शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

अमृता प्रीतम, मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा, सुनित्रा नंदन पन्त, गौरा पन्त 'शिवानी'

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


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C.M.Quiz - 20 का परिणाम
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संगीता जी बनीं नव वर्ष की प्रथम विजेता
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नमस्कार !

क्रियेटिव मंच की तरफ से नवीन वर्ष में आप सभी लोगों को
हार्दिक शुभ कामनाएं !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !

C.M.Quiz -20 के अंतर्गत हमने पांच श्रेष्ठ साहित्यकारों की तस्वीरें दिखाई थीं और प्रतियोगियों से उन्हें पहचानने के लिए कहा था ! कई प्रतियोगियों ने चेहरे पहचान लिए, तो कई ने अच्छी कोशिश की ! पूरी तरह सही जवाब सिर्फ पांच लोगों ने दिए ! हमारे लिए नए वर्ष में बेहद प्रसन्नता की बात ये भी रही कि नितांत नए प्रतियोगियों ने आज विजेता लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया !
प्रतियोगिता में प्रथम विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया है - आदरणीय संगीता पुरी जी ने !

प्रथम विजेता बनने पर सुश्री संगीता पुरी जी को बहुत-बहुत बधाई !

C.M.Quiz - 20 का सही जवाब :
1. अमृता प्रीतम
2. मैथिलीशरण गुप्त
3. महादेवी वर्मा
4. सुनित्रा नंदन पन्त
5. गौरा पन्त 'शिवानी'


अतिथि संबोधन

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नववर्ष के आगमन पर आप सभी को
बधाईयाँ और शुभकामनाएँ
सब से पहले क्रियेटिव मंच का आभार प्रकट करती हूँ कि उन्होने मुझे साल 2009 की अंतिम पहेली बनाने का अवसर दिया। यह पहेली हमें उन महान साहित्यकारों को एक बार फिर से याद दिलाने के लिए थी,जिनके योगदान से हिन्दी साहित्य धनी हुआ है। इनके अतिरिक्त भी अन्य कई साहित्यकार हैं जिनके नाम के बिना हिन्दी साहित्य का ज़िक्र अधूरा है चूँकि संख्या सीमित रखनी थी इसलिए मैं ने अपनी पसन्द से नाम चुने थे।

आईए इन प्रेरक विभूतियों के परिचय, योगदान और उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हैं और नये साल के इस पहले प्रयास पर इनका आशीर्वाद लेते हैं।
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अमृता प्रीतम
[Amrita Pritam]
जन्म: 31 अगस्त 1919
निधन: 31 अक्तूबर 2005
जन्म स्थान : गुजरांवाला पंजाब
कुछ प्रमुख कृतियाँ : कागज के कैनवास, इक थी अनीता पिंजर, अदालत, आत्मकथा : रसीदी टिकट, पांच बरस लंबी सड़क, बंद दरवाज़ा, तीसरी औरत, तेहरवाँ सूरज, उन्चास दिन, औरतः इक दृष्टिकोण, इक उदास किताब, सफ़रनामा, मुहब्बतनामा
विविध : 1957 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1958 में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कृत, 1988 में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार; (अन्तर्राष्ट्रीय) और 1981 में भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग १०० पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा रसीदी टिकट भी शामिल है। अमृता प्रीतम उन साहित्य कारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण भी प्राप्त हुआ। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से पहले ही अलंकृत किया जा चुका था।
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मैथिलीशरण गुप्त
[Maithili Sharan Gupt]
जन्म : 3 अगस्त सन 1846 ई,चिरगांव, झांसी.
मृत्यु :12दिसम्बर 1964 ई
12 वर्ष की आयु में ब्रजभाषा में कविता रचना आरम्भ किया। प्रथम काव्य संग्रह "रंग में भंग' तथा वाद में "जयद्रथ वध' प्रकाशित हुई। 1914 में राष्टीय भावनाओं से ओत-प्रोत "भारत भारती' का प्रकाशन किया। उनकी लोकप्रियता सर्वत्र फैल गई। साकेत तथा अन्य ग्रन्थ पंचवटी आदि 1931 में पूर्ण किये। 'यशोधरा' 1932 में लिखी। गांधी जी ने उन्हें "राष्टकवि' की संज्ञा प्रदान की। 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह के अंतर्गत जेल गये। 1952-1964 तक राज्य सभा के सदस्य मनो नीत हुये। 1953 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 1962 में "अभि नन्दन ग्रन्थ' भेंट किया तथा हिन्दू विश्व विद्यालय के द्वारा डी.लिट. से सम्मानित किये गये। साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में पद्म भूषण से 1954 में सम्मानित किया गया।

