बुधवार, 24 मार्च 2010

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 6 का परिणाम

प्रतियोगिता संचालन :- - प्रकाश गोविन्द


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प्रिय मित्रों/पाठकों/प्रतियोगियों
नमस्कार !!
आप सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है

हम 'श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 6' का परिणाम लेकर हाजिर हैं! हमेशा की तरह इस बार भी सभी प्रतिभागियों ने बहुत ही सुन्दर सृजन किया ! कभी-कभी सृजन का क्रम तय करना भी बहुत मुश्किल होता है ! क्रिएटिव मंच के निर्णायक सदस्यों ने कई बातों को ध्यान में रखकर अपना निर्णय दिया ! इस बार राजेन्द्र स्वर्णकार जी की प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ सृजन चुना गया है! द्वितीय क्रम पर रहीं मृदुला प्रधान जी और तृतीय क्रम पर निर्मला कपिला जी !

सभी प्रतिभागियों से आग्रह है की अब जब शब्द सीमा निर्धारित कर दी गयी है तो कृपया 100 शब्दों के भीतर ही अपनी प्रविष्टि भेजें !

परिणाम के अंत में आज की श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 7 का चित्र दिया गया है ! सर्वश्रेष्ट प्रविष्टि को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. पहले की भांति ही 'माडरेशन ऑन' रहेगा. प्रतियोगिता में शामिल होने की समय सीमा है - ब्रहस्पतिवार 1 अप्रैल- शाम 5 बजे तक .

सभी सृजनकारों एवं समस्त पाठकों को
बहुत-बहुत बधाई/शुभकामनाएं.


अब आईये हम पिछले अंक के चित्र और परिणाम को देखते हैं!

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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक- 6 का परिणाम
girl_studying
rajendra swarnkar
चमन में खिलखिलाती-मुस्कुराती
हर कली होगी !
हक़ीक़त में हमारी ज़िंदगी कल
ज़िंदगी होगी !
न होगा कल किसी तूफ़ान
बिजली ज़लज़ले का डर ,
इल्मो - ता'लीम से तारीक़ियों में
रौशनी होगी !
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चाँद-सितारों की चम-चम
हर रोज़ तुम्हें नहलाए ,
सूरजकी जगमग किरणें
आकर दुलार कर जाए .
स्वच्छ, सरल,सुंदर दर्पण सा
निर्भय ,कोमल मन हो ,
विद्या , बुद्धि ,विवेक
मधुर-वाणी का आभूषण हो.
सपनें हों साकार और
उत्कर्ष तुम्हारा रोज़ बढे ,
नित विकसित हो ज्ञान
सफलता नई सीढियाँरोज़ चढ़े.
हाथ आसमां को छू ले
हो जाये शिखर तुम्हारा,
बेटी , तुम मेरा गौरव
तुम हो अभिमान हमारा.

mridula pradhan

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nirmala kapila

बेशक रहती हूँ जमीं पर
मगर बातें आस्मां से करती हूँ
पढने लिखने मे भी कम नहीं
और खबर दुनिया की रखती हूँ
अब हस्ती मेरी कोई मिटा सकता नही
आसमाँ छूने से हटा सकता नही
मैं खुद को साबित करके
दिखलाने की हिम्मत रखती हूँ
देखना तुम इस टाट से उठकर
संसद तक जाने की हिम्मत रखती हूँ
और एक दिन दुनिया मे
नया इतिहास बनाऊँगी
सुनो मुझे नकारने वालो
मै तुम को दिखलाऊँगी
तेरे नापाक ईरादों पर
परचम अपना लहराऊँगी
आज अपनी कल्पनाओं को
मुझे पँख लगाना आ गया
अब भारत की बेटी को भी
अपना हक जताना आ गया।

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साक्षर कन्या -साक्षर परिवार
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जनजागृति की लहर उठेगी,
शिक्षा हर बेटी को मिलेगी.
होगा अज्ञान का दूर अँधेरा
हर घर ज्ञान की जोत जगेगी.
एक बालिका शिक्षित होने से
होता शिक्षित पूरा परिवार,
शिक्षा प्रसार में निहित है,
सुखी राष्ट्र का आधार.

alpana verma

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aditi chauhan

अँधेरा छोड़कर पीछे
हमें आगे निकलना है
समझ लेना नहीं कमजोर
हमें किस्मत बदलना है !

