गुरुवार, 28 जनवरी 2010

'लिखो तो प्यार पर लिखना' -- 'मधु मोहिनी'



madhu mohini ji
परिचय :

नाम : मधु ‘मोहिनी’ उपाध्याय
पति का नाम : श्री बृज मोहन उपाध्याय
शिक्षा : एम. ए. (हिन्दी – संस्कृत), बी. एड.
सम्प्रति : केन्द्रीय विद्यालय, नोएडा में अध्यापिका
विशेष उपलब्धियाँ :
1- 1996 में राष्ट्रपति भवन में काव्यपाठ तथा अभिनंदन
2- 2001 में लाल-किले पर आयोजित राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में काव्य पाठ
3- 2003 में संसद-भवन में आयोजित कवि सम्मेलन में काव्य पाठ व अभिनंदन
4. 2006 में सहारा सिटी में अमिताभ बच्चन जी के सान्निध्य में काव्य पाठ
पुरस्कार : केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 1998 का प्रोत्साहन पुरस्कार संस्कार भारती हापुड़ द्वारा 2006 में सम्मान
प्रसारण : सभी विशिष्ट चैनलों पर पिछले पद्रह वर्षों से काव्य – पाठ
प्रकाशन : 1. ‘मधुमास हो तुम’ काव्य–पाठ संग्रह प्रकाशित 2. विभिन्न पत्रिकाओं में कविताओं का प्रकाशन एवं साक्षात्कार
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मधुमोहिनी सहज कवयित्री हैं...वे गुनगुना रही हैं इसका मतलब कि गीत में हैं। कोई-न- कोई रस का झरना अंदर झर रहा है। शब्द बूँद-बूँद बनकर जहाँ थिरकते हैं। स्वर अपनी मिठास बढ़ाते हुए हृदय की ओर महायात्रा करने लगते हैं।
:: डा॰ अशोक चक्रधर ::
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मधु जी के व्यवहार व काव्य में मधुरता है प्रेम उनकी कविता है स्वर में मिठास है ईश्वर में विश्वास है कुल मिलाकर मधु जी मोहिनी हैं.
:: राजेश चेतन ::
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मधुमोहिनी का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। इनकी रचनाएँ एक सिद्धहस्त लेखनी का जादू बिखेरती हैं। मुझे विश्वास है कि इनकी रचनाएँ काव्य के क्षेत्र में बड़े आदर और सम्मान के साथ ग्रहण की जायेंगी।
:: गोपालदास नीरज ::
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- राखियों के तार, तार-तार हो गए -
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युद्ध-भूमि में जो वीर पुत्र सो गए
राष्ट्र-प्रेम के अमूल्य बीज बो गए
प्रेम का है अर्थ क्या हमें पढ़ा गए
ज़िन्दगी को नाम देश के चढ़ा गए
चोटियों पे रक्त की जो धार बही है
आग वही, राग वही, त्याग वही है
उनकी वीरता का गान कौन करेगा
शब्द हैं समर्थ नहीं मौन करेगा
हँसते-हँसते दुश्मनों के वार सह गए
वीर की न होती कभी हार कह गए
ऐसे धीर पुत्रों को नमन सभी करें
उनके पंथ का ही अनुगमन सभी करें

हम भी गाते-गाते जाएँ वंदेमातरम्
दम भी गाते-गाते जाए वंदेमातरम्

कितने ही स्वतन्त्रता की भेंट चढ़ गए
वक़्त के मुकुट में मोतियों से जड़ गए
जाने कितनी मांगों का सिंदूर धुल गया
मर गए तो क्या अमर्त्य मार्ग खुल गया
माँ की गोद हाय ! कितने सूनी कर गए
किन्तु राष्ट्रध्वज की शान दूनी कर गए
राखियों के तार, तार-तार हो गए
किन्तु वीर देश पर निसार हो गए
शोक वेदना की धुन विदाई दे गई
बस शरीर मात्र से जुदाई दे गई
ऐसे धीर पुत्रों को नमन सभी करें
उनके पंथ का ही अनुगमन सभी करें

हम भी गाते-गाते जाएँ वंदेमातरम्
दम भी गाते-गाते जाए वंदेमातरम्


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- लिखो तो प्यार पर लिखना -
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ये कहते हैं सभी मुझसे, लिखो तो प्यार पर लिखना
रँगी है ज़िंदगी जिसने, उसी श्रृंगार पर लिखना

