बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक 3 का परिणाम

प्रतियोगिता संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


srajan
प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों
नमस्कार !!
आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है

किन्हीं तकनीकी कारणों की वजह से हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 3' के परिणाम को समय से घोषित नहीं कर पाए इसके लिए हमें खेद है !

हमें बहुत से पाठकों के मेल प्राप्त हुए ! आपके स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए हम आपके अत्यंत आभारी हैं ! कई पाठकों ने हमें सुझाव भी दिए थे ! पहला सुझाव तो यह था कि श्रेष्ठ सृजन का चयन क्रिएटिव मंच द्वारा ही संपन्न हो ! दूसरा महत्वपूर्ण सुझाव यह था कि श्रेष्ठ सृजन को प्रतिस्पर्धा से मुक्त रखा जाए ! अब से क्रियेटिव मंच टीम के तीन सदस्य प्रविष्टियों को श्रेष्टता के आधार पर क्रम देंगे। और सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

परिणाम के अंत में आज की
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 4 का चित्र दिया जा रहा है ! पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - रविवार,14 फ़रवरी- शाम 5 बजे तक

सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को
बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं.


***********************************************************
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक 3 का परिणाम
0512171356395thankful_prayer
शीर्षक - मासूमियत की मांग!
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
हर लो हमारे सारे ग़म
सब रहें सुख चैन से
कोई किसी पे न करे सितम
सब हमेशा मुस्कुराते रहें
न हों कभी किसी की आँखें नम
न हो कहीं मारकाट
न फूटे कहीं बम
ram krishn gautam
***********************************************************

manoj kumar ji

शीर्षक - हे मां शारदे !

वर दे .. वर दे .. वर दे!!
मेरी मुरादें पूरी कर दे!
घिसी पिटी बेमानी रस्में
भारत से उठ जाएं बिलकुल
जाति-धर्म का भेद मिटा कर
रहें देश में हम सब मिलजुल
सोच हमारी फिर विस्तृत हो
सुख शांति खुशहाली से
एकता का जो पाठ पढाए
फिर से निर्मित हो वह गुरकुल

***********************************************************


नन्हा,मासूम,नटखट हूं,
हूं सभी का दुलारा,
कोई कहता सूरज-चंदा,
कोई आंखों का तारा ।
ईश्वकर से वरदान मैं मांगू,
बहे प्रेम की धारा,
रहे सलामत घर-आंगन,
और यह जग हमारा

shamim ji

***********************************************************

nirmla kapila ji


हे प्रभु


मेरी मुस्कान और मासूमियत
दुनिया से बचाये रखना
जब मै बडा होऊँ तो बस
एक अदद इन्सान बनाये रखना

***********************************************************


प्यारे भगवान जी
तुम हमेशा खुश रहना
हमेशा अच्छा कार्य करूँ
ऐसा आशीर्वाद देना.
यह प्यारी सृष्टि
संतान है तुम्हारी
ऐसी ही दृष्टि हो
प्रभु हमारी!"

sushree roshni ji

***********************************************************
sulabh satrangi ji


"आज हुआ है मेरा नाम बहुत
स्कूल में मिले हैं इनाम बहुत
प्रभु अपनी कृपा बनाये रखना
आगे करने है मुझे काम बहुत"

***********************************************************


हे प्रभु जो दिया
जितना दिया
उसके लिए तेरा शुक्रिया
मीठी मंद मुस्कान के साथ
यही कहती ये गुडिया...

sushri shubham jain
***********************************************************

rekha prahlaad ji



गणपति बाप्पा,
मम्मी पापा ना लड़े
ना ही बिगड़े मेरी दोस्त लाली पे,
क्या हुआ वो काली है
और उसकी आई कामवाली बाई है !

