गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

मालगुडी डेज, ब्योमकेश बक्शी, तेनालीरामा, मिर्ज़ा ग़ालिब, भारत एक खोज

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द

===========================
'C.M.Quiz - 18' का परिणाम
===========================
रेखा जी बनीं चैम्पियन

नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !

कल 'C.M.Quiz -18' के अंतर्गत हमने पांच चर्चित टीवी सीरियल तस्वीरें दिखाई थीं और प्रतियोगियों से उन्हें पहचानने के लिए कहा था ! कई प्रतियोगियों ने सीरियल पहचान लिए, तो कई ने अभिनेताओं को पहचान लिया ! पूरी तरह सही जवाब सिर्फ और सिर्फ दो लोगों ने दिए ! हमारे लिए बेहद प्रसन्नता की बात ये भी रही कि आज एक और प्रतियोगी को चैम्पियन बनने का गौरव प्राप्त हुआ ! आज के प्रतियोगिता परिणाम के साथ ही क्रिएटिव मंच को एक सुपर चैम्पियन (सुश्री अल्पना वर्मा जी) और दो चैम्पियन (सुश्री शुभम जैन जी एवं सुश्री रेखा प्रहलाद जी) मिल गयीं ! अभी तक एक भी पुरुष का इस लिस्ट में नाम शामिल होना हैरत की बात है !
चैम्पियन बनने पर रेखा जी को बहुत-बहुत बधाई !
C.M.Quiz - 18 का सही जवाब :
1. मालगुडी डेज (अनंत नाग) 2. ब्योमकेश बक्शी (रजित कपूर)
3. तेनालीरामा (विजय कश्यप) 4. मिर्ज़ा ग़ालिब (नसीरुद्दीन शाह)
5. भारत एक खोज (रोशन सेठ)
1
मालगुडी
डेज
प्रसिद्ध फिल्मकार शंकर नाग ने आर.के.नारायण की कहानियों पर आधारित टीवी धारावाहिक मालगुडी डेज का निर्माण किया था। यह धारावाहिक बेहद लोकप्रिय हुआ। इस धारावाहिक की एक विशेषता यह भी थी कि इसमें मालगुडी से जुडे कई रेखाचित्रों को आर.के. लक्ष्मण ने बनाया था। भारतीय अंग्रेजी लेखकों में आर.के.नारायण सर्वाधिक लोकप्रिय रचनाकारों में से एक हैं जिन्होंने मालगुडी डेज जैसी रचनाओं के जरिए भारतीय चरित्रों और परिस्थितियों को बेहद सरस एवं रोचक शैली में पेश करने में महारथ हासिल की। मालगुडी ब्रिटिश शासनकाल का एक काल्पनिक नगर है। इसके सारे पात्र खांटी भारतीय चरित्र हैं और सबकी अपनी विशिष्टताएं हैं। इसे नारायण की किस्सागोई शैली का कमाल कहा जा सकता है. मालगुडी से जुडे पात्रों को पढते हुए पाठकों को अपने जीवन के कुछ अंश नजर आते हैं। जीवन की वास्तविकताओं को उन्होंने इनके माध्यम से इतने सशक्त रूप से पेश किया है कि वे कालजई रचनाएं हो गई हैं।
************************************************************

ब्योमकेश
बक्शी
2
ब्योमकेश बंगाली उपन्यासकार शरदेन्दु बंद्योपाध्याय के द्वारा लिखे बंगाली जासूसी उन्यासों का एक काल्पनिक चरित्र है। वकील से साहित्य -कार बने शरदिंदु बंद्योपाध्याय पर शेरलोक होम्स, फादर ब्राउन आदि लेखकों का बहुत प्रभाव था। 54 एपिसोड वाले इस सीरियल को 1993 में बसु चटर्जी ने निर्देशित किया था ! ब्योमकेश बक्शी (रजित कपूर)यानी सत्यान्वेषी यानी सत्य की खोज करने वाला। ब्योमकेश बक्शी अपने मित्र अजित बनर्जी (के.के.रैना) के साथ रहता है जो कि एक लेखक है। अपराध से जुड़े जटिल अनसुलझे केसों को ब्योमकेश अपनी गहरी दृष्टि और बुद्धि कौशल से सहज ही सुलझा लेता है। दूरदर्शन पर दिखाए गये जासूसी धारावाहिकों में यह अब तक का सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है।
************************************************************
3

