आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया !
कल C.M.Quiz -24 के अंतर्गत हमने भारतीय गौरव से सम्बंधित एक ऐतिहासिक चित्र दिखाया था और प्रतियोगियों से उसके बारे में जानकारी मांगी थी ! बहुत से प्रतियोगियों ने जवाब दिए किन्तु हमें नौ प्रतियोगियों द्वारा सही जवाब प्राप्त हुए ! एक बार फिर से गजब की तेजी दिखाते हुए श्री मोहसिन जी ने सबसे पहले एकदम सही जवाब दिया और C.M.Quiz-24 के प्रथम विजेता बने ! उसके बाद क्रमशः श्री ज़मीर जी और सुश्री रेखा जी के सही जवाब प्राप्त हुए ! आईये संक्षेप में चित्र की जानकारी लेते हैं और क्विज का शेष परिणाम देखते हैं :
सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
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C.M.Quiz - 24 का सही जवाब था :
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यह चित्र भारतीय सेना के उस गौरव दर्शाता है जब 1971 में भारत- पाकिस्तान युद्ध हुआ था ! 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के जनरल एके नियाजी ने जीओसी पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष 95 हजार पाकिस्तानी सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था।
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आईये 1971 के उस ऐतिहासिक युद्ध के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करते हैं : |
1971 का युद्ध और पाकिस्तान का आत्म समर्पण [Pakistan surrender to india (1971 War)]
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1970 में पाकिस्तान में हुए चुनाव में क्षेत्रीय स्वायत्तता के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली शेख़ मुजीब की अवामी लीग को पूर्वी पाकिस्तान की 162 सीटों में से 160 सीटें मिली थीं और उसे पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली में पूर्ण बहुमत मिल गया था. सत्ता हस्तांतरण तो दूर पाकिस्तान सैनिक तानाशाह जनरल याहिया खाँ ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक शक्ति से कुचलने का आदेश दे दिया था. शेख़ मुजीब गिरफ़्तार कर लिए गए।
पाकिस्तान ने अपने देश के एक टुकड़े पूर्वी पाकिस्तान अब बांग्लादेश में छह महीनों के दौरान फौजी कार्रवाई करते हुए तीन लाख से ज़्यादा लोगों को मार डाला था। यह आँकड़ा खुद पाकिस्तान के अपने जाँच अधिकारी हमीद उर रहमान की रिपोर्ट में दिया गया है। सैनिक दमन से त्रस्त लगभग एक करोड़ लोगों ने भारत की धरती पर शरणार्थी के रूप में प्रवेश किया. जैसे-जैसे पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों की ख़बरें फैलने लगी, भारत सरकार पर वहाँ सैनिक हस्तक्षेप के लिए दवाब पड़ने लगा. 1962 और 65 में करारी शिकस्त पाने के बाद पाकिस्तान ने 3दिसंबर1971 को भारत पर हमला कर दिया भारतीय सेना ने जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना ने लाहौर तक कब्जा कर लिया था। युद्ध के बारहवें दिन ढाका में पूर्वी पाकिस्तान की फौज के कमांडर लैफ्टिनेंट जनरल अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना प्रमुख को लड़ाई बंद करने की अपील की। भारत के जनरल मानेकशा ने उदारता व सदभावना का उदाहरण पेश करते हुए उसी दिन शाम पांच बजे ढाका पर की जा रही हवाई कार्रवाई को रोक दिया।
तेहरवां दिन-... 16 दिसंबर 1971 की दोपहर को पाकिस्तानी सेना के अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने अपनी कमान के 95 हजार सैनिकों समेत भारतीय सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लै जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया था। पाकिस्तान के बड़े अधिकारियों ने अपने हथियारों के अलावा अपनी छाती व कंधों पर लगे बैज व मैडल तक उतार कर ढेर कर दिए थे।
16 दिसंबर एक ऐसा दिन है जिसने दुनिया के नक्शे को पलट कर रख दिया। भारतीय सेना ने 1971 में इस दिन पाक के हमले का जो जवाब दिया उसके परिणति में पाकिस्तान टूट गया और वजूद में आया बंगलादेश। इस ऐतिहासिक जीत को हर साल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। |
