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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा [उत्तर प्रदेश] [Krishna Birth Place] |
भगवान केशवदेव का मन्दिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि युधिष्ठर महाराज ने परीक्षित को हस्तिनापुर का राज्य सौंपकर श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ को मथुरा के राज्य सिंहासन पर प्रतिष्ठित किया। चारों भाइयों सहित युधिष्ठिर स्वयं महाप्रस्थान कर गये। महाराज वज्रनाभ द्वारा जहाँ अनेक मन्दिरों का निर्माण कराया गया, वहीँ भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली का भी महत्व स्थापित किया। यह कंस का कारागार था, जहाँ वासुदेव ने भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की आधी रात अवतार ग्रहण किया था। आज यह कटरा केशवदेव नाम से प्रसिद्व है। यहाँ कालक्रम में अनेकानेक गगनचुम्बी भव्य मन्दिरों का निर्माण हुआ। इनमें से कुछ तो समय के साथ नष्ट हो गये और कुछ को विदेशी आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया ।
ईसवी सन् से पूर्ववर्ती 80-57 के महाक्षत्रप सौदास के समय के एक शिला लेख से ज्ञात होता है कि किसी वसु नामक व्यक्ति ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर एक मंदिर तोरण द्वार और वेदिका का निर्माण कराया था। यह शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है।
दूसरा मन्दिर विक्रमादित्य के काल में सन् 800 ई॰ के लगभग बनवाया गया था। यह मन्दिर सन 1017-18 ई॰ में महमूद ग़ज़नवी के कोप का भाजन बना। इस भव्य सांस्कृतिक नगरी की सुरक्षा की कोई उचित व्यवस्था न होने से महमूद ने इसे खूब लूटा। भगवान केशवदेव का मन्दिर भी तोड़ डाला गया।
संस्कृत के एक शिला लेख से ज्ञात होता है कि महाराजा विजयपाल देव जब मथुरा के शासक थे, तब सन 1150 ई॰ में जज्ज नामक किसी व्यक्ति ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर एक नया मन्दिर बनवाया था। इसे भी 16 वी शताब्दी के आरम्भ में सिकन्दर लोदी के शासन काल में नष्ट कर डाला गया था।
जहाँगीर के शासन काल में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पुन: एक नया विशाल मन्दिर निर्माण कराया ओरछा के शासक राजा वीरसिंह जू देव बुन्देला ने इसकी ऊँचाई 250 फीट रखी गई थी। उस समय इस निर्माण की लागत 33 लाख रूपये आई थी। इस मन्दिर के चारों ओर एक ऊँची दीवार का परकोटा बनवाया गया था, जिसके अवशेष अब तक विद्यमान हैं। दक्षिण पश्चिम के एक कोने में कुआ भी बनवाया गया था इस का पानी 60 फीट ऊँचा उठाकर मन्दिर के प्रागण में फब्बारे चलाने के काम आता था। यह कुआँ और उसका बुर्ज आज तक विद्यमान है। सन 1669 ई॰ में पुन: यह मन्दिर नष्ट कर दिया गया।
सन 1940 के आसपास की बात है कि महामना पण्डित मदनमोहन जी ने उपेक्षित श्रीकृष्ण जन्मस्थान के खण्डहरों को देखकर इसके पुनरूद्वार का संकल्प लिया। महामना पण्डित मदनमोहन ने श्री जुगलकिशोर बिड़ला को श्रीकृष्ण-जन्मस्थान की दुर्दशा के सम्बन्ध में पत्र लिखा। उसी के फलस्वरूप श्री कृष्ण जन्म स्थान के पुनरूद्वार के मनोरथ का उदय हुआ।
मथुरा के राजा कंस के जिस कारागार में वसुदेव-देवकीनन्दन श्रीकृष्ण ने जन्म-ग्रहण किया था, वह कारागार आज कटरा केशवदेव के नाम से ही विख्यात है और 'इस कटरा केशवदेव के मध्य में स्थित चबूतरे के स्थान पर ही कंस का वह बन्दीगृह था, जहाँ अपनी बहन देवकी और अपने बहनोई वसुदेव को कंस ने कैद कर रखा था।'
जिस समय चबूतरे पर निर्मित बरामदे की नींव की खुदाई हो रही थी, उस समय श्रमिकों को हथौड़े से चोट मारने पर नीचे कुछ पोली जगह दिखाई दी। उसे जब तोड़ा गया तो सीढ़ियाँ और नीचे काफी बड़ा कमरा-सा मिला, जो ओरछा-नरेश-निर्मित मन्दिर का गर्भ-गृह था। उसमें जिस स्थान पर मूर्ति विराजती थी, वह लाल पत्थर का सिंहासन ज्यों-का-त्यों मिला। उसे यथावत् रखा गया है तथा चबूतरे पर से नीचे गर्भ-गृह में दर्शनार्थियों के आने के लिये सीढ़ियाँ बना दी गयी हैं। इस भूमि की खुदाई में अनेक अवशेष निकले हैं, जो विध्वंस किये हुए मन्दिरों के हैं और पुरातत्त्व की दृष्टि से बड़े महत्त्व के हैं। इन सबको मथुरा राजकीय संग्रहालय को दे दिया गया है। |