प्रमुख कृतियाँ :
साकेत, जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, यशोधरा, द्वापर, अंजलि और अर्ध्य, अर्जन और विसर्जन, काबा और कर्बला , जय भारत, झंकार, पृथ्वीपुत्र, मेघनाद वध, मैथिलीशरण गुप्त के नाटक, रंग में भंग, वन वैभव, विरहिणी व्रजांगना, शक्ति,सैरन्ध्री, स्वदेश संगीत !
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महादेवी वर्मा
[Mahadevi Verma]
जन्म -26 मार्च, 1907 को फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
निधन -22 सितम्बर, 1987, प्रयाग मे
कृतियाँ – काव्य- नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, यामा, दीपशिखा, सप्तपर्णा, अतीत के चलचित्र, समृति की रेखाएं, पथ के साथी, मेरा परिवार ।
निबंध-आलोचनाः श्रृंखला की कड़ियाँ, विवेचनात्मक गद्य,
विविध संकलनः स्मारिका, स्मृति चित्र, संभाषण, संचयन, दृष्टिबोध ।
इसके अतिरिक्त उन्होंने बंगाल के अकाल के समय 'बंग दर्शन' तथा चीन के आक्रमण के समय 'हिमालय' का संपादन भी किया. स्त्री की उदारता, करुणा, सात्विकता, आधुनिक बौद्धिकता, गंभीरता और सरलता उनके व्यक्तित्व में समाविष्ट थी. महादेवी जी में काव्य प्रतिभा सात वर्ष की उम्र में ही मुखर हो उठी थी. महादेवी वर्मा का काव्य अनुभूतियों का काव्य है । उसमें देश, समाज या युग का चित्रांकन नहीं है, बल्कि उसमें कवयित्री की निजी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति हुई है. महादेवी वर्मा का काव्य भव्य और उदात्त है । भावों का साकार चित्रण करने में ये सिद्धहस्त हैं.छायावादी कवियों में महादेवी जी की कविता का अपना अलग रंग-ढंग है। कवि के रूप में उनके कोमल, करुण और व्यथित मन से साक्षात्कार होता है तो गद्यकार के रूप में उनका प्रखर, औजस्वी और दृढ़ रुप सामने आता है। महादेवी जी का गद्य संस्कृति, भाषा, नारी समस्या आदि पर उनकी बेबाक और निर्भीक अभिव्यक्ति है !
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सुमित्रानंदन
[Sumitranandan Pant]

जन्म: 20 मई 1900 ,ग्राम कौसनी, अल्मोडा़.
निधन: 28 दिसम्बर 1977 ,
प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अल्मोड़ा में ! महात्मा गांधी के आह्मवान पर उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और घर पर ही हिन्दी, संस्कृत, बँगला और अंग्रेजी का अध्ययन करने लगे। सन् 1907 से 1998 के काल को स्वयं कवि ने अपने कवि-जीवन का प्रथम चरण माना है। इस काल की कविताएँ वीणा में संकलित हैं। 1922 में उच्छवास और 1928 में पल्लव का प्रकाशन हुआ.
सुमित्रानंदन पंत ने अपने जीवन काल में अठ्ठाइस प्रकाशित पुस्तकों की रचना की जिनमें कविताएँ, पद्य-नाटक और निबंध सम्मिलित हैं। हिन्दी साहित्य की इस अनवरत सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण (1961), चिदम्बरा" नामक रचना के लिये ज्ञानपीठ(1968),कला और बूढ़ा चांद" के लिये 1960 का साहित्य अकादमी तथा सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार जैसे उच्च श्रेणी के सम्मानों से प्रतिष्ठित किया गया।
प्रमुख कृतियाँ - चिदम्बरा, वीणा, पल्‍लव, गुंजन, ग्राम्‍या, युगांत, युगवाणी, लोकायतन, कला और बूढ़ा चांद।

Gaura_Pant_'Shivani'_(1923_–2003)_
गौरा पंत 'शिवानी
[Gaura Pant Shivani]

