रविवार, 7 मार्च 2010

C.M.Quiz- 28 [यह क्या है और कहाँ है]

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


Life is a Game, …
God likes the winner and loves the looser..
But hates the viewer…So……Be the Player
logo
आप सभी को नमस्कार !

क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
रविवार (Sunday) को सवेरे 10 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
Welcome

इस बार 'सी एम क्विज़- 28' में बहुत आसान सी क्विज है आपके लिए !
नीचे एक इमारत का चित्र दिया गया है ! बहुत ध्यान से देखकर आपको बताना है कि यह मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, या चर्च है अथवा और कुछ ! इमारत को पहचानने के आलावा आपको यह भी बताना है कि यह इमारत किस शहर एवं राज्य में है !
पूरी तरह सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब
देने वाले प्रतियोगी को ही विजेता माना जाएगा !

हिंट ---
जीवन में सब कुछ होने के बावजूद भी अगर मन की शान्ति नहीं है तो सब व्यर्थ है ! हम जिस स्कूल-कालेज या विश्वविद्यालय से पढ़कर निकलते हैं वहां बहुत कुछ सिखाया जाता है किन्तु मनोमस्तिष्क की शांति का कोई विषय नहीं होता !


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C.M.Quiz- 28
इस इमारत का नाम क्या है और कहाँ स्थित है ?
cmquiz
तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 28 के विजेता !
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पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि 8 मार्च, दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा !
---- क्रियेटिव मंच
सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल यानि 8 मार्च को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !


विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता ( हैट्रिक होना जरूरी नहीं है ) बनता है तो उसे "चैम्पियन " का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

79

मंगलवार, 2 मार्च 2010

कृष्ण जन्म-भूमि, केशवदेव का मंदिर, मथुरा (ऊत्तर प्रदेश)

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


C.M.Quiz-27 में अल्पना वर्मा जी ने
जीत के रंगों से खेली अनूठी होली

होली पर्व की बहुत-बहुत शुभ कामनाएं
आप सभी को नमस्कार
!

क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
होली की मस्ती क्रिएटिव मंच टीम पर कुछ ऐसी सवार हुयी की क्विज का रिजल्ट बनाना ही भूल गए ! देर से परिणाम देने के लिए हमें खेद है !

आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! कल C.M.Quiz -27 के अंतर्गत हमने एक ऐतिहासिक मंदिर का चित्र दिखाया था और प्रतियोगियों से उसको पहचानने के लिए कहा था ! उम्मीद थी कि सभी प्रतियोगी इसको अत्यंत आसानी से पहचान लेंगे ! लेकिन इस पौराणिक मंदिर को सिर्फ छह प्रतियोगी ही पहचान पाए ! हालांकि रजनीश परिहार जी ने सिर्फ कृष्ण मंदिर- मथुरा ही कहा था फिर भी हमने उनको विजेताओं की लिस्ट में ही रखा है !

इस होली को अगर सबसे ज्यादा किसी ने यादगार बनाया तो अल्पना वर्मा जी ने ! इधर कई बार बहुत नजदीक से चूकने के बाद इस बार अल्पना जी ने सबको पीछे छोड़ दिया और यादगार नवीं जीत दर्ज की ! यानी अब वो 'जीनियस' के खिताब से महज एक और जीत दूर हैं ! देखना दिलचस्प होगा कि पहले राउंड की बाकी बची आठ क्विज में अल्पना जी अपनी मंजिल तय कर पाती हैं कि नहीं !

इस बार दुसरे नंबर पर रहीं शिल्पी जैन जी और तीसरे नंबर पर रहे डी.के.शर्मा'वत्स' जी !

सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
C.M.Quiz - 27 का सही जवाब था :
कृष्ण जन्म-भूमि
केशवदेव का मंदिर, मथुरा (ऊत्तर प्रदेश)

आईये C.M.Quiz- 27 में दिए गए चित्र के विषय में संक्षिप्त जानकारी लेते हैं और क्विज का शेष परिणाम देखते हैं :
Keshav Dev Temple at Mathura2 (Krishna Janma Bhoomi Temple.psd
केशवदेव का मंदिर
श्रीकृष्ण जन्मभूमि
मथुरा [उत्तर प्रदेश]
[Krishna Birth Place]
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि का ना केवल राष्द्रीय स्तर पर महत्व है बल्कि वैश्विक स्तर पर जनपद मथुरा श्रीकृष्ण के जन्म स्थान से ही जाना जाता है। पर्यटन की दृष्टि से विदेशों से भी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए यहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं।

भगवान
केशवदेव का मन्दिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि युधिष्ठर महाराज ने परीक्षित को हस्तिनापुर का राज्य सौंपकर श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ को मथुरा के राज्य सिंहासन पर प्रतिष्ठित किया। चारों भाइयों सहित युधिष्ठिर स्वयं महाप्रस्थान कर गये। महाराज वज्रनाभ द्वारा जहाँ अनेक मन्दिरों का निर्माण कराया गया, वहीँ भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली का भी महत्व स्थापित किया। यह कंस का कारागार था, जहाँ वासुदेव ने भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की आधी रात अवतार ग्रहण किया था। आज यह कटरा केशवदेव नाम से प्रसिद्व है। यहाँ कालक्रम में अनेकानेक गगनचुम्बी भव्य मन्दिरों का निर्माण हुआ। इनमें से कुछ तो समय के साथ नष्ट हो गये और कुछ को विदेशी आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया

- प्रथम मन्दिर -
ईसवी सन् से पूर्ववर्ती 80-57 के महाक्षत्रप सौदास के समय के एक शिला लेख से ज्ञात होता है कि किसी वसु नामक व्यक्ति ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर एक मंदिर तोरण द्वार और वेदिका का निर्माण कराया था। यह शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है।

- द्वितीय मन्दिर -
दूसरा मन्दिर विक्रमादित्य के काल में सन् 800 ई॰ के लगभग बनवाया गया था। यह मन्दिर सन 1017-18 ई॰ में महमूद ग़ज़नवी के कोप का भाजन बना। इस भव्य सांस्कृतिक नगरी की सुरक्षा की कोई उचित व्यवस्था न होने से महमूद ने इसे खूब लूटा। भगवान केशवदेव का मन्दिर भी तोड़ डाला गया।

- तृतीय मन्दिर -
संस्कृत के एक शिला लेख से ज्ञात होता है कि महाराजा विजयपाल देव जब मथुरा के शासक थे, तब सन 1150 ई॰ में जज्ज नामक किसी व्यक्ति ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर एक नया मन्दिर बनवाया था। इसे भी 16 वी शताब्दी के आरम्भ में सिकन्दर लोदी के शासन काल में नष्ट कर डाला गया था।

- चतुर्थ मन्दिर -
जहाँगीर के शासन काल में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पुन: एक नया विशाल मन्दिर निर्माण कराया ओरछा के शासक राजा वीरसिंह जू देव बुन्देला ने इसकी ऊँचाई 250 फीट रखी गई थी। उस समय इस निर्माण की लागत 33 लाख रूपये आई थी। इस मन्दिर के चारों ओर एक ऊँची दीवार का परकोटा बनवाया गया था, जिसके अवशेष अब तक विद्यमान हैं। दक्षिण पश्चिम के एक कोने में कुआ भी बनवाया गया था इस का पानी 60 फीट ऊँचा उठाकर मन्दिर के प्रागण में फब्बारे चलाने के काम आता था। यह कुआँ और उसका बुर्ज आज तक विद्यमान है। सन 1669 ई॰ में पुन: यह मन्दिर नष्ट कर दिया गया।

