सोमवार, 16 नवंबर 2009

धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक आधार (2)

-- इंजीनियर श्री सी० पी० सक्सेना

earth-magfield


दक्षिण - दिशा की ओर पैर करके सोना वर्जित क्यूँ ?


सभी पढ़े-लिखे व्यक्ति यह जानते हैं कि दो चुम्बकों को पास ले जाने पर उत्तरी ध्रुव दक्षिणी ध्रुव को तथा दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव को अपनी ओर खींचते हैं तथा सामान ध्रुवों को परस्पर पास ले जाने पर वे एक दुसरे को दूर धकेलते हैं !

चुम्बक की एक यह भी विशेषता है कि यदि दो असमान चुम्बक यानी एक बड़े तथा दुसरे छोटे चुम्बक को पास में इस प्रकार बाँध कर रख दिया जाए कि दोनों का उत्तरी ध्रुव, उत्तरी ध्रुव की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव की ओर रहे तो लगभग 300 दिनों बाद दोनों चुम्बकों को खोलकर उनकी जांच करने पर ज्ञात होता है कि छोटे चुम्बक की चुम्बक शक्ति समाप्त हो गयी है !


सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी, जिस पर हम लोग निवास करते हैं, काफी शक्तिशाली चुम्बक है जिसके दोनों छोर उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव कहलाते हैं ! मनुष्य के शरीर में भी चुम्बक शक्ति ही कार्य करती है, जिसका उत्तरी ध्रुव मस्तिष्क की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव पैर के तलवे की ओर रहता है ! यदि मनुष्य दक्षिणी की ओर पैर करके सोयेगा तो मनुष्य का उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव की ओर हो जाएगा ! हमारे शरीर का चुम्बक पृथ्वी के चुम्बक की तुलना में बहुत छोटा एवं कम शक्तिशाली है ! इसकी चुम्बकीय शक्ति दिन व दिन क्षीण होती जायेगी ! तरह-तरह की बीमारियाँ घेरने लगेंगी तथा स्मरण शक्ति भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगेगी !


कुछ विद्वानों का तो यह भी मानना है कि लगातार 300 दिन दक्षिण की ओर पैर करके सोया जाए तो मनुष्य में पागलपन के लक्षण उभरने लगते हैं ! शरीर में जब तक चुम्बक शक्ति भली-भांति कार्य करती है तब तक मनुष्य का जीवन, जीवन है इसके समाप्त होने पर मनुष्य मृत्यु को प्राप्त हो जाता है ! यही कारण है कि मनुष्य को मरने के बाद दक्षिण दिशा की ओर पैर करके लिटा दिया जाता है ताकि यदि उसके शरीर में चुम्कीय शक्ति कार्य कर रही हो जिसके कारण मनुष्य के शरीर में किसी प्रकार की तकलीफ महसूस हो रही हो तो वह भी समाप्त हो जाए और मनुष्य शांतिपूर्वक प्राण त्याग कर मृत्यु को प्राप्त कर सके !



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The End
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16 टिप्‍पणियां:

  1. Nice Information
    thanks

    - R.K.

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  2. अब यह केसे पता चले की दक्षिण दिशा कोन सी है ओर उतए दिशा कोन सी

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  3. रोचक तथ्य!!


    @ भाटिया जी, बचपन में नहीं पढ़े क्या कि सूरज जहाँ से निकलता है, उस दिशा में मूँह करके खड़े हो जाओ और ये गाना गाओ:

    सामने पूरब, पीठ पीछे पश्चिम,
    बाये हाथ उत्तर, दायें हाथ दक्षिण!!


    :)

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  4. .
    .
    .
    ज्यादा क्या कहूँ, पिछली पोस्ट पर की टिप्पणी को अभी तक आपके जवाब का इंतजार है।
    बस इतना ही आग्रह करूंगा कि कोई वैज्ञानिक संदर्भ दे सकते हैं? अपने उपरोक्त कथनों का...क्योंकि जो बात आप कह रहे हैं... यदि सही है... तो हमारे शहरों और मकानों के नक्शे बदलने की जरूरत है।

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  5. क्रिएटिव मंच जी मुझे बहुत खुशी हुई यह जानकर कि अनजाने में ही सही पर हम सही दिशा में सोते हैं.
    और हमें माफ़ करिए कि हम हमारे पुराने दोस्तों को भूल गए थे......

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  6. बहुत तथ्यपूर्ण एवं उपयोगी जानकारी.
    हम सब पढ़ते और सुनते तो हैं किन्तु इन सबके वैज्ञानिक आधार नहीं पता होते. इंजीनियर साहब ने बहुत ही अच्छी तरह से आज बताया
    आभार

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  7. आपकी तरफ से निरंतर एक से बढ़कर उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारियां दी जा रही हैं
    बहुत बहुत धन्यवाद

    धन्यवाद उड़न तस्तरी जी का भी ..... आखिर उन्होंने सभी को पूरब -पश्चिम का ज्ञान दिया :)

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  8. आपका मिशन बढ़िया है .... स्वागतयोग्य
    चेतना और ज्ञान का यह कार्यक्रम यूँ जारी रखिये
    शुभ कामनाएं

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  9. इस तरह की जानकारी देकर आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं ! पश्चिमी सभ्यता से चौन्धियाये बहुत से लोग आलोचना करेंगे परन्तु आप सिलसिला जारी रखिये ...इंजीनियर सी पी सक्सेना जी को धन्यवाद
    उड़न तस्तरी जी को मेरा भी धन्यवाद .... मुझको भी आज ही पता चला पूरब और उत्तर के बारे में :)

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  10. भाई जबाब जरुर देना हम लगभग पु्र्व की तरफ़ सर कर के पश्चिम की ओर पेर कर के सोते है, ओर बच्चे उत्तर की ओर सर ओर दक्षिण की ओर पेर कर के सोते है, क्या यह सही है? समीर जी बाहर से तो पता चल जाता है, लेकिन घर के अंदर सही दिशा तो कंपास से ही पता चल सकती है:)
    धन्यवाद

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  11. bahut badhiya jaankari di aapne
    aisi hi aur bhi baaten bataate rahiye
    shukriya

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  12. जानती तो थी यह बातें ........ सब कहते भी थे लेकिन इसका कारण आज ही पता चला ! आपने बहुत अच्छी तरह से बताया ...... आपको थैंक्स
    उड़न तस्तरी जी ने दिशाओं का ज्ञान तो बता दिया लेकिन सूरज को निकलता हुआ देखने के लिए बहुत जल्दी उठाना पड़ेगा जो की बहुत मुश्किल है :)

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  13. @Raj sir ,mere VAstu ke thode bahut gyan ke anusaaar mera maNna hai ki paanv kabhi bhi dakshin mein kar ke nahin sona chaheeye..[bahut majboori ho to alg baat hai]

    --ise asaani se samjhane ke liye... aisa kaha jata hai--ki uttar mein kuber ka ghar hota hai--aur dakshin mein yamraaj ka...

    ---
    poorab mein sir karke sona bahut achchha mana jata hai--
    -----------
    Baki jahan aap ko theek neend aaye waise so jayen....sab se asaan tareeka..:)

    lekin agar vastu manNe mein kuchh nuksaan nahin hai to maan lena chaheeye...

    [ek-do vastu tips Ajma kar dekhen..]

    जवाब देंहटाएं

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