तेनालीराम
दक्षिण भारत में महाराज कृष्ण देव राय व तेनालीराम के किस्से कुछ उसी प्रकार लोकप्रिय हैं जैसे उत्तर भारत में शाहंशाह अकबर और बीरबल के। राजा कृष्णदेव राय अच्छी सामाजिक व्यवस्था और उचित न्याय के कारण अपनी प्रजा में अत्यंत लोकप्रिय थे। दूर देश के पंडित भी अपने जटिल प्रश्नों को लेकर राजदरबार में आया करते थे। उन चुनौती भरे प्रश्नों का समाधान अकेले तेनाली राम अपने चातुर्य से कर दिया करते थे. तेनालीराम के तमाम किस्से उनकी चतुराई और तीक्ष्ण बुद्धि के परिचायक हैं। इन किस्सों को पढ़ने से निश्चय ही सोचने-विचारने की क्षमता तो बढ़ती ही है, साथ ही भरपूर मनोरंजन भी होता है। इन्हे दक्षिण का बीरबल भी कहा जाता है. तेनालीराम विपरीत परिस्थि तियों को भी अपने पक्ष में कर लेता था। उसकी कार्यशैली कुछ ऐसी थी कि काम भी निकल जाता और किसी का नुकसान भी नहीं होता, बल्कि लोग हंसने को विवश हो जाते।
************************************************************

मिर्जा
ग़ालिब
4

तकरीबन दो दशक पहले गुलज़ार ने मूवी हाउस के बैनर तले सीरियल मिर्ज़ा गा़लिब बनाया था...नसिरुद्ददीन शाह ने मिर्ज़ा गा़लिब का किरदार अदा किया था...और रिसर्च का काम क़ैफ़ी आज़मी और गुलज़ार ने मिलकर किया था... संगीत जगजीत सिंह का था जो आज भी गुनगुनाया जाता है ... सीरियल तो खूबसूरत है ही, स्क्रिप्ट भी संजोकर रखने वाली है. उर्दू अदब में यूँ तो बडे - बडॆ उस्तादों ने शायरी को नए मकाम तक पहुंचाया , लेकिन मिर्ज़ा असदुल्लाह खां ’गालिब’ का अंदाज़ ही निराला है । गालिब के शेर सिर्फ़ मोहब्बत की शायरी की शिनाख्तगी ही नहीं हैं । उनका सारा फ़लसफ़ा इस दुनिया में आज भी उतना ही चलन में है , जितना शायद उनके दौर में रहा हो । गालिब की शायरी में हमें अपने आसपास के हर रंग की मौजूदगी का एहसास मिलता है । वे एक दौर के शायर नहीं हैं । वे अपनी पुरसुकूं शख्सियत, मानव-प्रेम, सीधा स्पष्ट यथार्थ और इन सबसे अधिक, दार्शनिक दृष्टि लेकर साहित्य में आये।