न जब थे तुम, न थी वो धुन, न वो कविता, न वो गुनगुन
सजे जो साज़ पर सुर में, उसी झंकार पर लिखना

मेरा मन बावरा कहता है तुम पर ग्रन्थ रच जाऊँ
कलम कहती है लिक्खो तो दुःखी संसार पर लिखना

जिन्होंने वक़्त के रहते सँवारी ज़िंदगी अपनी
सँवारा वक़्त ने उनको समय की धार पर लिखना

लिखो उस पेड़ पर जो धूप में तपकर भी फल देता
झुकी फूलों से, ख़ुशबू से महकती डार पर लिखना

जो कुर्सी पर सजे हैं आज, कल क्या तों ख़ुदा जाने
तुम्हें उनसे है क्या लेना बस उनकी हार पर लिखना

जो लिखना है तो सूरज, चाँद-तारों पर भी लिख जाना
धरा को धारिणी शक्ति अटल आधार पर
लिखना

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- ये हमें हुआ तो हुआ है क्या? -
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मेरा मन ये चाहे लिखूँ नया, मगर आज कुछ भी नया है क्या?
वही दर्द है, वही आह है, अभी ख़ौफ़ दिल से मिटा है क्या?

न वो प्रीत है, न वो प्यार है, वही नफ़रतों की बयार है
वो जो घूमता था बहेलिया, यहाँ जाल उसका बिछा है क्या?

कहीं रास्ते नहीं सूझते, कहीं ज़िन्दगी से हैं जूझते
मिले जन्म फिर से मनुष्य का, भला हमने ऐसा किया है क्या?

कई रूप हैं, कई रंग़ हैं, यहाँ सबके अपने ही ढंग हैं
सभी गुम हैं अपने आप में, ये हमें हुआ तो हुआ है क्या?

मेरे साथ वे भी हैं चल रहे, जो क़दम-क़दम पे हैं छल रहे
अब उन्हें कहूँ भी तो क्या कहूँ, कभी यूँ किसी ने कहा है क्या?


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- प्यार -
[लम्बे गीत का छोटा सा अंश]

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रूप को सिंगार दे तो जानिए वो प्यार है
रंग को निखार दे तो जानिए वो प्यार है
जीने की जो चाह दे तो जानिए वो प्यार है
ज़िंदगी को राह दे तो जानिए वो प्यार है
मोम-सा पिघल गया तो जानिए वो प्यार है
दर्द को निगल गया तो जानिए वो प्यार है
भावना को ज्वार दे तो जानिए वो प्यार है
रूप को सिंगार दे तो जानिए वो प्यार है
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आँख बोलने लगे तो जानिए वो प्यार है
भेद खोलने लगे तो जानिए वो प्यार है
बिन कहे सुनाई दे तो जानिए वो प्यार है
हो न हो दिखाई दे तो जानिए वो प्यार है
हो के दूर पास हो तो जानिए वो प्यार है
मन युँ ही उदास हो तो जानिए वो प्यार है
दर्द से उबार दे तो जानिए वो प्यार है
रूप को सिंगार दे तो जानिए वो प्यार है
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गीत छन्द बोल द्दे तो जानिए वो प्यार है
माधुरी सी घोल दे तो जानिए वो प्यार है
बोल बिन ही बात हो तो जानिए वो प्यार है
औ जगाती रात हो तो जानिए वो प्यार है
मन में ज्वार सा उठे तो जानिए वो प्यार है
रोम – रोम गा उठे तो जानिए वो प्यार है
मधुर झंकार हो तो जानिए वो प्यार है
रूप को सिंगार दे तो जानिए वो प्यार है
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- क्या बतलायें दिल की बातें -
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ना सोने से दिन लगते अब, ना चाँदी-सी रातें हैं
क्या बतलाएँ, किसे सुनाएँ, दिल में कितनी बातें हैं

तेज़ भागती रेल ज़िंदगी, पीछे सब कुछ छूट गया
ऐसा झटका दिया वक़्त ने, दर्पण-सा दिल टूट गया
आँसू अक्षर-अक्षर बनकर, छन्द-गीत लिखवाते हैं

होठों ने हाथों पर मेरे, जिस दिन अक्षर प्यार लिखा
लाज से फिर रँग गई हथेली, स्वर्ग-सा ये संसार दिखा
भीगी पलकें, सूखी अलकें, मिली चन्द सौग़ातें हैं