परिणति :
भारतीय बहादुर जवानों की शहादतों और पराक्रम की बदौलत लड़ी व जीती गई इस जंग का पटाक्षेप 3 जुलाई 1972 में शिमला में हुआ जब भारतीय प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी व पाकिस्तान प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो में इस जंग का समझौता हुआ जिसे शिमला समझौते के तहत याद किया जाता है।
समझौते के बाद पाकिस्तान की तरफ से आत्मसमर्पण करने वाले 90,368 युद्धबंदियों की रिहाई हुई। जिनमें पाकिस्तानी थल सेना के 54,154 सैनिक, जलसेना के 1381, वायूसेना के 833, अर्धसैनिक बल व सिविल पुलिस के 22,000 व 12,000 सिविल नागरिक शामिल थे। युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के हाथ लगे हमारे कई वीर सैनिक पाकिस्तानी जेलों में सड़ते रहे, जिनके प्रमाण देने के बाद भी पाकिस्तान के शासक हमेशा इन्कार करते रहे। इन सैनिकों की रिहाई के लिए उनके परिजनों ने 'मिसिंग डिफेंस परसनल रिलेटिव एसोसिएशन' के नेतृत्व में इस मुद्दे को कई बार उठाया, मगर पाकिस्तान हर बार यही कह कर मामले को टाल देता कि उसके पास कोई भी भारतीय सैनिक नहीं है। हालांकि समय-समय पर इन जवानों की तरफ से अपने परिजनों को भेजे जाने वाले खतों और मीडिया ने भी इस पर अपने प्रमाण दिए। |
C.M. Quiz - 24
प्रतियोगिता का पूरा परिणाम :
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
सभी प्रतियोगियों और पाठकों को शुभकामनाएं !
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं,
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
अगले रविवार (Sunday) को हम 'प्रातः दस बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !
सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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sabhi prtibhagiyon ko badhaai!!!!!
जवाब देंहटाएंmaine is baar hissa nahi liya to socha ki iss baar to quiz fail ho jayegi. ha..ha..ha.
जवाब देंहटाएंsabhi vijetaon ko bahut bahut badhayi ho.
maanvi ji its tha exicelent quiz and superb presentation
mushkil quiz thi.
जवाब देंहटाएंitni door tak socha hi nahi tha.
sabhi jeetne walon ko bahut bahut mubarakbad.
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई। आपका धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बधाई .
जवाब देंहटाएंसाथ ही CM को भी बधाई .
Mohsin ji aur baki Sabhi vijaton ko bahut bahut badhaayee!
जवाब देंहटाएंCM team ko itni sundar aur vistrit jaankari ke liye dhnywaad.
achchee quiz thi .
Jai Hind!
sabhi vijetao aur pratiyogiyo ko dhero badhai aur shubh kamnaye...
जवाब देंहटाएंbahut achchi quiz...
bahut sundar quiz
जवाब देंहटाएंpahli baar aisa hua ki jawaab na bata paane ke baavjud bhi bahut khushi huyi.
bahut-bahut badhayi sabhi winners ko.
thanks
congratulations to all winners.
जवाब देंहटाएंvery nice quiz
mai apne daddy ke kaaran bata payi.
unhone dekhte hi mere se bola ki ye pakistan war ka hai
मोहसिन जी एवं सभी विजेताओं को बधाई.
जवाब देंहटाएंcongratulations to all winners
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंसाथ ही CM को भी बधाई
सभी विजेताओं को बधाई.
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंप्रतियोगिता (प्रेम वाटिका) के सभी विजेताओं को मिलियन बधाई| आयोजकों (प्रेम वाटिका के रक्षक) को बिलियन आभार|
जवाब देंहटाएंइस बार हिस्सा न ले पाने के लिए क्षमा चाहता हूँ| मुझे इस बात का खेद है| अगली बार ज़रूर आऊंगा|
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम
garv ke sath dukh bhi hua ki hamare sainik wapas watan nahin aaye...
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