************************** हो मंगलमय सबकी होली ************************** होली रंगों का त्योहार लाल, नीला, पीला, गुलाल- पुकार पुकार यह कहता हम जैसे हिल मिल जाते है, मानव क्यों नहीं मिलता अचेतन चेतन को समझाए, प्रकृति का अजब उपहार होली आ गई हमें सिखाने, वैमनस्य का त्याग कराने अब भी समय है छोड़ो मानव, अपने सभी विकार होली रंगों का त्योहार !! प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों नमस्कार !! आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 4' का परिणाम लेकर हाजिर हैं ! प्रतियोगियों से किये वादे के अनुसार श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन क्रिएटिव मंच ने सर्वसम्मति से किया ! लगातार दूसरी बार रामकृष्ण गौतम जी की प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ सृजन के रूप में चयन किया गया है ! दूसरी और तीसरी श्रेष्ठ प्रविष्टि के रूप में क्रमशः सुश्री अल्पना वर्मा जी और श्री सुलभ सतरंगी जी को चुना गया !हमारी क्रिएटिव मंच टीम की तरफ से सभी श्रेष्ठ सृजनकारों को दिली मुबारकबाद ! आप लोगों को एक और महत्वपूर्ण सूचना यह देनी है कि अब "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता" का आयोजन एक बुधवार छोड़कर होगा यानी दो हफ्ते में एक बार ! इस तरह प्रतियोगियों को सृजन का अतिरिक्त समय मिलेगा ! मेल द्वारा कुछ लोगों ने जानना चाहा था- यहाँ एक बार हम पुनः स्पष्ट कर दे रहे हैं कि अगर किसी प्रतियोगी को यह लगता है कि वह पहले भेजी गयी प्रविष्टि से बेहतर प्रविष्टि भेज सकता है तो आप एक से ज्यादा प्रविष्टियाँ भेज सकते हैं ! ऐसी स्थिति में हम प्रतियोगी की अंतिम प्रविष्टि पर ही विचार करते हैं ! जैसे इस सृजन प्रतियोगिता में अल्पना वर्मा जी ने पहली प्रविष्टि के उपरान्त दूसरी प्रविष्टि भेजी ! हमने उनकी पहली प्रविष्टि रद्द कर दी और देखिये सुखद परिणाम अल्पना जी की प्रविष्टि श्रेष्ठ सृजन क्रम में दुसरे स्थान के लिए चयनित हुयी ! आपका स्नेह, उत्साहवर्धन और आशीर्वाद हमें निरंतर ई-मेल द्वारा प्राप्त हो रहा है जिसके लिए हम आपके अत्यंत आभारी हैं ! परिणाम के अंत में आज की श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5 का चित्र दिया गया है ! इस बार का सृजन चित्र सदभावना और हर्षोल्लास के प्रतीक होली त्यौहार को ध्यान में रखकर दिया जा रहा है. सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 4 मार्च- शाम 5 बजे तक। सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को होली पर्व की बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं. |
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक 4 का परिणाम |
सजग, जांबाज़, प्रहरी, जीते वतन के लिए दुश्मन को सबक सिखलाते वतन के लिए जिंदगी-मौत के बीच इनकी हस्ती है दूर सरहद यही जज्बा-ए-वतनपरस्ती है |
हिन्दू मुस्लिम सिख हो या इसाई सीमा पर डटे हम सब भाई उठा बन्दुक निशाना हम लगायेगे एक-एक दुश्मनों के छक्के हम छुडायेगे आंच ना आने देगे देश पर अपने इसकी रक्षा में अपनी जान लुटाएंगे
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5- रजनीश परिहार जी | स्थिति बड़ी विकट है दोस्तों, दुश्मन बहुत निकट है दोस्तों, देखो कहीं ध्यान चूक न जाए, कोई सीमा हमारी छू न पाए!!! |
रखें हम दुश्मन पे नजर ये हमारा फर्ज है, फर्ज में जान भी जाए ये मां का कर्ज है ! |
हम है राष्ट्र के सजग प्रहरी सुबह,शाम हो या तपती दोपहरी, इसकी रक्षा करना हमारा काम मर मिटना ही हमारा ईनाम. |
हम बाहर के दुश्मन से निपट लेंगे पर चिंता है घर में बैठे दुश्मनों से
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भारत का कोई भी हिस्सा, धरती, आकाश हो या पानी. इन सबकी सुरक्षा का भार, वहन करते हम रक्षा सेनानी |
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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 5 प्रतियोगियों के लिए- 1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है। 2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है। 3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा। 4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। 5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा ! 6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा। 7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये। ------------------------------------- प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 4 मार्च शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 5" का परिणाम 10 मार्च रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा। ----- क्रिएटिव मंच |
The End |
दसों एक से बढ़कर एक!