डगर काँटों भरी लेकिन
हमें गिर-गिर संभलना है
पढाई रात-दिन करके
हमें भारत बदलना है !!

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शीर्षक : शिक्षा पर अधिकार है मेरा !
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मैं जानती हूँ कि मेरे नसीब में
पढ़ना नसीब नहीं है,
मैं यह भी जानती हूँ कि शिक्षा मेरे करीब नहीं है.
पर मैं ये बताना चाहती हूँ कि
मुझे भी पढ़ने का अधिकार है,
दुनिया को दिखाना चाहती हूँ कि
शिक्षा से हम बालिकाओं का भी सरोकार है.

मेरी एक विनती है मम्मी और पापा से
कि सिर्फ भैया से नहीं मुझसे भी प्यार करें,
कन्या भ्रूण हत्या न करें,
हमें भी देखने दें ये दुनिया
मुझे भी पढाएं और मेरा उद्धार करें!

ram krishn gautam

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shivendra sinha

मुझे पढना ही होगा
मै पढूंगी -
मै पढना चाहती हूँ
बापू की मजबूरी को ,
मै समझना चाहती हूँ
माँ के आंसुओं को
मुझे जानना ही है कि
चंद लोग मिलकर
लाखों लोगों की रोशनी
कैसे हड़प लेते हैं ?

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srajan 7
आईये अब चलते हैं "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 7" की तरफ ! नीचे ध्यान से देखिये चित्र को ! क्या इसको देखकर आपके दिल में कोई भाव ...कोई विचार ... कोई सन्देश उमड़ रहा है ? तो बस चित्र से सम्बंधित भावों को शब्दों में व्यक्त कर दीजिये ... आप कोई सुन्दर सी तुकबंदी ... कोई कविता - अकविता... कोई शेर...कोई नज्म..कोई दिल को छूती हुयी बात कह डालिए !
---- क्रियेटिव मंच
First Prize: Devon Cummings cummingsdevon@earthlink.net 495 12th st., #3R Brooklyn, NY 11215 USA 646-207-4951  Title: Madonna and Child Caption: Mother and child in Muktinath, Nepal.

श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 7
प्रतियोगियों के लिए-
1- इस सृजन प्रतियोगिता का उद्देश्य मात्र मनोरंजन और मनोरंजन के साथ कुछ सृजनात्मक करना भी है
2- यहाँ किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नही है
3- आपको चित्र के भावों का समायोजन करते हुए अधिकतम 100 शब्दों के अन्दर रचनात्मक पंक्तियाँ लिखनी हैं, जिसे हमारी क्रियेटिव टीम के चयनकर्ता श्रेष्ठता के आधार पर क्रम देंगे और वह निर्णय अंतिम होगा
4- प्रतियोगिता संबंधी किसी भी प्रकार के विवाद में टीम का निर्णय ही सर्वमान्य होगा
5- चित्र को देख कर लिखी गयी रचना मौलिक होनी चाहिए. शब्दों की अधिकतम सीमा की बंदिश नहीं है. परिणाम के बाद भी यह पता चलने पर कि पंक्तियाँ किसी और की हैं, विजेता का नाम निरस्त कर दिया जाएगा !
6- प्रत्येक प्रतियोगी की सिर्फ एक प्रविष्टि पर विचार किया जाएगा, इसलिए अगर आप पहली के बाद दूसरी अथवा तीसरी प्रविष्टि देते हैं तो पहले की भेजी हुयी प्रविष्टि पर विचार नहीं किया जाएगा. प्रतियोगी की आखिरी प्रविष्टि को प्रतियोगिता की प्रविष्टि माना जाएगा
7-'पहले अथवा बाद' का इस प्रतियोगिता में कोई चक्कर नहीं है अतः आप इत्मीनान से लिखें. 'माडरेशन ऑन' रहेगा. आप से अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियाँ यहीं कॉमेंट बॉक्स में दीजिये
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प्रतियोगिता में शामिल होने की समय-सीमा ब्रहस्पतिवार 1अप्रैल शाम 5 बजे तक है. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 7" का परिणाम 8 अप्रैल रात्रि सात बजे प्रकाशित किया जाएगा
The End

