प्रिय मित्रों / पाठकों / प्रतियोगियों नमस्कार आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है. बहुत ही हर्ष के साथ मैं श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता के दूसरे अंक के परिणाम ले कर आप के समक्ष हूँ. आप सभी की सक्रिय प्रतिभागिता ने हमारे उत्साह को दुगुना कर दिया है. इसके लिए क्रिएटिव मंच आपके प्रति आभार व्यक्त करता है। हर चित्र स्वयं में कुछ ख़ास भाव लिए हुए होता है ! सभी प्रतियोगियों ने उन भावों को अपनी कल्पनाशीलता के सहारे पंक्तियाँ रचकर दर्शाने की कोशिश की ! हमारे लिए हर वो प्रतियोगी जिसने कुछ रचनात्मक लिखने का प्रयास किया विजेता है ! अब चूंकि यह आयोजन एक खेल ... एक मनोरंजन की तरह है तो पाठकों की दिलचस्पी के लिए प्रथम...द्वितीय वगैरह का चयन किया जाता है ! श्रेष्ठ सृजन के चयन का दारोमदार इस बार पूरी तरह आदरणीय श्री श्यामल सुमन जी पर छोड़ दिया गया था ! उन्होंने प्रथम, द्वितीय और तृतीय के अतिरिक्त पांच सराहनीय सृजन का चयन किया है ! आईये देखते हैं उन्होंने किन प्रतियोगियों द्वारा सृजित पंक्तियों का चुनाव किया है ! प्रतियोगिता के परिणाम के साथ ही "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता -3" का आयोजन भी किया गया है ! पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा ! प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - रविवार 26 जनवरी शाम 5 बजे तक ! सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को बहुत-बहुत बधाई/शुभ कामनाएं. |
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 2 में 'श्रेष्ठ सृजन' का चयन | |
क्रियेटिव मंच के साथियों एवं प्रतियोगीगण आप सभी को नमस्कार ! श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता -2 की प्रविष्टियाँ मेरे सामने है और मुझे निर्णायक की भूमिका मिली है। मैं नही जानता कि किस प्रतियोगी की कौन सी प्रविष्टि है। क्रियेटिव मंच के साथियों ने ऐसा करके निष्पक्षता बनाये रखने की भरपूर कोशिश की है - मैं उनके इस प्रयास की सराहना करता हूँ।
निर्णायक की भूमिका कठिन होती है, खासकर तब, जब सारी की सारी प्रविष्टियाँ अच्छीं हों और उनमे से प्रथम तीन का निर्णय करना हो।
मैंने सारी प्रविष्टियों को गौर से देखा, बार-बार देखा, साथ में उस चित्र को भी, जिसपर रचनाऐं भेजनीं थीं। दो प्रतियोगियों ने गद्यात्मक प्रविष्टि भेजी है। सारी प्रबिष्टियाँ अच्छीं हैं, प्रशंसनीय हैं, और एक निर्णायक को अपनी भूमिका भी अदा करनी है। कठिन काम है, फिर भी जिम्मेवारी तो निभानी ही होगी। मैं पुनः दुहराऊँ कि कोई रचना कमजोर नहीं थी - लेकिन मुझे "बेस्ट एमंग गुड" का निर्णय लेना पड़ा ।
किसी भी प्रतियोगी को निराश होने की जरूरत नहीं।
पुनश्च - सबके प्रयास सराहनीय थे। दूसरी बात प्रतियोगिता हमें फिर से नयी तैयारी की सीख भी दे जाती है।
शुभकामनाएं।
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[प्रथम स्थान] फूलों संग बैठी दो बहने हंसी ख़ुशी आराम है जिंदगी जी भर कर जियो क्या सुबह क्या शाम है ******************************************************* | |
[द्वितीय स्थान] ब्लॉग संचालन - 'हास्यफुहार' | |
[तृतीय स्थान] ब्लॉग संचालन - 'वीर बहुटी' बचपने की कुछ यादें आज होठों पर आयी हैं करके याद उन्हें फिर दोनो सखियाँ मुस्काइ हैं। ****************************************************** | |