जन्म-स्थान का पुनरुद्वार :
सन 1940 के आसपास की बात है कि महामना पण्डित मदनमोहन जी ने उपेक्षित श्रीकृष्ण जन्मस्थान के खण्डहरों को देखकर इसके पुनरूद्वार का संकल्प लिया। महामना पण्डित मदनमोहन ने श्री जुगलकिशोर बिड़ला को श्रीकृष्ण-जन्मस्थान की दुर्दशा के सम्बन्ध में पत्र लिखा। उसी के फलस्वरूप श्री कृष्ण जन्म स्थान के पुनरूद्वार के मनोरथ का उदय हुआ।

श्रीकृष्ण चबूतरे का जीर्णोद्धार :
मथुरा के राजा कंस के जिस कारागार में वसुदेव-देवकीनन्दन श्रीकृष्ण ने जन्म-ग्रहण किया था, वह कारागार आज कटरा केशवदेव के नाम से ही विख्यात है और 'इस कटरा केशवदेव के मध्य में स्थित चबूतरे के स्थान पर ही कंस का वह बन्दीगृह था, जहाँ अपनी बहन देवकी और अपने बहनोई वसुदेव को कंस ने कैद कर रखा था।'

प्राचीन गर्भ ग्रह की प्राप्ति :
जिस समय चबूतरे पर निर्मित बरामदे की नींव की खुदाई हो रही थी, उस समय श्रमिकों को हथौड़े से चोट मारने पर नीचे कुछ पोली जगह दिखाई दी। उसे जब तोड़ा गया तो सीढ़ियाँ और नीचे काफी बड़ा कमरा-सा मिला, जो ओरछा-नरेश-निर्मित मन्दिर का गर्भ-गृह था। उसमें जिस स्थान पर मूर्ति विराजती थी, वह लाल पत्थर का सिंहासन ज्यों-का-त्यों मिला। उसे यथावत् रखा गया है तथा चबूतरे पर से नीचे गर्भ-गृह में दर्शनार्थियों के आने के लिये सीढ़ियाँ बना दी गयी हैं। इस भूमि की खुदाई में अनेक अवशेष निकले हैं, जो विध्वंस किये हुए मन्दिरों के हैं और पुरातत्त्व की दृष्टि से बड़े महत्त्व के हैं। इन सबको मथुरा राजकीय संग्रहालय को दे दिया गया है।
C.M. Quiz - 27
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
प्रथम स्थान : अल्पना वर्मा जी
alpana ji
द्वितीय स्थान : शिल्पी जैन जी
तृतीय स्थान : डी.के.शर्मा'वत्स' जी
shilpi ji vats ji
चौथा स्थान
रजनीश परिहार जी
पांचवां स्थान
शुभम जैन जी
rajneesh parihar ji sushri shubham jain ram krishn gautam
applause applause applause विजताओं को बधाईयाँ applause applause applause
applause applause applause applause applause applause applause applause applause
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे

आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है

अल्पना वर्मा जी, शिल्पी जैन जी, पं.डी.के.शर्मा"वत्स"जी, रजनीश परिहार जी,
शुभम जैन जी, रामकृष्ण गौतम जी, मिथिलेश दुबे जी, आनंद सागर जी,
शिवेंद्र सिन्हा जी, अदिति चौहान जी, रेखा प्रह्लाद जी, अंजना जी, राज रंजन जी,
राज भाटिय़ा जी, अलका राय जी, निर्मला कपिला जी, उड़न तश्तरी जी,

आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर -मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
th_Cartoon
अगले रविवार (Sunday) को हम ' प्रातः दस बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End

रविवार, 28 फ़रवरी 2010

C.M.Quiz-27 [यह ऐतिहासिक मंदिर कौन सा और कहाँ है]

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !

क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
रविवार (Sunday) को सवेरे 10 बजे पूछी जाने वाली
क्विज में एक बार हम फिर हाजिर हैं !

सुस्वागतम
Welcome

इस बार 'सी एम क्विज़- 27' में बहुत ही आसान क्विज है आपके सामने !
एक ऐतिहासिक स्थान का चित्र नीचे दिया गया है ! आप लोग ध्यान से चित्र को देखिये और बताईये कि यह कहाँ का चित्र है और दिखाई दे रहा मंदिर कौन सा है ! पूर्णतयः सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को ही विजेता माना जाएगा !