जाने कब वे दिन आएँगे, दूर करेंगे तनहाई
बस सपने में ही बज उठती, मेरे मन की शहनाई
जग सूना है, दुःख दूना है, यादों की बारातें हैं

युगों-युगों का साथ हमारा, ये दूरी क्या दूरी है
बरसों पहले भरी थी तुमने, मांग मेरी सिंदूरी है
मौत जुदा ना कर पाएगी, जनम-जनम के नाते हैं

27 टिप्‍पणियां:

  1. आभार मधु ‘मोहिनी’ उपाध्याय जी से परिचय का एवं रचनाएँ पढ़वाने का.

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  2. मधुमोहिनी जी का परिचय जान कर खुशी हुयी हर एक रचना लाजवाब है उन्हें ब्धाई और क्रियेटिव मंच का आभार ।

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  3. 'कितने ही स्वतन्त्रता की भेंट चढ़ गए
    वक़्त के मुकुट में मोतियों से जड़ गए
    जाने कितनी मांगों का सिंदूर धुल गया
    मर गए तो क्या अमर्त्य मार्ग खुल गया'

    ज़मीनी हक़ीकतों से जुड़ी तो कहीं ख्वाबों ख्यालों की दुनिया मे ले कर जाती हुईं एक से एक नायाब रचनाएँ.
    मधु मोहिनी नाम ही मिश्री सा लगता है.
    'लिखो उस पेड़ पर जो धूप में तपकर भी फल देता
    झुकी फूलों से, ख़ुशबू से महकती डार पर लिखना'
    वाह!वाह!!
    'बिन कहे सुनाई दे तो जानिए वो प्यार है
    हो न हो दिखाई दे तो जानिए वो प्यार है
    हो के दूर पास हो तो जानिए वो प्यार है
    मन युँ ही उदास हो तो जानिए वो प्यार है '
    जानिए वो प्यार है ..'गीत बेहद उम्दा है..
    वाह!
    बहुत ही अच्छा लगा इनसे मिलकर.
    आप के मंच का शुक्रिया.

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  4. ना सोने से दिन लगते अब, ना चाँदी-सी रातें हैं
    क्या बतलाएँ, किसे सुनाएँ, दिल में कितनी बातें हैं
    ----------------------------
    बिन कहे सुनाई दे तो जानिए वो प्यार है
    हो न हो दिखाई दे तो जानिए वो प्यार है
    ----------------------------
    मोहिनी जी की एक से बढ़कर एक मन मोहने वाली रचनाएँ
    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

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  5. sabhi rachnaayen dil ko touch karti hain. "janiye ye pyar" geet to gajab ka sundar hai.
    thanks

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  6. ek se badh kar ek kavitaye...
    madhu mohini ji ko badhai aur creative manch ka aabhar...

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  7. मेरा मन बावरा कहता है तुम पर ग्रन्थ रच जाऊँ
    कलम कहती है लिक्खो तो दुःखी संसार पर लिखना

    atyant sundar kavitayen
    baar-baar padhane ko dil chahta hai
    behtareen prastuti

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  8. कवि गोपालदास नीरज जी की बात से सहमत हूँ कि मधु मोहिनी जी जी की रचनाएँ एक सिद्धहस्त लेखनी का जादू बिखेरती हैं'.

    **जितनी गंभीरता से मधु जी शहीदों की ओजस्वी वीर गाथा लिखती हैं वहीं उतनी ही सहजता से..'जानिए वो प्यार है ' जैसे मधुर गीत से सब का मान मोह लेती हैं.
    **यहाँ किसी एक या दो रचना को चुनना मुश्किल है..सभी एक से एक बढ़कर बेहतरीन रचनाएँ हैं.उनकी ग़ज़ल ,कविता,गीत सभी बहुत पसंद आए.
    -आप का आभार जो उनकी चुनी हुई उत्कृष्ट रचनाएँ हमें पढ़ वाईं .
    [सुना है उनका मंच पाठ बेहद शानदार होता है...उनका स्वर भी सुन पाते तो क्या बात थी!]
    आभार.

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  9. -correction-=tippani mein --मान ko-मन padheeye.