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1. सुश्री रेखा प्रहलाद जी ब्लॉग : उलझन ही उलझन सखी इस संध्या वेला मे याद दिला दी तुमने बचपन की आओ बैठो जी ले फिर उन दिनों को, ना जाने फिर कब मिलना हों ! ******************************************************* 2. सुश्री रोशनी साहू जीब्लॉग : जीवन विद्या प्यारी सखी याद आ गए वो गुजरे ज़माने वो प्यारे लम्हें जो बचपन में बिताये हमने आओ मिलकर कुछ मंजर बनाये गुजर जाने से पहले जीवन खुशहाल बनाये ********************************************************** 3. श्री राम कृष्ण गौतम जीब्लॉग : मौत भी शायराना चाहता हूँ "आओ! बीती यादें ताज़ा करें थोडा हंसें थोडा रो लें चलो चलें उस दुनिया में जब हम तुम दोनों बच्चे थे सोचो कल के वो पल इस पल से कितने अच्छे थे !" ******************************************************** ब्लॉग : दिल की कलम से जीवन की जिम्मेदारी पूरी कर ली सारी अब दो पल अपने लिए बिताये बैठ अपनी सहेली के संग थोडा हँसे थोडा मुस्काए
********************************************************* ब्लॉग : बूझो तो जानें |
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ध्यान से देखा आपने ये चित्र ? क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए ! इतना अवश्य ध्यान रहे लेखन में मौलिकता होनी चाहिए ! पंक्तियाँ स्वयं आपके द्वारा रचित होनी चाहिए ! परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा ! प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा रविवार 26 जनवरी शाम 5 बजे 2010 तक है ! चूंकि अगले बुधवार 27 जनवरी को क्रिएटिव मंच पर चर्चित कवियित्री 'मधु मोहिनी जी' की बेहतरीन रचनाओं का प्रकाशन होगा इसलिए "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 3" का परिणाम बुधवार 3 फरवरी 2010 रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा ! ----- क्रिएटिव मंच |
The End |
मासूम सी मासूमियत...
जवाब देंहटाएंबहुत सुदर प्रतियोगिता है .. सभी विजेताओं को बधाई !!
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बधाई
जवाब देंहटाएंख़ुद को शाबासी
है यही कामना
सबकी दूर हो उदासी!!!
सभी विजेताओं एवं प्रतियोगियों को
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई/शुभ कामनाएं.
bahut hi sundar aayojan
sabhi logon ne bahut sundar srajan kiya. sabhi logon ko hardik badhayi.
जवाब देंहटाएंcreative manch ka lajawab aayojan
aapko bhi badhayi
हे मां शारदे !
जवाब देंहटाएंवर दे .. वर दे .. वर दे!!
मेरी मुरादें पूरी कर दे!
घिसी पिटी बेमानी रस्में
भारत से उठ जाएं बिलकुल
जाति-धर्म का भेद मिटा कर
रहें देश में हम सब मिलजुल
सोच हमारी फिर विस्तृत हो
सुख शांति खुशहाली से
एकता का जो पाठ पढाए
फिर से निर्मित हो वह गुरकुल
सविता जी, निर्मला जी, एवं अन्य सभी प्रतियोगियों बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंजमीर जी के शब्द भी बहुत अच्छे लगे.
आदरणीय श्यामल जी और क्रिएटिव सदस्यों का आभार.
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 3 के लिए -
जवाब देंहटाएं"आज हुआ है मेरा नाम बहुत
स्कूल में मिले हैं इनाम बहुत
प्रभु अपनी कृपा बनाये रखना
आगे करने है मुझे काम बहुत"
- सुलभ जायसवाल
sulabh ji, savita ji aur nirmala ji ko bahut sari badhayi. sabhi logon ne bahur sundar srajan kiya.
जवाब देंहटाएंsundar prastuti
sabhi ko bahut badhaiya...sundar aayojan
जवाब देंहटाएंहे प्रभु जो दिया जितना दिया उसके लिए तेरा शुक्रिया
जवाब देंहटाएंयही कहती मीठी मंद मुस्कान के साथ ये गुडिया...