21 टिप्‍पणियां:

  1. सभी सृजनकर्ताओं को बधाई! सभी रचनाएँ उत्कृष्ट है!

    जवाब देंहटाएं
  2. "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता - 7" के लिए मेरी रचना -


    मैं सिर्फ एक स्त्री नहीं
    एक कर्तव्यनिष्ठ माँ हूँ
    नन्ही बेटी तू मेरी ख़ुशी है
    मैं सदा तेरा अपना हूँ
    सब धर्म निभाये है मैंने
    मातृत्व धर्म भी निभाउंगी
    तुझे खुश रखूंगी हमेशा
    तुझे दुनिया घुमाउंगी

    - सुलभ

    जवाब देंहटाएं
  3. राजेन्द्र स्वर्णकार जी एवं अन्य सभी सृजनकारों को बधाई. सारी रचनाएं सुन्दर हैं.
    मै भी कुछ लिखने की कोशिश करता हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  4. sabhi ko bahut badhayi.
    mujhe nirmla kapila ji kee rachna bhi bahut achhi lagi.

    जवाब देंहटाएं
  5. sab ek se badhkar ek.
    sabhi ko shubh kmanayen
    rajendra ji ko vishesh badhayi.


    aapka selection bahut badhiya hai
    behtareen aayojan

    जवाब देंहटाएं
  6. न होगा कल किसी तूफ़ान
    बिजली ज़लज़ले का डर ,
    इल्मो - ता'लीम से तारीक़ियों में
    रौशनी होगी !

    bahut khubsurat lines hain
    mubarak ho sabhi ko

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  7. सभी रचनाएँ उत्कृष्ट है!
    राजेन्द्र स्वर्णकार जी एवं अन्य सभी सृजनकारों को बधाई.
    kaash ham bhi kavi hote

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  8. सभी को बहुत-बहुत बधाई!

    रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाये !

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  9. सभी रचनाएँ बहुत बढ़िया लगा! बधाई!

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  10. भाई राजेंद्र स्वर्णकार जी का सदभावना सन्देश मेल द्वारा प्राप्त हुआ :

    Creative Manch के सभी साथियों को रामनवमी की मंगलकामनाएं !
    श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 6 में मेरे सृजन को सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि के रूप में चुना गया ,
    नत मस्तक हूं मां सरस्वती के समक्ष !
    हृदय तल से आभारी हूं क्रिएटिव मंच निर्णायक गण का !
    धन्यवाद ज्ञापित करता हूं Shaheen Mirjaji , Abhinav Sathiji , anand sagarji और
    तमाम मित्रों के प्रति … जिन्होंने बधाई दी …और श्रेष्ठ करते रहने के प्रयत्नों को संबल प्रदान किया ।
    पुनः धन्यवाद !

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  11. राजेंद्र जी और मृदुला जी को पहली बार मंच पर देखा बहुत खुशी हुई.
    राजेंद्र जी की रचना सच बहुत ही अच्छी लगी .उनका कोई ब्लॉग नहीं दिखा.
    अनुरोध है की एक ब्लॉग बनाएँ ताकि हम उनका लिखा और भी पढ़ सकें.
    सभी प्रतिभागी साथियों को बधाई ...मंच का आभार.