जवाब देंहटाएंअंक ५ के लिए:
जवाब देंहटाएंये रंग भरा त्यौहर, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.
-समीर लाल ’समीर’
प्रतियोगिता अंक ५ के लिए:
जवाब देंहटाएंलाल, हरा और नीला, पीला है
कुछ सूखा है और कुछ गीला है,
संगी साथी सब मिल कर खेलें,
पर्व होली का, कितना रंगीला है
मानवी जी मै भी कितनी लापरवाह हूँ ़ामा चाहती हूँ पिछली प्रतियोगिता मे भाग न ले सकी लेकिन इस बार जरूर कोशिश करूँगी। मगर होली पर हास्य व्यंग जैसा कुछ रखते तो बहुत अच्छा था। आपकी मेहनत और लगन को सलाम ।
जवाब देंहटाएंगौतम जी और बाकी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
मानवी जी मै भी कितनी लापरवाह हूँ ़ामा चाहती हूँ पिछली प्रतियोगिता मे भाग न ले सकी लेकिन इस बार जरूर कोशिश करूँगी। मगर होली पर हास्य व्यंग जैसा कुछ रखते तो बहुत अच्छा था। आपकी मेहनत और लगन को सलाम ।
जवाब देंहटाएंगौतम जी और बाकी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
सभी श्रेष्ठ सृजनकारों को बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंगौतम जी ने दूसरी बार भी श्रेष्ठ प्रदर्शन किया, इसके लिए उन्हें विशेष मुबारकबाद.
अति सुन्दर कार्यक्रम / आपका आभार
mera bhi naam ?????????
जवाब देंहटाएंwow hurrre
sabse pahle to mai khud ko badhayi dungi. fir sabhi doosre vijetaon ko bahut sari badhayi.
thanks with regards
sabhi winners ko badhayi
जवाब देंहटाएंsabne bahut hi sunadr srajan kiya.
aayojan achha laga
रामकृष्ण गौतम जी की रचना को श्रेष्ठ सृजन चुने जाने पर हार्दिक बधाई. बाकी सभी प्रतिभागियों को भी मंगलकामनाएं. आपका आयोजन अत्यंत सुन्दर और रचनात्मक है, इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है.
जवाब देंहटाएंraamkrishn gautam ji sahit sabhi pratiyogiyo ko bahut badhai...bahut sundar rachnaye...
जवाब देंहटाएंप्रतियोगियों से विनम्र अनुरोध है कि कृपया बधाई और प्रविष्टि अलग-अलग देने की कृपा करें !
जवाब देंहटाएंस्नेह एवं आभार सहित
--------------------- क्रिएटिव मंच
सभी सृजन कर्ताओं को बधाई. सभी रचना एक से बढ़कर एक है.
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त शीर्षक के लिए रजनीश परिहार जी और शमीम खान जी ने ध्यान खींचा.
मेरी एक सलाह है, अधिकतम पंक्तियों की एक सीमा होनी चाहिए. ताकि चित्र केन्द्रित सृजन की सार्थकता बनी रहे और क्रिएटिव सदस्यों को क्रम चयन करने में सहूलियत हो. ये मेरे विचार मात्र है, वैसे आप का आयोजन बेहतर से बहतर होता जा रहा है.
होली की सभी को शुभकामनाएं. होली विशेष चित्र लगाकर आपने मन मोहलिया.
- सुलभ
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 5
जवाब देंहटाएंबच्चो ने मिलकर ठानी है
होली खूब मनानी है
तुम जोकर बनो
मैं बन जाऊ भालू
तेरे घर की गुझिया खानी है
हर उमर में बनी रहे
यही उमंग यही तरंग
वैर भाव मिटा दें हम
चढ़ा दें प्रेम का रंग
- सुलभ
Sabhee vijetao ko badhai evam Holi ki shubhkamnay.
जवाब देंहटाएंCongrates And Regards!!!
जवाब देंहटाएंI M Agree With Satrangi Ji...
"RAM"
मन से होली खेल रहे हैं
जवाब देंहटाएंभाव रंगों में बोल रहे हैं
बच्चे न्यारे प्यारे दुलारे हैं
सबकी आंखों के तारे हैं।
सभी सृजनकारों को बहुत ..बधाई. . .@सुलभ जी,आपके प्रोत्साहन से और उत्साह वर्धन हुआ है..धन्यवाद!!!!.
जवाब देंहटाएं@प्रिय सुलभ सतरंगी जी एवं रामकृष्ण जी
जवाब देंहटाएंआप दोनों की बात अत्यंत विचारणीय है !
आपकी इस सम्बन्ध में क्या राय है ! किसी प्रतियोगी के लिए सृजन हेतु कितनी अधिकतम पंक्तियाँ निर्धारित होनी चाहिए ? कृपया अपनी राय से अवगत कराएँ !
स्नेह और आभार सहित
-----------------------------क्रिएटिव मंच
मेरी राय में अधिकतम शब्द सीमा डेढ़ सौ शब्द होना चाहिए!