************************************************************
5

भारत
एक खोज

किसी ज़माने में काफी मशहूर हुए सीरियल 'भारत एक खोज' निर्माण राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्याम बेनेगल ने किया था। इस सीरियल में मशहूर अदाकार नसीरुद्दीन शाह और रौशन सेठ ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। भारत एक खोज जवाहरलाल नेहरू की किताब द डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया पर आधारित एक टीवी सीरियल है. इसमें 53 एपिसोड्स हैं. इस सीरियल में भारत की विविधता भरी संस्कृति और इतिहास के दर्शन होते हैं. एक-एक एपिसोड दुनिया के हर शिक्षित और अशिक्षित व्यक्ति के लिए आज भी एक अद्भुत ज्ञान-वर्धक अनुभव हो सकता है। चाहे वे ऋगवेद काल की बात करते एपिसोड हों, जाति और वर्ण व्यवस्था वाले एपिसोड हों, रामायण और महा भारत के अंश अथवा चाणक्य और चंद्रगुप्त से लेकर देश के बंटवारे तक के एपिसोड हों, ये सारे के सारे इतिहास को जीवंत कर देने वाले भाग थे। भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में फिर कोई ऐसा काम अब तक नहीं हुआ है।

C.M. Quiz - 18
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
प्रथम स्थान : सुश्री रेखा प्रहलाद जी

जैसा कि आपको मालूम है तीन बार प्रथम विजेता बनने पर चैम्पियन का खिताब घोषित किया जाता है ! आज आदरणीय रेखा प्रहलाद जी क्रिएटिव मंच क्विज की चैम्पियन बन गयीं हैं ! रेखा जी इससे पहले C.M.Quiz-13 और C.M.Quiz-14 की प्रथम विजेता बन चुकी हैं, आज C.M.Quiz-18 की भी प्रथम विजेता होने और चैम्पियन बनने पर क्रिएटिव मंच की पूरी टीम हार्दिक बधाई देती है ! बहुत शीघ्र रेखा जी को चैम्पियन का प्रमाण-पत्र भेजा जाएगा ! ढेरों शुभकामनायें !
द्वितीय स्थान : सुश्री अल्पना वर्मा जी
alpz09
applauseapplauseapplauseविजताओं को बधाईयाँapplause applause applause applause applause applause applause applause applause

जिन्होंने चार सही जवाब देकर बेहतरीन प्रयास किया :

आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं
आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !

सुश्री रेखा प्रहलाद जी, श्री शिवेंद्र सिन्हा जी, श्री आनंद सागर जी, सुश्री पूर्णिमा जी
मियां हलकान जी, श्री मनोज कुमार जी, सुश्री अल्पना वर्मा जी, श्री निर्भय जैन जी
सुश्री शुभम जैन जी, सुश्री शाहीन जी, सुश्री अदिति चौहान जी, श्री मानव सिन्हा जी
सुश्री शिल्पी जैन जी, श्री उड़न तस्तरी जी, हास्य फुहार जी, सुलभ सतरंगी जी
मुरारी पारीक जी, महाशक्ति जी, रामकृष्ण गौतम जी, सुश्री निर्मला कपिला जी

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,


यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया

th_Cartoon


अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
================
The End
================

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

C.M.Quiz-18 [टीवी सीरियल्स को पहचानिए]

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


Life is a Game, …
God likes the winner and loves the looser..
But hates the viewer…So……Be the Player

आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
WELCOME


लीजिये इस बार 'सी एम क्विज़- 18' में बहुत आसान क्विज है आपके सामने !
हमने नीचे पांच चर्चित एवं लोकप्रिय टीवी सीरियल के चित्र दे रखे हैं !
आपने अवश्य इनको कभी न कभी देखा होगा !
आपको ध्यान से देखकर बस सीरियल और अभिनेताओं के नाम बताने हैं !

जवाब देते समय चित्र क्रमांक का ध्यान अवश्य रखें !

*****************************************************
पाँचों अभिनेताओं और टीवी सीरियल्स के नाम बताईये
1 2 3
4 5

तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 18 के विजेता !

*****************************************************

जवाब अलग-अलग देने पर आखिरी सही जवाब के समय को ही दर्ज किया जाएगा ! पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल शाम चार बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !

सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल रात्रि सात बजे घोषित किया जाएगा !
विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता (हैट्रिक होना जरूरी नहीं है) बनता है तो उसे "चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से "जीनियस" का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

---- क्रियेटिव मंच

प्रतियोगियों से अनुरोध है कि कृपया क्विज के समय
परिवर्तन से सम्बंधित अपनी राय / सुझाव अवश्य दें !

