रविवार, 23 जनवरी 2011

सी.एम.ऑडियो क्विज़ [क्रमांक- छह] - "सुनें और बताएं"

cm audio quiz 6'life is short, live it to the fullest'

सभी साथियों/पाठकों/प्रतियोगियों को सप्रेम नमस्कार
'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 6' कार्यक्रम में आप का स्वागत है।

आज इस श्रृंखला की छठी कड़ी में हम आपको हिन्दुस्तान के दो चर्चित
शख्सियतों की ऑडियो क्लिप सुनवा रहे रहे हैं। आप नीचे दी हुयी दोनों आडियो
क्लिप्स को बहुत ध्यान से सुनकर पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब दीजिये।


सही जवाब देने की समय सीमा सोमवार, 24 जनवरी दोपहर 2 बजे तक है।

इन दो आडियो क्लिप्स को ध्यान से सुनकर बताईये कि :
Q.1- यह किस प्रसिद्ध शायर की आवाज है ?
Q.2- यह किस प्रसिद्ध फिल्मी हस्ती की आवाज है ?
आप दोनों प्रश्नों के जवाब अलग अलग टिप्पणियों में लिख सकते हैं,
जिससे गलत टिप्पणी को प्रकाशित करने में आसानी होगी।
best of luck
सूचना :
आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों ! माडरेशन ऑन रखा गया है, इसलिए केवल ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे ! सही जवाबों को समय सीमा से पूर्व प्रकाशित नहीं किया जाएगा ! जवाब देने की समय सीमा कल यानि सोमवार दोपहर 2 बजे तक है ! उसके बाद आये हुए जवाब को प्रकाशित तो किया जाएगा किन्तु परिणाम में शामिल करना संभव नहीं होगा ! क्विज़ का परिणाम कल यानि सोमवार को रात्रि 7 बजे घोषित किया जाएगा !
----- क्रिएटिव मंच


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बुधवार, 12 जनवरी 2011

ठहाका एक्सप्रेस- 9


इस बार 'ठहाका एक्सप्रेस- 9' के पायलट हैं -


images (18)Laughter
images (11) is the
fghjBest Medicine
गुप्ता जी अपनी कंजूसी के लिए प्रसिद्द हैं।

गुप्ता जी (मृत्युशैया पर) : कहां हो, भाग्यवान...?
पत्नी (तपाक से) : यहीं हूं, प्राणनाथ...
गुप्ता जी : मेरे बेटे-बहुएं भी मेरे पास ही हैं क्या...?
बेटे-बहुएं (समवेत स्वर में) : जी पिताजी, हम सब आपके पास ही हैं...
गुप्ता जी (गुस्से में) : फिर बगल वाले कमरे का पंखा क्यों चला छोड़ रखा है, बेवकूफों...?

एक लड़का एक बहुत बड़े डिपार्टमेंट स्टोर में सेल्समैन की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया, लेकिन मैनेजर ने उसे अंग्रेज़ी नहीं आने की वजह से रिजेक्ट कर दिया...

लड़के को खुद पर बहुत भरोसा था, सो, वह मैनेजर से बोला, "सर, आप मुझे एक महीने के लिए ट्रायल पर रख लीजिए... यदि मैं अंग्रेजी बोलने वालों से ज़्यादा बिक्री न कर पाऊं, तो मुझे तनख्वाह मत दीजिएगा, और निकाल दीजिएगा..."
मैनेजर को उसकी बात जंची, और उसे नौकरी पर रख लिया गया...
फिर क्या था...
अगले ही दिन से स्टोर की बिक्री दिन-दूनी-रात-चौगुनी बढ़ने लगी...
एक ही सप्ताह में बात स्टोर के मालिक तक पहुंची, तो वह खुद को रोक न सका, और इस चमत्कारी सेल्समैन को देखने चला आया...
वहां पहुंचकर उसने देखा कि लड़का एक ग्राहक को मछली पकड़ने का कांटा बेच रहा था...
मालिक थोड़ी दूर पर खड़ा होकर चुपचाप देखने लगा...


ग्राहक ने कांटा खरीदने की हामी भर दी, तो लड़के ने तपाक से कहा, "सर, इतने महंगे जूते पहनकर मछली पकड़ने जाएंगे तो ये खराब हो जाएंगे... एक काम कीजिए, एक जोड़ी सस्ते जूते भी खरीद लीजिए..."
ग्राहक ने जूते भी खरीद लिए, तो लड़का बोला, "तालाब के किनारे आपको धूप में बैठना पड़ेगा... एक टोपी, और छतरी भी ले लीजिए..."
ग्राहक ने टोपी भी खरीद ली, तो लड़का बोला, "मछली पकड़ने में भगवान जाने आपको कितना समय लग जाए, कुछ खाने-पीने का सामान भी साथ ले जाएंगे तो बेहतर होगा..."
ग्राहक ने बिस्कुट, नमकीन, और पानी की बोतलें भी खरीद लीं...
अब लड़का बोला, "मछली पकड़ लेंगे तो घर कैसे लाएंगे... एक टोकरी भी तो लीजिए, सर..."
ग्राहक ने टोकरी भी खरीद ली, और हज़ारों रुपये का बिल देकर चला गया...