************************************************************
************************************************************
srajan 4
आईये अब चलते हैं "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 4" की तरफ !
नीचे ध्यान से देखिये चित्र को ! क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए !
---- क्रियेटिव मंच
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 4
प्रतियोगियों के लिए -
1- इस प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है।
2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है.
3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं ,जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा।
4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा।
5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहीए। शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है। परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा !
6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा।
7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें . 'माडरेशन ऑन' रहेगा। आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये।
-------------------------------------
प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा रविवार 13 फ़रवरी शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 4" का परिणाम बुधवार 17 फरवरी 2010 रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा
----- क्रिएटिव मंच
The End

40 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत देर कर दी आपने आते....हम तो इंतजार ही कर रहे थे .... :)
    धन्यवाद...
    गौतम जी, मनोज जी और शमीम जी आपको बहुत बधाइयाँ...
    कपिला दीदी आपको भी बधाई..
    शुभम जी आपकी लाडली की नई पोस्ट अच्छी लगी...
    आपको भी शुभकामनायें...

    जवाब देंहटाएं
  2. वन्देsssss मातरम्!!
    नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़,
    अब भी तेरे दिल से आती है ..
    जब भी मैदाने जंग में होते हैं.
    उनकी कुर्बानी याद आती है.
    तू मत हो उदास
    की अब भी कुछ बच्चे हैं नादाँ
    हम नया सबेरा लायेंगे
    अपनों को अपना बनायेंगे.
    चाहे चले जाए इसमें हमारी जाँ
    नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़
    अब भी जो तेरे दिल से आती है....
    वन्देsssss मातरम्!! ...वन्देsssss मातरम्!!

    जवाब देंहटाएं
  3. "जो लिया जहाँ से, जिससे, जब
    मैं गीत उन्ही के गाता हूँ,
    शत धन्यवाद उस महफ़िल को,
    मैं सबकुछ तुमको लौटाता हूँ!"

    तमाम प्रतियोगियों को शुभकामनाएं!
    इस प्रतियोगिता ने मुझे बहुत सिखाया है| मैं क्रिएटिव मंच और इसके तमाम सदस्यों का दिल की गहराईयों से शुक्रगुजार हूँ| इनके इस अभिनव आयोजन की वज़ह से मैंने बहुत कुछ पाया है और बहुत सीखा है| कहते हैं न कि "अगर राह में चलते-चलते हमें कोई हमसफ़र मिल जाता है तो सफ़र कैसे कट जाता है, पता ही नहीं चलता और हम मंजिल भी प्राप्त कर लेते हैं.." मेरी ब्लोगिंग की दुनिया भी ऐसी ही है जहाँ मुझे क्रिएटिव मंच जैसे हमसफ़र के साथ (हर प्रतियोगिता के साथ) चलने का अवसर प्राप्त हुआ है| मुझे इस बात की बेहद ख़ुशी है कि मेरा सृजन पसंद किया गया| एक बार फिर आप लोगों को साधुवाद!


    शुभ भाव

    राम कृष्ण गौतम

    जवाब देंहटाएं
  4. सबने बहुत सुन्दर सृजन किया.
    कोशिश मैंने भी की थी लेकिन सफल नहीं हो पाई
    रामकृष्ण जी, मनोज जी और शमीम जी समेत सभी को बहुत बधाई.
    regards

    जवाब देंहटाएं
  5. aapne result batane men der kar di. utsukta thi ki kisne kya likha hoga.
    sabhi ne badhiya panktiyon kee rachna kee hain.
    sabko shubh kamnayen

    जवाब देंहटाएं
  6. sabhi ka prayaas sundar hai.
    pratiyogiyon ko shubh kamnayen.

    bahut sundar aayojan
    aapko bhi badhayi

    जवाब देंहटाएं
  7. kya hai ye sab ?
    3-4 lines to koyi bachcha bhi likh sakta hai. isme kya badi baat hai ?
    koyi kaayde kee cheej pesh karo tum log

    जवाब देंहटाएं
  8. sharam karo ////
    desh men itni sari samasyayen hain aur tum log paheliyan aur kissa kavita likh rahe ho. sharm karo

    जवाब देंहटाएं
  9. हर कोई जो सुख चैन से
    घरों में अपने सोता है
    क्या सोचा कभी ज़रा सा भी
    बलिदान इन्हीं का होता है!

    जब होती बारिश सराबोर
    हम छाते लेकर चलते हैं
    ये वीर बहादुर उस दिन भी
    अपनी कुर्बानी देते हैं!

