क्या 2012 में दुनिया ख़त्म हो जायेगी ? क्या 'माया' सभ्यता की भविष्यवाणी सच होगी ? इन सवालों ने लोगों को उलझा दिया है ! |
माया सभ्यता का कैलेण्डर : 2012 के दिसंबर में दुनिया के ख़त्म होने की बात सबसे पहले 'माया' सभ्यता के कैलेण्डर में कही गयी ! 2000 ईसा पूर्व इस मेसो अमेरिकन सभ्यता की सबसे बड़ी खासियत इसका खगोलीय ज्ञान थी ! इस सभ्यता ने शुक्र को आधार बनाकर भविष्यवाणी कीं ! इस सभ्यता ने चंद्रमा से धरती की दूरी और विभिन्न ग्रहों की स्थिति की इतनी सटीक जानकारी दी कि वैज्ञानिक भी हैरत में हैं ! लेकिन इस सभ्यता का कैलेण्डर दिसंबर 2012 तक ही है ! कई वैज्ञानिकों ने अर्थ निकाला कि इस सभ्यता के मुताबिक 2012 तक दुनिया ही ख़त्म हो जायेगी ! ************************************************************ नास्त्रेदामस की भविष्यवाणी :चर्चित भविष्यवेत्ता नास्त्रेदामस की भविष्यवाणी समझने वाले कई लोगों का मानना है कि उसमें भी 2012 तक दुनिया के ख़त्म हो जाने की बात कही गयी है ! 2012 दिसंबर तक एक ख़ास परिस्थिति बनेगी और शैतानी ताकत चरम पर होगी ! ************************************************************ बाइबल का इशारा :बाइबल पर अध्ययन करने वाले कुछ लोगों का मानना है कि ईश्वर और शैतान के बीच अंतिम और निर्णायक लड़ाई का दिन 2012 में ही तय हुआ है ! चीन की किताब 'आई चिंग' में भी यही बात कही गयी है ! ************************************************************ वैज्ञानिक तथ्य : सूर्य की आंधी - - यूरोप के कुछ वैज्ञानिकों के मुताबिक़ सूर्य से समय-समय पर बड़े स्तर ऊर्जा की आंधी सी छूटती है ! हाल में कईबार इस आंधी ने पृथ्वी पर उथल - पुथल मचाई है ! इस दौरान पावर ग्रिड फेल हो गई और मोबाइल टावर ठप्प पड़ गए ! आगे चलकर इसका और भी विकराल रूप देखने को मिल सकता है, जो संभवतः 2012 में घटित हो ! ************************************************************ सबसे बड़े ज्वालामुखी में विस्फोट :अमेरिका के यलोस्टोन नेशनल पार्क के वैज्ञानिक चिंतित हैं ! यहाँ दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी सुप्तावस्था में है ! यह हर 650000 वर्ष बाद फटता है ! यह अवधि पूरी हुए एक अरसा बीत गया है ! अगर यह फटा तो पूरी दुनिया इसकी राख से ढक जायेगी ! सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंचेगीं और एक नए हिमयुग की शुरुआत हो जायेगी ! ************************************************************ धरती का चुम्बकीय क्षेत्र :कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी का उत्तरी और दक्षिणी चुम्बकीय क्षेत्र प्रत्येक 75 हजार साल बाद अपने स्थान बदलता है ! इस बार 30 हजार साल ज्यादा हो गए हैं और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र तेजी से बदल रहे हैं ! जल्दी ही सौ वर्षों के लिए चुम्बकीय क्षेत्र ही ख़त्म हो जाएगा ! अल्ट्रा वायलेट किरणों का विकरण समूची सभ्यता को समाप्त कर देगा ! ************************************************************ क्या कहते हैं भारतीय ज्योतिषी :ज्योतिषाचार्य डा० नरेन्द्र तिवारी के मुताबिक 2012 में दुनिया ख़त्म नहीं होने जा रही है ! 2012 में शनि उच्च को जाएगा और गुरु मंगल के घर में उसके सामने होगा ! यह स्थिति अच्छी होगी ! आचार्य प्रदीप तिवारी के अनुसार 2012 में एक बड़ी आपदा के संकेत जरूर दिख रहे हैं, लेकिन दुनिया तबाह नहीं होगी ! ************************************************************ नासा भी सहमत नहीं : नासा ने कहा है कि प्लैनेट एक्स के दिसंबर 2012 में पृथ्वी से टकराने से यहाँ जीवन का अस्तित्व समाप्त होने का कोई खतरा नहीं है ! |
The End
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