-- क्रियेटिव मंच

****************************************************************
===========
The End
===========

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

भानु अथैया और सत्यजीत राय

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


C.M.Quiz - 17 का परिणाम

नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !

कल C.M.Quiz -17 के अंतर्गत हमने दो लोगों की तस्वीरें दिखाई थीं और प्रतियोगियों से उन्हें पहचानने के लिए कहा था ! जिसमें लगभग सभी प्रतियोगी असफल रहे थे !

ऐसा दूसरी बार हुआ जब कि रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया चल ही रही थी तो अचानक आदरणीय अल्पना जी ने सही जवाब दे दिया ! वरना हम तो यह लिख ही चुके थे कि इस बार का विजेता कोई नहीं ! इस तरह आज की एकमात्र विजेता अल्पना जी हैं। जब सभी प्रतियोगियों ने हार मान ली हो ऐसे में अल्पना जी ने सही जवाब देकर सही मायने में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है !
अल्पना जी को बहुत-बहुत बधाई !

सही जवाब :
1. भानु अथैया 2. सत्यजीत राय
हिंदी फ़िल्म सिनेमा और आस्कर

दुनिया भर में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड को पहली बार लीमैयरे बंधुओं ने पर्दा नसीब किया । कोई छह छोटी फिल्मों को मुम्बई के वैस्टर्न होटल के बैंक्वेट हॉल में 7 जुलाई 1896 की शाम को पर्दे पर उतारा गया । यह विश्व सिनेमा के लिए एक छोटा सा कदम माना जा सकता है । लेकिन उपनिवेश भारत के छोटे से विज्ञान जगत में बहुत बडा क्रान्तिकारी कदम था । आज भारतीय सिनेमा विश्व के सबसे ताकतवर सिनेमा केन्द्र हॉलीवुड से बराबर से टक्कर ले रहा है । 3 मई 1913 को उस भारतीय सिनेमा का विघिवत जन्म हुआ जिस पर हमें गर्व है । इस दिन दादा साहेब फाल्के ने भारतीय पहली फिल्म "राजा हरिश्चन्द्र" को प्रदर्शित किया । इसके बाद सिनेमा ने लम्बा सफर तय किया और कई क्लासिक फिल्में दुनियां के सामने आई जिससे भारतीय सिनेजगत की धाक दुनिया भर में जमी । भारत में प्रति वर्ष करीब 800 फिल्में बनाई जाती हैं । जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा है ।

Satyajit Ray 4
भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जाने वाले सत्यजित राय ने कई ऎसी फिल्में बनाईं जिसे दुनिया के हर मंच पर प्रशंसा मिली । पाथेर पंचाली को विदेशी फिल्म श्रेणी में ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया । राय को सिनेमा में उनकी सेवाओं के लिए ऑस्कर का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया ।
Bhanu Athaiya f

भानु अथैया ऎसी पहली भारतीय थीं जिन्हें ऑस्कर के सम्मान से नवाजा गया । भानु अथैया को रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी के लिए सर्वेश्रेष्ठ ड्रेस डिजाइनिंग का ऑस्कर अवार्ड मिला था। भानु अथैया 100 से अधिक फिल्मों में ड्रेस डिजाइन कर रिकार्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी है । इस तरह कुल पांच पुरस्कारों के साथ भारत ने अपनी मौजूदगी तो दर्ज कर दी है
ऑस्‍कर अवार्ड

ऑस्‍कर अवार्ड वि‍श्व में फि‍ल्‍म उद्योग जगत के सबसे अधि‍क लोकप्रि‍य, चर्चि‍त और प्रति‍ष्ठि‍त पुरस्‍कार है। इनकी शुरुआत 1929 में हुई। इन्‍हें ऑस्‍कर नाम बाद में दि‍या गया पहले ये एकेडमी अवार्ड्स के नाम से जाने जाते थे।