हे प्रभु जो दिया जितना दिया उसके लिए तेरा शुक्रिया
जवाब देंहटाएंमीठी मंद मुस्कान के साथ यही कहती ये गुडिया...
सभी विजेताओं को बधाई .
जवाब देंहटाएंसमस्त विजेताओ को बधाई .
जवाब देंहटाएंबहुत बडिया । अगली पहेली के लिये आती हूं। कल धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंbada anokha aur sundar kaarykram.
जवाब देंहटाएंsabhi pratiyogiyon ko bahut badhayi.
aapka abhar
Bahut bahut badhayi vijetaaon ko
जवाब देंहटाएंsabhi ne waqayi us picture ko bahut achche se describe kiya hai
विजेताओं को बधाई!!
जवाब देंहटाएंआयोजक को साधुवाद!!!
सबको वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की शुभकामनाये !
सबसे पहले सभीको बधाई...
जवाब देंहटाएंशीर्षक - (क्यूट एक्सप्रेशन) मासूमियत की मांग!
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
हर लो हमारे सारे ग़म
सब रहें सुख चैन से
कोई किसी पे न करे सितम
सब हमेशा मुस्कुराते रहें
न हों कभी किसी की आँखें नम
और अंत में...
न हो कहीं मारकाट
न फूटे कहीं बम
Heartly Regards
Ram K Gautam
रामकृष्ण गौतम ने कहा :
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई
सुलभ ,सविता जी, निर्मला जी, एवं अन्य सभी प्रतियोगियों को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बधाई !
सभी विजेताओं को बधाई....मानवी जी सुन्दर आयोजन के लिए आभार....
जवाब देंहटाएं"प्यारे भगवान जी... "
जवाब देंहटाएं"प्यारे भगवान जी तुम हमेशा खुश रहना
हमेशा अच्छा कार्य करूँ ऐसा आशीर्वाद देना.
यह प्यारी सृष्टि संतान है तुम्हारी
ऐसी ही दृष्टि हो प्रभु हमारी!"
पहेली प्रतियोगिता 3 के लिये प्रविष्टी
जवाब देंहटाएंये प्रभु मेरी मुस्कान और मासूमियत
दुनिया से बचाये रखना
जब मै बडा होऊँ तो बस
एक अदद इन्सान बनाये रखना
मुझे लगता हैकि आज कल जिस तरह बच्चों का बचपन छीना जा रहा है उनकी मासूमियत और मुस्कान से खेला जा रहा है तो जरूर बच्चे के मन मे भगवान से विनती करने के लिये अपने हाथ जोडने का ख्याल आता होगा। \। इसी बात को ध्यान मे रख कर शीर्शक की ये पँक्तियाँ कही हैं। धन्यवाद
जैसा निर्मला कपिला जी ने कहा :
जवाब देंहटाएंमुझे लगता हैकि आज कल जिस तरह बच्चों का बचपन छीना जा रहा है उनकी मासूमियत और मुस्कान से खेला जा रहा है तो जरूर बच्चे के मन मे भगवान से विनती करने के लिये अपने हाथ जोडने का ख्याल आता होगा। इसी बात को ध्यान मे रख कर शीर्शक की ये पँक्तियाँ कही हैं.....
धन्यवाद
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@ निर्मला जी हमने आपके द्वारा सृजित पंक्तियों को सहेज कर रख लिया है
sulabh ji, savita ji aur nirmala ji ko bahut sari badhayi!
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 3
जवाब देंहटाएंगणपति बाप्पा, मम्मी पापा ना लड़े ना ही बिगड़े मेरी दोस्त लाली पे,
क्या हुआ वो काली है और उसकी आई कामवाली बाई है; गुड नैट
सभी विजेताओं को बधाई.
जवाब देंहटाएंनन्हा,मासूम ,नटखट हूं , हूं सभी का दुलारा ,
जवाब देंहटाएंकोई कहता सूरज - चंदा ,कोई आंखों का तारा ।
ईश्वकर से वरदान मैं मांगू ,बहे प्रेम की धारा ,
रहे सलामत घर -आंगन ,और यह जग हमारा ।