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यह कौन सा प्रसिद्ध मंदिर है और कहाँ स्थित है ?
CMQuiz27
तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये

C.M. Quiz - 27 के विजेता !
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पूर्णतयः सही जवाब न मिलने की स्थिति में अधिकतम सही जवाब देने वाले प्रतियोगी को विजेता माना जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि 1 मार्च, दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा !
---- क्रियेटिव मंच
सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है क्विज का परिणाम कल यानि 1 मार्च को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !


विशेष सूचना :
क्रियेटिव मंच की तरफ से विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता ( हैट्रिक होना जरूरी नहीं है ) बनता है तो उसे "चैम्पियन " का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा

इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे "सुपर चैम्पियन" का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा !

किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !
---- क्रियेटिव मंच

79

बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 4 का परिणाम

प्रतियोगिता संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


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हो मंगलमय सबकी होली
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होली रंगों का त्योहार
लाल, नीला, पीला, गुलाल- पुकार पुकार यह कहता
हम जैसे हिल मिल जाते है, मानव क्यों नहीं मिलता
अचेतन चेतन को समझाए, प्रकृति का अजब उपहार
होली गई हमें सिखाने, वैमनस्य का त्याग कराने
अब भी समय है छोड़ो मानव, अपने सभी विकार
होली रंगों का त्योहार !!

प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों
नमस्कार !!
आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है


हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 4' का परिणाम लेकर हाजिर हैं ! प्रतियोगियों से किये वादे के अनुसार श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन क्रिएटिव मंच ने सर्वसम्मति से किया ! लगातार दूसरी बार रामकृष्ण गौतम जी की प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ सृजन के रूप में चयन किया गया है ! दूसरी और तीसरी श्रेष्ठ प्रविष्टि के रूप में क्रमशः सुश्री अल्पना वर्मा जी और श्री सुलभ सतरंगी जी को चुना गया !हमारी क्रिएटिव मंच टीम की तरफ से सभी श्रेष्ठ सृजनकारों को दिली मुबारकबाद !

आप लोगों को एक और महत्वपूर्ण सूचना यह देनी है कि अब "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता" का आयोजन एक बुधवार छोड़कर होगा यानी दो हफ्ते में एक बार ! इस तरह प्रतियोगियों को सृजन का अतिरिक्त समय मिलेगा !


मेल द्वारा कुछ लोगों ने जानना चाहा था- यहाँ एक बार हम पुनः स्पष्ट कर दे रहे हैं कि अगर किसी प्रतियोगी को यह लगता है कि वह पहले भेजी गयी प्रविष्टि से बेहतर प्रविष्टि भेज सकता है तो आप एक से ज्यादा प्रविष्टियाँ भेज सकते हैं ! ऐसी स्थिति में हम प्रतियोगी की अंतिम प्रविष्टि पर ही विचार करते हैं ! जैसे इस सृजन प्रतियोगिता में अल्पना वर्मा जी ने पहली प्रविष्टि के उपरान्त दूसरी प्रविष्टि भेजी ! हमने उनकी पहली प्रविष्टि रद्द कर दी और देखिये सुखद परिणाम अल्पना जी की प्रविष्टि श्रेष्ठ सृजन क्रम में दुसरे स्थान के लिए चयनित हुयी !


आपका
स्नेह, उत्साहवर्धन और आशीर्वाद हमें निरंतर -मेल द्वारा प्राप्त हो रहा है जिसके लिए हम आपके अत्यंत आभारी हैं !

परिणाम के अंत में आज की
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5 का चित्र दिया गया है ! इस बार का सृजन चित्र सदभावना और हर्षोल्लास के प्रतीक होली त्यौहार को ध्यान में रखकर दिया जा रहा है. सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 4 मार्च- शाम 5 बजे तक
सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को
होली पर्व की बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं.

