सोमवार, 3 जनवरी 2011

हास्य-कवि काका हाथरसी और शैल चतुर्वेदी

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं --- क्रिएटिव मंच
'नूतन वर्ष करें अभिलाषा, नयी उमंगें नयी हो आशा,
मिलजुल कर रहें सदा, बोलें बस एक प्यार की भाषा'
नव वर्ष में हर दिन हो खुशियों की भरमार,
हो निर्मल मन नेक इरादे पायें सबका प्यार
-----अल्पना वर्मा-----
प्रिय साथियों
नमस्कार !!!
हम आप सभी का क्रिएटिव मंच पर अभिनन्दन करते हैं।

'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 4' आयोजन में भाग लेने वाले सभी विजेताओं और अविजेताओं को बधाई। नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ कल की मनोरंजक क्विज़ पर मिली जुली प्रतिक्रियां मिलीं।

जहाँ एक और शेखर सुमन जी ने काका हाथरसी जी की आवाज़ पहचानने के लिए बहुत जद्दोजहद की, वहीँ मनीष कुमार जी, राजेंद्र जी और राणा प्रताप जी ने इन दोनों आवाजों को सुनते ही पहचान लिया। प्रथम स्थान पर आयीं शुभम जैन जी ने भी दोनों सही जवाब अपनी उपस्थति दर्ज कराते ही दे दिए थे।

अनामिका जी और रजनीश जी आपने दोनों जवाब एक साथ भेजे थे जिनमें एक गलत और एक सही था। अगर आप अपने जवाब के साथ निश्चित नहीं हैं तो अलग दें ताकि ग़लत होने की स्थिति में हम उन्हें प्रकाशित कर सकें और आप को मालूम हो जाये कि जवाब ग़लत था।

अब 'बँटी मास्टर स्ट्रोक' महाशय से अनुरोध है, जिन्होंने ऑडियो क्विज़ के सही जवाब को क्विज़ की समय सीमा ख़तम होने से पहले ही अपने ब्लॉग पर सार्वजानिक कर दिया। उन महाशय से हम अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हैं और उनके जवाब सही होते हुए भी हम उनकी प्रतिभागिता को स्वीकार नहीं कर रहे और उनकी प्रविष्टि निरस्त कर दी गयी है।

अनुरोध है कि आप भाग लेना चाहते हैं तो आप यहाँ जवाब दीजिये परन्तु सही जवाबों को समय सीमा से पूर्व सार्वजानिक स्तर पर बता कर क्विज़ का मजा खराब न करें। हमें इस क्विज़ को तैयार करने में ख़ासी समय और मेहनत लगती है, हम सिर्फ मनोरंजन हेतु यह कार्य कर रहे हैं। कोई नाम, दाम या लोभ नहीं है। आशा है आप हमारी बात को समझेंगे।

अपना स्नेह बनाये रखिये। आप की प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी। आप से अब अगले रविवार 'सी.एम.ऑडियो क्विज- 5' के साथ मुलाकात होगी।
समस्त विजेताओं व प्रतिभागियों को
एक बार पुनः बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

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अब आईये -
''सी.एम.ऑडियो क्विज-4' के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में दिए गए दोनों दिग्गज हास्य कवियों के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
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1- काका हाथरसी [ Kaka Hathrasi ]
काका हाथरसी, हिन्दी हास्य व्यंग कविताओं के पर्याय हैं। kaka_hathrasiसन 1906 में हाथरस में जन्मे काका हाथरसी ( असली नाम: प्रभुनाथ गर्ग ) हिंदी हास्य कवि थे। उनकी शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही, आज भी अनेक लेखक और व्यंग्य कवि काका की रचनाओं की शैली अपनाकर लाखों श्रोताओं और पाठकों का मनोरंजन कर रहे हैं।

व्यंग्य का मूल उद्देश्य मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में व्याप्त दोषों, कुरीतियों, भ्रष्टाचार और राजनीतिक कुशासन की ओर ध्यान आकृष्ट करना है। इस तरह से व्यंग्य लेखक समाज सुधार की प्रक्रिया में एक अमूल्य सहयोग देता है। इस विधा के निपुण विद्वान थे काका हाथरसी, जिनकी पैनी नज़र छोटी से छोटी अव्यवस्थाओं को भी पकड़ लेती थी और बहुत ही गहरे कटाक्ष के साथ प्रस्तुत करती थी। ठहाके और वाह-वाह उनके आगे-पीछे चलते थे। काका बहुत सरल, उदार और जीवंत थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि वे एक अच्छे संगीतज्ञ और चित्रकार भी थे। मन होता तो बंसी बजाते, हारमोनियम पर कोई सरगम सुनाते, तानपुरे के तार खींचते, कभी मस्ती में आकर ठुमके भी लगाते, अच्छे नर्तक जो थे।

