रविवार, 4 अक्टूबर 2009

ठहाका एक्सप्रेस - 5

Shivendra Sinha
इस बार 'ठहाका एक्सप्रेस- 5' के पायलट हैं -
Laughter is the Best Medicine
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बी पॉजिटिव

पिता : "मैं चाहता हूँ तुम मेरी पसंद की लडकी से शादी करो !"
पुत्र : "अपना जीवन साथी मैं स्वयं चुनूंगा !"
पिता : "लेकिन वो लड़की बिल गेट्स की बेटी है !"
पुत्र : "तब फिर ठीक है ... ओके !"

अगले दिन पिता ने बिल गेट्स से संपर्क किया !

पिता : मैं आपकी लडकी के लिए एक बहुत योग्य जीवन साथी बता सकता हूँ
बिल गेट्स : लेकिन मैं इतनी जल्दी अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता
पिता : "लेकिन वो लड़का वर्ल्ड बैंक का वाईस प्रेसिडेंट है !"
बिल गेट्स : "तब फिर ठीक है ... ओके !"

आखिर में पिता वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट से संपर्क करता है !

पिता : "एक प्रतिभाशाली युवक को जानता हूँ जिसे आप वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त कर सकते हैं !"
प्रेसिडेंट : लेकिन हमारे यहाँ पहले से ही बहुत सारे वाइस प्रेसिडेंट हैं .. अब आवश्यकता नहीं !"
पिता : "लेकिन वो युवक बिल गेट्स का दामाद है !"
प्रेसिडेंट : "तब फिर ठीक है ... ओके !"
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निष्कर्ष : जब तुम्हारे पास कुछ भी नहीं हो, तब भी तुम सब कुछ हासिल कर सकते हो !
बस ! तुम्हारी सोच सकारत्मक होनी चाहिए !


संता सिंह एक महिला से प्रेम करता था !
उस महिला ने कहा कि ऐसा करो , मेरे पति को पता न चले, मै दूसरी मंजिल
पर रहती हूँ , रस्सी लटका दूँगी और ऊपर से अठन्नी गिरा दूँगी खन्न से आवाज़ होगी , तुम समझ जाना इशारा है कि बस अब रस्सी पर चढ़ जाना है अर्थात पतिदेव सो गए हैं और खर्राटे ले रहे हैं !"
संता ने कहा , "ठीक !"
रात में संता खड़ा हो गया ! खिड़की के नीचे आधी रात रस्सी लटकी ,
अठन्नी गिरी , खन्न से आवाज़ हुयी !

संता सिंह की प्रेमिका राह देखते - देखते थक गई जब तीन घंटे हो गए तो उसने नीचे झाँककर कहा - " संता क्या अठन्नी की आवाज़ सुनाई नही पड़ी ?"
संता ने कहा, "सुनाई पड़ी, उसी को तो खोज रहा हूँ मिल जाए तो ऊपर आऊं "


रात का समय , मैं अपनी कार से गुजर रहा था
रास्ते में एक गाँव पड़ा गाँव के किनारे की ओर सड़क पर पत्थरों का एक बड़ा ढेर लगा हुआ था और उस ढेर पर एक जलती हुयी लालटेन रखी हुयी थी, यह देखकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ मैं बड़ी देर तक वहां रुका रहा, आखिरकार गाँव का एक किसान जब उधर से निकला तो उसे बुलाया और पूछा -
" क्यूँ भैया, यह क्या मामला है ?
यह लालटेन इस ढेर के ऊपर क्यूँ रख छोड़ी है ?"
वह व्यक्ति बोला, " अरे, तुम्हे इतना भी नही मालूम ?
अरे ये इसलिए रखी है ताकि आने जाने वाले लोगों को यह पत्थर का ढेर दिखता रहे "
मैं बोला, " अच्छा यह बात है लेकिन ये तो बताओ की यह पत्थरों का ढेर यहाँ क्यूँ लगा रखा है ?"
उस व्यक्ति ने बड़ी हिकारत से कहा, "हद है, हम तो सुनते थे कि
शहर के लोग बड़े ही बुद्धिमान होते हैं, मगर तुम तो बड़ी ही मूर्खता की बातें कर रहे हो, अरे जब पत्थरों का ढेर नही लगायेंगे तो लालटेन किस चीज पर रखेंगे ? लालटेन को रखने के लिए ही तो पत्थरों का ढेर लगाया गया है "

