प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों नमस्कार !! आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5' का परिणाम लेकर हाजिर हैं! परिणाम बताने से पूर्व हम आप को बताना चाहते हैं कि क्रिएटिव मंच के प्रयोसों की चर्चा एवम सराहना परिकल्पना ब्लॉग पर रविन्द्र प्रभात जी द्वारा की गयी है. हमारी हर सफलता में आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान है. जिसके लिए हम आप के ह्रदय से आभारी हैं और आप से हमेशा सहयोग की अपेक्षा करते हैं। पिछली बार हमने पाठकों के सृजन हेतु एक ऐसा चित्र प्रस्तुत किया था जिसमें कुछ बच्चे विभिन्न मुखौटे लगाए गुलाल से होली खेल रहे थे ! सभी लोगों ने बेहतरीन प्रयास किया ! कुछ ने सृजन तो बहुत सुन्दर किया किन्तु चित्र से सरोकार पीछे छूट गया ! जैसे रामकृष्ण गौतम जी द्वारा सृजित पंक्तियों पर सभी निर्णायक एकमत थे कि रचना बहुत अच्छी है लेकिन चित्र के भावों को नजर अंदाज किया गया है ! इस आधार पर अल्पना वर्मा जी की प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ सृजन चुना गया ! द्वितीय क्रम पर रहे सुलभ सतरंगी जी और तृतीय क्रम पर समीर जी की प्रविष्टि को चुना गया। रामकृष्ण जी और सुलभ जी द्वारा एक सुझाव प्राप्त हुआ था कि प्रतियोगियों के लिए सृजन की शब्द सीमा निर्धारित होनी चाहिए ! हमने सुझाव को मानते हुए तय किया है अब से सृजन की अधिकतम शब्द सीमा 100 शब्दों की होगी !
परिणाम के अंत में आज की श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 6 का चित्र दिया गया है ! सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 18 मार्च- शाम 5 बजे तक . सभी विजेताओं एवं समस्त प्रतियोगियों व पाठकों को बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं. अब आईये हम पिछले अंक के चित्र और परिणाम को देखते हैं ! |
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 5 का परिणाम |
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बच्चो ने मिलकर ठानी है होली खूब मनानी है तुम जोकर बनो मैं बन जाऊ भालू तेरे घर की गुझिया खानी है हर उमर में बनी रहे यही उमंग यही तरंग वैर भाव मिटा दें हम चढ़ा दें प्रेम का रंग। |
ये रंग भरा त्यौहर, चलो हम होली खेलें प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें. पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें, गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें। |
एक बरस में इक बार आता होली का त्यौहार नई उम्मीदें, नई उमंगें, रंगों की बौछार खुशियाँ लाए, विश्वास जगाए, झूमे ये संसार इस दिन तो नफ़रत को त्यागो, करो सभी से प्यार माना कि तुम मुझसे रूठे, सारे रिश्ते नाते झूठे आज के दिन तो हंस लो गालो, मत करो प्रतिकार रखो मिसाल भाईचारे की, दुःख हरलो दुखियारे की ऐसा काम करो तुम इस दिन, झूम उठे संसार एक बरस में इक बार आता होली का त्यौहार नई उम्मीदें, नई उमंगें, रंगों की बौछार |
5- शुभम जैन | लाल गुलाबी नीले पीले हरे बसंती सतरंगी होली के सुन्दर रंगों से रंग लो अपने सपने भी भूल के सारे भेदभाव मिटा द्वेष और क्लेश ये रंगों का त्यौहार देता सबको मैत्री का सन्देश |
लाल, हरा और नीला, पीला है कुछ सूखा है और कुछ गीला है, संगी साथी सब मिल कर खेलें, पर्व होली का, कितना रंगीला है। |
प्यार से रंग लगा दो गालों पर और गुलाल सबके बालों पर लाल, पीले, नीले रंग संग खुशियों की मचा दो सरगम खेलो सब संग प्यार के रंग आओ मिल खेलो सब संग देर तक हुड़दंग मचाए खेलें सब खुशियों के संग। |
होली तो बस एक बहाना है रंगों का ये त्यौहार तो है आपस में दोस्ती और प्यार बढ़ाने का, चलो सरे गिले-शिकवे दूर करके एक दुसरे को खूब रंग लगाते हैं आओ मिलकर होली मानते हैं। |
मन से होली खेल रहे हैं भाव रंगों में बोल रहे हैं ... बच्चे न्यारे प्यारे दुलारे हैं सबकी आंखों के तारे हैं। |
होली की रंगोली ------------------- बुरा न मानो होली है, ये मस्तानों की टोली है, रंगों को बौछार करें तो गाली भी हंसी ठिठोली है ! |
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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 6 प्रतियोगियों के लिए- 1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है। 2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है.3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए अधिकतम 100 शब्दों के अन्दर रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा. 4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। 5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा ! 6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा। 7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये। ------------------------------------- प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 18 मार्च शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 5" का परिणाम 24 मार्च रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा। |
The End |
alpana ji sahit sabhi rachnakaron ko bahut badhayi.