जवाब देंहटाएं"राम"
एक बरस में इक बार आता होली का त्यौहार!
जवाब देंहटाएंनई उम्मीदें, नई उमंगें, रंगों की बौछार!!
खुशियाँ लाए, विश्वास जगाए, झूमे ये संसार!
इस दिन तो नफ़रत को त्यागो, करो सभी से प्यार!!
माना कि तुम मुझसे रूठे, सारे रिश्ते नाते झूठे!
आज के दिन तो हंस लो गालो, मत करो प्रतिकार!!
रखो मिसाल भाईचारे की, दुःख हरलो तुम दुखियारे की!
ऐसा काम करो तुम इस दिन, झूम उठे संसार!!
एक बरस में इक बार आता होली का त्यौहार!
नई उम्मीदें, नई उमंगें, रंगों की बौछार!!
होलिकोत्सव की लख-लख बधाइयाँ!!!!
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम "राम"
सभी रचनाएँ पसंद आयीं.
जवाब देंहटाएंगौतम जी को लगातार दूसरी बार प्रथम सर्वश्रेष्ठ रचना के लिए ख़ास बधाई.
बहुत बहुत बधाई सफल आयोजन के लिए.
१५० तक की अधिकतम शब्द सीमा का सुझाव अच्छा है.
जैसे जैसे आयोजन आगे बढेगा नए नए सुझाव सामने आयेंगे.
मेरी शुभकामनायें .
@CM team होली की ढेर सारी शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंअपनी प्रविष्टि कल दूंगी.
सभी रचनाएँ पसंद आयीं.
जवाब देंहटाएंगौतम जी को लगातार दूसरी बार प्रथम सर्वश्रेष्ठ रचना के लिए ख़ास बधाई.
बहुत बहुत बधाई सफल आयोजन के लिए.
१५० तक की अधिकतम शब्द सीमा का सुझाव अच्छा है.
जैसे जैसे आयोजन आगे बढेगा नए नए सुझाव सामने आयेंगे.
मेरी शुभकामनायें .
@CM team ko होली की ढेर सारी शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएं[अपनी प्रविष्टि कल दूंगी.]
प्यार से रंग लगा दो गालों पर
जवाब देंहटाएंऔर गुलाल सबके बालों पर
लाल, पीले, नीले रंग संग
खुशियों की मचा दो सरगम
खेलो सब संग प्यार के रंग
आओ मिल खेलो सब संग
कोई देर तक हुड़दंग मचाए
खेलें सब खुशियों के संग
होली की शुभकामनाएं और सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंगौतम जी और बाकी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ पसंद आयीं.
मेरी शुभकामनायें .
लाल गुलाबी नीले पीले हरे बसंती सतरंगी
जवाब देंहटाएंहोली के इन सुन्दर रंगों से रंग लो अपने सपने भी
भूल के सारे भेदभाव मिटा द्वेष और क्लेश
ये रंगों का त्यौहार देता सबको मैत्री का सन्देश
'खेलें हम सदभाव से होली'
जवाब देंहटाएं--------------------
रंग बिरंगी होली आई ,
अपने संग पैग़ाम ये लाई,
सूखे ही हम रंग लगायें ,
पानी की यूँ बचत कराएँ ,
पीटर आओ,अहमद आओ,
लाल,गुलाबी रंग लगाओ ,
गुझिया ,सेव और मिठाई ,
मम्मी ने है आज बनाई ,
सब मिलजुल कर खायेंगे,
झूमे नाचे गायेंगे,
रहे बैर दिल में न कोई ,
हिल मिल पर्व मनाएंगे.
------------------------
[बाल कविता/geet लिखित-१-मार्च-२०१० ]
चूँकि रचना कविता/पद्द से है... सो अधिकतम ६० शब्द पर्याप्त होंगे...
जवाब देंहटाएंताकि अन्य प्रविष्टियों (सभी चयनित ५-१० रचनाओं) को भी एक ही पोस्ट में सहेजा जा सके और पढने में ज्यादा समय न लगे.
होली तो बस एक बहाना है रंगों का
जवाब देंहटाएंये त्यौहार तो है आपस में
दोस्ती और प्यार बढ़ाने का,
चलो सरे गिले-शिकवे दूर करके
एक दुसरे को खूब रंग लगते हैं
आओ मिलकर होली मानते हैं ....
आओ सीखे इन बच्चो से
जवाब देंहटाएंरंगो की रंगीनी खुशियाँ
भेदभाव नही है
इन चेहरो पर
खुशियो का अंबार है
इन चेहरो पर ।
गुलाल मे भर
प्यार की खुश्बू
सजाते है सभी ,
गालो पर हरदम
आओ सीखे इन बच्चो से
होली की ये रंगीनी खुशियाँ ।।
(अंजना)