मालिक यह सब देखकर बहुत खुश हुआ, और लड़के को अपने पास बुलाकर बोला, "यार, तुम तो कमाल के आदमी हो... जो आदमी केवल 500 रुपये का मछली पकड़ने का कांटा खरीदने आया था, उसे तुमने 5000 रुपये से भी ज़्यादा का सामान बेच डाला..."
लड़के ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "कांटा खरीदने नहीं, सर, वह आदमी तो अपनी पत्नी के लिए सैनेटरी नैपकिन खरीदने आया था, सो, मैंने ही उसे कहा, अब चार दिन तू घर में बैठा-बैठा क्या करेगा, मछली पकड़ने चला जा..."

एक सरकारी कार्यालय में एकाउन्टेन्ट के पद के लिए एक उम्मीदवार का इंटरव्यू लिया जा रहा था...
परीक्षक ने पूछा : दो और दो कितने होते हैं...?
सवाल सुनकर उम्मीदवार उठा और आहिस्ते से कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर झांका... फिर उसने झुककर मेज के नीचे झांका... कहीं कोई न था...
फिर वह सारे खिड़की-दरवाजे बन्द कर परीक्षक के कान में फुसफुसाया : कितने होते हैं, इसको मारिए गोली... आप बताइए सर, आप कितने करवाना चाहते हैं...?

उसे बिना और कोई सवाल पूछे नौकरी पर रख लिया गया...

रामू की पत्नी ने फ्राइंग पैन उठाकर रामू के सिर पर दे मारा।
रामू (चिल्लाते हुए)- तुमने मुझे क्यों मारा।
पत्नी- तुम्हारी डायरी में किसी बसंती का नाम लिखा है। कौन है ये बसंती?
रामू- कल मैंने रेस में जिस घोड़ी पर दांव लगाया था। उसका नाम है।
पत्नी- अच्छा आय एम सॉरी!

अगले दिन रामू की बीवी ने फिर मारा।
रामू- अब क्यों मारा?
पत्नी- तुम्हारी घोड़ी का फोन आया है... जाकर उठा लो!!!

संता सिंह और उसकी पत्नी अपने बेडरूम में आराम से सो रहे थे, और अचानक रात को दो बजे फोन की घंटी बजी...

दोनों की नींद खुल गई, संता ने फोन उठाया, इससे पहले कि वह कुछ कह पाता, दूसरी तरफ से आवाज़ आनी शुरू हो गई, संता सुनता रहा, और अचानक चीखकर बोला, "साले, मैं क्या म्यूनिसिपैलिटी में काम करता हूं..."

जब चीख-चिल्लाकर संता ने फोन पटक दिया, पत्नी ने प्यार से पूछा, "कौन था, जानू...?"
संता ने उखड़े सुर में जवाब दिया, "पता नहीं, कौन कमीना था... साला, मुझसे पूछ रहा था, रास्ता साफ है क्या...?"

संता सिंह का अपनी बीवी से जोरदार झगड़ा हुआ, जिसके दौरान गुस्से में आकर बीवी ने कुर्सी उठाकर संता को दे मारी...
संता सिंह का पैर टूट गया, और वह अस्पताल में पलस्तर करवाने के लिए पहुंचा...

अस्पताल में पलंग पर लेटे-लेटे संता दर्द से कराहते हुए इधर-उधर देखने लगा, और साथ वाले पलंग पर लेटे हुए मरीज को देखकर उसकी नज़रें ठिठक गईं, क्योंकि उस मरीज की दोनों टांगों पर पलस्तर चढ़ा हुआ था...

संता ने बहुत मासूमियत से सहानुभूति-भरी आवाज़ में सवाल किया, "भाईसाहब, क्या आपकी दो बीवियां हैं...?"

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एस एम एस फंडा

कहां निवेश से कितना लाभ हुआ 2010 में...
सोना - 28 प्रतिशत
चांदी - 75 प्रतिशत
कच्चा तेल - 40 प्रतिशत
सेन्सेक्स - 35 प्रतिशत
...और
प्याज़ - 980 प्रतिशत...

साला, एक लाख के प्याज़ खरीदे होते, तो 2011 में लंदन में महल खरीद लेता...