जवाब देंहटाएं[aaj aapka comment box savere se kaam nahi kar raha tha. abhi sahi hua. please dekh len]
maanvi ji aapka comment theek tarah se kaam nahi kar raha hai. badi mushkil se open hua hai.
जवाब देंहटाएंsabhi logon ne bahut sundar likha hai. alpana ji ko congratulation.
Alpana ji ko badhayi.
जवाब देंहटाएंSabhi participants ki rachnayen pasand aayi. Sundar Presentation
Comment karne men bahut problem aa rahi thi morning se hi aur click karne par comment box open hi nahi ho raha tha.
आवश्यक सूचना :
जवाब देंहटाएंप्रातः 7 बजे से 11 बजे तक कमेन्ट बॉक्स में कुछ तकनीकी समस्या आ गयी थी, जिसे अब सही कर दिया गया है ! असुविधा के लिए खेद है !
स्नेह के साथ
-----------------क्रिएटिव मंच
श्रेष्ठ श्रृजन पांच के लिए मेरी प्रस्तुति :
जवाब देंहटाएंशीर्षक : शिक्षा पर अधिकार है मेरा!!!
मैं जानती हूँ कि मेरे नसीब में पढ़ना नसीब नहीं है,
मैं यह भी जानती हूँ कि शिक्षा मेरे करीब नहीं है.
पर मैं ये बताना चाहती हूँ कि मुझे भी पढ़ने का अधिकार है,
दुनिया को दिखाना चाहती हूँ कि शिक्षा से हम बालिकाओं का भी सरोकार है.
मेरी एक विनती है मम्मी और पापा से
कि सिर्फ भैया से नहीं मुझसे भी प्यार करें,
कन्या भ्रूण हत्या न करें, हमें भी देखने दें ये दुनिया
मुझे भी पढाएं और मेरा उद्धार करें!
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम "राम"
निर्णायक मंडल को बहुत-बहुत धन्यवाद कि उन्होंने मेरी कमी उजागर की. इस बार से तस्वीर के मुताबिक़ ही श्रृजन करूंगा... अल्पना जी को ख़ास बधाई... सतरंगी जी और आदरणीय समीर जी को शुभकामनाएं... बाकी अन्य विनर्स को भी बधाई... "परिकल्पना" ब्लॉग पर 'रविन्द्र प्रभात जी' की सराहना काफी सराहनीय है... इसके लिए समस्त क्रिएटिव मंच टीम को शुभकामनाएं!!!
जवाब देंहटाएं"राम"
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगीं.
जवाब देंहटाएंसभी pratibhagiyon ko बहुत बहुत badhayee.
shubhkamnayon ke liye dhnywaad aur abhaar.
Nayi tasveer Samayik hai.
जवाब देंहटाएंJaldi hi apni pravishti bhejati hun.
अल्पना जी, सुलभ जी और समीर जी को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंप्रविष्टियाँ सभी की पसंद आयीं.
परिकल्पना पर रवींद्र जी ने जो भी सराहना की वो एकदम सही है.
ब्लॉग जगत का सर्वाधिक अनोखा ब्लॉग है-क्रिएटिव मंच
अपनी प्रविष्टि कुछ समय बाद भेजूंगा.
जवाब देंहटाएंअबकी चित्र से सरोकार वाली बात याद रखूँगा
सभी सृजनकारों और अल्पना जी -सुलभ-समीर जी को बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुन्दर प्रस्तुति
Congratulations to all !!!!!
जवाब देंहटाएंI do not know how to write poems otherwise I would have taken part.
ांलपना जी को बहुत बहुत बधाई बाकी सभी प्र्तिभागियों को भी बधाई। लिखने की कोशिश करते हैं अगली प्रतियोगिता के लिये आपके इस प्रयास को सलाम है । सभी सद्स्यों के श्रम को भी सलाम। शुभकामनायें ये मंच ऐसे ही ब्लागवुड की सेवा करता रहे।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत बढ़िया लगा! अल्पना जी एवं सभी प्रतियोगिताओं को हार्दिक बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंअल्पना जी, सुलभ जी और समीर जी को हार्दिक बधाई.प्रविष्टियाँ सभी की पसंद आयीं....
जवाब देंहटाएंalpna ji aur anay sabhi ko badhai...
जवाब देंहटाएंअल्पना जी, समीर जी एवं अन्य सभी सृजनकर्ताओं को बधाई!
जवाब देंहटाएंक्रिएटिव मंच इसी प्रकार ज्ञान और प्रेम का मंच बन आगे बढ़ता चले... सभी पाठकों की सराहना के लिए धन्यवाद!