कैसे होती है वोटिंग : एकेडमी अवार्ड्स की बैलटिंग प्रक्रि‍या 'प्राइस वॉटर हाउस' देखता है। अवार्ड्स प्रदान करने के लि‍ए इस बैलटिंग प्रक्रि‍या का उपयोग सन् 1935 से कि‍या जा रहा है। एकेडमी के लगभग 6000 सदस्‍य बैलटिंग प्रक्रि‍या में वोट देने के लि‍ए प्राइस वॉटर हाउस कूपर की एक ऑडि‍टिंग फर्म द्वारा सारणीबद्ध गुप्‍त बैलट्स का उपयोग करते हैं। इसमें सबसे बड़ा हि‍स्‍सा अभि‍नेताओं का होता है। पहले नोमि‍नेशन बैलेट्स एकेडमी के सक्रि‍य सदस्‍यों को भेजे जाते हैं। अभि‍नेता सदस्‍य अभि‍नेताओं को, फि‍ल्‍म एडि‍टर फि‍ल्‍म एडि‍टर को, नि‍र्देशकों को नामंकित करते है। एकेडमी के सभी सक्रि‍य सदस्‍यों को ऑस्‍कर वि‍जेताओं को चुनने का अधि‍कार होता है। बैलेटिंग प्रक्रि‍या पूरी हो जाने के बाद अंति‍म पड़ाव पर प्राइस वॉटर हाउस कूपर के केवल दो भागीदारों को ही अंति‍म परि‍णाम मालूम होते हैं जब तक वि‍जेताओं के नाम लि‍फाफे से बाहर नहीं आते। यह अवार्ड 25 श्रेणि‍यों में दि‍ए जाते हैं। परि‍णाम घोषि‍त होने तक ऑडि‍टर्स द्वारा पूरी सुरक्षा बरती जाती है।
किस - किस भारतीय को मिला ऑस्कर

भानु अथैया :1982 में आई रिचर्ड एटनबरो की फिल्म ' गांधी ' में सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम के लिए।
सत्यजीत रॉय :1992 में सिनेमा में योगदान के लिए ' लाइफटाइम अचीवमंट ' ऑस्कर।
ए. आर. रहमानः 2009 में ' स्लमडॉग मिलिनेअर ' के गीत ' जय हो ' के लिए दो ऑस्कर।
गुलजार : 2009 में फिल्म ' स्लमडॉग मिलिनेअर ' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर ( संयुक्त रूप से रहमान के साथ ) ।
रेसुल पोक्कुट्टीः 2009 में फिल्म ' स्लमडॉग मिलिनेअर ' के लिए बेस्ट साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर।
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :

C.M. Quiz - 17 की एकमात्र विजेता हैं :- सुश्री अल्पना वर्मा जी !


applauseapplauseapplauseअल्पना जी को बधाईयाँapplause applause applause applause applause applause applause applause applause
जिन्होंने आधा सही जवाब दिया :
1. सुश्री शुभम जैन जी
2. श्री विनय वैद्य जी
3. श्री उड़न तस्तरी जी
4. श्री प्रवीण शाह जी
5. सुश्री रेखा प्रहलाद जी
6. श्री निर्भय जैन जी
7. श्री सुलभ सतरंगी जी


===============================================
आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं
!

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !

सुश्री शुभम जैन जी
श्री आनंद सागर जी
सुश्री रेखा प्रहलाद जी
सुश्री पूर्णिमा जी
श्री उड़न तस्तरी जी
श्री सुलभ सतरंगी जी
श्री शिवेंद्र सिन्हा जी
सुश्री अल्पना वर्मा जी
सुश्री संगीता पुरी जी
श्री जी० के० अवधिया
श्री मनोज कुमार जी
सुश्री रोशनी जी
श्री प्रवीण शाह जी
श्री मुरारी पारीक जी
श्री विनय वैद्य जी
हास्यफुहार
श्री निर्भय जैन जी
सुश्री अदिति जी

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया



th_Cartoon
अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !


सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
================
The End
================

बुधवार, 9 दिसंबर 2009

C.M.Quiz - 17 [इन दो शख्सियत को पहचानिए]

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
WELCOME

लीजिये आपके सामने इस बार 'सी एम क्विज़- 16' में बहुत ही आसान क्विज है !
लगता नहीं कि इस बार क्विज से सम्बंधित कोई हिंट देने की जरूरत पड़ेगी !
दोनों चित्रों को ध्यान से देखिये और देश का गौरव बढाने वाली
इन दो शख्सियत को पहचानिए !

*****************************************************
ये दो शख्स कौन हैं ? इनका परिचय दीजिये !
A B

तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 17 के विजेता !
*****************************************************
जवाब अलग-अलग देने पर आखिरी सही जवाब के समय को ही दर्ज किया जाएगा ! पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल शाम चार बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !

सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल रात्रि सात बजे घोषित किया जाएगा !
विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता (हैट्रिक होना जरूरी नहीं है) बनता है तो उसे "चैम्पियन " का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

---- क्रियेटिव मंच

प्रतियोगियों से अनुरोध है कि कृपया क्विज के समय
परिवर्तन से सम्बंधित अपनी राय / सुझाव अवश्य दें !

-- क्रियेटिव मंच

****************************************************************
===========
The End
===========

रविवार, 6 दिसंबर 2009

विविध रोगों में आहार-विहार

प्रस्तुति -- इंजीनियर श्री सी० पी० सक्सेना


उपनिषद के अनुसारः
'अन्नं हि भूतानां ज्येष्ठम्-तस्मात् सर्वौषधमुच्यते।'

अर्थात् भोजन ही प्राणियों की सर्वश्रेष्ठ औषधि है, क्योंकि आहार से ही शरीर में सप्तधातु, त्रिदोष तथा मलों की उत्पत्ति होती है। वायु, पित्त और कफ – इन तीनों दोषों को समान रखते हुए आरोग्य प्रदान करता है और किसी कारण से रोग उत्पन्न हो भी जायें तो आहार-विहार के नियमों को पालने से रोगों को समूल नष्ट किया जा सकता है।

आहार में अनाज, दलहन, घी, तेल, शाक, दूध, जल, ईख तथा फल का समावेश होता है। अति मिर्च-मसाले वाले, अति नमक तथा तेलयुक्त, पचने में भारी पदार्थ, दूध पर विविध प्रक्रिया करके बनाये गये अति शीत अथवा अति उष्ण पदार्थ सदा हानिदायक हैं। दिन में सोना, कड़क धूप में अथवा ठंडी हवा में घूमना, अति जागरण, अति श्रम करना अथवा नित्य बैठे रहना, वायु-मल-मूत्रादि वेगों को रोकना, ऊँची आवाज में बात करना, अति मैथुन, क्रोध, शोक आरोग्य नाशक माने गये हैं। कोई भी रोग हो, प्रथम उपवास या लघु अन्न लेना चाहिए क्योंकि प्रायः सभी रोगों का मूल मंदाग्नि है।
***********************************************************

रोग के अनुसार आहार-विहार
बुखारः
बुखार में सर्वप्रथम उपवास रखें। बुखार उतरने पर 24 घंटे बाद द्रव आहार लें। इसके लिए मूँग में 14 गुना पानी मिलायें। मुलायम होने तक पकायें, फिर छानकर इसका पानी पिलायें। यह पचने में हलका, अग्निवर्धक, मल-मूत्र और दोषों का अनुलोमन करने वाला और बल बढ़ाने वाला है। प्यास लगने पर उबले हुए पानी में सोंठ मिलाकर लें । बुखार के समय पचने में भारी, विदाह उत्पन्न करने वाले पदार्थों का सेवन, स्नान, व्यायाम, घूमना-फिरना अहितकर है। नये बुखार में दूध और फल अत्यंत हानिदायक हैं ।
***********************************************************