एक बार एक शहजादा घूमता हुआ छोटे से कस्बे में पहुँचा
तभी सामने से आता हुआ गाँव का एक पंडित दिखायी दिया, जिसकी शक्ल शहजादे से हूबहू मिल रही थी
उसे छेड़ने के अंदाज से शहजादे ने पूछा -
" क्यूँ मियां , क्या तुम्हारी माँ हमारे महलों में काम करती थी पहले कभी ?"
पंडित बोला - " नही - नही श्रीमान , पर मेरे पिता अवश्य बहुत वर्षों तक शाही हरम में पहरेदार रह चुके हैं "


संता सिंह की पत्नी अपने मायके गई बार-बार संता को पत्र लिखती कि कुछ दिनों के लिए आप भी बनारस आ जाएँ लेकिन संता सिंह मुम्बई छोड़ता नही चाहता था
आखिरकार उनकी श्रीमती ने पत्र के साथ एक फोटो भी भेजा, जिसमे एक पार्क के बेंच पर एक जोड़ा बैठा हुआ है - पति-पत्नी एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए, एक दूसरे की आंखों में आँखें डाले हुए और पास के ही एक बेंच पर उनकी श्रीमती जी अकेली बैठी हैं - चिंतित, उदास अवस्था में, खोयी-खोयी सी साथ में पत्र में लिखा था : " देखो तुम्हारे बिना मै कितनी अकेली हो गई हूँ "
संता
ने फोटो को देखा और गुस्से से भर कर तार किया :
"यह सब तो ठीक है, पर यह बताओ कि यह फोटो खींची किसने है ?"


बंता सिंह होटल के मैनेजर से : जल्दी चलिए ,,,, मेरी बीबी खिड़की से कूदकर जान दे रही है !
मैनेजर : तो इसमें मैं क्या करूँ ,,,,??
बंता : कमीने ~~~ खिड़की नहीं खुल रही है !

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एस एम एस फंडा
तेरे प्यार में उम्र भर इन्तजार किया
तेरे प्यार में उम्र भर इन्तजार किया

वाह,,,,वाह

वाह,,,,वाह

उस इन्तजार में जाने कितनों से प्यार किया


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क्रियेटिव मंच
creativemanch@gmail.com

17 टिप्‍पणियां:

  1. हा...हा...हो...हो...ही...ही..
    जोक्स पढ़कर मजा अ गया.,सभी एक से बढ़कर एक हैं -
    अब इस ब्लॉग पर आने की आदत बन गयी है

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  2. हा हा हा....बहुत मज़ेदार जोक्स....एस एम एस का फंडा भी बहुत अच्छा.....मज़ा आ गया...

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह-वाह-वाह सभी एक से बढ़कर एक।

    जवाब देंहटाएं
  4. हा...हा..हा..हा..हा..हा...हा..हा..हा..हा..
    हा...हा..हा..हा..हा..हा...हा..हा..हा..हा..
    हा...हा..हा..हा..हा..हा...हा..हा..हा..हा..

    कमाल ...कमाल के हैं जोक्स
    जोरदार - जबरदस्त - मजेदार

    जवाब देंहटाएं
  5. हा,,,हा,,,हा,,हा,
    बेहतरीन लतीफे हैं ,,,, याद करने लायक
    ऐसे ही हँसाते रहो आप लोग

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  6. शिवेंद्र जी के सभी जोक्स लाजवाब हैं
    हंसने पर मजबूर करते हैं
    एस एम् एस फंडा भी जोरदार

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  7. ठहाका एक्सप्रेस वाकई ठहाका लगाने पे मजबूर कर देती है /// अब ये एक्सप्रेस रोकियेगा नहीं
    इसकी आजकल बहुत जरूरत है
    सभी जोक्स मजेदार हैं और एस एम् एस फंडा तो आज की हकीकत है

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  8. एक बात कहना भूल गयी - आपने जो हिंदी लिखने वाला बक्सा लगाया हुआ है उसके कारण हिंदी में कमेन्ट करना बेहद आसान हो गया है
    शुक्रिया

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  9. बहुत खूब!
    सभी जोक्स मजेदार हैं!
    हाँ..ऊपर एक चुटकुले के बाद निष्कर्ष भी दिया है जो सकारात्मक सोचने का सन्देश देता है..achchha hai....

    आभार.

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  10. हा...हा..हा...हा
    वाह..वाह बहुत खूब ,,कई जोक्स बहुत ही जबरदस्त हैं
    अठन्नी वाला जोक तो मस्त है

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही अच्छा अनुभव है ये तो....

    जवाब देंहटाएं
  12. हा हा हा कमाल करते हैं आप भी हंसा हंसा कर रुला दिया मतलव आँखों मे पानी आ गया ह ह ह आभार्

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत मजेदार है ये ठहाका एक्स.

    जवाब देंहटाएं

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