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बुधवार, 10 मार्च 2010

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5 का परिणाम

प्रतियोगिता संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


srajan 5.result

प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों
नमस्कार !!
आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है

हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5' का परिणाम लेकर हाजिर हैं! परिणाम बताने से पूर्व हम आप को बताना चाहते हैं कि क्रिएटिव मंच के प्रयोसों की चर्चा एवम सराहना परिकल्पना ब्लॉग पर रविन्द्र प्रभात जी द्वारा की गयी है. हमारी हर सफलता में आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान है. जिसके लिए हम आप के ह्रदय से आभारी हैं और आप से हमेशा सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

पिछली बार हमने पाठकों के सृजन हेतु एक ऐसा चित्र प्रस्तुत किया था जिसमें कुछ बच्चे विभिन्न मुखौटे लगाए गुलाल से होली खेल रहे थे ! सभी लोगों ने बेहतरीन प्रयास किया ! कुछ ने सृजन तो बहुत सुन्दर किया किन्तु चित्र से सरोकार पीछे छूट गया ! जैसे रामकृष्ण गौतम जी द्वारा सृजित पंक्तियों पर सभी निर्णायक एकमत थे कि रचना बहुत अच्छी है लेकिन चित्र के भावों को नजर अंदाज किया गया है ! इस आधार पर अल्पना वर्मा जी की प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ सृजन चुना गया ! द्वितीय क्रम पर रहे सुलभ सतरंगी जी और तृतीय क्रम पर समीर जी की प्रविष्टि को चुना गया।

रामकृष्ण
जी और सुलभ जी द्वारा एक सुझाव प्राप्त हुआ था कि प्रतियोगियों के लिए सृजन की शब्द सीमा निर्धारित होनी चाहिए ! हमने सुझाव को मानते हुए तय किया है अब से सृजन की अधिकतम शब्द सीमा 100 शब्दों की होगी !


होली पर्व पर जिस तरह आपका स्नेह, बधाई और आशीर्वाद हमें ई-मेल द्वारा प्राप्त हुए, उससे हम अभिभूत हैं ! आप सभी का तहे दिल से आभार ! !

परिणाम के अंत में आज की श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 6 का चित्र दिया गया है ! सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 18 मार्च- शाम 5 बजे तक .

सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को
बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं.

अब आईये हम पिछले अंक के चित्र और परिणाम को देखते हैं !
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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5 का परिणाम
children_holi
alpana ji

शीर्षक :'खेलें हम सदभाव से होली'
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रंग बिरंगी होली आई,
अपने संग पैग़ाम ये लाई,
सूखे ही हम रंग लगायें,
पानी की यूँ बचत कराएँ,
पीटर आओ,अहमद आओ,
लाल,गुलाबी रंग लगाओ,
गुझिया ,सेव और मिठाई,
मम्मी ने है आज बनाई,
सब मिलजुल कर खायेंगे,
झूमे नाचे गायेंगे,
रहे बैर दिल में न कोई,
हिल मिल पर्व मनाएंगे

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बच्चो ने मिलकर ठानी है
होली खूब मनानी है
तुम जोकर बनो
मैं बन जाऊ भालू
तेरे घर की गुझिया खानी है
हर उमर में बनी रहे
यही उमंग यही तरंग
वैर भाव मिटा दें हम
चढ़ा दें प्रेम का रंग
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3-समीर लाल’समीर’जीsameer ji


ये रंग भरा त्यौहर, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें
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एक बरस में इक बार आता होली का त्यौहार
नई उम्मीदें, नई उमंगें, रंगों की बौछार
खुशियाँ लाए, विश्वास जगाए, झूमे ये संसार
इस दिन तो नफ़रत को त्यागो, करो सभी से प्यार
माना कि तुम मुझसे रूठे, सारे रिश्ते नाते झूठे
आज के दिन तो हंस लो गालो, मत करो प्रतिकार
रखो मिसाल भाईचारे की, दुःख हरलो दुखियारे की
ऐसा काम करो तुम इस दिन, झूम उठे संसार
एक बरस में इक बार आता होली का त्यौहार
नई उम्मीदें, नई उमंगें, रंगों की बौछार