कमजोरी व थकान :

गेहूँ, पुराने साठी के चावल, जौ, मूँग, घी, दूध, अनार, काले अंगूर विशेष लाभदायक हैं । शाकों में पालक, तोरई, मूली, परवल, लौकी और फलों में अंगूर, आम, मौसमी, सेब आदि लाभ- दायक हैं। गुड़, भूने हुए चने, काली द्राक्ष, चुकन्दर, गाजर, हरे पत्तेवाली सब्जियाँ लाभदायी हैं। पित्त बढ़ाने वाला आहार, दिन में सोना, अति श्रम, शोक-क्रोध अहितकर हैं।
***********************************************************

अम्लपित्तः

उपवास रखें या हलका, मधुर व रसयुक्त आहार लें। पुराने जौ, गेहूँ, चावल, मूँग, परवल, पेठा, लौकी, नारियल, अनार, मिश्री, शहद, गाय का दूध और घी विशेष लाभदायक हैं। तिल, उड़द, कुलथी, नमक, लहसुन, दही, नया अनाज, मूँगफली, गुड़, मिर्च तथा गरम मसाले का सेवन न करें।
***********************************************************

अजीर्णः

प्रथम उपवास रखें। बारंबार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में गुनगुना पानी पीना हितकर है। जठराग्नि प्रदीप्त होने पर अर्थात् अच्छी भूख लगने पर मूँग का पानी, नींबू का शरबत, छाछ आदि द्रवाहार लेने चाहिए। बाद में मूँग अथवा खिचड़ी लें। पचने में भारी, स्निग्ध तथा अति मात्रा में आहार और भोजन के बाद दिन में सोना हानिकारक है।
***********************************************************

चर्मरोगः

पुराने चावल तथा गेहूँ, मूँग, परवल, लौकी तुरई विशेष लाभदायक हैं। अत्यंत तीखे, खट्टे, खारे पदार्थ, दही, गुड़, मिष्ठान्न, खमीरीकृत पदार्थ, इमली, टमाटर, मूँगफली, फल, मछली आदि का सेवन न करें। साबुन, सुगंधित तेल, इत्र आदि का उपयोग न करें। चंदन चूर्ण अथवा चने के आटे या मुलतानी मिट्टी का प्रयोग करें। ढीले, सादे, सूती वस्त्र पहनें।
***********************************************************

सफेद दागः

चर्मरोग के अनुसार आहार लें और दूध, खट्टी चीजें, नींबू, संतरा, अमरूद, मौसमी आदि फलों का सेवन न करें।

***********************************************************
संधिवात, वातरोगः
जौ की रोटी, कुलथी, साठी के लाल चावल, परवल, सहिजन की फली, पपीता, अदरक, लहसुन, अरंडी का तेल, गोझरन अर्क, गर्म जल सर्वश्रेष्ठ हैं। भोजन में गौघृत, तिल का तेल हितकर हैं। आलू, चना, मटर, टमाटर, दही, खट्टे तथा पचने में भारी पदार्थ हानिकारक हैं।
***********************************************************
श्वास (दमा) :
अल्प मात्रा में द्रव, हलका, उष्ण आहार लें। रात्रि को भोजन न करें। स्नान करने एवं पीने के लिए उष्ण जल का उपयोग करें। गेहूँ, बाजरा, मूँग का सूप, लहसुन, अदरक का उपयोग करें। अति शीत, खट्टे, तले हुए पदार्थों का सेवन, धूल और धुआँ हानिकारक हैं।
***********************************************************
मिर्गीः
10 ग्राम हींग ताबीज की तरह कपड़े में सिलाई करके गले में पहनने से मिर्गी के दौरे रुक जाते हैं।

*************************
The End
*************************