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और भी ठहाके लगाने का मन हो तो नीचे क्लिक करें
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आप भी अगर कोई जोक्स, हास्य कविता या दिलचस्प संस्मरण भेजना चाहते हैं तो हमें मेल कर सकते हैं ,,,, आपका स्वागत है ! रचना को आपके नाम व परिचय के साथ प्रकाशित किया जाएगा !
क्रियेटिव मंच

सोमवार, 10 जनवरी 2011

गायक भूपेंद्र सिंह और कुमार सानू

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


प्रिय साथियों
नमस्कार !!!
हम आप सभी का क्रिएटिव मंच पर अभिनन्दन करते हैं।

'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 5' आयोजन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को बधाई। इस बार की क्विज इतनी मुश्किल तो नहीं थी क्योंकि दोनों ही गाने लोकप्रिय थे। लेकिन कुछ प्रतियोगी जो संगीत के शौक़ीन और पारखी हैं, उन्होंने जल्दी जवाब देने की आतुरता में आधा ही उत्तर भेज दिया। उन्होंने हमारे सवाल को सही तरह पढ़ा ही नहीं। काश उन्होंने अगर हड़बड़ी न दिखाई होती तो प्रतियोगिता का परिणाम कुछ दूसरा होता।

सबसे पहले दोनों प्रश्नों के आंशिक सही उत्तर लेकर आये थे- राजेन्द्र स्वर्णकार जी, उसके तत्काल बाद यही गलती मनीष कुमार जी ने भी की। बाद में अना जी ने भी आधा ही जवाब दिया। राजेन्द्र जी ने बाद में अपनी गलती सुधार भी ली लेकिन तब तक अन्य धुरंधर प्रतियोगियों ने विजेता लिस्ट में अपना स्थान पक्का कर लिया था। आशा है आगे से सभी प्रतियोगी सवाल को सही तरह पढ़कर ही जवाब देंगे।

इस बार की दिलचस्प वर्चस्वता वाली क्विज़ में प्रथम स्थान हासिल किया- शेखर सुमन जी ने। उसके उपरान्त दूसरा एवं तीसरा स्थान क्रमशः शुभम जैन जी और यशवंत माथुर जी ने अर्जित किया। एक प्रतियोगी के सही जवाब उनके अनैतिक आचरण के कारण निरस्त कर दिए गए हैं।


आप सभी अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखिये। आप की प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी। आप से अब अगले रविवार 'सी.एम.ऑडियो क्विज- 6' के साथ मुलाकात होगी।
समस्त विजेताओं व प्रतिभागियों को
एक बार पुनः बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

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अब आईये -
''सी.एम.ऑडियो क्विज-5' के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में पूछे गए दोनों विशिष्ट गायकों के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
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1- ग़ज़ल गायक व संगीतकार भूपेंदर सिंह
[Singer and Musician - Bhupendra Singh]
Bhupinder_Singhबीती न बिताई रैना, दिल ढूंढता है, एक अकेला इस शहर में और मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे जैसे नग्मों को अपनी आवाज से सदाबहार बनाने वाले भूपेंद्र सिंह का नाम कौन नहीं जानता। चालीस साल से अधिक समय से हिंदी संगीत की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम रखने वाले भूपेंद्र सिंह का जन्म दिल्ली में 8 अप्रैल, 1939 में हुआ था। उनके पिताजी भी एक प्रशिक्षित गायक और संगीत के अध्यापक थे।

कैरियर की शुरुआत में भूपेंद्र ने आकाशवाणी में काम किया। 1964 में फिल्मों में सब से पहले अवसर देने का श्रेय मदन मोहन जी को जाता है। 'हकीकत ' फिल्म 'हो के मजबूर उसे...गाने को उन्होंने रफ़ी साहब के साथ गाया था। वे राहुल देव बर्मन के आर्केस्ट्रा के साथ एक गिटार वादक के रूप में जुड़े और 'दम मारो दम' गाने में गिटार बजाया। गायक के रूप में, 'बीती ना बिताई, और मितवा बोले मीठी बोली'...गानों से उन्हें एक नयी पहचान मिली।

फिल्मों के अलावा उन्होंने कई प्राइवेट अल्बम भी निकाले। वे गुलज़ार के पसंदीदा गायक हैं। उल्लेखनीय है कि भूपिंदर और गुलजार साहब ने ऐसी रचनाएं गढ़ी हैं, जो गायन की जटिल विधाओं में शुमार हैं। जैसे म्यूजिक में एक शब्द प्रचलित है-ब्लैक वर्स यानी जिसके गीतों में कोई मीटर नहीं होता। ‘ब्लैक वर्स’ कविताओं/गीतों को गाना सरल काम नहीं होता। दरअसल उन्हें गाते वक्त मीटर पर ले जाना अत्यंत जटिल प्रक्रिया है। इसके बावजूद गुलजार और भूपिंदर ने इस पर प्रयोग किए और ‘दिल ढूंढता है फिर वही, फुर्सत के रात दिन (फिल्म मौसम)’ जैसे लोकप्रिय गानों की रचना की।