चाँद-सितारों की चम-चम
जवाब देंहटाएंहर रोज़ तुम्हें नहलाए ,
सूरजकी जगमग किरणें
आकर दुलार कर जाए .
स्वच्छ, सरल,सुंदर दर्पण सा
निर्भय ,कोमल मन हो ,
विद्या , बुद्धि ,विवेक
मधुर-वाणी का आभूषण हो.
सपनें हों साकार और
उत्कर्ष तुम्हारा रोज़ बढे ,
नित विकसित हो ज्ञान
सफलता नई सीढियाँरोज़ चढ़े.
हाथ आसमां को छू ले
हो जाये शिखर तुम्हारा,
बेटी , तुम मेरा गौरव
तुम हो अभिमान हमारा.
अँधेरा छोड़कर पीछे
जवाब देंहटाएंहमें आगे निकलना है
समझ लेना नहीं कमजोर
हमें किस्मत बदलना है !
डगर काँटों भरी लेकिन
हमें गिर-गिर संभलना है
पढाई रात-दिन करके
हमें भारत बदलना है !!
मुझे पढना ही होगा
जवाब देंहटाएंमै पढूंगी -
मै पढना चाहती हूँ
बापू की मजबूरी को ,
मै समझना चाहती हूँ
माँ के आंसुओं को
मुझे जानना ही है कि
चंद लोग मिलकर
लाखों लोगों की रोशनी
कैसे हड़प लेते हैं ?
श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 6 के लिये रचना भेज रही हूँ। कुछ दिन नेट से दूर रहना पडेगा। 23/24 रात को बाहर जा रही हूँ वहाँ पहुँचते ही जब समय मिलेगा हाजिर होती हूँ। धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबेशक रहती हूँ जमीं पर
मगर बातें आस्मां से करती हूँ
पढने लिखने मे भी कम नहीं
और खबर दुनिया की रखती हूँ
अब हस्ती मेरी कोई मिटा सकता नही
आसमाँ छूने से हटा सकता नही
मैं खुद को साबित करके
दिखलाने की हिम्मत रखती हूँ
देखना तुम इस टाट से उठकर
संसद तक जाने की हिम्मत रखती हूँ
और एक दिन दुनिया मे
नया इतिहास बनाऊँगी
सुनो मुझे नकारने वालो
मै तुम को दिखलाऊँगी
तेरे नापाक ईरादों पर
परचम अपना लहराऊँगी
आज अपनी कल्पनाओं को
मुझे पँख लगाना आ गया
अब भारत की बेटी को भी
अपना हक जताना आ गया।
क्रिएटिव मंच द्वारा आयोजित ' श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 6 ' के लिए प्रविष्टि के रूप में मेरी मौलिक रचना स्वीकार करें …
जवाब देंहटाएंचमन में खिलखिलाती - मुस्कुराती हर कली होगी !
हक़ीक़त में हमारी ज़िंदगी कल ज़िंदगी होगी !
न होगा कल किसी तूफ़ान बिजली ज़लज़ले का डर ,
इल्मो - ता'लीम से तारीक़ियों में रौशनी होगी !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
क्रिएटिव मंच टीम के तमाम मित्रों को नव संवत्सर की भी हार्दिक मंगलकामनाएं …
नव संवत्सर
नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!
चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाए शुभ संदेश !
संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!
मधु मंगल शुभ कामना, नव संवत्सर आज !
हर शिव वांछा पूर्ण हो हर अभीष्ट हर काज !!
नव संवत्सर पर मिलें शुभ सुरभित संकेत !
स्वजन सुखी संतुष्ट हों, नंदित नित्य निकेत !!
जीव स्वस्थ संपन्न हों, हों आनंदविभोर !
मुस्काती हैं रश्मियां, नव संवत् की भोर !!
हर्ष व्याप्त हो हर दिशा, ना हो कहीं विषाद !
हृदय हृदय सौहार्द हो, ना हों कलह विवाद !!
हे नव संवत् ! है हमें तुमसे इतनी आस !
जन जन का अब से बढ़े आपस में विश्वास !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
राजेन्द्र स्वर्णकार
गिराणी सोनारों का मोहल्ला ,
बीकानेर ३३४००१ राजस्थान
mob - 9314682626
phon - 0151 2203369
Email :-swarnkarrajendra@gmail.com
साक्षर कन्या -साक्षर परिवार
जवाब देंहटाएं-----------------
जनजागृति की लहर उठेगी,
शिक्षा हर बेटी को मिलेगी.
होगा अज्ञान का दूर अँधेरा
हर घर ज्ञान की जोत जगेगी.
एक बालिका शिक्षित होने से
होता शिक्षित पूरा परिवार,
शिक्षा प्रसार में निहित है,
सुखी राष्ट्र का आधार.
---------written on 18th