जन्म -17 अक्टूबर, 1923, राजकोट (गुजरात)
निधन -21 मार्च, 2003 को दिल्ली में

साहित्य और संगीत के प्रति एक गहरा रुझान ‘शिवानी’ को माता और पिता से ही मिला।शिवानी जी के पितामह संस्कृत के प्रकांड विद्वान पं. हरिराम पाण्डे थे । उनके लेखन तथा व्यक्तित्व में उदारवादिता और परम्परानिष्ठता का अद्भुत मेल है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर उन्हें ‘गोरा’ पुकारते थे। बंगला साहित्य और संस्कृति का शिवानी पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी 'आमादेर शांति निकेतन' और 'स्मृति कलश' इस पृष्ठभूमि पर लिखी गई श्रेष्ठ पुस्तकें हैं। 'कृष्णकली' उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। 'करिये छिमा' पर विनोद तिवारी ने फिल्म बनाई थी। 'सुरंगमा', 'रतिविलाप', 'मेरा बेटा' और 'तीसरा बेटा' पर टीवी धारावाहिक बन चुके हैं। 1982 में शिवानी जी को भारत सरकार ने पद्मश्री से अलंकृत किया गया।
प्रमुख कृतियाँ -
उपन्यास - कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, चल खुसरों घर आपने, श्मशान, भैरवी, स्वयंसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप, आकाश, शिवानी की श्रेष्ठ कहानियाँ, शिवानी की कहानियाँ, मृण्माला की हँसी,संस्मरण - अमादेर शांति निकेतन, समृति कलश, वातायन, यात्रा - चरैवैति, यात्रिक। आत्मकथ्य - सुनहुँ तात यह अमर कहानी !

C.M.Quiz-20
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :

प्रथम स्थान : सुश्री संगीता पुरी जी
sangitapuri f
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द्वितीय स्थान : सुश्री रेखा प्रहलाद जी
Rekha Prahlad ji
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तृतीय स्थान : श्री निर्भय जैन जी
nirbhay jain
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चौथा स्थान : श्री सुलभ सतरंगी जी
sulabh satrangi
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पांचवां स्थान : श्री शमीम जी
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applauseapplauseapplauseविजताओं को बधाईयाँapplause applause applause applause applause applause applause applause applause
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जिन्होंने बेहतरीन प्रयास किया :
zameer
श्री जमीर जी
shubham jain
शुभम जैन जी
shilpi
शिल्पी जैन जी

आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं


आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !
अल्पना वर्मा जी
शिवेंद्र सिन्हा जी
आनंद सागर जी
श्री शमीम जी
निर्मला कपिला जी
अदिति चौहान जी
सुश्री पूर्णिमा जी
रामकृष्ण गौतम जी
मानव सिन्हा जी
सुश्री शुभम जैन जी
श्री मोहसिन जी
श्री ज़मीर जी
श्री निर्भय जैन जी
श्री हिमांशु जी
संगीता पूरी जी
राज भाटिया जी
हास्य फुहार जी
रेखा प्रहलाद जी
मनोज कुमार जी
सुलभ सतरंगी जी
सुश्री शिल्पी जैन जी

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया

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अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !


सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
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The End
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बुधवार, 30 दिसंबर 2009

C.M.Quiz -20 [पांच प्रेरक व्यक्तित्व पहचानिए]

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


Life is a Game, …
God likes the winner and loves the looser..
But hates the viewer…So……Be the Player
logo

आप सभी को नमस्कार !
नव वर्ष आगमन पर अग्रिम शुभ कामनाएं

क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को रात्रि - 7.00 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम

लीजिये इस बार 'सी एम क्विज़- 20' में एक बेहतरीन क्विज है आपके सामने !

इस बार की क्विज आदरणीय अल्पना वर्मा जी के सौजन्य से प्राप्त हुयी है !
क्रिएटिव मंच इसके लिए अल्पना जी का अत्यंत आभार व्यक्त करता है !

नीचे तस्वीर में पांच प्रेरक व्यक्तित्व हैं !
आपको ध्यान से देखकर उनके नाम बताने हैं !
कृपया जवाब देते समय चित्र क्रमांक का ध्यान अवश्य रखें !

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साहित्य जगत की ऊंचाईयों को छूने वाले
इन चेहरों को पहचानिए !
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तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 20 के विजेता !
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पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानी 31 दिसंबर, रात दस बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को परिणाम में शामिल नहीं किया जाएगा !
---- क्रियेटिव मंच
सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम 1 जनवरी 2010 को सुबह 8 बजे घोषित किया जाएगा !
----- प्रकाश गोविन्द

विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता ( हैट्रिक होना जरूरी नहीं है ) बनता है तो उसे "चैम्पियन " का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

मुट्टम सेंट मैरी फैरोना चर्च, चिरथल्ला, एलापुजा (केरल)

क्विज संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


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नमस्कार !
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं

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क्रियेटिव मंच आप सभी लोगों का स्वागत करता है !
आप सभी को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! !

क्रिएटिव मंच का सदैव प्रयास रहता है कि क्विज में सामयिक सन्दर्भों को अवश्य शामिल किया जाए ! अतः C.M.Quiz -19 के अंतर्गत हमने एक चर्च की तस्वीर दिखाई थी और प्रतियोगियों से उन्हें पहचानने के लिए कहा था ! जिसमें अधिकाँश सभी प्रतियोगी असफल रहे ! आदरणीय संगीता जी ने जरा सा धैर्य रखकर और कोशिश की होती तो आज की क्विज की विजेता वही होतीं ! संगीता जी सटीक जगह पहुंचकर भी पूर्णतयः सही जवाब नहीं दे पायीं इसीलिए उन्हें द्वितीय स्थान से संतोष करना पड़ेगा ! एकदम सही जवाब एकमात्र आदरणीय अल्पना जी ने ही दिया ! अल्पना जी जीनियस का खिताब पाने के बेहद करीब पहुँच चुकी हैं !