काका हाथरसी ने 50 वर्षों तक हिंदी कवि सम्मेलनों के मंचों पर राज किया। हिंदी-हास्य को काका ने जितनी लोकप्रियता प्रदान की है, उतनी हिंदी व्यंग्य-विनोद के अन्य किसी कवि ने नहीं की। हास्य के नाम पर फूहड़पन और चुटकुलेबाज़ी को देखकर काका हाथरसी के शालीन हास्य को लोग आज भी याद करते हैं. 1995 में दिवंगत काका हाथरसी का हिंदी हास्य-व्यंग में अविस्मरणीय योगदान उनकी सदा याद दिलायेगा।
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2- शैल चतुर्वेदी [ Shail Chaturvedi ]
शैल चतुर्वेदी का नाम सुनते ही मन में उनकी shail ji.psdतस्वीर उभर आती है, ऊंचा डील-डौल, भारी शरीर, चेहरे पर हर वक्त मुस्कुराहट और चुटीले संवाद। मशहूर हास्य कवि, गीतकार, व्यंग्यकार और अभिनेता शैल चतुर्वेदी जी का नाम हम सभी के लिए जाना-पहचाना है।

शैल चतुर्वेदी की कविताओं को 70 और 80 के दशक में बहुत प्रसिद्धि मिली। जब रंगीन टीवी भारत में अपना स्थान बना रहा था, उस वक़्त शैल चतुर्वेदी अक्सर टीवी पर नज़र आते थे। शैल चतुर्वेदी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राध्यापक के रूप में अपने करियर की शुरूआत की। लोग उनकी समसामयिक और राजनीतिक व्यंग से लोटपोट हो जाते थे। कविताओं की लाइन लिखते-लिखते न जाने कब श्री चतुर्वेदी राज्य और फिर राष्ट्रीय स्तर के कवि बन गए। उन्होंने चुटकुलों को छंद-कविताओं का रूप दिया और न जाने कब ये कविताएं देशभर में रसिक श्रोताओं के दिलोदिमाग में छा गईं।

शैल जी न सिर्फ कविताएं लिखीं, बल्कि गोपाल व्यास, काका हाथरसी और हुल्लड़ मुरादाबादी की काव्य परंपरा को विकसित करने में भी योगदान दिया। उन्होंने हास्य-कविताओं के माध्यम से हिंदी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में भी काफी काम किए हैं। उनकी कई कृतियां प्रकाशित हुईं, जिनमें से एक ‘चल गई’ पूरी दुनिया में खूब चली। इसके लिए उन्हें ‘काका हाथरसी सम्मान’ और ‘ठिठोली पुरस्कार’ भी मिल चुका है।

शैल चतुर्वेदी ने कई हिंदी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में अभिनय किया था जिनमें उपहार, चित्तचोर,चमेली की शादी, नैया, हम दो हमारे दो, नरसिम्हा औऱ क़रीब आदि शामिल हैं। 71 वर्षीय चतुर्वेदी ने मुंबई में अंतिम सांस ली। उम्र की अंतिम दहलीज तक उनका उद्देश्य दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना ही रहा।
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मंच पर काव्य-पाठ
काका हाथरसी जी
शैल चतुर्वेदी जी
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"सी.एम.ऑडियो क्विज़- 4" के विजेता प्रतियोगियों के नाम
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applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन मनोरंजन के साथ साथ ज्ञानवर्धन का एक प्रयास मात्र है !

अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें ज़रूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का पुनः आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया.
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9 जनवरी 2011, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End


रविवार, 2 जनवरी 2011

सी.एम.ऑडियो क्विज़ [क्रमांक- चार] - "सुनें और बताएं"

happy-new-year-celebration
"God gives You..
12 Month of Happiness,
52 Weeks of Fun,
365 Days Success,
8760 Hours Good Health,
52600 Minutes Good Luck,
3153600 Seconds of Joy..and that’s all!"

'नूतन वर्ष करें अभिलाषा, नयी उमंगें नयी हो आशा,
मिलजुल कर हम रहें सदा, बोलें बस एक प्यार की भाषा'

नव वर्ष में हर दिन हो खुशियों की भरमार,
हो निर्मल मन नेक इरादे पायें सबका प्यार
--- अल्पना वर्मा---

सभी साथियों/पाठकों/प्रतियोगियों को सप्रेम नमस्कार

सी.एम.ऑडियो क्विज़ कार्यक्रम में आप सबका स्वागत है।

इस नए वर्ष 2011 की यह पहली क्विज़ है। हम नए साल की शुरुआत आपके साथ हँसते-मुस्कुराते हुए
करना चाहते हैं, ताकि पूरे साल बस यूँ ही चेहरे पर मुस्कान कायम रहे। तो लीजिये आज इस श्रृंखला की
चौथी कड़ी में हम आपको दो श्रेष्ठ हास्य कवियों की आवाजें सुनवा रहे हैं।

आप नीचे दी हुई दोनों आडियो क्लिप्स सुनिये
और पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब दीजिये।


सही जवाब देने की समय सीमा सोमवार, 3 जनवरी दोपहर 2 बजे तक है।


इन दो आडियो क्लिप्स को ध्यान से सुनकर बताईये कि :
Q.1- यह किस प्रसिद्ध कवि की आवाज है ?

Q.2- यह किस प्रसिद्ध कवि की आवाज है ?

आप दोनों प्रश्नों के जवाब अलग अलग टिप्पणियों में लिख सकते हैं,
जिससे ग़लत टिप्पणी को प्रकाशित करने में आसानी होगी।
'life is short, live it to the fullest'

सूचना :
आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों ! माडरेशन ऑन रखा गया है, इसलिए केवल ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे ! सही जवाबों को समय सीमा से पूर्व प्रकाशित नहीं किया जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि सोमवार दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा ! क्विज़ का परिणाम कल यानि सोमवार ३ जनवरी को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !
----- क्रिएटिव मंच



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