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  12. अभी आशा बाकी है लाडली
    कुहासा छटेगा धूप निकलेगी
    बाहें फैला कर भर लेना तुम
    सारी सीलन उड़ जायेगी

    अभी कंधो में दम है
    तेरे चलने तक उठा सकती हूँ
    घबराना नहीं मेरी गुडिया
    अँधेरे को मिटा सकती हूँ

    तेरी छुअन के सहारे
    मैं इतनी देर जी सकी हूँ
    तेरी मुस्कान के दम से
    सारे विष पी सकी हूँ

    जवाब देंहटाएं
  13. very Interesting !!

    Thoda der se ana huaa...ab pratiyogita 7 ke liye likhungi...

    creativity ko badhava deta sundar manch !

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  14. राजेन्द्र स्वर्णकार जी एवं अन्य सभी सृजनकारों को बधाई. सारी रचनाएं सुन्दर...

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  15. श्रेष्ठ सृजन - सात



    माँ : ममता का घर


    क्या ग़म है जो मेरे पास खिलौने नहीं
    तेरी प्यार भरी भाषा ही काफी है

    क्या ग़म है जो मेरे दोस्त न हों
    तेरे हाथों की थपकी ही काफी है

    क्या ग़म है जो मेरे सर पर छत न हो स्कूल का
    तेरे आँचल का छाया ही काफी है


    "राम कृष्ण गौतम"

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  16. जहाँ धरती से आकाश मिले
    उस दूरी तक हम हो लें,
    चलो कल्पना के पंखों से
    आसमान को छू लें.

    for srijan pratiyogita no.7

    जवाब देंहटाएं
  17. ----------------------
    श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता अंक - 7
    ----------------------

    [एक अटूट बंधन]
    क्यों ये रीत भगवान ने बनाई है
    कहते हैं लोग कि तू परायी है

    बेटियां इसे मानकर परिभाषा जीवन की
    बना देती है अभिलाषा एक अटूट बंधन की

    हमारा रिश्ता भी इतना अजीब होता है
    क्यों हम बेटियों का यही नसीब होता है

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  18. सृजन अंक - 7 के लिए
    ******************
    तेरे आने के अनुभूति से
    खिल उठती हूँ
    अपने अंश को
    एक नए रूप में देख
    पता नहीं क्या-क्या सोच
    पुलकित हो उठती हूँ
    तेरी हर मुस्कान
    भर देती है उमंग मुझमें
    बुनने लगी हूँ अभी से
    तेरी जिन्दगी का ताना-बाना
    मुझे मातृत्व का अहसास है।

    जवाब देंहटाएं
  19. नारी भी कई रूप बदलती है
    कभी बहिन,बेटी,पत्नी तो कभी माँ बनती है
    लेती है नित नया आकार
    लेकिन देती है सबको आधार
    करती हैं हर रूप में त्याग अपना
    ताकि जन्म ले सके, फिर एक नया सपना

    जवाब देंहटाएं
  20. श्रम जीवन आधार बनाया ,
    जीने का विश्वास लिए,
    वात्सल्य भाव से आप्लावित ,
    मंद मंद हास लिए ,
    स्वप्न सभी पूरे होंगे,
    मन में हूँ ,यह आस लिए
    -written on april 1st
    -alpana

    जवाब देंहटाएं
  21. प्रिय राजेन्द्र स्वर्णकार जी की प्रविष्टि मेल द्वारा प्राप्त हुयी :-

    क्रियेटिवमंच के सभी स्नेहीजनों को नमस्कार !
    प्रस्तुत है "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 7" के लिए
    मेरी मौलिक काव्य पंक्तियों के रूप में मेरी प्रविष्टि …

    "श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता- 7"

    नन्हे - नन्हे हाथ - पांव हैं ,
    नन्ही - सी औक़ात रे !
    पीछे आंधी - तूफ़ां ,
    आगे भी है झंझावात रे !
    कांधों पर जिम्मेवारी ,
    सर पर है काली रात रे !
    लाएगी हिम्मत ही सुनहरी -
    नूतन आज प्रभात रे !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    एक - दो दिन में ही अवतरित हो रहा है मेरा ब्लॉग …

    जवाब देंहटाएं

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