    ज़रा सोचो कि तुम रोज़_रोज़
    जो देश और दुनिया जाते हो
    सकुशल वापस जस के तस
    इनकी वज़ह से ही आ पाते हो!

    क्या शीश नवाया एक पल भी
    क्या किया कभी नमन इनको
    जो अपना चैन हराम करें
    देने "आज़ाद" वतन तुमको!

    !*जय हिंद जय भारत*!


    सम्माननीय,


    हमारे देश की क्या विडंबना है कि जो वीर सिपाही सरहद पर रहकर अपना घर, परिवार छोड़कर हमारी रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते हैं, उन्ही वीर जवानों के शहीद हो जाने के बाद उन्हें पत्थर की मूर्तियों में गढ़कर किसी सड़क या गली, चौराहे पर खड़ा कर दिया जाता है| उनके परिवार वाले भी बेसहारा होकर सड़कों पर घुमते नज़र आते हैं| आज के हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि एक देशभक्त शहीद का नाम कोई नहीं जानता जबकि देश और दुनिया के दुश्मन आतंकियों के नाम एक छोटा बच्चा भी बता देता है| हमारे तंत्र कि यही कमी हमारा दुश्मन बनता जा रहा है|

    बहरहाल! समस्त टीम को मेरी शुभकामनाएं!


    शुभ भाव

    राम कृष्ण गौतम

    जवाब देंहटाएं
  10. माफ़ी चाहूँगा, जल्दबाजी में शीर्षक लिखना भूल गया था| अनुरोध है कि इस शीर्षक को शामिल कर लें और कविता के साथ ही इसे जोड़ लें!

    इसे और कविता को एक ही पोस्टिंग मानें!


    शीर्षक : "इनकी खातिर महफूज़ हैं हम!!!"




    शुभ भाव


    राम कृष्ण गौतम

    जवाब देंहटाएं
  11. @ राम कृष्ण जी आप चिंतित न हों !
    हमने प्रविष्टि के साथ ही सुरक्षित कर लिया है !

    -----क्रिएटिव मंच

    जवाब देंहटाएं
  12. "बेनामी" महोदय/महोदया, इतने कीमती सुझाव देने के लिए धन्यवाद... दरअसल बात तीन या चार लाईन लिखने कि नहीं है, बात है रचनात्मकता और प्रस्तुति की| अगर आपको क्रिएटिव मंच का आयोजन और प्रतिभागियों की सहभागिता पसंद नहीं आई तो कृपया उचित सुझाव दें| और रही बात देश की समस्याओं को हल करने की तो आप भी शायद इसी देश के/की नागरिक हैं| दर्शक दीर्घा से उठकर आप भी प्रतियोगियों की तरह "मंच" पर आएं और अपनी "क्रियेटिविटी" दिखाएं| तब पता चलेगा कि आप देश की समस्याओं को लेकर कितने चिंतित हैं?

    शुभ भाव

    जवाब देंहटाएं
  13. राम कृष्ण गौतम जी ने कहा :-

    सम्माननीय,
    हमारे देश की क्या विडंबना है कि जो वीर सिपाही सरहद पर रहकर अपना घर, परिवार छोड़कर हमारी रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते हैं, उन्ही वीर जवानों के शहीद हो जाने के बाद उन्हें पत्थर की मूर्तियों में गढ़कर किसी सड़क या गली, चौराहे पर खड़ा कर दिया जाता है| उनके परिवार वाले भी बेसहारा होकर सड़कों पर घुमते नज़र आते हैं| आज के हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि एक देशभक्त शहीद का नाम कोई नहीं जानता जबकि देश और दुनिया के दुश्मन आतंकियों के नाम एक छोटा बच्चा भी बता देता है| हमारे तंत्र कि यही कमी हमारा दुश्मन बनता जा रहा है|
    बहरहाल!
    समस्त टीम को मेरी शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  14. रामकृष्ण गौतम जी बहुत बहुत बधाई .
    आप की कविता बहुत ही अच्छे भाव लिए है.
    अन्य सभी रचनाएँ भी बहुत अच्छी हैं..एक ही विषय पर इतनी अच्छी रचनाएँ पढ़ने को मिलीं.सभी प्रतिभागियों और मंच का शुक्रिया.
    **बहुत बार विषय के अभाव में या विषय सूझता नहीं तो हम लिखते नहीं..लेकिन कोई चित्र या विषय दिए जाने पर खुद भी मालूम नहीं चलता कि कहाँ से इतने विचार आ जाते हैं और एक रचना का सृजन हो जाता है.
    इसलिए ऐसे प्रयासों की सराहना आवश्यक है.
    धन्यवाद.

    शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  15. jinhone srajan kiya un sabhi ko badhayi.
    bahut hi sundar program
    creative manch kee poori team prashansa kee hakdaar hai.
    dhanyavad

    जवाब देंहटाएं
  16. sabhi patiyogiyo ko bahut badhai...sabhi rachnaye bahut sundar...aur usse bhi achcha sheshth srijan ka prastutikaran...

    benami mahoday ka hriday se swagat...{ab mahoday likhu ya mahodaya isme bhi uljhan hai:)}so agli baar aap jara naam ke saath aaye, shukriya ada karna aasan ho jayega , kyoki aapke in comments se hume bahut protsahan milta hai.

    @ rashmi didi aapko ladli ki post aachi lagi to wo jarur bhut achchi hogi..lekin maaf kijiyega wo mera blog nahi hai..mere blog ka naam nanhi pari hai.. :)

    जवाब देंहटाएं
  17. हिन्दू मुस्लिम सिख हो या इसाई, सीमा पर डटे हम सब भाई
    उठा बन्दुक निशाना हम लगायेगे, एक एक दुश्मनों के छक्के हम छुडायेगे,
    आंच ना आने देगे देश पर अपने, इसकी रक्षा में अपनी जान lutayege.

    जवाब देंहटाएं
  18. गौतम जी, मनोज जी और शमीम जी को बधाई अभी जल्दी मे हूँ दोबारा आती हूँ ।अभार्

    जवाब देंहटाएं
  19. स्थिति बड़ी विकट है दोस्तों, दुश्मन बहुत निकट है दोस्तों, देखो कहीं ध्यान चूक न जाए, कोई सीमा हमारी छू न पाए!!!

    जवाब देंहटाएं
  20. विजेता को बधाई।शुभकामनाएँ!!!

    जवाब देंहटाएं
  21. रखें हम दुश्मन पे नजर
    ये हमारा फर्ज है,
    फर्ज में जान भी जाए
    ये मां का कर्ज है !

    जवाब देंहटाएं
  22. contest mein bhaag lene ke liye comment link par click ho hi nahi pa raha hai.. :(

    जवाब देंहटाएं
  23. contest mein bhaag lene ke liye comment link par click ho hi nahi pa raha hai.. :(

    जवाब देंहटाएं
  24. गौतम जी, मनोज जी और शमीम जी को बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  25. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 4"

    सजग, जांबाज़, प्रहरी, जीते वतन के लिए
    दुश्मन को सबक सिखलाते वतन के लिए
    जिंदगी-मौत के बीच इनकी हस्ती है
    दूर सरहद यही जज्बा-ए-वतनपरस्ती है

    - सुलभ

    जवाब देंहटाएं
  26. आदरणीय पारुल जी
    आपके बात समझ नहीं आई !
    कमेन्ट करने में तो किसी प्रकार की समस्या नहीं है ! बस माडरेशन ऑन होने के कारण तुरंत प्रकाशित नहीं होगा ! देखिये आपका कमेन्ट प्रकाशित हुआ न ! फिर भी आपको कोई समस्या हो तो आप हमारे ई-मेल पर भी अपनी प्रविष्टि भेज सकती हैं :
    creativemanch@gmail.com

    सधन्यवाद
    -------------क्रिएटिव मंच

    जवाब देंहटाएं
  27. मातृभूमि को नमन

    'जीना है मर जाना है ,हमको इस देश की खातिर,
    प्रण ले कर मन में अपने ,सरहद पर डटे हुए हैं.'

    जवाब देंहटाएं
  28. हम
    बाहर के दुश्मन से
    निपट लेंगे
    पर
    चिंता है
    घर में बैठे
    दुश्मनों से !!