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5- शुभम जैन shubham ji



लाल गुलाबी नीले पीले हरे बसंती सतरंगी
होली के सुन्दर रंगों से रंग लो अपने सपने भी
भूल के सारे भेदभाव मिटा द्वेष और क्लेश
ये रंगों का त्यौहार देता सबको मैत्री का सन्देश
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लाल, हरा और नीला, पीला है
कुछ सूखा है और कुछ गीला है,
संगी साथी सब मिल कर खेलें,
पर्व होली का, कितना रंगीला है
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aditi chauhan ji प्यार से रंग लगा दो गालों पर
और गुलाल सबके बालों पर
लाल, पीले, नीले रंग संग
खुशियों की मचा दो सरगम
खेलो सब संग प्यार के रंग
आओ मिल खेलो सब संग
देर तक हुड़दंग मचाए
खेलें सब खुशियों के संग
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होली तो बस एक बहाना है रंगों का
ये त्यौहार तो है आपस में
दोस्ती और प्यार बढ़ाने का,
चलो सरे गिले-शिकवे दूर करके
एक दुसरे को खूब रंग लगाते हैं
आओ मिलकर होली मानते हैं
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मन से होली खेल रहे हैं
भाव रंगों में बोल रहे हैं ...
बच्‍चे न्‍यारे प्‍यारे दुलारे हैं
सबकी आंखों के तारे हैं।
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होली की रंगोली
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बुरा न मानो होली है,
ये मस्तानों की टोली है,
रंगों को बौछार करें तो
गाली भी हंसी ठिठोली है !
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srajan 6
आईये अब चलते हैं "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 6" की तरफ ! नीचे ध्यान से देखिये चित्र को ! क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए !
---- क्रियेटिव मंच
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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 6
प्रतियोगियों के लिए-
1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है
2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है.
3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए अधिकतम 100 शब्दों के अन्दर रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा.
4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा
5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा !
6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा
7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये
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प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 18 मार्च शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 5" का परिणाम 24 मार्च रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा
The End

बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 4 का परिणाम

प्रतियोगिता संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


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हो मंगलमय सबकी होली
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होली रंगों का त्योहार
लाल, नीला, पीला, गुलाल- पुकार पुकार यह कहता
हम जैसे हिल मिल जाते है, मानव क्यों नहीं मिलता
अचेतन चेतन को समझाए, प्रकृति का अजब उपहार
होली गई हमें सिखाने, वैमनस्य का त्याग कराने
अब भी समय है छोड़ो मानव, अपने सभी विकार
होली रंगों का त्योहार !!

प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों
नमस्कार !!
आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है


हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 4' का परिणाम लेकर हाजिर हैं ! प्रतियोगियों से किये वादे के अनुसार श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन क्रिएटिव मंच ने सर्वसम्मति से किया ! लगातार दूसरी बार रामकृष्ण गौतम जी की प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ सृजन के रूप में चयन किया गया है ! दूसरी और तीसरी श्रेष्ठ प्रविष्टि के रूप में क्रमशः सुश्री अल्पना वर्मा जी और श्री सुलभ सतरंगी जी को चुना गया !हमारी क्रिएटिव मंच टीम की तरफ से सभी श्रेष्ठ सृजनकारों को दिली मुबारकबाद !

आप लोगों को एक और महत्वपूर्ण सूचना यह देनी है कि अब "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता" का आयोजन एक बुधवार छोड़कर होगा यानी दो हफ्ते में एक बार ! इस तरह प्रतियोगियों को सृजन का अतिरिक्त समय मिलेगा !


मेल द्वारा कुछ लोगों ने जानना चाहा था- यहाँ एक बार हम पुनः स्पष्ट कर दे रहे हैं कि अगर किसी प्रतियोगी को यह लगता है कि वह पहले भेजी गयी प्रविष्टि से बेहतर प्रविष्टि भेज सकता है तो आप एक से ज्यादा प्रविष्टियाँ भेज सकते हैं ! ऐसी स्थिति में हम प्रतियोगी की अंतिम प्रविष्टि पर ही विचार करते हैं ! जैसे इस सृजन प्रतियोगिता में अल्पना वर्मा जी ने पहली प्रविष्टि के उपरान्त दूसरी प्रविष्टि भेजी ! हमने उनकी पहली प्रविष्टि रद्द कर दी और देखिये सुखद परिणाम अल्पना जी की प्रविष्टि श्रेष्ठ सृजन क्रम में दुसरे स्थान के लिए चयनित हुयी !


आपका
स्नेह, उत्साहवर्धन और आशीर्वाद हमें निरंतर -मेल द्वारा प्राप्त हो रहा है जिसके लिए हम आपके अत्यंत आभारी हैं !