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  10. waaah bahut sundar
    taareef ke liye shabd nahi
    aapne 'pyar' geet ke ansh hi kyun diye ? maine dono geet note kar liye.
    thanks to creative manch

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  11. मधुमोहिनी जी से परिचय करवाया है आभार.

    पहली तीन गीत(रचनाये ) पढ़ कर जो अनुभूति हुई है.. मैं बता नहीं सकता.. राष्ट्रीयता से लबरेज़, श्रींगार रस की धनी मोहिनी जी को पढना अभी बाकी है.

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  12. लाजवाब और सहेज के रखने वाली पोस्ट.
    मै मंच पर मोहिनी जी को सुन चूका हूँ. बहुत ही सुन्दर काव्य-पाठ करती हैं.
    आपकी प्रस्तुति सराहनीय है.

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  13. मधु मोहिनी जी के परिचय के लिये धन्यवाद ---

    ये कहते हैं सभी मुझसे, लिखो तो प्यार पर लिखना
    रँगी है ज़िंदगी जिसने, उसी श्रृंगार पर लिखना

    न जब थे तुम, न थी वो धुन, न वो कविता, न वो गुनगुन
    सजे जो साज़ पर सुर में, उसी झंकार पर लिखना
    और उनके प्यार की गहराई हर रचना मे देख ली हर रचना एक दूसरे से बढ कर है । मधु जी को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  14. माँ की गोद हाय ! कितने सूनी कर गए
    किन्तु राष्ट्रध्वज की शान दूनी कर गए
    =========================
    मेरा मन बावरा कहता है तुम पर ग्रन्थ रच जाऊँ
    कलम कहती है लिक्खो तो दुःखी संसार पर लिखना
    ========================

    मधु मोहिनी जी की लेखनी को नमन करता हूँ.
    शुभ कामनाएं

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  15. मधुमोहिनी जी का परिचय पढ कर बहुत अच्छा लगा, बहुत सुंदर रचनाये, आप का धन्यवाद

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  16. "राखियों के तार, तार-तार हो गए....." ,"लिखो तो प्यार पर लिखना ......","ये हमें हुआ तो हुआ है क्या?......" ,"- प्यार..... "
    "क्या बतलायें दिल की बातें........"
    भावनाओं के समंदर में बहा दिया आपने तो....
    अच्छी पोस्ट.
    कहाँ कहाँ से गोता लगा कर अच्छे मोतियों को चुन कर पेश कर देते हैं मंच में.....
    बहुत बढ़िया
    बधाई और शुभकामनायें.....

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  17. वाह बहुत खूब! सारी कवितायेँ मुझे बेहद पसंद आया! इस लाजवाब और उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!

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  18. bahut khubsurat aur dil pe asar karne wali kavitayen hain.
    umda collecetion.
    thanks

    जवाब देंहटाएं
  19. bahut hi sundar ...seedhe dil pe asar karti huyi kavitayen.
    mohini ji i love you

    जवाब देंहटाएं
  20. मधुमोहिनी जी का परिचय पढ कर बहुत अच्छा लगा, बहुत सुंदर रचनाये, आप का धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  21. "लिखो तो प्यार पर लिखना"


    Very Senceful...
    Very Much Fine...



    Thnx to Creative Manch Team For Presenting Such A Readable Lines...



    Regards


    Ram K Gautam

    जवाब देंहटाएं
  22. कविताएं बहुत अच्‍छी लगी । कविताएं प्रस्‍तुत करने के लिए क्रिएटिव मंच को धन्‍यवाद ।

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  23. जिनके लिए गोपालदास नीरज जी जैसे महँ कवी ने ये शब्द लिखे हो

    "मधु मोहिनी जी जी की रचनाएँ एक सिद्धहस्त लेखनी का जादू बिखेरती हैं'.

    उनकी शान में हम क्या कह सकते है हाँ पहली बार पढ़ा है इन्हें तो उसके लिए क्रिएटिव मंच को धन्‍यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  24. मधु मोहिनी जी की सभी कविताएं अच्छी लगी.बधाई...

    जवाब देंहटाएं
  25. मधु मोहिनी जी की काब्यान्जलियों का अनूठा सुन्दर संसार....

    जवाब देंहटाएं
  26. अपने सभी पाठकों एवं प्रशंसकों की आभारी हूँ आपने लेखन में प्रशंसा की खनक डाल दी है आज ही आप सब की प्रतिक्रिया पढ़ी

    जवाब देंहटाएं

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