    जवाब देंहटाएं
  29. श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता-४

    भारत का कोई भी हिस्सा,
    धरती, आकाश हो या पानी.
    इन सबकी सुरछा का भार,
    वहन करते हम रछा सेनानी.
    (font ki garbadi ke karan suraksha aur raksha ki spelling galat ho rahi hai.)

    जवाब देंहटाएं
  30. बर्फीली हों कभी हवा या चलने लगें आंधियां भी ,
    बरस रहे हों मेघ कहीं या फटने लगे कहीं ज़मीं,
    हैं अडिग देश के ये प्रहरी!
    हम को इन पर है नाज़ बहुत,
    उन से हम यह ही कहते हैं..
    तुम नहीं अकेले ओ प्रहरी !
    साथ तुम्हारे हम सब हैं,
    तुम बढ़ो हमेशा आगे ही ,
    भारत माँ का आशीष और
    मन में गहरा विश्वास लिए!
    -[स्वरचित ]-

    जवाब देंहटाएं
  31. हम है राष्ट्र के सजग प्रहरी
    सुबह,शाम हो या तपती दोपहरी,
    इसकी रक्षा करना हमारा काम
    मर मिटना ही हमारा ईनाम.

    जवाब देंहटाएं
  32. श्रेष्ठ सृजन - चार की पोस्टिंग्स को अपने मोडरेट कर दिया है! क्या वज़ह है? एसा तो नहीं कि इन पोस्टिंग्स को अन्य टिप्पणियों की तरह ही मान लिया गया है? अगर ऐसा है तो मैं श्रेष्ठ सृजन - चार के लिए पुनः अपनी रचना पोस्ट कर रहा हूँ, ध्यान दीजिएगा :

    शीर्षक : "इनकी खातिर महफूज़ हैं हम!!!"


    हर कोई जो सुख चैन से
    घरों में अपने सोता है
    क्या सोचा कभी ज़रा सा भी
    बलिदान इन्हीं का होता है!

    जब होती बारिश सराबोर
    हम छाते लेकर चलते हैं
    ये वीर बहादुर उस दिन भी
    अपनी कुर्बानी देते हैं!

    ज़रा सोचो कि तुम रोज़_रोज़
    जो देश और दुनिया जाते हो
    सकुशल वापस जस के तस
    इनकी वज़ह से ही आ पाते हो!

    क्या शीश नवाया एक पल भी
    क्या किया कभी नमन इनको
    जो अपना चैन हराम करें
    देने "आज़ाद" वतन तुमको!

    !*जय हिंद जय भारत*!


    सम्माननीय,


    हमारे देश की क्या विडंबना है कि जो वीर सिपाही सरहद पर रहकर अपना घर, परिवार छोड़कर हमारी रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते हैं, उन्ही वीर जवानों के शहीद हो जाने के बाद उन्हें पत्थर की मूर्तियों में गढ़कर किसी सड़क या गली, चौराहे पर खड़ा कर दिया जाता है| उनके परिवार वाले भी बेसहारा होकर सड़कों पर घुमते नज़र आते हैं| आज के हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि एक देशभक्त शहीद का नाम कोई नहीं जानता जबकि देश और दुनिया के दुश्मन आतंकियों के नाम एक छोटा बच्चा भी बता देता है| हमारे तंत्र कि यही कमी हमारा दुश्मन बनता जा रहा है|




    शुभ भाव

    राम कृष्ण गौतम

    जवाब देंहटाएं
  33. @ राम कृष्ण गौतम जी
    ऐसा है कि परिणाम तैयार होने तक प्रविष्टियाँ रोकी जाती हैं ..... चयन सूची बनने के बाद प्रविष्टियों को प्रकाशित कर दिया जाता है

    सधन्यवाद
    -------------क्रिएटिव मंच

    जवाब देंहटाएं
  34. ओह्ह! माफ़ी चाहूँगा... मैं तो डर ही गया था...



    शुभ भाव


    "राम"

    जवाब देंहटाएं

'आप की आमद हमारी खुशनसीबी
आप की टिप्पणी हमारा हौसला'

संवाद से दीवारें हटती हैं, ये ख़ामोशी तोडिये !

CTRL+g दबाकर अंग्रेजी या हिंदी के मध्य चुनाव किया जा सकता है
+Get This Tool