परिणाम के अंत में आज की
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5 का चित्र दिया गया है ! इस बार का सृजन चित्र सदभावना और हर्षोल्लास के प्रतीक होली त्यौहार को ध्यान में रखकर दिया जा रहा है. सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 4 मार्च- शाम 5 बजे तक
सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को
होली पर्व की बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं.

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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक 4 का परिणाम
sainik



ram krishn gautam
शीर्षक : इनकी खातिर महफूज़ हैं हम

हर कोई जो सुख चैन से
घरों में अपने सोता है
क्या सोचा कभी ज़रा सा भी
बलिदान इन्हीं का होता है!
जब होती बारिश सराबोर
हम छाते लेकर चलते हैं
ये वीर बहादुर उस दिन भी
अपनी कुर्बानी देते हैं!
ज़रा सोचो कि तुम रोज़_रोज़
जो देश और दुनिया जाते हो
सकुशल वापस जस के तस
इनकी वज़ह से ही आ पाते हो!
क्या शीश नवाया एक पल भी
क्या किया कभी नमन इनको
जो अपना चैन हराम करें
देने "आज़ाद" वतन तुमको!

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शीर्षक : मातृभूमि को नमन
बर्फीली हों कभी हवा
या चलने लगें आंधियां भी,
बरस रहे हों मेघ कहीं
या फटने लगे कहीं ज़मीं,
हैं अडिग देश के ये प्रहरी!
हम को इन पर है नाज़ बहुत,
उन से हम यह ही कहते हैं..
तुम नहीं अकेले ओ प्रहरी !
साथ तुम्हारे हम सब हैं,
तुम बढ़ो हमेशा आगे ही,
भारत माँ का आशीष और
मन में गहरा विश्वास लिए!



alpana ji quiz -19
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सजग, जांबाज़, प्रहरी,
जीते वतन के लिए
दुश्मन को सबक सिखलाते
वतन के लिए जिंदगी-मौत के बीच
इनकी हस्ती है दूर सरहद
यही जज्बा--वतनपरस्ती है
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हिन्दू मुस्लिम सिख हो या इसाई
सीमा पर डटे हम सब भाई
उठा बन्दुक निशाना हम लगायेगे
एक-एक दुश्मनों के छक्के हम छुडायेगे
आंच ना आने देगे देश पर अपने
इसकी रक्षा में अपनी जान लुटाएंगे


sushri shubham jain
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5- रजनीश परिहार जी rajneesh parihar ji

स्थिति बड़ी विकट है दोस्तों,
दुश्मन बहुत निकट है दोस्तों,
देखो कहीं ध्यान चूक न जाए,
कोई सीमा हमारी छू न पाए!!!
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रखें हम दुश्मन पे नजर
ये हमारा फर्ज है,
फर्ज में जान भी जाए
ये मां का कर्ज है !
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sushree roshni ji

वन्देsssss मातरम्!!
नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़,
नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़,
अब भी तेरे दिल से आती है ..
जब भी मैदाने जंग में होते हैं.
उनकी कुर्बानी याद आती है.
तू मत हो उदास
की अब भी कुछ बच्चे हैं नादाँ
हम नया सबेरा लायेंगे
अपनों को अपना बनायेंगे.
चाहे चले जाए इसमें हमारी जाँ
नहीं भूले हैं माँ, यह आवाज़
अब भी जो तेरे दिल से आती है....
वन्देsss मातरम्!!...वन्देsss मातरम्!!

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हम है राष्ट्र के सजग प्रहरी
सुबह,शाम हो या तपती दोपहरी,
इसकी रक्षा करना हमारा काम
मर मिटना ही हमारा ईनाम.
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हम
बाहर के दुश्मन से
निपट लेंगे
पर
चिंता है
घर में बैठे
दुश्मनों से

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भारत का कोई भी हिस्सा,
धरती, आकाश हो या पानी.
इन सबकी सुरक्षा का भार,
वहन करते हम रक्षा सेनानी
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srajan 5
आईये अब चलते हैं "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 5" की तरफ ! नीचे ध्यान से देखिये चित्र को ! क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए !
---- क्रियेटिव मंच
children_holi

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 5
प्रतियोगियों के लिए-
1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है
2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है
3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा
4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा
5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा !
6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा
7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये
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प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 4 मार्च शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 5" का परिणाम 10 मार्च रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा
----- क्रिएटिव मंच
The End