सही जवाब है :

मुट्टम सेंट मैरी फैरोना चर्च, चिरथल्ला, एलापुजा, केरल
Muttom St. Mary's church, Cherthala, Alappuzha, Kerala

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केरल के सामुद्रिक इतिहास में एलापुजा का प्रमुख स्थान है । यह शहर प्राचीन केरल के व्यापार केन्द्रों में प्रमुख स्थान रखता था । यद्यपि आज एलापुजा का व्यापार केन्द्र के रूप में महत्व नहीं रहा है, इसके बावजूद भी एलापुजा की अपनी विशिष्टताएँ हैं, जो पर्यटकों को लुभाती हैं । एलापुजा का समुद्रीय तट पर्यटकों में अत्यंत लोकप्रिय है । यहाँ का समुद्री पुल 137 वर्ष पुराना है । लाइट हाउस, विजय बीच पार्क आदि दर्शनीय हैं ।
यह चर्च प्रभु यीशु की माँ मदर मैरी के सम्मान में बनाया गया था। इस चर्च को चिरथल्ला मुट्टम सेंट मैरी फैरोना चर्च के नाम से जाना जाता है। चिरथल्ला एक छोटा शहर है, जो केरल के एलापुजा नामक जिले में आता है। माना जाता है कि इस शहर को ज्यूस लोगों ने बसाया था। 1023 ईस्वी में बनाया गया यह चर्च लगभग 900 साल पुराना है। इस चर्च का स्थापत्य पुर्तगाली शैली में बना हुआ है। चर्च के अंदर स्थापित मदर मैरी की मूर्ति फ्रांस से मँगवाई गई थी। सेंट मैरी मुट्टम चर्च मदर मैरी के उन चुनिंदा चर्चों में से एक है, जहाँ हर धर्म के लोग मदर मैरी की पूजा अर्चना करने आते हैं। यहाँ के लोग चाहे वे किसी भी धर्म से संबंध रखते हों, अपने हर नए काम की शुरुआत करने से पहले चर्च आकर मदर मैरी से अपने काम को सफल करने की प्रार्थना करते हैं। किसी बच्चे की तरह अपनी हर खुशी और गम को बाँटने के लिए माँ के दर पर चले आते हैं।

यहाँ के लोगों का मानना है कि होली मदर उनके और ईसा मसीह के बीच एक अच्छी मध्यस्थ की भूमिका निभाती हैं, मुट्टम चर्च में आठ दिसंबर के बाद आने वाले पहले रविवार को मदर मैरी के जन्म का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। मदर मैरी और जीजस क्राइस्ट की मूर्तियों का जुलूस निकाला जाता है। मदर मेरी या मरियम को मानवता की देवी माना जाता है। यहाँ के लोगों का मानना है कि वे माँ हैं, प्रभु यीशु और हमारे बीच की कड़ी। माँ जैसे अपने बच्चों का भला करती हैं, वैसे ही मदर मैरी भी सबका ख्याल रखती हैं, इसलिए यहाँ केवल ईसाई ही नहीं, बल्कि हर धर्म के अनुयायी आते हैं।
C.M.Quiz-19 का पूरा परिणाम
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द्वितीय स्थान :- सुश्री संगीता पूरी जी
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जिन्होंने सराहनीय प्रयास किया :
आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सुश्री रेखा प्रह्लाद जी
सुश्री शुभम जैन जी
श्री रामकृष्ण गौतम जी
श्री सुलभ सतरंगी जी
सुश्री अदिति चौहान जी
श्री राज रंजन जी

सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया, जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है !

शिवेंद्र सिन्हा जी
मिथिलेश दुबे जी
पूर्णिमा जी
रेखा प्रह्लाद जी
इशिता जी
निर्मला कपिला जी
शुभम जैन जी
रामकृष्ण गौतम जी
राज भाटिय़ा जी
सुलभ सतरंगी जी
ज़ाकिर अली रजनीश
मियां हलकान जी
रोशनी जी
परमजीत बाली जी
अदिति चौहान जी
अल्पना वर्मा जी
आनंद सागर जी
संगीता पुरी जी
ज्योति शर्मा जी
राज रंजन जी


आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद,

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया


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अगले बुधवार को हम 'रात्रि - सात बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com
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The End
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