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तृतीय स्थान : डी.के.शर्मा'वत्स' जी | |
विजताओं को बधाईयाँ | ||||||
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए अगली बार अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने उम्मीद से बढ़कर प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है
अल्पना वर्मा जी, शिल्पी जैन जी, पं.डी.के.शर्मा"वत्स"जी, रजनीश परिहार जी,
शुभम जैन जी, रामकृष्ण गौतम जी, मिथिलेश दुबे जी, आनंद सागर जी,
शिवेंद्र सिन्हा जी, अदिति चौहान जी, रेखा प्रह्लाद जी, अंजना जी, राज रंजन जी,
राज भाटिय़ा जी, अलका राय जी, निर्मला कपिला जी, उड़न तश्तरी जी,
शुभम जैन जी, रामकृष्ण गौतम जी, मिथिलेश दुबे जी, आनंद सागर जी,
शिवेंद्र सिन्हा जी, अदिति चौहान जी, रेखा प्रह्लाद जी, अंजना जी, राज रंजन जी,
राज भाटिय़ा जी, अलका राय जी, निर्मला कपिला जी, उड़न तश्तरी जी,
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
अगले रविवार (Sunday) को हम ' प्रातः दस बजे' एक नयी क्विज़ के साथ यहीं मिलेंगे !
सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End |
अल्पना जी और अन्य सभी विजेताओं को बधाई...
जवाब देंहटाएंअल्पना जी शिलपी जैन और वत्स जी को बहुत बहुत बधाई। आपका भी धन्यवाद इस सफल आयोजन के लिये।
जवाब देंहटाएंSabhi vijatao ko badhai!
जवाब देंहटाएंअल्पना जी, शिल्पी जैन जी और डी.के.शर्मा'वत्स' जी & सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंsabhi winners ko hadrik badhayi. alpana ji ab genius award jeet kar hi rukengi.
जवाब देंहटाएंsundar aayojan aur bahut sari nayi jankari bhi mili. aapka aabhar
सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंSabhi vijatao ko meri taraf se hardik badhai!
जवाब देंहटाएंaur badhai dene ke liye dhanyabad...
अल्पना जी और अन्य सभी विजेताओं को बधाई
जवाब देंहटाएंक्रियेटिव मंच को होली की हार्दिक शुभकामनायें !
krishna janm-bhoomi aur mandir ke vishay men bahut achhi jankari di.
जवाब देंहटाएंthanks
sabhi vijetaon ko bahut badhayi aur holi ki wishes
**सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई...**
जवाब देंहटाएं**Krishn janambhumi मंदिर के विषय में बहुत ही अच्छी जानकारी mili और aap ki यह प्रस्तुति भी पसंद आई.
***जिन्होने jawab mein इसे काशी विश्वनाथ मंदिर लिखा है वे मेरे भारत पर्यटन पर काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ सकते हैंऔर चित्र भी देख सकते हैं.]
@CM team..[ शुक्र है भगवान का...इतनेदिनोकी मशक्कत के बाद आज प्रथम स्थान मिला..एक और जीत के लिए कितनी मुश्किले सामने आएँगी खुदा जाने!]
आभार .
alpna ji sahit sabhi vijetao ko bahut badhai... jald hi aap genius ka khitab hasil kare...
जवाब देंहटाएंkrishan mandir ke baare bahut sundar aur vistrit jaankari mili...
regards...
अल्पना वर्मा जी को बहुत बहुत बधाई,
जवाब देंहटाएंन्य सभी विजेताओं को बधाई!
मंदिर पर जानकारी विस्तृत है.
आप सभी के प्रयासों को बधाई!
अल्पना जी शिलपी जैन और वत्स जी को बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएं"RAM"
अल्पना जी शिलपी जैन और वत्स जी को बहुत बहुत बधाई। सफल आयोजन के लिये CM team को बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंsabhi winners aur creative manch ko
जवाब देंहटाएंbahut badhayi sath hi HOLI MUBARAK
Very good information and very well presented matter about Krishnajanambhoomi mandir.
जवाब देंहटाएंCongratualtions to all winners.
Very good information and very well presented matter about Krishnajanambhoomi mandir.
जवाब देंहटाएंCongratualtions to all winners.
ोह मै भी कितनी भुल्लकद हो गयी हूँ । 4 मार्च तक रचना भेजनी थी मगर लिखना ही भूल गयी । चलो अगली बार सही।क्षमा चाहती हूँ प्रकाशजी।
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को हार्दिक बधाइयाँ !
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