचय कराने के लिए आपको धन्यवाद
निर्मला जी का लेखन यथार्थ पर आधारित है। वे मानव मन की गहराइयों तक जाती हैं। वे ब्लाग जगत की अनूठी उपलब्धि हैं।
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी के बारे में जानकारी देकर श्रेष्ठ कार्य किया है। वे सुलझे हुए विचारों की रचनाकार है, उन्हें मेरी बधाई।
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी की श्रेष्ठ रचनाओं में
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ सामजिक मूल्य भी दिखाई देते हैं !
बहुत अच्छा लगा पढ़कर
धन्यवाद
" बेहतरीन एक से बढ़कर एक रचना है ....किसको श्रष्ठ कहे ये कहेना मुस्किल बन गया | आदरणीय निर्मलाजी को हमारी और से बधाई |"
जवाब देंहटाएं----- एकसाच्चाई { आवाज़ }
http://eksacchai.blogspot.com
धन्यवाद, इस जानकारी के लिये
जवाब देंहटाएंअंत जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरी रचनाओं से पाठकों को रुबरू करवाने के लिये। और सभी पाठकों का धन्यवाद मेरे रचनाओं को सराहने के लिये और खुशदीप जी से कहूँगी कि मुझे अमृ्ता जी की जगह पहुँचने मे शायद कई जन्म लेने होंगे फिर भी उन्हों ने इतना बडा सम्मान दिया उनकी तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। सभी का फिर से धन्यवाद
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई ने बहुत हद तक सच कहा है,,, मैं समर्थन करता हूँ...
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी की कविताओं से गुजरना एक सतत आत्मिक यात्रा है..और हाँ..ब्लॉगजगत में पोस्ट और कमेंट्स ही हैं जिनसे किसी को जाना जा सकता है तो इस आधार पर कह सकता हूँ कि निर्मला जी बेहद आत्मीय रही हैं..निर्मला जी को अनगिन बधाइयाँ...
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी की रचनाएँ गहन भाव लिए होती हैं.यहाँ प्रस्तुत सभी रचनाएँ पसंद आयीं.
जवाब देंहटाएंइन अद्भुत रचनाओं को पढ़वाने के लिए निर्मला जी और सीएम टीम का आभार.
निर्मला जी की रचनाओं का जबाब नहीं .. बहुत बढिया लिखती हैं वो .. फिर से पढवाने का शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंआपके माध्यम से इन रचनाओं को आज दुबारा पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ, आभार सहित बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत धीर-गंभीर रचनाएं हैं
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी की कविताओं में बहुत गहराई है
एक सम्पूर्ण चिंतन का भाव है
अत्यंत पठनीय रचनाएं ... आपके इस स्तम्भ की वजह से हम अच्छे रचनाकारों से मिल कर उन्हें जान पाते हैं, इसके लिए आपका आभार
श्रीश पाठक 'प्रखर', जी से पूरी तरह सहमत हूँ कि 'निर्मला जी की कविताओं से गुजरना एक सतत आत्मिक यात्रा है..'
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा निर्मलाजी को जानना और रचनाओं को पढना ..आपको बहुत धन्यवाद
बहुत विस्तृत जानकारी दी आपने आदरणीय निर्मला जी के बारे में,
जवाब देंहटाएंउनकी रचनाओं का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूँ........
आपका हार्दिक आभार उनकी तमाम रचनाओं / कविताओं से रूबरू करवाने के लिए........
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
bahut bahut shukria;
जवाब देंहटाएंaapka manch aur isse jude rachanakaar aur unki rachnayein sabhi qabile-tareef hein.
निर्मला जी की कविताएँ ब्लॉग पर पढ ही रहे है यहाँ भी पढ़कर अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंअब कई साधु सँतों की दुकानों पर
जवाब देंहटाएंतेरा नाम भी बिकने लगा है.nice
Nirmala ji ke baare mein padh kar bahut achcha laga
जवाब देंहटाएंhamesha hi unki kavitayen man ko bheetar tak chhuti rahi hai
ue bhi bahut pasand aayi
हर कविता में एक ज़िन्दगी है,उसकी बोलती साँसें हैं........बहुत ही अच्छा लगा उन्हें सुनना
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी को कई बार अंतर्जाल पर पढ़ा, पर यहाँ पर उनके बारे में जाना भी...आभार.
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी की इतनी बेहतरीन कविताएं पढ़वाने के लिये आभारी हूँ..सारी एक से एक हैं..खासतौर पे पहली वाली तो बार-बार पढ़ने का जी करता है
जवाब देंहटाएंनिर्मला कपिला जी की कवितायें पठनीय तो हैं ही साथ ही प्रेरणादायक भी !
जवाब देंहटाएं'क्या पाया' और 'अमर कवितायेँ' बेहतरीन हैं !
आभार