प्रस्तुति - प्रकाश गोविन्द
संसार में जहाँ ढेरों समस्याएँ मनुष्य ने अपने लिए पैदा कर ली हैं, वहीं प्रकृति ने हमें सुकून देने के लिए पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदी, सरोवर, झरने दिए हैं ताकि हम उन्हें देखकर कुछ सीख सकें। ये सुंदर-सुंदर पक्षी हमारे मन को असीम खुशियाँ देते हैं, वहीं यह सीख भी देते हैं कि हम इसे पत्थरों की दुनिया न बनाएँ ... इसे इंसानों के रहने लायक दुनिया बनाएँ ... और इस खुले आसमान को हम परिंदों के लिए छोड़ दो ... ज़मीं के ऊपर यह नीला आसमां हमारा है ....
--------------------------------------- उड़ना मन मत हार सुपर्णे उड़ना मन मत हार उड़ना पंख पसार सुपर्णे उड़ना पंख पसार.... --------------------------------------- |
साभार--गूगल इमेज