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आप सभी को नमस्कार ! क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है ! आप सभी प्रतियोगियों एवं पाठकों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होने इस पहेली मे हिस्सा लिया ! कल C.M.Quiz -41 के अंतर्गत हमने चार चित्र दिखाए थे और पूछा था कि 'ये चित्र किस संग्रहालय से सम्बंधित हैं ?' क्विज का सही जवाब था -"श्री सिद्धगिरी म्यूजियम कोल्हापुर, महाराष्ट्र" आदरणीय दर्शन बावेजा जी ने तत्काल ही सही जवाब देकर हमें अचंभित कर दिया ! C.M.Quiz -38 और C.M.Quiz -39 में प्रथम विजेता बनने के बाद दर्शन जी इस बार भी सर्व प्रथम सही जवाब देकर क्रिएटिव मंच क्विज के दूसरे राउंड के पहले चैम्पियन बन गए ! बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रदर्शन के लिए दर्शन बावेजा जी को हार्दिक बधाई ! द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः इंदु अरोड़ा जी और शुभम जैन जी रहीं ! कई प्रतियोगियों को क्विज समझने में दिक्कत हुयी ! उनकी असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं ! साथ ही हम आप सबको सूचित करते हैं कि समय के अभाव के कारण अभी कुछ समय तक क्विज का आयोजन स्थगित रहेगा ! 'सी.एम.क्विज के अगले आयोजन की सूचना हम समय से पूर्व आप सबको दे देंगे ! सभी विजेताओं को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं अब आईये क्विज के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में दिखाए गए इस अनोखे संग्रहालय के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं : [चित्रों को बड़ा करके देखने के लिए उन पर क्लिक करें, सभी चित्र दूसरी विंडो में खुलेंगे ] |
श्री सिद्धगिरी म्यूजियम, कोल्हापुर [महाराष्ट्र] Siddhagiri Museum , Kolhapur [Maharashtra] |
एक ऐसा गाँव जहाँ किसान हल और बैल के साथ खड़े मिलेंगे। गाँव की औरतें कुंए में पानी भरने जाती हुयी दिखेंगी। बच्चे पेड़ के नीचे गुरुकुल शैली में पढ़ाई कर रहे हैं, किसान खेत में भोजन कर रहे हैं और आस-पास पशु चारा चर रहे हैं। गाँव के घरों का घर-आँगन और विभिन्न कार्य करते लोग, लेकिन सब कुछ स्थिर ...ठहरा हुआ फिर भी एकदम सजीव,,,जीवंत। जी हाँ यह सब आपको देखना हो तो महाराष्ट्र के कोल्हापुर जाना होगा। |
काड़सिद्धेश्वर स्वामी का कहना है कि, "हमने इसकी प्रेरणा 'मैडम तुसॉद संग्रहालय' से ली है, पर यह संग्रहालय महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रभावित है। गांधी जी हर गांव को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अहम स्थान दिलाना चाहते थे। यह संग्रहालय भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की महत्ता को दर्शाता है।" |
संग्रहालय में कई प्राचीन संतों की मूर्तियां हैं। उदाहरण के लिए एक पेड़ के नीचे महर्षि पातंजलि को प्राचीन शैली में कक्षा लेते दिखाया गया है। कुछ ही मीटर की दूरी पर महर्षि कश्यप को एक रोगी का इलाज करते दिखाया गया है। यहां महर्षि कणाद को वैज्ञानिक शोध में लीन देखा जा सकता है, वहीं महर्षि वराहमिहिर ग्रह-नक्षत्रों की दुनिया से अपने शिष्यों को अवगत कराते नजर आते हैं। |
ईंट, पत्थरों से निर्मित इस संग्रहालय में प्रतिमाओं का निर्माण सीमेंट से किया गया है। इसके लिए करीब 80 कुशल मूर्तिकारों की सेवा ली गई। इसके प्रबंधक इसे खुला प्रदर्शन परिसर कहना पसंद करते हैं, जहां की मूर्तियां बारिश, गर्मी आदि को झेलने के बावजूद अपनी चमक बनाए हुई हैं। [समस्त चित्र व जानकारी अंतरजाल से साभार] |
C.M. Quiz - 41 प्रतियोगिता का परिणाम : |
1st Winner |
2nd Winner | 3rd Winner |
4th Winner | 5th Winner |
6th Winner | 7th Winner |
8th Winner | 9th Winner |
समस्त विजताओं को बधाईयाँ | ||||||
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आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप लोगों ने प्रतियोगिता में शामिल होकर
इस आयोजन को सफल बनाया जिसकी हमें बेहद ख़ुशी है
दर्शन बावेजा जी, इंदु अरोड़ा जी, शुभम जैन जी
आशीष मिश्रा जी, अदिति चौहान जी, इशिता जी
मोहसिन जी, रामकृष्ण गौतम जी, अल्पना वर्मा जी
कृतिका जी, निर्मला कपिला जी, शिवेंद्र सिन्हा जी
आनंद सागर जी, शेखर जी, रजनीश परिहार जी
आशीष मिश्रा जी, अदिति चौहान जी, इशिता जी
मोहसिन जी, रामकृष्ण गौतम जी, अल्पना वर्मा जी
कृतिका जी, निर्मला कपिला जी, शिवेंद्र सिन्हा जी
आनंद सागर जी, शेखर जी, रजनीश परिहार जी
आप सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन हम सब के लिये मनोरंजन ओर ज्ञानवर्धन का माध्यम है !आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें जरूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया
साथियों फिर किसी रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ
यहीं मिलेंगे ! कार्यक्रम की पूर्व सूचना आपको दे दी जाएगी
यहीं मिलेंगे ! कार्यक्रम की पूर्व सूचना आपको दे दी जाएगी
सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
creativemanch@gmail.com
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The End |