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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक 4 का परिणाम
sainik



ram krishn gautam
शीर्षक : इनकी खातिर महफूज़ हैं हम

हर कोई जो सुख चैन से
घरों में अपने सोता है
क्या सोचा कभी ज़रा सा भी
बलिदान इन्हीं का होता है!
जब होती बारिश सराबोर
हम छाते लेकर चलते हैं
ये वीर बहादुर उस दिन भी
अपनी कुर्बानी देते हैं!
ज़रा सोचो कि तुम रोज़_रोज़
जो देश और दुनिया जाते हो
सकुशल वापस जस के तस
इनकी वज़ह से ही आ पाते हो!
क्या शीश नवाया एक पल भी
क्या किया कभी नमन इनको
जो अपना चैन हराम करें
देने "आज़ाद" वतन तुमको!

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शीर्षक : मातृभूमि को नमन
बर्फीली हों कभी हवा
या चलने लगें आंधियां भी,
बरस रहे हों मेघ कहीं
या फटने लगे कहीं ज़मीं,
हैं अडिग देश के ये प्रहरी!
हम को इन पर है नाज़ बहुत,
उन से हम यह ही कहते हैं..
तुम नहीं अकेले ओ प्रहरी !
साथ तुम्हारे हम सब हैं,
तुम बढ़ो हमेशा आगे ही,
भारत माँ का आशीष और
मन में गहरा विश्वास लिए!



alpana ji quiz -19
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सजग, जांबाज़, प्रहरी,
जीते वतन के लिए
दुश्मन को सबक सिखलाते
वतन के लिए जिंदगी-मौत के बीच
इनकी हस्ती है दूर सरहद
यही जज्बा--वतनपरस्ती है
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हिन्दू मुस्लिम सिख हो या इसाई
सीमा पर डटे हम सब भाई
उठा बन्दुक निशाना हम लगायेगे
एक-एक दुश्मनों के छक्के हम छुडायेगे
आंच ना आने देगे देश पर अपने
इसकी रक्षा में अपनी जान लुटाएंगे


sushri shubham jain
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5- रजनीश परिहार जी rajneesh parihar ji

स्थिति बड़ी विकट है दोस्तों,
दुश्मन बहुत निकट है दोस्तों,
देखो कहीं ध्यान चूक न जाए,
कोई सीमा हमारी छू न पाए!!!
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रखें हम दुश्मन पे नजर
ये हमारा फर्ज है,
फर्ज में जान भी जाए
ये मां का कर्ज है !
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sushree roshni ji

वन्देsssss मातरम्!!
नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़,
नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़,
अब भी तेरे दिल से आती है ..
जब भी मैदाने जंग में होते हैं.
उनकी कुर्बानी याद आती है.
तू मत हो उदास
की अब भी कुछ बच्चे हैं नादाँ
हम नया सबेरा लायेंगे
अपनों को अपना बनायेंगे.
चाहे चले जाए इसमें हमारी जाँ
नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़
अब भी जो तेरे दिल से आती है....
वन्देsss मातरम्!!...वन्देsss मातरम्!!

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हम है राष्ट्र के सजग प्रहरी
सुबह,शाम हो या तपती दोपहरी,
इसकी रक्षा करना हमारा काम
मर मिटना ही हमारा ईनाम.
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हम
बाहर के दुश्मन से
निपट लेंगे
पर
चिंता है
घर में बैठे
दुश्मनों से

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भारत का कोई भी हिस्सा,
धरती, आकाश हो या पानी.
इन सबकी सुरक्षा का भार,
वहन करते हम रक्षा सेनानी
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srajan 5
आईये अब चलते हैं "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 5" की तरफ ! नीचे ध्यान से देखिये चित्र को ! क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए !
---- क्रियेटिव मंच
children_holi

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 5
प्रतियोगियों के लिए-
1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है
2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है
3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा
4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा
5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा !
6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा
7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये
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प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 4 मार्च शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 5" का परिणाम 10 मार्च रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा
----- क्रिएटिव मंच
The End