भूपिंदर की आवाज़ में भावुक रचनाएं बहुत प्‍यारी लगती हैं । उनकी आवाज़ की नरमी उनकी दौलत है । दूसरी ख़ासियत ये है कि जब ज़रूरत हो तो वो अपनी आवाज़ को बहुत ऊंचे सुरों तक ले जाने की काबलियत रखते हैं। शायर सुदर्शन फाकिर द्वारा लिखित गजल ‘जिंदगी मेरे घर आना..’ गाने के लिए भूपिंदर सिंह को बेस्ट सिंगर का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिल चुका है।

1980 में उनकी शादी मिताली के साथ हुई जो खुद एक बेहतरीन गायिका हैं। वर्तमान में वे अपनी पत्नी मिताली के साथ वे स्टेज प्रोग्राम करते हैं। एक उम्दा गज़ल गायक ही नहीं बल्कि उन्हें गिटार और वायलिन वादक के रूप में भी लोग जानते हैं।
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2- कुमार सानू [Kumar Saanu]
kumar_sanu कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का अलग अंदाज़ बनाये रखा है।

कुमार सानू के घर पर शुरू से ही संगीत की परंपरा थी। पिताजी शास्त्रीय संगीत के टीचर थे। मां भी गाती थीं। बड़ी बहन भी रेडियो में गाती है और आज भी वह पिताजी का संगीत स्कूल चला रही हैं। इस तरह परिवार के माहौल ने सानू को एक अच्छा गायक बना दिया। करीब करीब 350 से अधिक फिल्मों के लिए गा चुके कुमार सानू को सफलता वर्ष 1990 में बनी 'आशिकी' फिल्म से मिली जिसके गीत सुपरहिट हुए और कुमार सानू लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए थे। बहरहाल, आशिकी कुमार सानू की पहली फिल्म नहीं थी। उनको पहला ब्रेक जगजीत सिंह ने दिया था। उन्होंने उन्हें कल्याणजी आनंद जी से मिलवाया जिन्होंने 1989 में आई फिल्म 'जादूगर' के लिए कुमार सानू से गीत गवाया।

लगातार पांच बार सर्वश्रेष्ठ पुरूष पाश्र्व गायक का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके कुमार सानू की आवाज़ काफी हद तक किशोर कुमार से मिलती जुलती है। हालांकि उन्होंने मुकेश और मोहम्मद रफी की शैली अपनाने की भी कोशिश की लेकिन बाद में अपनी अलग शैली विकसित की।

एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड करवाने वाले वह एकमात्र गायक हैं। उन्होंने चौदह हज़ार गाने गाये हैं।
कुमार सानू का आज के दौर के संगीत के बारे में कहना है कि 'आज के संगीत से मेलोडी, सुर, ताल आदि कहीं गुम होता जा रहा है और उसकी जगह शोर ले रहा है। यही वजह है कि आज के अधिकतर गीत यादगार प्रतीत नहीं होते।' उनकी चाहत हमेशा रही कि काश उन्होंने सचिन देव बर्मन के साथ कोई गाना गाया होता।

बहुत समय से वे बांगला फिल्मों में सक्रिय हैं और हिंदी फिल्मों में कम. बहुत जल्द उनकी होम प्रोडक्शन फिल्म ‘यह संडे क्यूं आता है’ आ रही है, जिसमें उन्होंने संगीत भी दिया है और दो गाने भी गाए है। इसके अलावा सत्तर-अस्सी हिंदी फ़िल्में आ रही हैं जिसमें उनके गाये गाने हैं। सन् 2009 में उन्हें पदम् श्री से नवाज़ा गया था।
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क्विज में दिए गए दोनों दिलकश गानों के वीडिओ
गायक भूपेंदर सिंह
गायक कुमार सानू
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"सी.एम.ऑडियो क्विज़- 5" के विजेता प्रतियोगियों के नाम
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जिन प्रतियोगियों ने एक जवाब सही दिया
applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
applause applause applause
applause applause applause applauseapplauseapplauseapplause applause applause applause
आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन मनोरंजन के साथ साथ ज्ञानवर्धन का एक प्रयास मात्र है !

अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें ज़रूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का पुनः आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया.
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16 जनवरी 2011, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिवमंच
The End
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